राष्ट्रीय खेल के लिए आईओसी देगा उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप..
उत्तराखंड: 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर आई है। उत्तराखंड को इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन (IOC) का साथ मिला है। आईओसी इस आयोजन के लिए उत्तराखंड को स्पाॅन्सरशिप देगा। प्रारंभिक सहमति की सूचना उत्तराखंड को आधिकारिक रूप से मिल गई है। इसके बाद उत्तराखंड ने आईओसी को राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर बना दिया है। आयोजन के प्रचार-प्रसार में अब आईओसी भी नजर आएगा।
काॅर्पोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद में आईओसी जल्द ही यह तय करेगा कि इस आयोजन के लिए उसकी स्पाॅन्सरशिप का आकार क्या होगा। 28 जनवरी को जिस दिन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन हो रहा है, उसी दिन आईओसी की बोर्ड बैठक भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही स्पाॅन्सरशिप के आकार पर निर्णय ले लिया जाएगा। बहरहाल आईओसी ने स्पाॅन्सरशिप के लिए प्रारंभिक सहमति दे दी है। राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार आईओसी का स्पाॅन्सरशिप के संबंध में आधिकारिक मेल प्राप्त हुआ है। इसके बाद आईओसी अब राष्ट्रीय खेलों का ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर होगा।
सीएम धामी की पैरवी से बनी बात..
राष्ट्रीय खेलों के लिए स्पाॅन्सरशिप जुटाने के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी मोर्चे पर खुद जुटे। केंद्र सरकार में मजबूत पैरवी की, तो बात बन गई। बता दे कि कुछ दिन पहले अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की थी। उन्होंने पुरी को राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया था। साथ ही आईओसी व ओएनजीसीसी से सीएसआर में स्पाॅन्सरशिप दिलवाने का अनुरोध किया था। इस पर मंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। सीएम धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रति आभार प्रकट किया है।
क्या होता है इवेंट में ब्राॅन्ज स्पाॅन्सर..
बता दे कि किसी बडे़ इवेंट या कार्यक्रम में प्रायोजक से मिलने वाली स्पाॅन्सरशिप की राशि के हिसाब से उसकी श्रेणी तय की जाती है। आईओसी के स्तर पर राष्ट्रीय खेलों में हमेशा स्पाॅन्सरशिप दी जाती रही है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय से जुडे़ अधिकारी प्रतीक जोशी के अनुसार-पिछले अनुभवों का अध्ययन करने के बाद आईओसी को ब्राॅन्ज कैटेगरी में स्पाॅन्सर बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कैटेगरी के हिसाब से ही राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में आईओसी नजर आएगा।
पदक विजेता खिलाड़ी अपने नाम लगाएंगे पौध, 38वें राष्ट्रीय खेल आयोजन की खास पहल..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों की यादों को संजोने और पदक विजेताओं के लिए वन पार्क विकसित किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले हर खिलाड़ी के नाम पर एक पेड़ लगाया जाएगा। वन पार्क में 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाने की योजना है। खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स के तौर पर ऐतिहासिक बनाने के लिए कई नई पहल की गई हैं। सभी खेल स्पर्धाओं में कुल करीब 4350 पदक दिए जाने हैं, इसलिए योजना बनाई गई है कि पदक विजेताओं के नाम पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएं, ताकि वे भविष्य में उन यादों को संजोने के लिए उत्तराखंड आते रहें। इसके साथ ही खेलों में आने वाले अन्य मेहमानों के नाम पर भी पेड़ लगाए जाएंगे, इस तरह करीब 10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
खेल मंत्री का कहना हैं कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए खेलों के दौरान केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का ही उपयोग किया जाएगा। आयोजन की सजावट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कलाकृतियां और सेल्फी प्वाइंट ई-वेस्ट और खेल उपकरणों के वेस्ट से बनाए जा रहे हैं। खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि अधिकांश खेल स्थलों पर सौर ऊर्जा से चलने वाले हीटिंग स्ट्रक्चर का उपयोग किया जाएगा, जिससे गैर-नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी। खिलाड़ियों को दिए जाने वाले मेडल और प्रमाण पत्र भी इको-फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल मटीरियल से बनाए गए हैं। ट्रॉफी के निर्माण में ई-वेस्ट और लकड़ी के कचरे का उपयोग किया गया है। खेलों की ब्रांडिंग में प्लास्टिक की जगह कपड़े का उपयोग किया जाएगा, ताकि प्लास्टिक कचरे को कम किया जा सके।
खिलाड़ियों और अधिकारियों को खेल स्थलों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में दो मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप भी लगाए गए हैं जो खेल स्थल को ऊर्जा प्रदान करेंगे। यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभाओं का उत्सव होगा बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता का प्रतीक भी बनेगा। उत्तराखंड अपने “संकल्प से शिखर तक” के संदेश के साथ दुनिया को यह दिखाने के लिए तैयार है कि खेलों के माध्यम से एक टिकाऊ भविष्य हासिल किया जा सकता है।
उत्तराखंड में 10 लाख महिलाएं बनेंगी ‘आपदा सखी’..
राहत और बचाव कार्यों में होगी अहम भूमिका..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में 65 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 10 लाख से अधिक महिलाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। इन प्रशिक्षित महिलाओं को आपदा सखी नाम देते हुए आपदा के समय गांव और तहसील स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह सैनिक कल्याण विभाग से सभी जिलों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिकों की जानकारी और डेटा लेकर उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने और आपदा के समय स्थानीय स्तर पर उनकी मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने सचिवालय में राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर सेंडाई (जापान) फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा प्रभावित क्षेत्रों व गांवों में जोखिम आंकलन के लिए मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम तत्काल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण में बीमा योजना की कार्ययोजना बनाने में ढिलाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य उत्तराखंड में बीमा योजना लोगों को विशेषकर जरूरतमंदों को बड़ी मदद कर सकती है। उन्होंने विभाग को इस विषय पर गंभीरता से विचार कर प्रभावी पहल करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड केन्द्रित आपदा प्रबंधन माॅडल तैयार करें..
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों व राज्यों के मॉडल को अपनाने के बजाय उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य केंद्रित आपदा प्रबंधन मॉडल तैयार करने को कहा है। उनका कहना हैं कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों व राज्यों के मॉडल को अपनाने के बजाय उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य आधारित आपदा प्रबंधन मॉडल तैयार किया जाए। आपदाओं से निपटने व बचाव के लिए उत्तराखंड फ्रेमवर्क तैयार करते समय आपदा प्रबंधन विभाग को इसमें एनजीओ, सिविल सोसायटी, सामाजिक संगठनों व निजी विशेषज्ञों के सुझावों को भी शामिल करने के निर्देश दिए।
पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन को शामिल करने के निर्देश..
मुख्य सचिव ने प्राथमिक विद्यालय स्तर से ही विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में भारी निर्माण कार्यों पर चिंता जताई। मुख्य सचिव ने उच्च आपदा जोखिम के मद्देनजर चिह्नित गांवों में पुनर्वास योजना की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इसके साथ ही राज्य में हर साल आपदा से मरने वालों की संख्या की जानकारी मांगी गई। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। मुख्य सचिव ने सभी गांवों का आपदा जोखिम आकलन करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को जीपीडीपी प्लान में गांवों का आपदा जोखिम आकलन शामिल करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में आपदाओं के तहत सड़क हादसों में होने वाली सर्वाधिक मौतों पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने क्रश बैरियर विशेषकर बांस के क्रश बैरियर लगाने जैसे इनोवेटिव प्रयासों को अपनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव का कहना हैं कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है जहां पर राज्य, जिला, तहसील, पंचायत स्तर पर आईआरएस प्रणाली सक्रिय होने जा रही है। बैठक में गृह, सिंचाई, वन आदि विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
यूसीसी- अभ्यास में पास, हुए 3500 डमी आवेदन,अब अधिसूचना का इंतजार..
उत्तराखंड: मंगलवार को पूरे प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के वेब पोर्टल का अभ्यास किया गया। इस दौरान पोर्टल पर 3500 डमी आवेदन पंजीकृत किए गए। जिसमें रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार द्वारा 200 डमी आवेदनों का निष्पादन किया गया। इस दौरान यूसीसी पोर्टल पर 7728 अधिकारियों की आईडी बनाई गई। अभ्यास के दौरान आधार से जुड़ी कुछ तकनीकी समस्या आई, जिसका समय रहते समाधान कर दिया गया। अब 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में एक और अभ्यास किया जाएगा, जो सीएससी स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार अभ्यास कार्यक्रम को इसलिए आगे बढ़ाना चाहती है ताकि यूसीसी की अधिसूचना जारी होने से पहले पोर्टल की तकनीकी पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसी मंशा से एक बार फिर पूरे प्रदेश में अभ्यास की तिथि तय की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) और प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारियों का कहना हैं कि पोर्टल पर पूरे दिन का अभ्यास संतोषजनक रहा। डमी आवेदन जल्दी जमा किए गए।
उन पर सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्रवाई का अभ्यास भी किया गया। यूसीसी लागू होने से पहले पोर्टल के संचालन और काम करने की गति को परखने के लिए यह अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण था। इस दौरान जो भी छोटी-मोटी तकनीकी समस्याएँ आईं, उनका समाधान किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि समस्या फिर न आए। आईटीडीए ने कहा कि अभ्यास के दौरान आधार आधारित पंजीकरण प्रक्रिया में एक छोटी सी खामी पाई गई थी, जिसमें ओटीपी जनरेट करने में कुछ समस्या आ रही थी, उस प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है। भविष्य में इसमें देरी न हो, इसके लिए काम किया जा रहा है। यूसीसी पोर्टल का मॉक ड्रिल पूरे राज्य में पहली बार किया गया, जो संतुलित बताया गया है। कुछ तकनीकी समस्याएं देखी गईं, जिन्हें समय रहते सुलझा लिया गया।
त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर शासन ने जिलाधिकारियों जारी किया ये आदेश..
उत्तराखंड: त्रिस्तरीय पंचायतों में हरिद्वार जिले को छोड़कर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रधान और क्षेत्र प्रमुख सरकारी और विभागीय बैठकें नहीं कर सकते। प्रशासक नियुक्त होने के बाद वह बिना सरकार की अनुमति के कोई नया निर्माण कार्य नहीं करा सकते। शासन ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। शासन ने प्रदेश की जिला पंचायतों, क्षेत्र और ग्राम पंचायतों में निवर्तमान प्रधान और अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। प्रशासक बनाए जाने के बाद से ही उनके वित्तीय अधिकारों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे।
जिस पर शासन ने आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। निदेशक पंचायती राज व सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासक नियुक्ति की अधिसूचना से पूर्व स्वीकृत, अनुमोदित व चालू कार्यों का भौतिक व तकनीकी मूल्यांकन किया जा सकता है तथा पूर्व की भांति भुगतान किया जा सकता है, लेकिन प्रशासक नियुक्ति की अधिसूचना के बाद शासन की अनुमति के बिना कोई भी नया निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकेगा। प्रशासक कोई भी सरकारी व विभागीय बैठक भी नहीं कर सकेंगे। उन्हें बैठक आयोजित करने का अधिकार नहीं है।
त्रिस्तरीय पंचायतों में निवर्तमान प्रधान, जिला पंचायत और क्षेत्र प्रमुखों को प्रशासक बनाए जाने से सवाल उठ रहा है कि अगर उन्हें नए निर्माण कार्य करने की अनुमति दी गई तो त्रिस्तरीय पंचायत से पहले वे किसी खास क्षेत्र पर ज्यादा फोकस करके निर्माण कार्य करवा सकते हैं। वहीं उनके वित्तीय अधिकारों को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि वे न तो निर्वाचित हैं और न ही चयनित। वे मनोनीत हैं, उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए जा सकते।
उत्तराखंड के डायलिसिस सेंटर में बीपीएल एवं गोल्डन कार्ड धारकों को मुफ्त दी जा रही है डायलिसिस की सुविधा..
उत्तराखंड: बीपीएल परिवार के मरीजों और आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रदेश के 13 जिलों में संचालित 19 डायलिसिस सेंटरों में निशुल्क सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही एपीएल परिवारों को न्यूनतम शुल्क पर हेमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए राज्य के सभी जिलों में सौ फीसदी कवरेज को समयबद्धता से पूरा करने की सख्त हिदायत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत पीपीपी मोड के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे आने वाले मरीजों व आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए निशुल्क डायलिसिस सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवंटित सरकारी संसाधनों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। कहा, राज्य के 13 जिलों में स्थापित 19 सेंटरों में 153 डायलिसिस मशीनों की सहायता निशुल्क डायलिसिस सेवाएं दी जा रही हैं।
पीपीपी में सीएसआर के तहत 82 डायलिसिस मशीनें व हंस फाउंडेशन की ओर से 49 मशीनें संचालित हैं। वर्ष 2024 में दिसंबर तक 117490 डायलिसिस किए गए। मुख्य सचिव ने विभाग को डायलिसिस कराने वाले मरीजों का रिकॉर्ड रखने के लिए पीएमएनडीपी पोर्टल का उपयोग करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव का कहना हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेवाओं को उनके प्रदाताओं के बीच बेहतर कार्य प्रणाली के साथ स्थापित करना व किडनी से संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को उच्च गुणवत्ता और कम लागत में डायलिसिस सेवाएं प्रदान करना है। हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया एक बार संपन्न होने में अत्यधिक लागत आती है। इस प्रकार किडनी के रोगियों का वार्षिक खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की हेमोडायलिसिस केंद्रों से दूरी भी इस समस्या का प्रमुख कारण है।
चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर इन विभागों को नोटिस भेजा..
उत्तराखंड: निकाय चुनाव के मद्देनजर सात विभागों, संस्थाओं को आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया है। वहीं सभी जिलाधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण, सरकारी संपत्ति विरूपण रोकने को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार का कहना हैं कि प्रदेशभर से तमाम मामलों में विभागों ने आचार संहिता के मद्देनजर अनुमतियां मांगी थीं। इनमें से जो जरूरी थीं, वे अनुमतियां दे दी गईं। तमाम प्रस्तावों को रद्द भी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सात विभागों, संस्थाओं को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी किया गया है। इनमें से तीन से अपना जवाब भी भेज दिया है, जिसका परीक्षण कराया जा रहा है। सभी जवाब आने के बाद नियमानुसार आयोग अपना निर्णय लेगा। आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि कई निकायों में ध्वनि प्रदूषण जैसी शिकायतें भी आ रही थीं। इसके मद्देनजर जिलाधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण रोकने, सरकारी संपत्तियों पर प्रचार सामग्री लगाने वालों पर संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी जरूरी होगा, वहां आयोग संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा।
1771 ने डाक मतपत्रों से किया मतदान..
प्रदेश में डाक मतपत्रों से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मेयर, नगर पालिका, पंचायत अध्यक्ष के लिए 4196, पार्षद व वार्ड सदस्यों के लिए 4142 डाक मतपत्र जारी किए गए थे। यह मतपत्र चुनाव में लगे कर्मचारियों, सुरक्षा बलों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए हैं। निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सोमवार तक प्रदेशभर में 1771 डाक मतपत्र लौटकर आ चुके हैं। अभी प्रक्रिया जारी है।
पीएम मोदी का उत्तराखंड दौर, मुख्य सचिव ने अफसरों को सौंपी तैयारी की जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में 28 जनवरी से शुरू होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम के कार्यक्रम संबंधी समस्त तैयारियों एवं खेलों के सफल आयोजन को लेकर मुख्य सचिव एवं हाई पावर कमेटी की अध्यक्ष राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को खेल स्थलों का नोडल अधिकारी नामित किया है।मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा कि क्लस्टर एक, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज का नोडल अधिकारी सचिव पंकज पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार व कमांडेंट आईआरबी श्वेता चौबे को बनाया गया है। जो पीएम के कार्यक्रम संबंधी सभी कार्यों के साथ ही आयोजन स्थल से जुड़े मार्गों के सुदृढी़करण, विद्युत आपूर्ति, सुरक्षा व्यवस्था एवं राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर चयनित विभिन्न एजेंसियों से समन्वय करेंगे। जबकि क्लस्टर दो, गोलापार खेल परिसर एवं स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स हल्द्वानी में आयुक्त दीपक रावत, श्रम आयुक्त दीप्ति सिंह कमाण्डेंट 31 वी वाहिनी पीएसी प्रीति राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम संबंधी सभी काम, आयोजन स्थल से जुड़े मार्ग, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था आदि का काम देखेंगे।
रोशनाबाद खेल परिसर में सचिव रंजीत सिन्हा व उपाध्यक्ष एचडीए अंशुल सिंह को, रुद्रपुर खेल परिसर एवं वन चेतना केंद्र खटीमा में सचिव नीरज खैरवाल व निदेशक डेरी संजय कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। परेड ग्राउंड खेल परिसर में सचिव धीराज, अपर सचिव अनुराधा पाल, तपोवन ऋषिकेश में अपर सचिव हिमांशु खुराना, पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स कालेज में अपर सचिव आनंद स्वरूप, चंद्रनगरी चंपावत में एपीसीसीएफ एसपी सुबुद्धि, खेल स्टेडियम अल्मोड़ा में अपर सचिव रीना जोशी व कोटी कालोनी टिहरी में जिला विकास प्राधिकरण के पीसी दुम्का को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
उत्तराखंड में जल्द किया जाएगा लागू होगा यूसीसी, 21 जनवरी से उपयोग में लाया जायेगा वेबपोर्टल..
उत्तराखंड: कैबिनेट ने आज समान नागरिक संहिता( यूसीसी) की नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब इसे जल्द ही प्रदेश में लागू किया जा सकेगा। सीएम धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें यूसीसी का प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान कैबिनेट ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा। फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी। इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है। मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी। मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव- बीजेपी ने जारी किया घोषणापत्र, गर्भवती महिलाओं को 21 हजार देने का वादा..
देश-विदेश: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र का पहला हिस्सा जारी कर दिया है। बीजेपी ने वादा किया है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वो महिलाओं को 2,500 रुपए का मासिक भत्ता देगी। जेपी नड्डा ने बताया कि पार्टी गरीबों के लिए LPG सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी और होली और दिवाली के दौरान एक-एक मुफ्त सिलेंडर देगी।
भाजपा के संकल्प पत्र में प्रेग्नेंट महिलाओं को 21,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता के साथ-साथ छह पोषण किट देने का वादा किया गया है। इसके साथ हीपहले बच्चे के लिए 5,000 रुपए और दूसरे बच्चे के लिए 6,000 रुपए की सहायता देने का वादा किया गया है। पार्टी ने महिला समृद्धि योजना की भी घोषणा की। जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की सहायता मिलेगी। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने AAP पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल ने 2021 में महिलाओं को 1,000 रुपये देने का वादा किया था लेकिन ये वादा पूरा नहीं किया गया, न तो पंजाब में और न ही दिल्ली में। इसके साथ ही नड्डा ने ये आश्वासन दिया कि अगर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है, तो वो अपनी पहली कैबिनेट बैठक में केंद्र की प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को लागू करेगी। बता दें कि AAP सरकार केंद्र की इस योजना का ये कहते हुए विरोध कर रही थी कि शहर में पहले से ही ‘बेहतरीन’ स्वास्थ्य योजनाएं हैं।
सीनियर सिटिजन्स के लिए ये खास प्लान
भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपए का अतिरिक्त स्वास्थ्य कवर भी दिया जाएगा। इससे बुजुर्गों को दिया जाने वाला कुल स्वास्थ्य कवर बढ़कर 10 लाख रुपए हो जाएगा। नड्डा ने आरोप लगाया कि AAP के मोहल्ला क्लीनिक ‘भ्रष्टाचार के अड्डे’ हैं, जहां ‘300 करोड़ रुपये का घोटाला’ हुआ है। उन्होंने वादा किया कि दिल्ली में भाजपा के सत्ता में आने पर सभी आरोपों की जांच की जाएगी और इसमें शामिल लोगों को जेल भेजा जाएगा।
पेंशन और अटल कैंटीन भी
पार्टी ने एक पेंशन योजना की भी घोषणा की जिसके तहत 60-70 आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को 2,000-2,500 रुपये दिए जाएंगे। वहीं 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को 3,000 रुपये मिलेंगे। विकलांगों और विधवाओं के लिए सहायता राशि बढ़ाकर 3,000 रुपए की जाएगी। बीजेपी अध्यक्ष ने वादा किया कि हर एक झुग्गी-झोपड़ी में अटल कैंटीन स्थापित की जाएंगी, जहां मात्र 5 रुपये में पूरा भोजन उपलब्ध होगा।