उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जल्द ट्रिब्यूनल का होगा गठन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। उत्तराखंड सरकार जल्द ही इस पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि सरकार जल्द ही उत्तराखंड में ट्रिब्यूनल का गठन करने जा रही है। जिसके बाद कई नियम सख्त हो जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने जानकारी देते हुए बताया कि वक्फ बोर्ड 2022 एक्सचेंज नोटिफिकेशन की संस्तुति कर दी गई है। जल्द ही इस महीने के अंत तक ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा। जिसके बाद उत्तराखंड में बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शादाब शम्स ने बताया कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड की सम्पतियों का बढ़ेगा किराया..
शादाब शम्स का कहना हैं कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बहुत कम है और आज भी कई बड़ी संपत्तियों का किराया 20 और 25 रुपये प्रतिमाह के रूप में आ रहा है। जो किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है और यह चिंता का विषय है। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे बाजार मूल्य के करीब लाया जाएगा ताकि इस पैसे से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बढ़ाई जा सके और इस पैसे से गरीबों की मदद की जा सके। शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि आज वक्फ संपत्तियों पर गरीबों का नहीं बल्कि अमीरों का कब्जा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 75 साल तक राज करने को मिला लेकिन उनके द्वारा वक्फ में कोई सुधार नहीं किया गया।
उत्तराखंड की वक्फ संपत्तियों पर बैठे अतिक्रमणकारियों के बारे में जानकारी देते हुए शादाब शम्स ने बताया कि कलियर में वक्फ संपत्ति पर कांग्रेस के बड़े नेता बैठे हैं, इसके साथ ही देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी, आजाद कॉलोनी, 17 बीघा नंदा की चौकी, मुस्लिम कॉलोनी समेत प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, जिस पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में करीब 2500 वक्फ समितियों के पास करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। जल्द ही इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इनका सर्वे भी किया जाएगा और इन पर लेन-देन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए उत्तराखंड UKSSSC ने युवाओं को दिया आखिरी मौका..
उत्तराखंड: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती में देहरादून के उन अभ्यर्थियों को आखिरी मौका दिया है, जो किसी विशेष कारण से शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। जिन अभ्यर्थियों की वाजिब वजहों से शारीरिक दक्षता परीक्षा छूट गई थी, वे अब इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यह विशेष अवसर उन उम्मीदवारों के लिए राहतभरी खबर है, जो किसी कारणवश निर्धारित तिथि पर परीक्षा नहीं दे सके थे। आयोग जल्द ही इस परीक्षा के लिए नई तारीख और जरूरी दिशा-निर्देश जारी करेगा। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि कुछ अभ्यर्थी बीमारी, दुर्घटना आदि कारणों से नियत तिथि पर शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।
उनमें से अनुक्रमांक 1301650001 से 1301653500 तक के अभ्यर्थी एसडीआरएफ वाहिनी, जौलीग्रांट में 24 मार्च को परीक्षा दे सकते हैं। इसी केंद्र पर 25 मार्च को अनुक्रमांक 1301653501 से 1301657000 तक के अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा दे सकेंगे। आईआरबी झाझरा में 22 मार्च और पुलिस लाइन रेसकोर्स में 24 मार्च को परीक्षा होगी। शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुपस्थित रहने का कारण देना होगा। मेडिकल, फिटनेस प्रमाण पत्र व अनुपस्थित होने का वैध कारण, पुष्ट साक्ष्य व पूर्व निर्गत प्रवेश पत्र में दिए गए निर्देशों के तहत सभी अभिलेखों के साथ परीक्षा केंद्र पर सुबह सात बजे उपस्थित होना होगा।
पीएम सूर्यघर योजना की सब्सिडी के लिए भटक रहे 8000 लाभार्थी..
विशेष बजट के इंतजाम में जुटा विभाग..
उत्तराखंड: पीएम सूर्यघर योजना के तहत राज्य में 8,000 से अधिक लाभार्थियों की सब्सिडी अटकी हुई है, जिससे उन्हें लंबे समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले छह माह से लोग विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। बता दे कि पीएम सूर्यघर योजना के तहत तीन किलोवाट तक के सोलर सिस्टम घर की छतों पर लगाकर मुफ्त बिजली देने की योजना चल रही हैं । राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जानी थी, जो अब तक जारी नहीं हुई। ऊर्जा विभाग अब विशेष बजट का इंतजाम करने में जुटा है ताकि लंबित सब्सिडी जारी की जा सके। लाभार्थियों की परेशानी यह है कि उन्होंने सोलर पैनल तो लगवा लिए, लेकिन राज्य की ओर से मिलने वाली वित्तीय सहायता न मिलने के कारण आर्थिक दबाव में हैं।
राज्य में इस योजना को लेकर लोगों के उत्साह को देखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार ने यूपीसीएल को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। इस योजना के लिए अब तक 47,604 लोगों ने आवेदन किया है, जिसमें से 19,375 घरों पर प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं। 17,485 का निरीक्षण स्वीकृत हो चुका है। 295 अस्वीकृत हो चुके हैं। 1595 का निरीक्षण लंबित है। योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग सब्सिडी देती हैं। 14,670 लाभार्थियों को केंद्रीय सब्सिडी मिल चुकी है। लेकिन 8,000 से अधिक लाभार्थी अभी भी राज्य सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। वे सब्सिडी के लिए उरेडा के चक्कर लगा रहे हैं। उरेडा के अधिकारियों का कहना है कि लोगों के उत्साह के बीच बजट खत्म हो गया था। इसलिए विशेष बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है
कैच द रेन 2025- अपर मुख्य सचिव ने ली जल संरक्षण अभियान की समीक्षा बैठक..
उत्तराखंड: अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में जल संरक्षण अभियान: कैच द रेन – 2025 की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अपर मुख्य सचिव ने समस्त जनपदों से वित्त वर्ष 2024 – 25 के जल संरक्षण कार्यों की फीडबैक लेते हुए आगामी- 2025- 26 के कैंपेन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। निर्देशित किया कि 10 दिवस की अवधि के भीतर जनपदीय सारा ( स्प्रिंग हैंड एंड रिवर रिजुवनेशन एजेंसी) कमेटियों की बैठक कर लें तथा आगामी बैठक में प्रस्तावों और सुझावों सहित कार्ययोजना को प्रस्तुत करें।
उन्होंने जल स्रोतों व जल निकायों के पुनर्जीवन और जल संचय के कार्यों के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के लिए केंद्रीय जल संरक्षण बोर्ड, NIH और आईआईटी रुड़की जैसे संस्थानों से भी तकनीकी मार्गदर्शन लेने को कहा। अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों और आम जनमानस को क्षमता विकास और कार्यशाला से जोड़ने को कहा ताकि अभियान का बेहतर तरीके से धरातल पर इंप्लीमेंटेशन हो सके। अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि पूर्व में बनाए गए जल निकायों व अमृत सरोवरों का भी एक बार पुनः सर्वे करें तथा उसमें किसी भी तरह का यदि पुनः सुधार करना अपेक्षित हो तो उसका भी प्रस्ताव बनाना सुनिश्चित करें। जनपद स्तर के सारा सेंटर को पुनः एक्टिव करने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्तर कमेटी नीना ग्रेवाल ने जल संरक्षण अभियान – 2025- 26 की कार्ययोजना प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि इस वर्ष जल संरक्षण अभियान में धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा थीम के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। कहा कि सुख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण करने के लिए भगीरथ एप के माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा। Q – R कोड से प्रत्येक नागरिक भागीरथ अप के माध्यम से अपने गांव के जल स्रोतों की सूचना भेज सकेगा। जल्द ही इस ऐप को लॉन्च किया जाएगा तथा विभिन्न माध्यमों में इसका व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा।
पहले चरण में सारा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 2000 जल स्रोतों के जल संरक्षण क्षेत्र की पहचान कर उपचार हेतु शत- प्रतिशत धनराशि कार्यदाई विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी। सारा द्वारा कन्वर्जन के माध्यम से 50% धनराशि सहायक नदियों एवं धाराओं के तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार पर उपचार गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इस वर्ष पंचायती राज विभाग के सहयोग से 200 ग्राम पंचायतों में जल संसाधन प्रबंधन पर क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार हेतु कार्यदाई विभागों द्वारा उपचार कार्यों का चिन्हीकरण कर उपचार गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा। इस अवसर पर बैठक में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय, उपनिदेशक सारा स्टेट सेंटर N S बर्फाल, उपनिदेशक यूसीआरआरएफपी(उत्तराखंड क्लाइमेट रेस्पॉन्सिव रेनफेड फार्मिंग प्रोजेक्ट) के उपनिदेशक एस के उपाध्याय, प्रोजेक्ट संयोजक सुधा तोमर सहित सारा की राज्य स्तर टीम उपस्थित थी।
किसानों को सरकारी योजनाओं का 100% मिले लाभ- सीएस रतूड़ी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को सचिवालय में कृषि संबंधी राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक ली। जिसमें सचिव ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और किसान मानधन योजना का शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव रतूड़ी का कहना हैं कि इन योजनाओं को सैचुरेशन मोड में क्रियान्वित किया जाए। जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। मुख्य सचिव ने कहा कि 2024-25 में रबी फसल के लिए 32420 किसानों को बीमा योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिसमें 10308.19 हेक्टेयर भूमि शामिल है। आगामी 2025-26 के लिए एक लाख किसानों को इस योजना के अंतर्गत शामिल करने की योजना बनाई गई है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया को किया जाए पूरा- सीएस रतूड़ी..
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत शत-प्रतिशत भूमि सीडिंग एवं आधार आधारित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों के लिए विशेष शिविर लगाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसान मानधन योजना का प्रचार-प्रसार बढ़ाने तथा अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। ताकि अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
धामी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जिला मुख्यालयों में होगा जश्न, 22 से 30 मार्च तक लगेंगे शिविर..
उत्तराखंड: धामी सरकार को 23 मार्च को तीन साल होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार इस दिन को खास मनाने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को सचिवालय में सीएम धामी ने सभी ज़िलाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने सभी जिलों में बहुउद्देशीय शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिविरों में आने वाले नागरिकों को सभी सेवाएं तत्परता और पारदर्शिता के साथ प्रदान की जाएं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे। सीएम धामी का कहना हैं कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विकास और जनकल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन शिविरों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी योजनाएं अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे और हर जरूरतमंद को उसका हक मिले। सीएम ने प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि ज्यादा से संख्या में इन शिविरों में पहंचे और अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दें, ताकि सभी पात्र नागरिक इसका लाभ उठा सकें।
75 फीसदी पूरा हुआ बजरंग सेतु का काम, जल्द ही पर्यटकों के लिए खुल जाएगा..
उत्तराखंड: लक्ष्मण झूला पुल के बगल में बन रहे बजरंग सेतु का निर्माण कार्य करीब 75% पूरा हो चुका है। 25% काम होना बाकी है। लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर का दावा है कि जल्द से जल्द बचा हुआ काम पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद बजरंग सेतु को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। आपको बता दें कि बजरंग सेतु 132 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। पुल के दोनों तरफ डेढ़ मीटर मोटाई का 65 एमएम का पारदर्शी कांच का फुटपाथ बनाया जाएगा। पुल के प्रवेश द्वार का आकार केदारनाथ धाम जैसा होगा। यह पुल देश-दुनिया के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। कांच से बना यह बजरंग सेतु दुनिया के चुनिंदा पुलों में शामिल होने जा रहा है। साल 2022 में लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर ने बजरंग सेतु का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पहले बजरंग सेतु का निर्माण कार्य पूरा होने की अवधि जुलाई 2023 तय की गई थी। जिसे बाद में बढ़ाकर दिसंबर 2024 कर दिया गया। अब इसकी अंतिम निर्माण तिथि 31 मार्च 2025 तय की गई है। अब शेष 25 फीसदी काम महज 10 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।
लक्ष्मण झूला व्यापारी संजीव वर्मा का कहना है कि बजरंग सेतु का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अप्रैल के अंत तक बजरंग सेतु को पैदल यात्रियों के लिए खोलने का आश्वासन दिया है। उन्होंने शेष कार्य भी जल्द पूरा करने का दावा किया है। अन्य व्यापारियों ने कहा कि बजरंग सेतु का निर्माण पूरा होने के बाद ही लक्ष्मण झूला के कारोबार में कुछ बढ़ोतरी हो सकेगी। फिलहाल व्यापारी पिछले 5 सालों से मंदी की मार झेल रहे हैं।
अधिशासी अभियंता विजय कुमार का कहना हैं कि फिलहाल बजरंग सेतु के दोनों ओर केदारनाथ मंदिर की आकृति के पिलर तैयार किए जा रहे हैं। पुल का ढांचा तैयार हो चुका है। फुटिंग आदि का काम पूरा होने के बाद पुल के दोनों पिलर पर ढांचा टांग दिया जाएगा। दोनों छोर पर पिलर पर सितारे भी टांग दिए गए हैं। करीब 25 फीसदी काम बाकी है। इसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अनुदेशक भर्ती का परिणाम जारी किया, 21 अभ्यर्थियों का रुका..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अनुदेशक, विभिन्न विभागों में तकनीकी संवर्ग की भर्ती का परिणाम जारी कर दिया है। चुने गए अभ्यर्थियों का अब अभिलेख सत्यापन होगा। इसके बाद अंतिम चयन परिणाम जारी होगा। वहीं, आयोग ने परिवहन आरक्षी भर्ती का परिणाम भी जारी कर दिया है। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि यह परीक्षा पिछले वर्ष 20 नवंबर से 14 दिसंबर तक आयोजित की गई थी। इसके बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी की थी। 45 अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए थे, जिनमें से 21 अभ्यर्थियों के पात्र होने के बावजूद परिणाम रोके गए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह अंतिम चयन परिणाम नहीं है। चुने गए अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन होगा। इसके बाद अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा। वहीं, परिवहन आरक्षी भर्ती का परिणाम भी जारी कर दिया है।
धामी सरकार के 3 साल पूरे होने पर 23 मार्च को मनाया जाएगा सेवा दिवस..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर 22 से 25 मार्च तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिए हैं। दिल्ली से वर्चुअल बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इन आयोजनों में जनता की अधिकतम भागीदारी हो। 23 मार्च को “सेवा दिवस” के रूप में मनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विकासखंड स्तर पर बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन होगा, जिससे जनता को सीधी सरकारी सेवाएँ मिल सकें। स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे लोगों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके। जन सरोकार से जुड़े कार्यों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
सीएम धामी का कहना हैं कि हालांकि वे अभी दिल्ली प्रवास पर हैं लेकिन उनका मन हर पल राज्य के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन साल के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों की सफलताओं की कहानियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए। तीन साल के कालखंड में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप विकास के कई प्रतिमान स्थापित किए गए हैं। कई ऐसे निर्णय लिए गए, जो राज्य हित के लिए नितांत जरूरी हैं। समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी जैसे ऐतिहासिक कानून लागू किये गए, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को अलग पहचान मिली। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ के पार पहुंचा है।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के साथ ही नहरों, कुओं, खड्डों और नदियों के पुनरुद्धार के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किए जाएं। सीएम ने आगामी ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर पूरे राज्य में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, डीजीपी दीपम सेठ समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे
PM मोदी से मिले राज्यपाल गुरमीत सिंह..
उत्तराखंड: कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ पार्टी के कई विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ हैं। वैसे बताया जा रहा है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी शादी विवाह समारोह के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करने दिल्ली गए हैं। इसी दौरान उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है।
उत्तराखंड राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार 19 मार्च को करीब एक बजे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजभवन उत्तराखंड के डिजिटल और टेक्नोलॉजी पर आधारित नवाचारों का संस्करण गवर्नर डिजिटल हब भेंट किया।
इसके साथ ही उनके द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब के आध्यात्मिक मार्गदर्शन पर आधारित आई संचालित चैट बोर्ड इंटरनल गुरु की ब्रोशर्स भी भेट की गई। अपनी इस मुलाकात में राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि जिस तरह से उन्होंने (पीएम मोदी) उत्तराखंड में आकर पर्यटन और धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देने का संदेश दिया है, उसका असर अगले ही दिन से दिखाई देने लगा। पीएम के उत्तराखंड दौरों का असर भविष्य में प्रदेश की आर्थिक मजबूती पर दिखाई देगा।
बता दें कि उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह दो दिन से दिल्ली प्रवास पर हैं। इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में भी शिरकत कर रहे हैं। दूसरी तरफ उत्तराखंड के विधायकों का दिल्ली का दौर लगातार जारी है। विधायकों के साथ-साथ कई मंत्री भी दिल्ली में संगठन के नेता और मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। उम्मीद यही जताई जा रही है कि बहुत जल्दी उत्तराखंड में कुछ नेताओं की बल्ले बल्ले तो कुछ नेताओं को निराशा हाथ लग सकती है। क्योंकि उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है।