CAG रिपोर्ट में उजागर हुई CAMPA कार्यों में अनियमितताएँ, सरकार उठाएगी सख्त कदम..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) के तहत किए जाने वाले कार्यों की सहयोग और निगरानी के लिए बाहरी एजेंसी की मदद लेने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए शासन से अनुमति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आपको बता दे कि कैंपा के तहत हर साल लगभग 300 करोड़ तक के कार्य किए जाते हैं। इसके लिए बाहरी एजेंसी की भूमिका निगरानी, मूल्यांकन और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।जिससे वृक्षारोपण, वन संरक्षण और पुनर्वनीकरण से जुड़े कार्यों में गुणवत्ता और प्रभावशीलता बढ़ेगी। राज्य सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण और वन प्रबंधन को और अधिक मजबूत करने में मदद करेगा
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में कैग (CAG) रिपोर्ट के माध्यम से प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) के कार्यों में अनियमितताओं का जिक्र हुआ था। इसके साथ कैंपा के अंतर्गत पौधरोपण जैसे कार्याें में खड़ी ढलान जैसे स्थानों का चयन, पौधरोपण के लिए 10 साल के लिए राशि लेने के साथ देखभाल पांच साल करने जैसी कई अनियमितता की बात सामने आई थी।
साथ ही राशि से आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज खरीदने के आरोप थे। रिपोर्ट आने के बाद से विभाग में खलबली मच गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। अब कैंपा के कामों और बेहतर ढंग से करने के साथ निगरानी तंत्र को मजबूत करने के साथ बाहरी संस्था की मदद लेने का फैसला किया गया है।
चारधाम यात्रा- यात्रियों का ‘अतिथि देवो भव’ की तर्ज पर किया जाएगा स्वागत..
उत्तराखंड: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। यात्रियों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। साथ ही यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप और मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां तैनात रहेंगी। यात्रियों का ‘अतिथि देवो भव’ की तर्ज पर स्वागत किया जाएगा। सुरक्षित और यादगार यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर इंतजाम किये गए हैं।
आगामी चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है और टिहरी जिला चारधाम यात्रा का मुख्य केंद्र है। जो भी देश विदेश के श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आता है, उसे केदारनाथ बद्रीनाथ जाने के लिए टिहरी जिले के ऋषिकेश-देवप्रयाग-कीर्तिनगर-श्रीनगर होते हुए जाना पड़ता है। गंगोत्री, यमनोत्री जाने के लिए टिहरी जिले के ऋषिकेश-चम्बा-धरासू से गुजरना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है।
टिहरी सीएमओ डॉ. श्याम विजय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा को लेकर 29 एम्बुलेंस, जिसमें 13 एम्बुलेंस 108 सेवा की और 16 एम्बुलेंस स्वास्थ्य की तैनात रहेंगी। इसके साथ ही 20 स्वास्थ्य केंद्र इकाई हैं, जिसमें सभी डॉक्टर, स्टाफ औषधियों समेत पूरी सुविधाओं के साथ तैनात रहेंगे। विभाग ने यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर 20 किलोमीटर की दूरी पर टोल फ्री नंबर के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग, बैनर लगाए हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की कोशिश रहेगी कि सभी श्रद्धालुओं को ‘अतिथि देवो भव’ के तहत अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके और वो अच्छा संदेश लेकर जाए। वहीं दुर्घटना होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस के साथ 15 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर 76 चिकित्साधिकारी, 21 फार्मासिस्ट, 29 नर्सिंग अधिकारी, 38 कक्ष सेवक और 28 स्वच्छक समेत टोटल 192 कर्मचारियों का स्टाफ तैनात रहेगा. 29 एम्बुलेंस यात्रा मार्ग पर तैनात की गई हैं।
नंदा गौरा योजना- सीएम धामी ने डीबीटी के माध्यम से वितरित की धनराशि..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) के माध्यम से नंदा गौरा योजना की धनराशि जारी की। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 40,504 लाभार्थियों को 1 अरब 72 करोड़ 44 लाख 04 हजार रुपये का वितरण किया गया। इस योजना से पिछले 5 वर्षों में 2,84,559 लाभार्थियों को लाभ मिला। अब तक कुल 9 अरब 68 करोड़ 64 लाख 51 हजार रुपये वितरित किए गए। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
नंदा गौरा योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में कन्या के जन्म पर 11 हजार एवं 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रुपए की धनराशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लाभार्थियों में जन्म पर आठ हजार 616 बालिकाओं को नौ करोड़ 81 लाख 16 हजार की धनराशि और 12वीं पास करने वाली 31 हजार 888 बालिकाओं को एक अरब 62 करोड़ 62 लाख 88 हजार की धनराशि मुख्यमंत्री द्वारा डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई। सीएम धामी का कहना हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। नंदा गौरा योजना से बड़ी संख्या में राज्य के गरीब परिवारों की बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं। उत्तराखण्ड में बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है।
चारधाम होटल एसोसिएशन की मांग, यात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त करे सरकार..
उत्तराखंड: चारधाम होटल एसोसिएशन ने सरकार से चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या पर लगी सीमा हटाने की मांग की है। एसोसिएशन ने सीएम धामी को ज्ञापन भेजकर यह अपील की है कि यात्रियों और होटल व्यवसायियों के हित में यह निर्णय लिया जाए। होटल एसोसिएशन का कहना हैं कि सीमित संख्या के कारण होटल, गेस्ट हाउस और रेस्तरां व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। इससे यात्रा से जुड़े व्यवसायों जैसे ट्रांसपोर्ट, गाइड, दुकानें और स्थानीय सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। एसोसिएशन का मानना है कि सुव्यवस्थित प्रबंधन के जरिए ज्यादा यात्रियों को समायोजित किया जा सकता है। कहा कि चारधाम यात्रा पर प्रतिदिन यात्रियों की संख्या सीमित करने से श्रद्धालुओं को असुविधा होती है। स्थानीय होटल, धर्मशालाओं एवं अन्य व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यात्रा के लिए स्व: घोषणापत्र की अनिवार्यता भी खत्म करने की मांग की।
कहा कि अधिकांश यात्री एडवांस बुकिंग नहीं करते। ऐसे में यह बाध्यता यात्रियों और होटल व्यवसायियों के लिए परेशानी उत्पन्न हो जाती है। चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता एवं यमुनोत्री घाटी यमुनोत्री धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभन सिंह राणा ने बताया कि यात्रा सरल और सुगम हो, इसके लिए सभी लोगों को सामूहिक प्रयास करना होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता और यमुनोत्री धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभन सिंह राणा का कहना हैं कि यात्रा को सरल और सुगम बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। बता दे कि अधिकांश यात्री एडवांस बुकिंग नहीं करते, ऐसे में यह बाध्यता श्रद्धालुओं और होटल व्यवसायियों दोनों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। संख्या सीमा के कारण यात्री असुविधा महसूस कर रहे हैं, जिससे होटल, धर्मशालाओं और अन्य व्यवसायों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। कहा कि अन्य राज्यों के व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए एंडोर्समेंट परीक्षा की बाध्यता समाप्त की जानी चाहिए। यह अनिवार्यता बाहरी राज्यों के वाहन चालकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर रही है।
10 अप्रैल के बाद केदारनाथ पहुंचेगा बीकेटीसी दल, कपाटोद्घाटन की तैयारियां जोरों पर
उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने और पूजा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का अग्रिम दल 10 अप्रैल के बाद केदारनाथ धाम के लिए रवाना होगा। ये दल कपाटोद्घाटन तक धाम में रहेगा और सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा। केदारनाथ धाम की यात्रा को सफल और सुगम बनाने के लिए मंदिर समिति, प्रशासन और अन्य विभाग मिलकर तैयारियों को समय पर पूरा करने में जुटे हैं। बीकेटीसी के मुख्य कार्यधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल का कहना हैं कि 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा को लेकर सभी तैयारियां समय पर पूरी कर दी जाएंगी।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का अग्रिम दल 10 अप्रैल के बाद केदारनाथ धाम पहुंचेगा। यह दल बर्फ से हुई क्षति का आकलन करेगा और मंदिर परिसर की सफाई, रंग-रोगन और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा। साथ ही भोग मंडी की सफाई, रावल, मुख्य पुजारी और कर्मचारी आवास की साफ-सफाई कर व्यवस्था सुधारेगा। उन्होंने कहा कि इस साल बाबा के भक्तों और मंदिर समिति के कर्मचारियों के लिए व्यवस्थाएं और अधिक सुचारू और बेहतर की जाएंगी ताकि यात्रा को सुगम बनाया जा सके।
चारधाम यात्रा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, रेंज कार्यालय में विशेष निगरानी सेल गठित..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए आईजी रेंज कार्यालय में एक विशेष निगरानी सेल बनाई गई है। डीआईजी रैंक के इसके प्रभारी रहेंगे जो हर समय यात्रा मार्ग की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही प्रमुख पड़ावों पर एएसपी स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। ताकि किसी भी समस्या के तत्काल निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस पहल से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता मिलेगी, जिससे चारधाम यात्रा अधिक सुगम और संरक्षित होगी।
आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप ने जानकारी दी कि चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जिसके तहत हर प्रमुख ठहराव स्थल पर एक एएसपी रैंक के अधिकारी की तैनाती होगी। यात्रा मार्गों की निगरानी और समन्वय के लिए आईजी रेंज कार्यालय में विशेष सेल का गठन किया गया हैं। डीआईजी रैंक के अधिकारी चौबीसों घंटे यात्रा की सुरक्षा और संसाधनों की निगरानी करेंगे। इन प्रयासों से यात्रा अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सकेगी।
इस सेल के इंचार्ज डीआईजी (उप महानिरीक्षक) रैंक के अधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और तीर्थयात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रा मार्गों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें।
मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा- हल्द्वानी और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति..
मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा- हल्द्वानी और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति..
चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक और प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधा दर्जन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। संविदा के आधार पर चयनित इन डॉक्टरों में से चार फैकल्टी की नियुक्ति राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी जबकि दो फैकल्टी पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में तैनात की जाएगी। इससे मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधरेगा, जिससे छात्रों और मरीजों दोनों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बयान जारी कर कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पदों को भरने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। ताकि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और प्रशिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके। साथ ही मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाए। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति से चिकित्सा शिक्षा और उपचार सेवाओं में सुधार हो। सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों से राज्य में मेडिकल शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनसाधारण को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में आधा दर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी गई। फैकल्टी की नियुक्ति होने से दोनों मेडिकल कॉलेज में आधुनिक चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य सरकार का लक्ष्य सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 प्रतिशत फैकल्टी की तैनाती करना है। ताकि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण रिसर्च और क्लीनिकल सेवाएं मिल सके।
उत्तराखंड सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में साइट्रिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में डॉ. निकिता देउपा का चयन हुआ हैं। जबकि जनरल मेडिसिन विभाग में डॉ. रवि सिंह और डॉ. सुधीर कुमार वर्मा को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति मिली हैं। बाल रोग विभाग में डॉ. सत्येंद्र गुप्ता को असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में अस्थि रोग विभाग में डॉ. योगेश कुमार को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया। जबकि डेंटल रोग विभाग में डॉ. समीर पांडे का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुआ। इन सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति सिलेक्शन कमेटी की ओर से वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से की गई है। फैकल्टी की नियुक्ति संविदा के आधार पर अगले तीन वर्षों के लिए की गई है।
पत्रकार कल्याण कोष समिति की सिफारिश, 6 पत्रकारों को मिलेगी 30 लाख की आर्थिक सहायता..
उत्तराखंड: पत्रकार कल्याण कोष समिति ने 6 पत्रकारों को कुल 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की सिफारिश की है। इस सिफारिश को सीएम पुष्कर सिंह धामी, जो समिति के अध्यक्ष भी हैं, के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। बैठक में कुल 11 मामलों पर विचार किया गया। जिसमें 6 पत्रकारों को आर्थिक सहायता दिए जाने की सिफारिश की गई। यह सहायता उन पत्रकारों के लिए संजीवनी साबित होगी, जो आर्थिक संकट या कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। आर्थिक सहायता वाले प्रकरणों में एक प्रकरण पिछले माह दिवंगत हुए पत्रकार मंजुल सिंह माजिला के परिवार को भी आर्थिक सहायता की सिफारिश की गई है। सोमवार को सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में शेष पांच प्रकरणों में अभिलेख अपूर्ण पाए गए।
डीजी सूचना ने निर्देश दिए हैं कि शेष रह गए प्रकरणों को निपटाने के लिए आवेदकों को एक और मौका दिया जाए। इसके लिए जिला सूचना अधिकारियों को संबंधित दस्तावेज पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। बता दे कि मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना पर समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में एक प्रकरण को समिति के समक्ष रखा गया। सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए आर्थिक सहायता और पेंशन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। आवश्यक अभिलेख न होने के कारण प्रकरण के मामले में निर्णय नहीं लिया गया। बैठक में पत्रकार कल्याण कोष समिति के गैर सरकारी सदस्य पत्रकार प्रतिनिधि बीडी शर्मा, डॉ. डीडी मित्तल, निशा रस्तोगी, दिनेश जोशी सहित सूचना विभाग के अपर निदेशक, आशिष कुमार त्रिपाठी तथा संयुक्त निदेशक केएस चौहान उपस्थित थे।
टिहरी झील विकास परियोजना को हरी झंडी, 54 करोड़ की लागत से बनेंगे 5 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट..
उत्तराखंड: टिहरी झील विकास परियोजना को मिली 95 करोड़ की मंजूरी, इसमें सीवर प्लांट, प्रवेश द्वार और महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की सहायता से टिहरी झील विकास परियोजना के तहत 95 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना का उद्देश्य टिहरी झील क्षेत्र को पर्यटन और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है, जिससे यहां आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में टिहरी झील विकास परियोजना के तहत पर्यटन विकास से जुड़े कार्यों को मंजूरी दी गई।
परियोजना के तहत होने वाले में 54.05 करोड़ रुपये की लागत से सीवर नेटवर्क का निर्माण किया जायेगा। साथ ही नई टिहरी में 5 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे। 37.11 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कूड़ा प्रबंधन व कचरा प्रबंधन सेंटर, 1.46 करोड़ की लागत से महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 2.33 करोड़ की लागत से प्रवेश द्वार निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है। यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे टिहरी झील क्षेत्र को और अधिक विकसित किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में टिहरी के मदन नेगी रोपवे परियोजना के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही परियोजना कर्मचारियों के लिए टीए व डीए भत्ते की स्वीकृत, साथ ही महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव को मंजूरी दी गयी हैं। ग्रामीण जलापूर्ति के लिए जल संस्थान के सेंटेज चार्ज प्रस्ताव को वित्त विभाग भेजने के भी निर्देश दिए।
चारधाम यात्रा को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने ली बैठक..
एनडीएमए और यूएसडीएमए मिलकर करेंगे मॉक ड्रिल..
उत्तराखंड: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आगामी चारधाम यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से चारधाम यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने और चारधाम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल माह में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के विशेषज्ञों के साथ विभागीय बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा की।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन का कहना हैं कि चार धाम यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग तथा यूएसडीएमए के स्तर पर लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीएमए से चारधाम यात्रा के दौरान आपदा केंद्रित मॉक ड्रिल को लेकर टेंटेटिव शेड्यूल प्राप्त हुआ है, उसे देखते हुए यूएसडीएमए ने अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस संबंध में विभिन्न जनपदों तथा रेखीय विभागों के साथ भी बैठक कर मॉक ड्रिल की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सुमन का कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन एवं कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है तथा किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा को हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पर्यटन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग, यूकाडा, लोक निर्माण विभाग, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
यूएसडीएमए का प्रयास है कि सभी विभागों के बीच आपसी समन्वय इतना मजबूत हो कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा के समय बहुत कम समय में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि आपदाओं के दौरान रिस्पांस टाइम को कम किया जा रहा है और उत्तराखण्ड में रिस्पांस टाइम लगातार बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी एनडीएमए और यूएसडीएमए द्वारा चारधाम यात्रा के सफल संचालन तथा आपदा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। पिछली बार मॉक ड्रिल में जो कमियां रह गई थी, इस बार उन्हें दूर किया जाएगा तथा एनडीएमए से गत वर्ष प्राप्त सुझावों को शामिल करते हुए सफल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने यूएसडीएमए के विशेषज्ञों को मॉक ड्रिल के लिए जल्द से जल्द विभिन्न समितियां गठित करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों की चारधाम यात्रा के दौरान क्या भूमिका है, इसे स्पष्ट करते हुए संबंधित विभागों को सूचित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न रेखीय विभागों तथा उनके अधिकारियों को यह जानकारी दी जाएगी कि आईआरएस प्रणाली के तहत आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में किस विभाग तथा किस अधिकारी की क्या भूमिका है। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक श्री शांतनु सरकार तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी और यू प्रिपेयर के विशेषज्ञ मौजूद रहे।
प्रत्येक धाम का बनेगा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान-स्वरूप
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रत्येक धाम का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से प्रत्येक धाम का ठोस आपदा प्रबंधन प्लान होगा तो विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने चार धाम यात्रा से संबंधित सभी जनपदों की एसओपी बनाने की बात कही। सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि विभिन्न जनपदों के साथ आगामी बैठक में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
पिछले साल के अनुभवों से सीख जरूरी-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए के विशेषज्ञों को निर्देश दिए कि गत वर्षों चार धाम यात्रा के दौरान क्या-क्या आपदा आई हैं, कितने लोग इससे प्रभावित हुए, कितनी जनहानि हुईं, कहां-कहां पर मार्ग बंद हुए, भीड़ की स्थिति कैसी रही, किन-किन जगहों पर अत्यधिक जाम लगा, इन सबका विश्लेषण करने के निर्देश दिए ताकि इस बार उन क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि गत वर्ष के अनुभवों का लाभ लेने की पूरी कोशिश की जाएगी।
तीन मुख्य जिले, चार ट्रांजिट जनपद
बता दें कि चारधाम यात्रा को लेकर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग मुख्य जनपद हैं, जबकि टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून ट्रांजिट जिलों की श्रेणी में आते हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टेंटेटिव शेड्यूल के अनुसार 14 अप्रैल को ओरिएंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। 22 अप्रैल को टेबल टॉप एक्सरसाइज तथा 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
जिले बताएंगे, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे की जाएगी
मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न रेखीय विभागों की चार धाम यात्रा प्रबंधन को लेकर तैयारियों को परखा जाएगा। इसके साथ ही यदि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ बढ़ने पर भगदड़ की स्थिति होती है, अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन होता है और मार्ग बंद होते हैं, ट्रैफिक के दबाव के कारण सड़कों तथा बाजारों में जाम लगता है तो विभिन्न विभाग यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या करेंगे, इसकी रिहर्सल की जाएगी।
जनपदों को यह भी बताना होगा कि विभिन्न संसाधन जैसे हॉस्पिटल, हेलीपैड, वैकल्पिक मार्ग आदि कहां-कहां पर हैं तथा उनकी जीआईएस लोकेशन यूएसडीएमए के साथ साझा करनी होगी। मॉक ड्रिल में विभिन्न जनपदों के ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान को धरातल पर परखा जाएगा। भीड़ प्रबंधन को लेकर जिलों की क्या तैयारी है, इनका भी धरातलीय परीक्षण किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की आपदा तथा मार्ग बंद होने की स्थिति में यात्रियों को रोकना पड़े तो, उनकी सुरक्षा किस प्रकार सुनिश्चित की जाएगी तथा उन्हें सुरक्षित ठहराने के क्या-क्या इंतजाम किए जाएंगे, इस पर भी मॉक ड्रिल के दौरान न सिर्फ चर्चा की जाएगी बल्कि जनपदों को ग्राउंड जीरो पर यह सब करके भी दिखाना होगा। साथ ही भीड़ बढ़ने, मार्ग बंद होने तथा ट्रैफिक का दबाव अधिक होने पर रूट डायवर्जन प्लान भी जनपदों को बनाकर मॉक ड्रिल के दौरान उसके प्रभावशीलता का प्रदर्शन भी करना होगा।