रुद्रप्रयाग। पुलिस ने गुरुवार रात चेकिंग के दौरान चंडीगढ़ के दो युवकों को 10.29 ग्राम स्मैक (चिट्टा पाउडर) के साथ गिरफ्तार किया। बरामद स्मैक की अनुमानित कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये बताई जा रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ कोतवाली रुद्रप्रयाग में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेस) ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे के निर्देशन में जनपद के सभी थाना प्रभारियों को ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि उत्तराखंड’ अभियान के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इस अभियान के तहत प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मनोज नेगी के नेतृत्व में की गई चेकिंग के दौरान दो व्यक्तियों के पास से 5.18 ग्राम और 5.11 ग्राम स्मैक बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपी:
गौरव काण्डपाल: पुत्र दयाधर कांडपाल, निवासी सेक्टर 41, मकान नम्बर 117, वर्तमान में मकान नम्बर 152, सेक्टर 122 बहलोलपुर, थाना बलोगी, मोहाली, चंडीगढ़।
करनवीर सिंह: पुत्र चरनजीत सिंह, निवासी मकान नम्बर 282/2, सेक्टर 41, शिवालिक पब्लिक स्कूल के पास, चंडीगढ़।
पुलिस टीम में कोतवाली निरीक्षक मनोज नेगी, अपर उपनिरीक्षक यशपाल सिंह, मुख्य आरक्षी भूपाल सिंह, आरक्षी विकेश कुमार एवं कुलदीप सिंह शामिल थे।
इस कार्रवाई से न केवल ड्रग्स तस्करों में खौफ का माहौल बना है, बल्कि स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना भी की है। ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ अभियान के तहत पुलिस का यह कदम युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
नई टिहरी। टिहरी बांध से प्रभावित रौलाकोट गांव के निवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) प्रतीतनगर, देहराखास और केदारपुरम में आवंटित आवासीय और कृषि भूखंडों का विकास करेगा। इससे 113 प्रभावित परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त प्लॉट मिलेंगे, जिससे वे अपने घरों का निर्माण और कृषि कार्य आसानी से शुरू कर सकेंगे।
पहले यह कार्य पुनर्वास विभाग के जिम्मे था, लेकिन अविकसित भूखंडों के कारण प्रभावित परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब टीएचडीसी सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए विकास कार्य शुरू करेगा।
टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि जल्द ही प्रतीतनगर में भूखंडों का विकास कार्य शुरू होगा। पुनर्वास विभाग को पहले ही पांच करोड़ रुपये दिए गए थे, और अब यह कार्य पूरी तरह से टीएचडीसी के अधीन रहेगा, ताकि पुनर्वास कार्य तेजी से और प्रभावी ढंग से पूरा हो सके।
प्रभावित परिवारों को जल्द मिलेगी राहत, टीएचडीसी अनुभवी अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती कर रहा है, जो सुनिश्चित करेंगे कि पुनर्वास प्रक्रिया तेजी से पूरी हो और प्रभावितों को सुरक्षित और विकसित भूखंड उपलब्ध हो सकें।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में औद्योगिक वातावरण विकसित करने और युवाओं के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस वेंचर फंड के लिए बजट में 20 करोड़ रुपये का शुरुआती प्रावधान भी किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट प्रस्तुति के दौरान कहा कि राज्य के युवा सिर्फ शिक्षा में डिग्री ही नहीं बल्कि कौशल भी विकसित करेंगे। स्टार्टअप्स के माध्यम से नए प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें सरकार युवाओं का पूरा समर्थन करेगी।
स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख कदम:
. वेंचर फंड: स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड।
. प्रारंभिक प्रावधान: बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन।
. युवाओं को प्रोत्साहन: स्टार्टअप्स में नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
महिला सशक्तीकरण को मिलेगा बूस्ट: जेंडर बजट में 16.66% की बढ़ोतरी
धामी सरकार ने राज्य के विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने में महिलाओं की भूमिका को अहम मानते हुए जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस बार जेंडर बजट को बढ़ाकर 16,961 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष योजनाएं:
योजना का नाम बजट (करोड़ में)
नंदा गौरा योजना – 157.84
मातृत्व वंदन योजना – 21.74
सीएम बाल पोषण योजना – 29.9
महालक्ष्मी किट – 22.62
सीएम वात्सल्य योजना – 18.88
ईजा बोई शगुन योजना – 14.13
सीएम महिला पोषण योजना – 13.96
सीएम आंचल अमृत योजना – 14.00
महिला बहुमुखी विकास निधि – 08.00
विधवा की पुत्री का विवाह – 05.00
महिला एसएसजी सशक्तीकरण – 05.00
महिला उद्यमी विशेष सहायता – 05.00
अल्पसंख्यक मेधावी बालिका – 03.76
सतत आजीविका योजना – 02.00
सरकार की प्रतिबद्धता:
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। सशक्त महिलाएं परिवार, समाज, प्रदेश और देश की समृद्धि का आधार बनेंगी। धामी सरकार के इन प्रयासों से राज्य में नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने राज्य में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक संसाधनों, और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांगों और भावनाओं का सम्मान करते हुए, हमारी सरकार ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य की मूल पहचान बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।”
नए भू-कानून के प्रमुख प्रावधान:
1. 2018 के सभी प्रावधान निरस्त:
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा लागू सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
2. बाहरी व्यक्तियों पर भूमि खरीद प्रतिबंध:
हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, शेष 11 जिलों में बाहरी व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
3. पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती:
पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि के सही उपयोग और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
4. जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित:
अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी प्रक्रियाएं सरकारी पोर्टल के माध्यम से होंगी।
5. ऑनलाइन पोर्टल से निगरानी:
राज्य में भूमि खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई सभी खरीद दर्ज होगी।
6. शपथ पत्र अनिवार्य:
राज्य के बाहर के लोगों को भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र देना होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
7. नियमित भूमि खरीद रिपोर्टिंग:
जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को भूमि खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
8. नगर निकाय सीमा में भू उपयोग:
नगर निकाय क्षेत्र में भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार होगा। नियमों के विरुद्ध उपयोग की गई भूमि सरकार में निहित हो जाएगी।
कानून का संभावित प्रभाव:
. बाहरी व्यक्तियों की अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
. भूमि का बेहतर प्रबंधन, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में।
. भूमि की कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी पर नियंत्रण।
. राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत।
. सरकार का अधिक नियंत्रण, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
नया भू-कानून उत्तराखंड की संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय नागरिकों के हकों की रक्षा करेगा, साथ ही राज्य के मूल स्वरूप को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक और जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण फॉर्म में पूछे गए सवालों को लेकर है, जिन पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है और जवाब देने के लिए 21 फरवरी तक का समय दिया है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अनावश्यक और निजता से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनका उत्तर देना अनिवार्य किया गया है। इनमें आवेदक के विधवा, शादीशुदा या पूर्व संबंधों से जुड़ी जानकारियों को प्रस्तुत करने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन आपत्तियों पर अपना रुख स्पष्ट करे। अदालत ने अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामा चंद्रन और रोहित अरोड़ा ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट में लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया कि ऐसे सवालों का कोई कानूनी औचित्य नहीं है और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप के समान है।
इससे पहले भी UCC को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर लगातार सुनवाई हो रही है। अब सभी की निगाहें सरकार के जवाब पर टिकी हैं।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज भू-कानून संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य रिपोर्टों को भी सदन पटल पर रखने के प्रस्ताव आने की संभावना है।
बजट सत्र के दौरान बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें भू-कानून में संशोधन सहित अन्य अहम प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। राज्य सरकार भू-कानून को और सख्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सत्र में इससे जुड़ा विधेयक लाए जाने की संभावना है।
जनभावनाओं के अनुरूप फैसले का संकल्प
भू-कानून संशोधन को लेकर बनी अटकलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे भू-कानून हो या अन्य कोई कानून या संकल्प, भाजपा सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विपक्ष पर मुख्यमंत्री का तंज
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करता है, लेकिन जब सदन चलता है, तब सार्थक चर्चा से बचता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन के समय का उत्पादक तरीके से उपयोग करना चाहिए, न कि हंगामे में बर्बाद करना चाहिए।
राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को 12 लाख तक मिलेंगे..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने पहली बार 101 पदक जीतने का कीर्तिमान बनाया है। वुशु में राज्य की बेटी ज्योति ने पहला पदक दिलाया। जिसके बाद बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, मॉडर्न पेंटाथलाॅन, जूडो, कैनोइंग और कयाकिंग, योगासन, लाॅनबाल और कुश्ती में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर धमाल मचाया। पदक विजेताओं को सरकार अब पुरस्कार के रूप में तय धनराशि और नौकरी देगी। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का सबसे शानदार प्रदर्शन मॉडर्न पेंटाथलाॅन में रहा। जिसमें ममता खत्री, मोनिका, मंजू गोस्वामी, सक्षम सिंह, नीरज नेगी, लाल सिंह ने स्वर्ण पदक जीता। इसमें राज्य को छह स्वर्ण सहित सबसे अधिक 14 पदक मिले। कैनोइंग और कयाकिंग में पांच, बॉक्सिंग में तीन, एथलेटिक्स, ताइक्वांडो और जूड़ो में दो-दो स्वर्ण पदक मिले।
बॉक्सिंग में राज्य के कपिल पोखरिया, निवेदिता कार्की और नरेंद्र सिंह ने अपने पंच से सोना जीता। वहीं, एथलेटिक्स में अंकिता का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा। इस स्पर्धा में राज्य को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली अंकिता ध्यानी ने महिला वर्ग की 3000 और 5000 मीटर रेस में एक-एक स्वर्ण पदक जीता। जबकि 10 हजार मीटर रेस में रजत पदक दिलाया। कुश्ती में उत्तम राणा, महिला कयाकिंग में सोनिया व रोजी देवी, मीरा दास, प्रभात कुमार, जूड़ाें में सिद्धार्थ रावत, ताइक्वांडों में पूजा, लाॅनबाल में उतत्कृष्ट द्विवेदी, योगासन में रोहित यादव, शशांक शर्मा, प्रियांशु, अजय वर्मा, कैनोइंग व कयाकिंग में रीना सैन और वुशु में अचोम तपस सहित कई खिलाड़ियों ने राज्य के लिए सोने, चांदी की चमक बिखेरी। जानकारों का कहना है कि राज्य के खिलाड़ियों ने उम्मीद से भी शानदार प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को तय धनराशि के रूप में छह से लेकर 32 लाख रुपये तक मिलेंगे। कांस्य पदक विजेता को छह लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। जबकि स्वर्ण पदक विजेता को प्रति स्वर्ण पदक 12 लाख रुपये मिलेंगे।सबसे शानदार प्रदर्शन एथलेटिक्स में अंकिता ध्यानी कर रहा है। जिसने दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। जिसे तय पुरस्कार की धनराशि के रूप में 32 लाख रुपये मिलेंगे।सबसे शानदार प्रदर्शन एथलेटिक्स में अंकिता ध्यानी कर रहा है। जिसने दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। जिसे तय पुरस्कार की धनराशि के रूप में 32 लाख रुपये मिलेंगे।
शहरवासियों को मिलेगा प्रधानमंत्री पीएम आवास योजना 2.0 का मिलेगा लाभ..
उत्तराखंड: प्रदेश के नगर निकायों, शहरी क्षेत्रों, नए शहरों की बसावट से लेकर अवस्थापना संबंधी कार्यों के लिए इस बार शहरी विकास और आवास विभाग को बजट बढ़ने की उम्मीद है। दोनों विभागों को पीएम आवास योजना 2.0 पर तो काम करना ही है, शहरी निकायों में सुख-सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी काम करना है। पिछले बजट पर नजर डालें तो शहरी विकास विभाग को 2565 करोड़ मिले थे। इसमें एडीबी के सहयोग से नगरों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर 150 करोड़, हल्द्वानी व अन्य शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर 109 करोड़, पेयजल व सीवर लाइनों के लिए 100 करोड़, पेयजल विभाग की केएफडब्ल्यू परियोजना के लिए 100 करोड़, ऋषिकेश नगर एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना पर 27 करोड़, ग्रीन फील्ड या ब्राउन फील्ड निर्माण के लिए 20 करोड़, नगर पालिकाओं में पार्क या ओपन जिम बनाने पर पांच करोड़ का प्रावधान शामिल है। गैरसैंण के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इस बार शहरी विकास के पास ऋषिकेश परियोजना के साथ ही बढ़े हुए नगर निकायों में भी विकास कार्यों का जिम्मा है। लिहाजा, इस बार शहरी विकास का बजट 3000 करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है।
उत्तराखंड में क्रिटिकल मिनरल की खोज को दी जाए प्राथमिकता, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में क्रिटिकल मिनरल की खोज के लिए वर्किंग प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं. बता दें दुर्लभ खनिजों के मिलने से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में बैठक के दौरान खनन विभाग, आईआईटी रुड़की, मोनाश यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस विषय पर चर्चा की. इस दौरान सीएस रतूड़ी ने राज्य में क्रिटिकल मिनरल की खोज के लिए वर्किंग प्लान बनाने के निर्देश दिए.
आत्मनिर्भरता पर देना होगा जोर- CS..
सीएस का कहना हैं कि खनिज संपदा में आत्मनिर्भरता के लिए शोध, निष्कर्षण और रिसाइक्लिंग पर जोर देना होगा. सीएस ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार, शिक्षा क्षेत्र और उद्योग जगत के बीच एक साझा मंच विकसित किया जाए. ताकि सभी मिलकर दुर्लभ खनिजों के मूल्यांकन, खनन स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला पर काम कर सकें. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आईआईटी रुड़की को इस परियोजना में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए कहा, साथ ही विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और व्यावहारिक अनुसंधान को मजबूत करने पर भी बल दिया.
खेल और खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय खेलों से दोगुना खर्च, देवभूमि को खेलभूमि के रूप में भी जानेंगे..
उत्तराखंड: खेल विभाग को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए मिले भारी भरकम और ऐतिहासिक बजट से आगामी वित्तीय वर्ष में दोगुना खर्च खेल आधारभूत संरचनाओं को बनाए रखने, विभिन्न खेल अकादमियां खोलने और खिलाड़ियों को तैयार करने पर होगा। इसके लिए खेल विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 864 करोड़ का बजट मांगा है। इसमें खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का निर्माण कार्य भी शामिल है। उत्तराखंड के खेल विभाग को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट करीब 532 करोड़ रुपये मिला था, जिसे 11 खेल स्थलों पर आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, विदेशों से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण मंगवाने, विभिन्न निर्माण कार्यों आदि पर खर्च किया गया। 16 खेलों के उपकरण अमेरिका और यूरोपीय देशों से खरीदे गए।
खेल अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ऐतिहासिक था, लेकिन अब बड़ी चुनौती खेल ढांचे को बनाए रखना और देवभूमि को खेल भूमि के रूप में पहचान दिलाना है। जिसके लिए मुख्य कार्य 265 करोड़ के बजट से हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना करना है। आगामी वित्तीय वर्ष में खेल विभाग ने करीब दोगुने बजट की मांग की है। 864 करोड़ के बजट के साथ ही खेल विकास निधि, सेस और अन्य माध्यमों से भी धनराशि जुटाई जाएगी।