UKSSSC ने समूह-ग के 4,855 पदों का कैलेंडर किया जारी..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में समूह-ग के 4,855 पदों पर भर्ती का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें कई विभागों में समूह-ग की 16 भर्तियों की प्रस्तावित परीक्षा तिथियां शामिल की गई हैं। इनमें से तमाम नई भर्तियां निकाली जानी हैं। राज्य आंदोलनकारी आरक्षण के हिसाब से पदों का रोस्टर तय होने के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। इसमें वन दरोगा, पुलिस कांस्टेबल, फॉरेस्ट गार्ड, कनिष्ठ सहायक जैसी बड़ी भर्तियां भी शामिल हैं। नए कैलेंडर के हिसाब से आयोग इस महीने से लेकर अगले साल सितंबर तक ये भर्ती परीक्षाएं कराएगा। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि परीक्षा कैलेंडर के हिसाब से भर्तियां कराई जाएंगी। बताया, ये सभी परीक्षा तिथियां संभावित हैं। इनमें परिवर्तन भी हो सकता है।
पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन पर CM धामी ने दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: आज देश के पीएम नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन मनाया जा रहा हैं। पीएम मोदी अपने 74वें जन्मदिन पर जहां ओडिशा की राजदानी भुवनेश्वर के गड़कना में 26 लाख पीएम आवास घरों का उद्घाटन किया, वही सुभद्रा योजना का शुभारंभ भी किया। इधर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित है। देहरादून में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई। इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता की ओर से मैं पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है और आगे भी करता रहेगा।
आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। तब से समय-समय पर स्वच्छ भारत अभियान चलता है। इस बार 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम चलेगा। अभियान में स्वच्छता में जन भागीदारी, सम्पूर्ण स्वच्छता तथा सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वभाव स्वच्छता और संस्कार में स्वच्छता है। कहा गया है कि स्वच्छता और पवित्रता देवत्व के समीप है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों के सभी परंपरागत और चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया जाएगा। सामूहिक श्रमदान के माध्यम से इन स्थानों को साफ किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर और विकास खंड स्तर से इसकी सूचना प्राप्त कर फोटोग्राफ्स वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक उपक्रमों, गंदे स्थलों का चुनाव करके स्वच्छता लक्षित इकाई के रूप में चयन करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक लगातार अभियान संचालन होगा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता के लिए जनजागरूकता एवं जनभागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग प्रशासन के साथ मिलकर ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम को सफल बनाएं।
प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बनेंगे 13 मॉडल आयुष ग्राम, लगेंगे नियमित शिविर..
उत्तराखंड: प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल आयुष ग्राम बनाए जाएंगे। प्रदेशभर में 12 गांव चयनित कर विभाग ने आयुष गतिविधियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। आयुष ग्राम में नियमित रूप से आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा के शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही गांव के लोगों को औषधीय पौधे भी दिए जाएंगे। उत्तराखंड स्टेट आयुष मिशन सोसायटी ने आयुष ग्राम के साथ योग वेलनेस केंद्र बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर गाइडलाइन जारी की है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रत्येक आयुष ग्राम को हर वर्ष तीन लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इन गांवों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही गांव में रहने वाले सभी परिवारों को औषधीय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। लोगों को आयुर्वेद व योग के प्रति जागरूक करने के लिए सप्ताह और महीने में शिविर लगेंगे।
गांव के प्रवेश द्वार पर आरोग्य सदन श्लोगन का वॉल पेटिंग की जाएगी। इस बाबत अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे का कहना हैं कि प्रदेश में आदर्श आयुष ग्रामों का चयन कर लिया गया है। शीघ्र ही इन गांवों में आयुर्वेद गतिविधियां शुरू करने को गाइडलाइन तैयार की जाएगी। आयुष ग्राम में रहने वाले लोगों को आयुष के प्रति जागरूक करने के साथ हर सुविधाएं दी जाएंगी।
ये बनेंगे आयुष ग्राम..
अल्मोड़ा में हवालबाग ब्लाक में शाला रौतेला गांव, बागेश्वर में कपकोट ब्लाक में कर्मी गांव, चमोली में देवाल ब्लाक में घेस, चंपावत ब्लाक में सैलानी गोथ, देहरादून के रायपुर ब्लाक में क्यारकुली भट्टा, हरिद्वार के लक्सर ब्लाक में सुभाषगढ़, नैनीताल के भीमताल में नौकुचियाताल, पौड़ी के खरसू ब्लाक में पोखरी, पिथौरागढ़ के मुनाकोट ब्लाक में माजिरकंडा, रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में पोंथी गांव, टिहरी के नरेंद्रनगर ब्लाक में देयूली गांव, ऊधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लाक में प्रतापपुर, उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के हर्षिल गांव।
CM का एलान, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को बिजली में मिलेगी 4 प्रतिशत छूट..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को वर्तमान दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसकी शुरुआत सोमवार से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कर दी है। मीटर लगने पर बिजली बिल की जरूरत खत्म होगी। मोबाइल की भांति रिचार्ज करना होगा। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रदेश में 15 लाख 84 हजार उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए वर्तमान में 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है।
उनका कहना हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि यह योजना उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने पर मोबाइल की तर्ज पर बिजली का भी रिचार्ज होगा। बिलों की समस्या दूर हो जाएगी। उपभोक्ता का रिचार्ज खत्म होने से पहले ही एसएमएस आ जाएगा। कभी भी वह अपना बिजली खर्च मोबाइल एप के माध्यम से देख सकेंगे, ताकि उसी हिसाब से बिजली खर्च पर नियंत्रण पाया जा सके। लाइन हानियां भी कम हो जाएंगी।
उपभोक्ता के बिजली खर्च की पूरी जानकारी..
यूपीसीएल मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां सभी बिजली उपभोक्ताओं के खर्च की पूरी जानकारी अपडेट रहेगी। किस महीने कितनी बिजली खर्च की गई, लगातार खर्च बढ़ने पर उसी हिसाब से कनेक्शन का लोड भी बढ़ जाएगा। रिचार्ज खत्म होने पर कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति सुचारू रहेगी और फिर निर्धारित अवधि के बाद बिजली स्वत: बंद हो जाएगी।
राजधानी देहरादून में जुटेंगे 65 देशों के साहित्यकार, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे समारोह का उद्घाटन..
उत्तराखंड: राजधानी के थानों इलाके में विकसित किए जा रहे लेखक गांव में 23 से 27 अक्तूबर तक अंतरराष्ट्रीय कला, साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन होगा। इस पांच दिवसीय समारोह में लगभग 65 देशों के साहित्यकार, लेखक और कलाकार भाग लेंगे। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह का उद्घाटन करेंगे। देश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में बैठक में महोत्सव की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया।डॉ. निशंक का कहना हैं कि यह महोत्सव हिंदी भाषा के वैश्विक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगा। समारोह में भाग लेने वाले विदेशी विद्वान, साहित्यकार और छात्र हिंदी भाषा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने-अपने देशों में हिंदी का प्रचार करेंगे। महोत्सव के उद्घाटन सत्र में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई केंद्रीय मंत्री भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे।
चार सत्रों में साहित्यिक परिचर्चाओं और विमर्शों का आयोजन किया जाएगा..
महोत्सव का उद्घाटन में विभिन्न प्रदर्शनियों और लोक प्रस्तुतियों के साथ होगा। हिंदी और स्थानीय भाषाओं के 20 लेखकों की पुस्तकों का विमोचन भी शामिल होगा। 23 और 24 अक्टूबर को हिंदी और स्थानीय बोली-भाषाओं पर विशेष कार्यशालाओं का आयोजन होगा। जिसमें डॉ. निशंक की 12 पुस्तकों के गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्करणों का लोकार्पण भी किया जाएगा। पहले दो दिनों का संयोजन भाषा विज्ञानी रमाकांत बैंजवाल और बीना बैंजवाल करेंगे। इसी दौरान एनबीटी (नेशनल बुक ट्रस्ट) द्वारा बच्चों की किताबों की अनुवाद कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। 25 अक्तूबर को मुख्य उद्घाटन सत्र के बाद चार सत्रों में साहित्यिक परिचर्चाओं और विमर्शों का आयोजन किया जाएगा। 26 अक्तूबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण योग, अध्यात्म और संगीत के स्वास्थ्य पर प्रभावों पर विचार प्रस्तुत करेंगे। 27 अक्तूबर को समापन समाराेह होेगा।
अब नगर निगम, पालिका और नगर पंचायत मनमर्जी से खर्च नहीं कर पाएंगे बजट..
उत्तराखंड: प्रदेश के नगर निकाय अब मनमर्जी से खर्च नहीं कर पाएंगे। निकायों की आमदनी और खर्च को व्यवस्थित करने के लिए पहली बार नीति बनाई जा रही है। इस नीति के आने के बाद निकायों के नेता बिना बजट की हवा-हवाई घोषणाएं नहीं कर पाएंगे। न ही निर्धारित सीमा से अधिक खर्च कर सकेंगे। राज्य के नगर निकाय लगातार सरकार की इमदाद पर निर्भर रहते हैं। कई निकायों की तो कमाई बेहद कम होने से हर खर्च सरकार के बजट से ही चलता है। यहां बजट खर्च करने की व्यवस्था निर्धारित नहीं है।
सरकार से मिलने वाले पैसे के अलावा खुद की आमदनी को भी कहीं विकास कार्यों में ही खर्च कर दिया जाता है, तो कहीं वेतन और भत्तों में ही बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। जरूरत इस बात की है कि नगर निकाय कुल बजट व राजस्व प्राप्ति को श्रेणीकरण के हिसाब से खर्च करें। कई निकायों में अक्सर चुनाव से पहले नेता व पार्षद, सभासद बजट की अनुपलब्धता के बावजूद कई घोषणाएं कर देते हैं। इससे या तो वे घोषणाएं पूरी नहीं हो पाती या फिर कम बजट के बावजूद बड़ी योजनाएं निकायों पर बोझ बन जाती हैं। शहरी विकास विभाग के स्तर से नगर निकायों के लिए बजट खर्च, राजस्व प्राप्ति की नीति तैयार की जा रही है। यह नीति भविष्य में कैबिनेट में लाई जाएगी। कैबिनेट की मुहर के बाद यह अस्तित्व में आ जाएगी।
इतना बजट देती है सरकार..
आपको बता दे कि सरकार हर बजट में नगर निकायों को 10-10 करोड़ रुपये का प्रावधान करती है। अनिर्वाचित निकायों बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री के लिए दो-दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाता है। 2023 के बजट में भी नगर निगमों के लिए सरकार ने 392 करोड़ 96 लाख, नगर पालिकाओं के लिए 464 करोड़ 37 लाख, नगर पंचायतों के लिए 114 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया था। इस साल के बजट में भी कमोबेश ऐसे ही बजटीय प्रावधान किए गए हैं। नए निकायों को सीधे 10-10 करोड़ दिए जाते हैं। अनिर्वाचित निकाय बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री को दो-दो करोड़ का बजट दिया जाता है। दूसरी ओर, केंद्रीय वित्त आयोग से भी निकायों को करीब 450 करोड़ मिलते हैं।
ग्रामीण सीएचसी में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा..
उत्तराखंड: पर्वतीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। पहाड़ों में 80 हजार की आबादी पर एक सीएचसी होना चाहिए। इसके अनुसार पहाड़ में 44 सीएचसी की कमी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी हेल्थ डायनमिक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यमून रिसोर्स) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है।
आपको बता दे कि पर्वतीय क्षेत्रों के सीएचसी में सर्जन, बाल रोग, ग्यानाक्लोजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट के 245 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। इनमें 48 ही कार्यरत हैं जबकि 197 पद खाली चल रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर सीएचसी में ग्यानाक्लोजिस्ट डॉक्टर कार्यरत नहीं है। 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 44 सीएचसी थे, जो बढ़कर 49 हो गए हैं। वही प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कराने की सुविधा है, लेकिन पीजी करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का लाभ ग्रामीण उत्तराखंड को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1,240 पद सृजित हैं। इसमें लगभग पांच सौ ही विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं। उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कमी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2027 तक प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की पहली बार मेजबानी करेगा उत्तराखंड..
उत्तराखंड: प्रदेश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। आयुष मंत्रालय ने इस बार आयोजन की मेजबानी उत्तराखंड को सौंपी है। 12 से 15 दिसंबर तक एफआरआई देहरादून में सम्मेलन प्रस्तावित है। इसके लिए आयुर्वेद विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सम्मेलन में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयुर्वेद संस्थानों के विशेषज्ञ, आयुष फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधि आयुष चिकित्सा व संभावनाओं पर मंथन करेंगे।
बीते वर्ष दिसंबर माह में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद प्रदेश सरकार अब अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन कराने की तैयारियों में है। आयुष मंत्रालय के सहयोग से प्रदेश में यह पहला आयोजन होगा। सम्मेलन में 8 से 10 देशों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। इसके साथ ही देश में प्रसिद्ध आयुष चिकित्सा एवं शोध संस्थानों के विशेषज्ञ, आयुष फार्मा कंपनियां अलग-अलग सत्रों में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने पर मंथन करेंगे।
इस सम्मेलन से उत्तराखंड को आयुष हब के रूप में विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी विशेषज्ञों से मिलेंगे। सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड में आयुष एवं वेलनेस क्षेत्र में निवेश के लिए कंपनियों के साथ एमओयू कराने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन के लिए तैयारियां चली है। सम्मेलन के लिए एफआरआई में स्थान चयनित किया गया। इसके लिए देश दुनिया से आने वाले प्रतिनिधियों की सूची तैयार की जा रही है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मिले अनिल बलूनी, एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का किया अनुरोध..
उत्तराखंड: गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों को हवाई सेवाओं का विस्तार देने की मांग को लेकर भाजपा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से गढ़वाल की एयर कनेक्टिविटी में विस्तार के लिए अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस दिशा में जानकारी जुटा कर जल्द कार्रवाई करेंगे।
मुलाकात के दौरान बलूनी ने केंद्रीय मंत्री को एक पत्र भी सौंपा। उन्होंने आग्रह किया कि उड़ान योजना के तहत गढ़वाल लोक सभा क्षेत्र के रामनगर, लैंसडौन, पौड़ी, गोपेश्वर और जोशीमठ को देहरादून से हेली सेवा से जोड़ने पर विचार किया जाए। उन्होंने गौचर (चमोली) हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण में आ रही अड़चनों को भी दूर करने की मांग की। उनका कहना हैं कि हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण होने से इस क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी में सुधार होगा। गढ़वाल सांसद ने मंत्री को कहा कि भौगौलिक दृष्टि से गढ़वाल एक ऐसी लोकसभा है जिसमें 14 विधानसभाएं आती हैं। इसके कई क्षेत्र देश के दुर्गम इलाकों में शुमार होते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस लोकसभा क्षेत्र के कई इलाकों से संपर्क टूट जाता है। सड़क मार्ग अकसर प्रभावित होता रहता है। इस कारण यहां से पलायन की समस्या भी काफी गंभीर होती जा रही है। इसलिए ऐसे इलाकों में एयर कनेक्टिविटी की काफी जरूरत है। गढ़वाल सांसद की मांग पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए सभी मांगों पर जल्दी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड परिवहन निगम दिल्ली मार्ग पर चलाएगा 70 सीएनजी बसें..
उत्तराखंड: परिवहन निगम राज्य के विभिन्न शहरों से दिल्ली के लिए 70 सीएनजी बसें अनुबंध पर संचालित करेगा। इसके लिए निगम ने निविदा जारी कर दी है। दिल्ली में बीएस-4 वाहनों का प्रवेश अक्तूबर से बंद होने जा रहा है, जिसके उपाय के तौर पर ये निर्णय लिया गया है। परिवहन निगम के पास बड़ी संख्या में बीएस-4 बसें हैं। चूंकि दिल्ली में इनका प्रवेश बंद हो जाएगा, इसलिए दिल्ली की सेवा प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए ही निगम ने 150 बसें खरीदी थीं, जो कि अगले महीने से मिलनी शुरू हो जाएंगी। अब 70 सीएनजी बसें भी चलाने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। 18 सितंबर तक टेंडर डाला जा सकता है।
आपको बता दे कि अनुबंध की अवधि छह वर्ष होगी, जिसे बाद में एक वर्ष बढ़ाया जा सकेगा। निगम 5.20 किलोमीटर प्रति किलोग्राम की दर से सीएनजी उपलब्ध कराएगा। निगम के सभी खर्च निकालने के बाद बस संचालन से हुए लाभ में से बस मालिक को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अगर सभी खर्च निकालने के बाद हानि होती है तो उसे भी बस मालिक से साझा किया जाएगा।
जानिए किस मार्ग पर चलेंगी कितनी सीएनजी बसें..
देहरादून-दिल्ली 13, हरिद्वार-दिल्ली 07, ऋषिकेश-दिल्ली 06, कोटद्वार-दिल्ली 01, रुड़की-दिल्ली 10, हल्द्वानी-दिल्ली 12, रामनगर-दिल्ली 05, रुद्रपुर-दिल्ली 07, काशीपुर-दिल्ली 05, टनकपुर-दिल्ली 04