कांवड़ यात्रा को लेकर SHO ने दिए ये निर्देश, ड्रोन से होगी मंदिरों की निगरानी..
उत्तराखंड: आगामी 22 जुलाई को कांवड़ यात्रा की शुरुवात होने जा रही है। यात्रा को लेकर उत्तरकाशी पुलिस ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया हैं। बुधवार को SHO धरासू ने अधीनस्थों की मीटिंग लेकर जरुरी दिशा-निर्देश दिए। धरासू के प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार ने थाना धरासू पर नियुक्त सभी पुलिसकर्मियों की मीटिंग ली। बैठक में उनके द्वारा कांवड यात्रा के सकुशल संचालन को लेकर पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी द्वारा दिये गये आदेश-निर्देशों से सभी को अवगत कराते हुये ड्यूटी सम्बन्धी अन्य जरुरी दिशा- निर्देश दिए।
पुलिसकर्मियों को दिए ये दिशा निर्देश..
कांवड यात्रा के बीच नजर नगुण बैरियर, धरासू बैंड व स्यासूं में अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुये आपसी समन्वय के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए।
पहाड़ी मार्ग पर सुरक्षा को देखते हुए कांवडियों को वाहनों की छत पर न बैठने देने और लाउडस्पीकर का प्रयोग न करने और कम ध्वनि में लाउडस्पीकर बजाने के सम्बन्ध में कांवडियों को जागरुक करने के निर्देश दिए।
मार्ग अवरुद्ध और अन्य आपातकालीन स्थिति में कांवडियों को सुरक्षित स्थान पर रुकवाने के निर्देश दिए।
थाना क्षेत्र में लगे भण्डारा स्थलों को समय-समय पर चैक कर उनमें सीसीटीवी कैमरे अथवा सुरक्षा सम्बन्धी अन्य उपायों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
व्यवहारिक प्रशिक्षण कर रहे रिक्रूट आरक्षियों को ड्यूटी सम्बन्धी जरुरी दिशा-निर्देश देते हुए कांवडियों के साथ सभ्य व्यवहार के साथ-साथ उनकी हर सम्भव मदद करने के निर्देश दिये गये।
नवंबर तक भट्ट के हाथों में रहेगी उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान..
उत्तराखंड: भाजपा को नया अध्यक्ष नवंबर महीने में मिलेगा। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार पार्टी ने सांगठनिक चुनाव की योजना तैयार कर ली है। देहरादून में हुई विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया अगस्त से शुरू होकर दिसंबर में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ समाप्त होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में पार्टी का सदस्यता अभियान 1 अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलेगा। इसके बाद, 16 अगस्त से 30 अगस्त तक सक्रिय सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्यों का सत्यापन अभियान आयोजित किया जाएगा।
सदस्यता अभियान के समापन के बाद चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ होगी। मंडल अध्यक्षों के चुनाव 1 नवंबर से शुरू होंगे और यह प्रक्रिया 15 नवंबर तक जारी रहेगी। 16 नवंबर से 30 नवंबर के बीच जिलाध्यक्षों के चुनाव होंगे और इसी दौरान नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन भी किया जाएगा। दिसंबर माह में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगले एक-दो दिनों में पार्टी सदस्यता अभियान को संचालित करने के लिए प्रदेश प्रमुख और सह प्रमुखों की नियुक्ति की जाएगी। इन्हीं अधिकारियों की देखरेख में सदस्यता अभियान को संचालित किया जाएगा।
चारधाम यात्रा पर आईआईएम रोहतक ने प्रस्तुत की स्टडी रिपोर्ट, सीएस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम की धारण क्षमता पर आईआईएम रोहतक की रिपोर्ट की समीक्षा कर सुगम सुरक्षित यात्रा का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा सचिवालय में मंगलवार को आईआईएम रोहतक के निदेशक व उनकी टीम द्वारा चारधाम यात्रा की धारण क्षमता तथा एसओपी को सुधारने तथा श्रद्धालुओं हेतु यात्रा को अधिकाधिक सुखद, सुगम व सुरक्षित बनाने हेतु तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट पर गहन चर्चा की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सुगम व सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु बनने वाले एक्शन प्लान के लिए चारों धामों की धारण क्षमता के सटीक आकलन का प्रयास किया जाए। एक्शन प्लान में श्रद्धालुओं हेतु चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था, यात्रा के प्रभावी प्रबंधन एवं मॉनिटरिंग तथा स्थानीय इकोलॉजी को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने जैसे मुद्दों का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक्शन प्लान में सड़कों की स्थिति में सुधार, ट्रैफिक जाम, कपाट खुलने के बाद धामों में प्रथम 40 दिनों में ओवरक्राउडिंग की समस्या के समाधान, श्रद्धालुओं की फीडबैक की व्यवस्था को प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को सरल बनाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान कार्ड आधारित पंजीकरण प्रणाली तथा आधार आधारित पंजीकरण पर चर्चा की गई। इसके साथ ही चारधाम यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा की दृष्टिगत एक एसएमएस मौसम अपडेट प्रणाली लागू करने, यात्रारुट पर पीपीपी मॉडल या सीएसआर के तहत मेडिकल सुविधा प्रदान करने, धामों में भीड़ नियंत्रण हेतु बैच वाइज दर्शन व्यवस्था को लागू करने और पार्किंग कैपेसिटी की समीक्षा करने पर भी चर्चा की गई।
भारतीय नौसेना द्वारा नैनीझील का बाथमीट्रिक सर्वेक्षण शुरू..
उत्तराखंड: अपनी खूबसूरती और झीलों के लिए नैनीताल देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है। नैनीझील नैनीताल के आकर्षण का केंद्र है। नैनीझील अपने-आप में कई रहस्य अपने-आप में समाए हुए हैं। आज तक कई रहस्य ऐसे हैं जिनको सुलझाया नहीं जा सका है। इन्हीं रहस्यों को सुलझाने के लिए भारतीय नौसेना जुट गई है।
नैनीझील के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने के लिए भारतीय नौसेना झील में उतर गई है। भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देशों के बाद नैनी झील का बाथमीट्रिक सर्वे शुरू हो गया है। भारतीय नौसेना नैनी झील का बाथमीट्रिक सर्वे कर रही है। इस सर्वे का उद्देश्य नैनी झील की गहराई, पानी के नीचे की स्थलाकृति के बारे में सबसे सटीक जानकारी इकट्ठा करना है।
आपको बता दें कि सर्वे भारतीय नौसेना के पोत आइएनएस सर्वेक्षक की सर्वे टीम द्वारा किया जा रहा है। इस टीम का नेतृत्व इएनएस सर्वेक्षण के कमान अधिकारी कैप्टन त्रिभुवन सिंह कर रहे हैं। जो कि डीएसबी परिसर के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। कमान अधिकारी कैप्टन त्रिभुवन सिंह के साथ ही टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर दीपक बिष्ट और पांच नाविक भी शामिल हैं।
उत्तराखंड के इन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट, नदियों का जलस्तर बढ़ने के आसार..
उत्तराखंड: प्रदेश के पर्वतीय जिलों के कुछ इलाकों में आज मंगलवार को भी भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत पौड़ी, नैनीताल और बागेश्वर जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के कुछ भागों में कई दौर की तेज बारिश होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है आने वाले दिनों में प्रदेश के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी भारी बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ेगा। पौड़ी में हरेला पर्व पर भी बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक, जूनियर व माध्यमिक स्कूल बंद रहेंगे। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के चलते डीएम पौड़ी डा. आशीष चौहान ने कक्षा एक से 12वीं तक समस्त सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थान बच्चों के लिए बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
कांवड़ यात्रा- रूट, डायवर्जन और पार्किंग, QR कोड से एक झटके में मिलेगी सब जानकारी..
कांवड़ियों के लिए इस बार जबर्दस्त व्यवस्था..
उत्तराखंड: कांवड़ मेले में यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारी कर दी है। कांवड़ यात्रियों को रूट और पार्किंग की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराने के लिए क्यूआर कोड जारी कर दिया गया है। पुलिस टीमें विभिन्न राज्यों में भेजी गई हैं, जहां पुलिसकर्मी क्यूआर कोड से संबंधित पंपलेट बांटकर कांवड़ यात्रियों को जागरूक कर रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल का कहना हैं कि पंपलेट वितरित करने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया। टीम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में पंपलेट वितरण कर रही हैं। कहा कि पिछले साल की तर्ज पर इस बार भी क्यूआर कोड स्कैन करते हुए कांवड़ मेले के डिजिटल पेज से रूट और पार्किंग की जानकारी कांवड़ यात्रियों को मिल सकेगी।
टीमें हरबर्टपुर, पौंटा साहेब, नाहन, सिरमौर, मुज्जफरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, सोनीपत, पानीपत, देवबन्द, गागलहेड़ी, छुटमलपुर, यमुनानगर, अम्बाला, नजीबाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, हापुड, गाजियाबाद, बुलंद शहर, नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम जाकर पंपलेट वितरण कर रही हैं। एसपी यातायात पंकज गैरोला ने बताया कि बस अड्डा व रेलवे स्टेशन सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी पंपलेट चस्पा किए जा रहे हैं।
उर्जा देने में टिहरी बांध का बड़ा योगदान-केंद्रीय ऊर्जा मंत्री खट्टर..
उत्तराखंड: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने टिहरी बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माणाधीन पीएसपी (पम्प स्टोरेज प्लांट) परियोजना की प्रगति पूछी। कहा कि राष्ट्र को उर्जा और जल, सिंचाई के क्षेत्र में देश के लिए टिहरी बांध का महत्वपूर्ण योगदान है। केंद्रीय मंत्री का कहना हैं कि पीएसपी बनने से टिहरी बांध अपनी सम्पूर्ण क्षमता 2400 मेगावाट विधुत उत्पाद शुरू कर देगा। टीएचडीसी ने सीएमडी आरके विश्नोई, निदेशक (तकनीक) भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह, अधिशासी निदेशक टिहरी परियोजना एलपी जोशी ने कहा कि पीएसपी प्रोजेक्ट के सिविल कार्य लगभग पूरे हो गए हैं। परियोजना की पहली दो यूनिट (250*2=500 मेगावाट) की कमीशनिंग अगस्त माह में होने की संभावना है। 1000 मेगावाट की पीएसपी परियोजना देश के पहली परियोजना है जो पानी को रिवर्स कर विद्युत उत्पादन करेगी।
कुमाऊं कमिश्नर ने प्राधिकरण ऑफ़िस और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर मारा छापा..
उत्तराखंड: एसडीएम कोर्ट परिसर में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने की छापेमारी कमिश्नर दीपक रावत ने की छापेमारी से एसडीएम कोर्ट के कर्मचारियों और वहां मौजूद वकीलों में हड़कंप मच गया। इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने एसडीएम कोर्ट स्थित एसडीएम कार्यालय, सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय और प्राधिकरण के कार्यालय में निरीक्षण किया, और वहा हो रहे कामकाज के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा समय-समय पर इस तरह के छापेमारी बेहद जरूरी है क्योंकि सरकारी ऑफिस में तैनात कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर इस समय आते हैं और जनहित के कार्य को वह कैसे करते हैं इसके बारे में पता लगता है। फिलहाल कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत प्राधिकरण के कार्यालय में छापेमारी कर रहे है। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और प्राधिकरण सचिव भी मौजूद हैं।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग करें अधिकारी-एसीईओ..
उत्तराखंड: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बीच उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) संभावित भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी कराएगा। यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचकर मानसून को लेकर प्रदेशभर की स्थिति का जायजा लेने के बाद ये निर्देश दिए। उन्होंने आगामी कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए। शुक्रवार को स्वरूप ने यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम से मानसून के चलते बंद राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों तथा ग्रामीण सड़कों के संबंध में जानकारी ली। जीआईएस के माध्यम से भूस्खलन क्षेत्रों का जायजा लिया। उनका कहना हैं कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ एनएच पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे भूस्खलन का स्थायी समाधान किया जाएगा। जल्द यूएसडीएमए तथा यूएलएमएमसी की टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी। जिन भूस्खलन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट का कार्य पूर्व में किया जा चुका है। संबंधित विभाग वहां नियमित तौर पर निगरानी करें। जिससे कहीं फेंसिंग टूटी हो या अन्य टूट-फूट हो तो समय रहते उसकी मरम्मत की जा सके।
कांवड़ तैयारियों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी..
एसीईओ आनंद स्वरूप ने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर भी संबंधित जिलों से उनके स्तर पर की जा रही तैयारियों को लेकर यूएसडीएमए के विशेषज्ञों से चर्चा की। उन्होंने चिकित्सा शिविरों की क्षमता, जल भराव से निपटने के लिए संसाधनों की उपलब्धता, विभिन्न स्नान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इंतजाम व शौचालयों की व्यवस्था को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मंगाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) राजकुमार नेगी का कहना हैं कि कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस व हरिद्वार जिला प्रशासन की एसओपी, प्लान का अध्ययन कर लिया गया है। यूएसडीएमए यात्रा के सफल संचालन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए है।
कांवड़ यात्रा की नभनेत्र ड्रोन से निगरानी..
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपने नभनेत्र ड्रोन से कांवड़ यात्रा की निगरानी करेगा। एसीईटो आनंद स्वरूप ने कहा कि यूएसडीएमए को ड्रोन चालक मिल चुके हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग व प्रमुख स्थलों की सतत निगरानी की जाएगी। इसके जरिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ आदि की स्थिति की भी निगरानी की जाएगी। बता दें कि नभनेत्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो ऑटोमेटिक है। रात को भी उड़ान भरने में सक्षम है। थर्मल कैमरा के जरिए रात में भी फोटो व वीडियो शूट कर सकता है। यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम में इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा सकेगी।
नदियों पर बने पुलों को बारिश और बाढ़ से बचाने के लिए एसओपी जारी, हुए ये प्रावधान..
उत्तराखंड: प्रदेश में नदियों पर बने पुलों को भारी बारिश और बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए शासन ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत नदियों पर बने पुल के 100-100 मीटर तक अप स्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। जहां नदी घुमावदार होगी, वहां 200-200 मीटर खनन कार्यों पर पाबंदी रहेगी। यही प्रतिबंध उस स्थिति में होगा जहां 200 मीटर की परिधि में दो पुल होंगे। पुलों की सुरक्षा के लिए पुलों की ऊपरी धारा (अप स्ट्रीम) क्षेत्र में रिवर ट्रेनिंग व फ्लड प्रोटेक्शन का कार्य सिंचाई विभाग कराएगा। एसओपी के तहत तय मानकों के विपरीत गतिविधियों में खनन विभाग कार्रवाई करेगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने एसओपी जारी की है। आपको बता दें कि पिछले साल मानसून के दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई पुलों को नुकसान हुआ था। कई पुलों को बाढ़ से हुए नुकसान के पीछे नदी के अपस्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में खनन को भी प्रमुख वजह बताया गया था। इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए विभाग ने एसओपी तैयार की है। मल्टी स्पान पुलों की सुरक्षा के लिए नदियों में पुलों के अपस्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में 500-500 मीटर तक खनन कार्य नहीं हो सकेंगे।
सिंचाई विभाग करेगा नदियों में चैनेलाइजेशन का काम..
नदियों में स्थित पुलों की सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग अप और डाउन स्ट्रीम में चैनेलाइजेशन का काम करेगा। जल बहाव को चैनेलाइज करने का कार्य बारिश से पहले कराया जाएगा। ऐसे मामलों में वन विभाग और राजस्व विभाग पूर्ण सहयोग करेंगे। राजस्व व वन भूमि के क्षेत्र में जो पुल स्थित होंगे, वहां उनके आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन रोकने का कार्य दोनों विभागों का होगा। खनन विभाग को खनन पट्टों की सूचना लोनिवि, वन व सिंचाई विभाग को अनिवार्य रूप से देनी होगी।
निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे..
पुलों के आसपास प्रतिबंधित सीमा तक खनन रोके जाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला खनन निधि से संबंधित जिलाधिकारी बजट की व्यवस्था करेंगे।