रुद्रप्रयाग जनपद में पांच युवाओं ने मद्महेश्वर घाटी में खोजा 78 किमी लंबा ट्रैकिंग रूट..
उत्तराखंड: चोपता-बिसुड़ीताल-खमदीर-नंदकुंड-मद्महेश्वर ट्रैकिंग रूट दुर्गम है और इस पर ग्लेशियर, झीलें और कई किमी तक फैला पथरीला भू-भाग है। आने वाले दिनों में यह देश-विदेश के ट्रैकर की पसंद बन सकता है। युवाओं ने कुछ समय पूर्व इस ट्रैक को गूगल मैप पर देखा था। इसके बाद उन्होंने इस ट्रैक की भौतिक स्थिति जानने के लिए डिजिटल मैप तैयार किया और इसकी मदद से इस ट्रैक को खोज निकाला। मद्महेश्वर घाटी के गौंडार गांव के अभिषेक पंवार व अजय पंवार, बडाूस गांव के संजय नेगी, नई टिहरी बडियारगढ़ के विनय नेगी और डांगी गांव के विपिन सिंह ने नए ट्रैक की खोज की है।
यह पर्यटक स्थल चोपता को द्वितीय केदार मद्महेश्वर से जोड़ रहा है। 20 सितंबर को पांच सदस्य दल ने पर्यटक स्थल चोपता से नए ट्रैक खोज अभियान की शुरुआत की। पहले दिन तीन किमी की दूरी तय कर दल रात्रि प्रवास के लिए मर्तोली पहुंचा। 21 सितंबर को सुबह छह बजे पांच सदस्यीय दल मर्तोली से आगे बढ़ा और कई नदी नालों को पार करते हुए 15 किमी की दूरी तय कर चित्रा वड्यार पहुंचा। 22 सितंबर को दल चित्रा बड्यार से डिजिटल मैप की मदद से आगे बढ़ते बुग्याली छोटे-छोटे मैदानों व घाटियों के बीच स्थित बिसुड़ीताल होते हुए दवा मरूड़ा पहुंचा। 23 सितंबर को दल दवा मरूड़ा से आगे बढ़ते हुए दुर्गम राह पार करते हुए अजय पास पहुंचा। 24 सितंबर को युवाओं का दल अजय पास से अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज भरतकुंड, केदारनाथ, केदारडोम, खर्च कुंड, भागीरथी, मंदानी पर्वती, सतोपंथ, जन्हुकुंड, चौखंभा का दूर से दीदार करते हुए डगडनियाल खाल पहुंचा। यह पूरा क्षेत्र पथरीला है और यहां पत्थरों की शिलाएं हैं।
खास बात यह है कि क्षेत्र चमोली और रुद्रप्रयाग जिले की सीमा से लगा है। यहां से आगे खमदीर है, जो समुद्रतल से 4500 मीटर की ऊंचाई पर है। पूरे क्षेत्र में बड़े-बड़े पहाड़ जैसा भूखंड है। खमदीर के निचले हिस्से में ट्री लाइन शुरू होती है। यहां से शेषनाग कुंड से नंदी कुंड होते हुए दल पांडवसेरा से काच्छिनी खाल से नीचे उतरे हुए द्वितीय केदार मद्महेश्वर पहुंचा। पांच सदस्यीय ट्रैकिंग दल में शामिल विनय नेगी ने चोपता-बिसुड़ीताल-खमदीर-नंदकुंड-मद्महेश्वर ट्रैक के तीन डिजिटल मैप तैयार किए। मैप में पूरे ट्रैकिंग रूट के एक-एक बिंदु को दर्शाया गया, जिससे कोई दिक्कत न हो।
दल में शामिल गौंडार निवासी अभिषेक पंवार ने कहा कि ट्रैक के बारे में पूरी रिपोर्ट वन विभाग और पर्यटन विभाग को दी जाएगी, जिससे ट्रैक को लेकर विभागीय स्तर पर जरूरी कार्रवाई की जाए। पांचों युवा बीते वर्ष मद्महेश्वर घाटी में एक सरोवर की खोज भी कर चुके हैं, जिसे उन्होंने शिव सरोवर नाम दिया था। यह सरोवर मद्महेश्वर-पांडवसेरा-नंदकुंड-घिया विनायक पास-पनपतिया ट्रैकिंग सर्किट पर स्थित है। वर्ष 2022 में 27 अगस्त को युवाओं ने अपना ट्रैकिंग अभियान शुरू किया था और एक सितंबर को ताल की खोज की थी।
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को ऐतिहासिक बनाएंगे- खेल मंत्री..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों की तारीख तय होने पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा है कि हम खेलों की मेजबानी को ऐतिहासिक और बेहतरीन बनाकर दिखाएंगे। राष्ट्रीय खेलों के साथ विंटर नेशनल गेम का भी आयोजन होगा। राज्य ने का दावा किया कि ज्यादातर खेलों को विश्वस्तरीय स्थायी बुनियादी व्यवस्था में कराने की रूपरेखा और अधिकांश तैयारियां हो चुकी हैं। भारतीय ओलंपिक संघ की 25 अक्तूबर को प्रस्तावित बैठक के बाद खेल प्रतियोगिताओं के लिए स्थान चयन, भव्य आयोजन व अन्य प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। खेल निदेशालय का कहना है कि हमें अपनी तैयारियों को मुकम्मल करने का पर्याप्त समय मिल गया है।
खेल निदेशालय के अनुसार राष्ट्रीय खेलों में 38 प्रतियोगिताओं के लिए उत्तराखंड के नौ शहरों का चयन किया गया है। इनमें देहरादून और हल्द्वानी में सबसे अधिक प्रतियोगिताएं होंगी। इनके साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, टिहरी, पिथौरागढ़, रुद्रपुर और गुलरभोज में प्रतियोगिताएं कराया जाना प्रस्तावित है। इन जगहों पर ऐसे स्टेडियम और संसाधन विकसित किए जा रहे हैं, जिनसे खेलों के समापन के बाद भी राज्य के खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय स्टेडियम, मैदान आदि सुविधाएं मिलती रहें। रेखा आर्य का कहना हैं कि यहां प्रदेश हित में बड़ा मौका है। यह हर उत्तराखंड के निवासी के लिए गर्व का विषय है। हम 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को ऐतिहासिक और बेहतरीन करके दिखाएंगे।
सरकार ने हाउस ऑफ हिमालया के विस्तार के लिए कंपनियों के साथ किया एमओयू साइन..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून स्थित एक निजी होटल में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की ओर से इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया। जिसमे शामिल होने पहुंचे वाणिज्य सचिव, भारत सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयाज के प्रोत्साहन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए चर्चा की। इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट में शामिल होने के बाद वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मुख्यमंत्री आवास में सीएम धामी से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट का केंद्र बनाने के लिए सरकार तमाम योजनाओं पर काम कर रही है।प्रदेश के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज का शुभारंभ किया गया है। राज्य में जैविक खेती, जीआई-टैग उत्पादों को बढ़ावा देने और राज्य के उत्पादों को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए एपीडा की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
वहीं भारत सरकार के सचिव सुनील बर्थवाल का कहना हैं कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), वाणिज्य मंत्रालय की ओर से पहली बार किसी राज्य में इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग शामिल हुए।जिसमें से उत्तराखंड के मुख्य एग्रो प्रोसेसिंग और एलाइड इंडस्ट्री के सीईओ शामिल हुए। सचिव सुनील बर्थवाल ने इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के आयोजन में राज्य सरकार के सहयोग के लिए सीएम का आभार जताया।
सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान उत्तराखंड राज्य के जलवायु अनुरूप यहां कृषि, बागवानी को बढावा देने की संभावना पर विस्तार से चर्चा की गई। उत्तराखंड के कृषि उत्पादों के निर्यात, जैविक खेती और जीआई-टैग उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी कई नीतिगत निर्णय लिए गए। चाय विकास एवं संवर्धन योजना (2023-2026) के तहत प्रदेश के छोटे चाय उत्पादकों को जैविक खेती और उद्योग लगाने के लिए वित्तीय सहायता देने पर भी चर्चा की गई है। इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान सचिव सुनील बर्थवाल ने हाउस ऑफ हिमालयाज के कार्ट (मोबाइल स्टोर) का उद्घाटन किया।
इसके साथ ही उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का ब्रांड “हाउस ऑफ हिमालयाज” को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए तमाम कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया गया। “हाउस ऑफ हिमालयाज” और लुलु ग्रुप के बीच उत्तराखंड के उच्च गुणवत्ता वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने और निर्यात को बढावा देने, हाउस ऑफ हिमालयाज” और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप पैकेजिंग मानकों में सुधार लाने, “हाउस ऑफ हिमालयाज” और स्पाइसेस बोर्ड के बीच उत्तराखंड में स्थानीय मसालों की खेती को बढ़ावा देने और उनकी मैन्युफैक्चरिंग कर वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एमओयू साइन किया गया।
रुद्रपुर में अवैध मदरसे पर हुई कानूनी कार्रवाई, अब मदरसा बोर्ड ने शुरू की हेल्पलाइन..
उत्तराखंड: मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के निर्देश पर रुद्रपुर में संचालित एक अवैध मदरसे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने रुद्रपुर के मदरसे में नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोपी मौलाना के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बीती 24 अगस्त को पत्र लिखा था।
इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट ने जांच के पश्चात अवैध मदरसे के मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी है। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की है।कासमी ने कहा कि यदि किसी अन्य मदरसे में, चाहे यह उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के तहत पंजीकृत हो या नहीं, शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। उन्होंने राज्य के सभी मदरसा अधिकारियों से सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने और शैक्षिक मानकों को बनाए रखने को कहा है।
हेल्पलाइन की निगरानी बोर्ड करेगा..
अध्यक्ष कासमी ने कहा कि राज्य के सभी मदरसों में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक मदरसा हेल्पलाइन शुरू की है। 9927741686 नंबर पर व्हाट्सएप की कोई भी शिकायत कर सकता है। इसकी निगरानी अध्यक्ष कार्यालय से होगी।
हल्द्वानी शहर में ढाई लाख की आबादी जल को तरसी..
उत्तराखंड: गौलावार नहर को बचाने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराने के कारण मंगलवार को शीशमहल फिल्टर प्लांट बंद रखना पड़ा। इससे शहर की ढाई लाख आबादी के सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया। हालात ये हो गए कि पेयजल संस्थान को पानी के टैंकर भेजने पड़े, मगर वे नाकाफी साबित हुए। संकट अभी खत्म नहीं हुआ, कार्य पूरा होने पर बुधवार शाम को ही पानी सप्लाई चालू होने की उम्मीद है। गौलावार नहर का करीब 40 मीटर हिस्सा बारिश के कारण खराब हो गया है। नहर से सटी भूमि की मिट्टी बहने से नहर असुरक्षित हो गई है। इस कारण नहर में पानी का प्रवाह का स्तर काफी कम कर दिया गया था। इस कारण प्लांट को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या से निपटने और नहर को सुरक्षित करने के लिए सिंचाई विभाग सुरक्षात्मक कार्य करा रहा है। यह कार्य मंगलवार सुबह शुरू होकर देर रात चलते रहे।
नहर में मरम्मत कार्य के चलते गौला बैराज से पानी रोक दिया गया। इसका सीधा असर शहर के आधे हिस्से में रहने वाले लोगों पर पड़ा। नैनीताल रोड, रामपुर रोड और कालाढूंगी रोड किनारे बसे इलाकों के साथ ही दमुवाढूंगा के मकानों व संस्थानों में पानी की सप्लाई मंगलवार को ठप हो गई। त्योहारी सीजन में पानी न आने से लोगों के जरूरी कामकाज प्रभावित रहे। पूरे दिन पानी की सप्लाई बंद रहने के कारण लोगों में जल संस्थान के खिलाफ नाराजगी भी उभर गई। हालात देखते हुए संस्थान ने कुछ इलाकों में टैंकर भेजे, मगर ये लोगों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित हुए। नहर की मरम्मत के चलते प्लांट को पानी नहीं मिला। बुधवार सुबह भी पानी नहीं मिल पाएगा। नहर का कार्य पूरा होने पर बुधवार शाम तक घरों में पानी पहुंच जाएगा।
सिल्ट के कारण एक महीने से प्रभावित है पेयजल आपूर्ति..
सितंबर में हुई बारिश से गौला नदी से नहर में काफी सिल्ट आ गई थी। इस वजह से भी नहर में काफी कम पानी सप्लाई किया जा रहा था और इसका सीधा असर शीशमहल फिल्टर प्लांट की जलशोधन क्षमता पर पड़ रहा था। यह प्लांट रोजाना 35 एमएलडी पेयजल मुहैया करा सकता है, मगर नहर कमजोर होने और सिल्ट भरने के कारण पानी सप्लाई कम होने के कारण 20 एमएलडी पानी ही लोगों तक पहुंचाया जा पा रहा था। इससे पेयजल योजना के अंतिम छोर के इलाकों में पानी की समस्या एक महीने से बनी हुई है। जगदंबानगर, कुल्यालपुरा, मुखानी समेत अन्य हिस्सों में यह संकट ज्यादा है।
हरियाणा में जीत पर सीएम धामी ने जताई खुशी, कहा- लगातार तीसरी बार मिली शानदार जीत..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा को हरियाणा में मिली जीत पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के सफल नेतृत्व और मार्गदर्शन में लगातार तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की प्रचंड जीत पर सभी परिश्रमी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। सीएम धामी ने कहा कि यह प्रचंड जीत पिछले 10 वर्षों में डबल इंजन सरकार द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्यों और सीएम नायब सैनी के ऊर्जावान नेतृत्व पर जनता द्वारा लगाए गए विश्वास की मुहर है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के विभागों का होगा कंजप्शन ऑडिट..
पांच साल का देना होगा लेखा-जोखा..
उत्तराखंड: राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस टीचिंग चिकित्सालय के 22 से अधिक विभाग और अनुभाग को पिछले पांच सालों में उपयोग किये गये सभी तरह के सामान का लेखा-जोखा देना होगा। इसके लिए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कंजप्शन ऑडिट कराने के लिए अस्पताल के प्रत्येक विभाग को पत्र भेजकर सूचना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मेडिकल कॉलेजों के ऑडिट के निर्देश के बाद यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा अमल में लाई गई हैं।
बेस चिकित्सालय में सर्जरी, आर्थो, गायनोकॉलोजिस्ट, पीडियाट्रिक, मेडिसिन, ईएनटी, रेस्पिरेटरी, रेडियोथेरेपी, डेंटल, स्कीन, रेडियोलॉजी और मनोरोग सहित अन्य विभाग और अनुभाग चल रहे हैं, जिसमें मरीजों के साथ-साथ कार्यालय, ओपीडी और आईपीडी के लिए उपयोग हेतु विभागों के क्लर्क और स्टोर कीपर द्वारा पेंसिल, पेन रजिस्टर से लेकर छोटी-बड़ी मशीनें, फर्नीचर, कंप्यूटर सामाग्री, दवाईयां और अन्य consumable और NON consumable वस्तुएं विभागाध्यक्षों की डिमांड पर मेडिकल और अस्पताल प्रशासन से ली जाती हैं।
उक्त सामान का समूचित रिकॉर्ड विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। स्टॉक रजिस्टर में अंकित सामान का पांच सालों में सभी रिकॉर्ड की जानकारी के लिए कॉलेज प्रशासन ने कंजप्शन ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि विभागों द्वारा अभी तक नियमानुसार उपभोग किये गये सामान की सही जानकारी मिल सके। यहीं नहीं उपभोग्य वस्तुएं और नोन उपभोग्य वस्तुएं दोनों प्रकार के सामानों का लेखा-जोखा स्टॉक रजिस्टर में अंकित करना होता है , जो कि प्रतिवर्ष विभागाध्यक्ष / प्रभारी द्वारा सत्यापित किया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि विभागों द्वारा ली गई सामाग्री का लेखा-जोखा अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया जाता है। प्रतिवर्ष के अंतिम माह में पूरा लेखा-जोखा विभागाध्यक्ष / इंचार्ज द्वारा सत्यापित व हस्ताक्षरित किया जाता है, जिसमें विभाग के क्लर्क एवं स्टोर कीपर पर संपूर्ण लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि विभागों को अभी तक लिए गए सभी प्रकार के सामानों का हिसाब-किताब बताना होगा।
डॉ. सीएमएस रावत का कहना हैं कि संस्थान द्वारा गठित कंजप्शन ऑडिट टीम द्वारा पिछले 5 वर्षों का प्रत्येक विभागीय ऑडिट 1 नवंबर, 2024 से शुरू किया जाना है। सभी विभागों को पांच सालों की स्टॉक रजिस्टर रिपोर्ट को नियमानुसार पूर्णत तैयार कर कंजप्शन ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत कना होगा। उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने उक्त कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं अगर लापरवाही बरती गई, तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सीएमओ ने किया जिला उप चिकित्सालय का औचक निरीक्षण..
उत्तराखंड: उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में अनियमितताओं और अव्यवस्थाओं के सम्बन्ध में मिल रही शिकायतों के बीच मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून ने उप चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उप जिला चिकित्सालय में हड़कंप मच गया। उन्होंने चिकित्सालय परिसर का बारीकी से निरीक्षण कर साफ-सफाई की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गंदगी का अंबार मिलने पर उन्होंने सीएमएस डॉ विजय सिंह को व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जरुरी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
निरीक्षण से मचा परिसर में हड़कंप..
सीएमओ डॉ संजय जैन ने ओपीडी, लैब, दवा वितरण कक्ष, प्रसव कक्ष व इमरजेंसी चिकित्सक कक्ष और जन औषधि केन्द्र का भी निरीक्षण किया। मीडिया से बातचीत में सीएमओ ने कहा कि मरीजों से अस्पताल से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली है। सीएमओ के औचक निरिक्षण से जिला उप चिकित्सालय में हड़कंप मच गया।
मंत्री धन सिंह ने किया गढ़ भोज दिवस का शुभारंभ,उत्तराखंडी भोजन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया कार्यक्रम..
उत्तराखंड: मंत्री धन सिंह ने गढ़ भोज दिवस का शुभारंभ किया। उत्तराखंड के परम्परागत फसलों और भोजन के उत्सव गढ़ भोज दिवस को उत्तराखंड के स्कूल, कालेजों, मेडिकल कॉलेज में वृहद रूप से मनाया गया। गढ़ भोज दिवस का मुख्य कार्यक्रम राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड में मनाया गया हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी, तत्व फाउंडेशन, आगाज फेडरेशन और पर्वतीय विकास शोध केंद्र के द्वारा आयोजित किया गया। गढ़ भोज दिवस के मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में कहा की कोदा, झंगोरा, कोणी जैसे मोटे अनाज आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में जाना जाने लगा है जिसे कभी गरीबों का खाना माना जाता था।
उत्तराखंड के परम्परागत भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने अद्वितीय कार्य किया इनके द्वारा शुरू किया गया अभियान आज पूरे देश में सराह जा रहा है। बता दें कि इस बार राज्य सरकार के द्वारा स्कूल, कालेजों, स्वास्थ्य विभाग और विश्वविद्यालय को पत्र जारी कर अनिवार्य रूप से गढ़ भोज दिवस मनाने के निर्देश जारी किए गए थे। मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि गढ़ भोज अभियान की वजह से ही गरीबों का अनाज माना जाने वाले श्री अन्ना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इसके साथ ही किसानों में भी जागरूकता बढ़ी है। उत्तराखंड के संदर्भ में पर्यटन और तीर्थाटन के बाद गढ़ भोज के रूप में मोटे अनाज हमारी आर्थिकी का बड़ा हिस्सा बन रहा है। जिससे हजारों परिवारों को रोजगार मिल रहा है। गढ़ भोज दिवस के आयोजन के बाद से संपूर्ण उत्तराखंड में मोटे अनाजों से बनाने वाले भोजन की धूम मची है। गढ़ भोज ने अपनी पहचान कायम की है आने वाले समय में राज्य भर में गढ़ भोज की किसकी कितनी जानकारी है, उसको लेकर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही गढ़ भोज दिवस को हर साल मनाया जाएगा।
उत्तरकाशी के नेलांग और जादुंग घाटी में किया गया बाइक रैली का आयोजन..
उत्तराखंड: भारतीय सेना ने भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे जादूंग गांव में पर्यटन और पुर्नवास मिशन शुरू किया है। इस अभियान के तहत सेना के 21 जवानों ने पहली बार समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नेलांग और जादूंग घाटी में बाईक रैली निकाली। गंगोत्री दर्शन के बाद यह रैली अब चमोली के नीती-मलारी घाटी के लिए रवाना हुई है।
केंद्र सरकार की सीमांत गांव को बसाने की योजना में अब भारतीय सेना ने पर्यटन और पुर्नवास को बढ़ावा देने का अभियान शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत जादूंग गांव से हुई है। इस गांव को दोबारा बसाने के लिए यहां पर होमस्टे का निर्माण शुरू हो गया है। इसी क्रम में ट्रैकिंग एजेंसी के संयोजक सूर्यप्रकाश ने कहा कि भारतीय सेना का 21 सदस्यीय बाइक रैली दल हर्षिल होते हुए जादूंग गांव पहुंचा। जहां भैरो घाटी से आगे नेलांग और जादूंग घाटी में इतिहास में पहली कोई बाईक रैली पहुंची होगी। इसमें सेना के जवानों के साथ एक निजि बाईक कंपनी की दो महिला राइडर सदस्य भी मौजूद थे।
जादूंग पहुंचने पर सेना के जवानों ने हर्षिल घाटी के गांव के युवाओं से सीमांत गांव को दोबारा बसाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सैन्य अधिकारियों का कहना हैं कि विरान पड़ चुके गांवों को दोबारा उसी स्वरूप में बसाना चाहिए, जिस शैली में पहले थे। तभी इनकी शोभा बढ़ेगी और यह आज की पीढ़ी के लिए पर्यटन के साथ नया अनुभव और जानकारी प्रदान करेगा। यह अभियान करीब 13 दिन तक चलेगा। इसमें बाईक पर ही सभी सीमांत गांवों का भ्रमण किया जाएगा। गंगोत्री दर्शन के बाद अब वह मलारी के लिए रवाना हो गए हैं।