जल्द नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, इस बार DM और SSP हटेंगे..
उत्तराखंड: प्रदेश में उपचुनाव के बाद नौकरशाही में बड़ा फेरबदल होने की चर्चाएं हैं। उपचुनाव के बाद कई जिलों के एसपी-एसएसपी और डीएम बदले जाएंगे। बता दें कि हालहई में उत्तराखंड की नौकरशाही में फेरबदल किया गया। कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के दायित्व में फिर फेरबदल किया गया और उन्हें इधर से उधर किया गया। वहीं अब कई जिलाधिकारियों और जिले कप्तानों के तबादले जल्द हो सकते हैं।
आपको बता दे कि उत्तराखण्ड में उप चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कभी भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। हाल ही में 15 आईएएस समेत 17 अफसरों के दायित्वों में फेरबदल किया था। इसके बाद से अब जिलों में डीएम और पुलिस कप्तानों के तबादलों की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। इनके तबादलों पर प्रारंभिक कसरत भी शुरू हो चुकी है। कई ऐसे जिले हैं जहां जिलाधिकारी को एक ही जिले में टिके हुए दो या दो साल से अधिक का समय हो गया है। बात करें देहरादून की तो देहरादून डीएम सोनिका सिंह को भी 2 साल से ज्यादा हो गया है जिसके बाद अब खबर है कि कई जिलों के डीएम बदले जाएंगे। बात करें अन्य जिले पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के जिलाधिकारियों के भी दो-तीन माह बाद दो साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी भी कुछ महीने बाद रिटायर होने वाले हैं ऐसे में नया डीएम पदभार संभालेंगे।
उपचुनाव के लिए भाजपा ने ये प्रत्याशी उतारे मैदान मे..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी ने बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को अपना उम्मीदवार चुना है। भंडारी ने लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अब वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा ने मंगलौर विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भड़ाना इससे पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विधायक के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय भाजपा की सदस्यता ली थी, और तभी से यह अटकलें थीं कि उन्हें मंगलौर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पार्टी की पर्यवेक्षक टीमों ने बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के माध्यम से केंद्रीय चुनाव समिति को नाम भेजे गए थे। देर रात समिति ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी।
बद्रीनाथ और मंगलौर में होगी भाजपा के विजय रथ की परीक्षा..
जानिए किस पर दांव खेलेगी पार्टी?
उत्तराखंड: प्रदेश में भाजपा क्या दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी विजय गाथा लिख पाएगा? सियासी जानकारों का मानना है कि बद्रीनाथ और मंगलौर का चुनावी समर भाजपा के विजय रथ की कड़ी परीक्षा लेगा। चंपावत और बागेश्वर उपचुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में जीत से भाजपा के हौसले बुलंद है और इस बार वह मंगलौर विस के अभेद्य दुर्ग को भी भेदने की रणनीति पर काम कर रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बद्रीनाथ विस सीट पर कांग्रेस के हाथों शिकस्त मिली थी, लेकिन कांग्रेस की जीत की पटकथा लिखने वाले राजेंद्र भंडारी अब भाजपा में शामिल हैं। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गढ़वाल संसदीय सीट पर बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को 8254 वोटों से पीछे छोड़ा। हालांकि भंडारी के भाजपा में आने के बाद पार्टी इससे भी बड़ी लीड की उम्मीद कर रही थी।
आपको बता दे कि बद्रीनाथ सीट पर भाजपा के भंडारी पर ही दांव लगाने की ज्यादा संभावना है। लेकिन मुकाबले में कांग्रेस भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उपचुनाव में कांग्रेस के पास लोस चुनाव में मिली हार का हिसाब बराबर करने का मौका है। इस लिहाज से भाजपा के लिए बद्रीनाथ का समर आसान नहीं माना जा रहा है। मंगलौर विस सीट भाजपा ने कभी नहीं जीती। मुस्लिम और अनुसूचित जाति बहुल इस सीट पर बसपा और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी तो उतारे. लेकिन उसे कभी कामयाबी नहीं मिली। 2022 के चुनाव में पार्टी प्रत्याशी दिनेश सिंह पंवार को 18763 वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव में हरिद्वार संसदीय सीट के अंतर्गत मंगलौर से भाजपा 21 हजार वोट हासिल किए। लेकिन जीत के लिए 30 से 40 हजार वोटों की दरकार है। भाजपा के लिए इतने वोट जुटाने के लिए खास रणनीति बनानी होगी।
उत्तराखंड में पहली बार हुआ ऐसा, पूरे जिले में लागू नहीं हुई आचार संहिता..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विधानसभा उपचुनाव में पूरे जिले के बजाए केवल संबंधित विधानसभा में ही चुनाव आचार संहिता लागू हुई है। इससे पहले विधानसभा के पूरे जिले में आचार संहिता लागू होती थी। चुनाव आयोग ने जनवरी में नियमों में बदलाव किया था, जो अब लागू हो गया है। बता दे कि नए नियमों के तहत अगर किसी जिले में नगर निगम है तो वहां उप चुनाव होने पर केवल संबंधित विधानसभा क्षेत्र में ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी।
चूंकि, हरिद्वार जिले में दो नगर निगम हरिद्वार और रुड़की हैं, इसलिए यह नियम यहां लागू हो गया है। यहां केवल मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में ही आचार संहिता लागू हुई है। इस विधानसभा क्षेत्र में ही तीन साल से अधिक समय से जमे अफसर हटेंगे। इस क्षेत्र में होने वाले नए कार्यों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजेगी, जिस पर आयोग फैसला लेगा।
वहीं चमोली जिले में कोई नगर निगम नहीं है। लिहाजा, यहां की बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव के चलते पूरे जिले में आचार संहिता लागू कर दी गई है। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कहना हैं कि उपचुनाव में नए नियम प्रभावी हो गए हैं। 14 जून से उपचुनाव के नामांकन शुरू होने जा रहे हैं। 13 जुलाई को नतीजे आ जाएंगे, लेकिन संबंधित क्षेत्रों में आचार संहिता 15 जुलाई तक लागू रहेगी। इस दौरान लोकसभा चुनाव की भांति यहां सभी आचार संहिता संबंधी नियम लागू होंगे।