उत्तराखंड में एमबीबीएस-बीडीएस दाखिलों की काउंसलिंग फंसी, एचएनबी मेडिकल विवि ने की स्थगित..
उत्तराखंड: प्रदेश में एमबीबीएस, बीडीएस दाखिलों की नीट यूजी तीसरे चरण की काउंसलिंग लटक गई है। एचएनबी मेडिकल विवि को इसका सीट आवंटन शुक्रवार को करना था, लेकिन आवंटन के बजाए विवि ने अपरिहार्य कारणों से काउंसलिंग स्थगित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विवि के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। बता दे कि हाल ही में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को 100 सीटें मिली हैं। इसमें से 84 सीटें राज्य कोटे के तहत आवंटित की जानी थी। सरकार इस कॉलेज को पीपीपी मोड में संचालित करना चाहती है।
इसके लिए अंदरखाने यूपी के एक निजी विवि पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर ये नहीं पता कि पीपीपी मोड में कौन इस कॉलेज को संचालित करेगा। एमबीबीएस का शुल्क सरकारी लिया जाएगा या फिर संबंधित निजी विवि का शुल्क अलग होगा, निजी विवि पूरी सीटें सरकारी शुल्क पर भरेगा या फिर कुछ ही सीटें, ऐसे में अगर राज्य के मेधावियों को सीटें आवंटित हो गईं और शुल्क पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो बड़ी परेशानी पेश आ सकती है।
वही एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज शुक्रवार को शाम पांच बजे विवि एमबीबीएस सीट आवंटन की तैयारी में था। इस बीच एक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि इस मेडिकल कॉलेज की 15 प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटे की होंगी। लिहाजा, अब विवि को सीट आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करना होगा। 15 प्रतिशत सीटें अलग करके आवंटन करना होगा।
MBBS की पढ़ाई में हिंदी पाठ्यक्रम इसी सत्र से होगा लागू..
स्वास्थ्य मंत्री बोले-अंतिम चरण में तैयारी..
उत्तराखंड: प्रदेश के चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2023-24 से एमबीबीएस की पढ़ाई में हिंदी पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। हिंदी पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए गठित समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि एमबीबीएस हिंदी पाठ्यक्रम लागू करने के लिए तैयारी अंतिम चरण में है। अब मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी डॉक्टरी की पढ़ाई होगी। मध्य प्रदेश की तर्ज पर एमबीबीएस की पढ़ाई में हिंदी पाठ्यक्रम लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय समिति गठित की थी।
समिति में एनएचबी चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के रेडियोथेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दौलत सिंह शामिल थे। शुक्रवार को समिति ने हिंदी पाठ्यक्रम तैयार करने को सात पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। समिति ने मध्य प्रदेश में लागू हिंदी पाठ्यक्रम का विस्तृत अध्ययन किया।
एक साल पहले लिया गया था एमबीबीएस की पढ़ाई कराने का निर्णय..
बताया, उसी तर्ज पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों के लिए भी हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार किया है। चिकित्सा शिक्षा विवि ने अपनी शैक्षणिक एवं एकेडमिक समिति में हिंदी पाठ्यक्रम को पारित करने के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए शासन को भेज दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, राज्य में काफी छात्र-छात्राओं की स्कूली शिक्षा हिंदी माध्यम से हुई होती है। इसके चलते एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई के दौरान उनके सामने कठिनाई आती है। इसे देखते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी माध्यम के साथ हिंदी में भी एमबीबीएस की पढ़ाई कराने का निर्णय एक साल पहले लिया गया था। इसी शैक्षणिक सत्र से मेडिकल कॉलेजों में हिंदी पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।