रुद्रप्रयाग में “ओमिक्राॅन“ वैरिएंट के नियंत्रण को लेकर गाइडलाइन जारी..
रुद्रप्रयाग। कोविड-19 के दृष्टिगत जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के नए वैरिएंट “ओमिक्राॅन“ के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड को लेकर जारी गाइडलाइन के अनुसार जनपद के अंतर्गत रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक कोविड कफ्र्यू प्रभावी रहेगा। इनमें कोविड से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्तियों, दुकानों, कार्यालयों आदि को छूट दी गई है। इसी तरह समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही खुले रह सकेंगे। जनपद में स्थापित खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल के मैदान खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जाएंगे।
16 जनवरी तक सभी तरह की राजनैतिक रैली, धरना प्रदर्शन आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अन्य राज्यों से जनपद में आने वाले व्यक्तियों को आरटीपीसीआर कोविड नैगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिल सकेगी। वहीं सार्वजनिक स्थलों में सामाजिक दूरी व मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों में थूकने व पान, गुटखा, तंबाकू आदि के सेवन को भी प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि उल्लंघन करने पर कार्यवाही अमल में लाई जाए।
शुक्र है, बच्चों को नहीं छू पा रहा कोरोना वायरस..
उत्तराखंड: नए साल में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे का अंदेशा जताया गया था। वहीं राहत की बात यह है कि राज्य में एक से नौ जनवरी तक 5680 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें 2 प्रतिशत से भी कम बच्चे हैं। एक जनवरी के बाद से कोरोना संक्रमितों के मामले में तेजी आई है। राज्य के हर जिले में कोरोना के मरीज तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे विशेषज्ञ भी हैरान हैं। विशेषज्ञ तीसरी लहर आने का अंदेशा काफी पहले से जता रहे थे। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमितों का अब तक का आंकड़ा बच्चों के लिहाज से थोड़ी राहत देने वाला है।
1 से 9 जनवरी तक राज्य में 5680 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, इनमें 9 साल तक के बच्चों की संख्या मात्र 90 है। जो कि कुल मरीजों का 1.58 प्रतिशत है। जबकि सबसे ज्यादा संक्रमित 20-29 आयु वर्ग के हैं। इनकी संख्या 1869 यानि करीब 32.90 प्रतिशत है। बच्चों के कम संक्रमित होने से जहां स्वास्थ्य विभाग की चिंता कुछ कम हुई है वहीं अधिक उम्र के संक्रमित लोगों के ज्यादा गंभीर बीमार नहीं होने से भी राहत मिली है। वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूटने लगे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ रिपोर्ट में प्रदेशभर में 2127 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है। आईआईटी रुड़की में कोरोना के 13 केस भी आए हैं। मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 7430 हो गई है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन में रह रहे 416 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है जिसके बाद अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है।
हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 991 कोरोना केस राजधानी देहरादून में मिले हैं। नैनीताल 451, हरिद्वार 259, उधमसिंह नगर 189, पौड़ी 48, उतरकाशी 13, टिहरी 35, बागेश्वर 04, अलमोड़ा 43, पिथौरागढ़ 30, रुद्रप्रयाग 13, चंपावत 26 और चमोली जिले में कोरोना के 25 नए केस आए हैं। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच हेल्थ विभाग पहले से ज्यादा अलर्ट मोड पर आ गया है। संदिग्धों की पहचान करन उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके
उत्तराखंड में ढाई लाख से ज्यादा हैं पूर्व सैनिक, इन्ही के सहारे उत्तराखंड का सियासी समर..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच पूर्व सैनिक परिवारों से जुड़े करीब साढ़े बारह लाख वोटरों को रिझाने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से चाल चल रही हैं। आने वाले समय में कांग्रेस भी पूर्व सैनिकों के वोटों को साधने के लिए दांव चल सकती है। जिसके चलते सैनिकों व पूर्व सैनिकों के वोटों के लिए होड़ मचनी शुरू हो गई है।
आपको बता दे कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट को केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही मंत्री अजय भट्ट भी पूर्व सैनिकों से बातचीत आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। मंत्री बनने के बाद से वह लगातार पूर्व सैनिकों के संपर्क में नजर आ रहे हैं। सोमवार को निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा में भी कई पूर्व सैनिक शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि सेना, सैनिक व पूर्व फौजी भाजपा का सबसे बड़ा फोकस है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे में पूर्व सैनिकों का एक अलग कार्यक्रम रखा गया है।
इसके साथ ही अब आम आदमी पार्टी ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल पर दांव खेलकर सैन्य बहुल उत्तराखंड में फौजी वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर खलबली मचा दी। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस भी बहुत जल्द पूर्व फौजियों को रिझाने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
आपको बता दे कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों की संख्या ढाई लाख से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि हर पूर्व सैनिक के परिवार में औसतन पांच वोटर होंगे। इसलिए साढ़े बारह लाख से ज्यादा वोटरों पर सभी की निगाहें हैं। इसके अलावा वर्तमान फौजियों के परिवार भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड में रहते हैं। पूर्व फौजी उनके भी मतों पर असर डालते हैं। इसके साथ ही कई परिवार ऐसे भी हैं जिनमें पूर्व के साथ ही वर्तमान फौजी भी हैं। विधानसभा चुनावों में ये वोट कई सीटों पर हार-जीत का फैसला भी करते हैं। पूर्व में भी पार्टियों के बीच इन वोटरों को लेकर खींचतान रही है। भाजपा इन वोटों पर ज्यादा सेंध लगाती है। इस बार भी राजनीतिक पार्टियां इस होड़ में जुट गई हैं।
भाजपा के दो बड़े मुद्दों पर केजरीवाल ने की चोट..
वही भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सैनिक और हिंदुत्व के एजेंडों पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चोट करने का प्रयास किया है। एक ओर जहां उन्होंने हिंदुओं के लिए उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा कर हिंदुत्व के एजेंडे पर चोट की है तो दूसरी ओर पूर्व सैनिकों के वोट बैंक को लेकर उन्होंने कर्नल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सैन्य बहुल हमारे प्रदेश में बड़ी संख्या पूर्व सैनिक और उनके परिवार की है। आज भी उनकी कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उनका कहना हैं कि हमें मौका मिलेगा तो उनकी समस्याओं के समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता पर किए जाएंगे।
जानिए कौन ले पाएगा कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज?
उत्तराखंड: प्रदेश में 10 जनवरी यानि आज से बूस्टर डोज की प्रक्रिया शुरू हो गयी हैं। बता दे कि इसके लिए पहले 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों का टीकाकरण होगा। कोरोना संक्रमण के बाद अब देश, विदेश में नए वैरिएंट के आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना वैक्सीन के बाद अब नए वैरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज (प्रीकॉशन डोज) शुरू हो गई है।
उत्तराखंड में इसकी शुरुआत आज से होगी। टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां चाक-चौबंद हैं। बूथों पर 20 प्रतिशत वैक्सीन तीसरी डोज के लिए उपलब्ध होगी। इसके लिए पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन में कार्य कर रहे लोगों का टीकाकरण होगा। इस डोज को लगाने से पहले उनके पास कोरोना वैक्सीन के नौ महीने पूरे होना वाला सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है। बिना नौ महीने पूरे करने वालों को यह डोज नहीं लगाई जाएगी। यह डोज अभी 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों को लगाई जा रही है।
देश में तेजी से बढ़ रही है कोरोना के नए मामलों की संख्या..
देश-विदेश: कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के साथ देश में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर खतरनाक तेजी देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना के 90,928 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के मामलों की संख्या भी 2620 हो गई है। इनमें से 995 मरीज ठीक हो चुके हैं।
महामारी की दूसरी लहर की तरह ही इस बार भी इस वायरस से महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित होते दिख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन से संक्रमण के 797 मामले सामने आए हैं वहीं दिल्ली में इनकी संख्या 465 है। राजस्थान में 236, केरल में 234, कर्नाटक में 226, गुजरात में 204 और तमिलनाडु में ओमिक्रॉन संक्रमण के 121 मामलों की पुष्टि हुई है।
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 26,538 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना हैं कि प्रदेश में अब तक कुल 260 रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार मे कुछ प्रतिबंध लागू किए हैं लेकिन सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। मुंबई में भी संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।
कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियां..
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चुनाव आयोग के अधिकारियों को जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे। इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर आज शाम समीक्षा बैठक करेंगे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
24 घंटे में उत्तराखंड में मिले 505 नए कोरोना संक्रमित..
उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 505 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं एक भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक 346468 लोग संक्रमित हो चुके हैं। आज 119 लोग ठीक हुए हैं। राज्य में अब एक्टिव केस 1000 हो गए हैं। आपको बता दे कि बुधवार को देहरादून जिले में 253 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में 64, नैनीताल में 55, पौड़ी में 60, टिहरी, अल्मोड़ा व चमोली में पांच, बागेश्वर में नौ, चंपावत में तीन, ऊधमसिंह नगर में 37, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में एक, उत्तरकाशी जिले में दो संक्रमित मिले हैं।
बता दे कि राजधानी देहरादून समेत जिले भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिलाधिकारी ने बिना मास्क के घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाएं और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा हैं कि भीड़-भाड़ भरे बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में भी सघन जांच की जाए और जो भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश के आदेश दिए है कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना गाइडलाइन के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के घूमता पाया गया उसके खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी और निर्धारित जुर्माना वसूला जाएगा।
भारत बॉयोटेक की नैसल वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में दी जाएगी..
देश-विदेश: कोरोना महामारी की तीसरी लहर व ओमिक्रॉन के बढ़ते असर के बीच इनसे निपटने के इंतजाम भी तेज हो रहे हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने भारत बॉयोटेक की इंट्रा नैसल (नाक के जरिए दी जाने वाली) वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
भारत बॉयोटेक अब अपनी इस नई कोरोना रोधी वैक्सीन का तीसरे चरण का अध्ययन व बूस्टर खुराक का परीक्षण करेगी। इससे संबंधित नतीजे पेश करने के बाद वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी। तीसरे चरण के परीक्षण के बाद इस नैसल वैक्सीन को कोरोना के बूस्टर डोज के तौर पर आपात इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है।
उत्तराखंड में नई एसओपी जारी,ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में राज्य सरकार की ओर से नई एसओपी जारी की गई है। इसके तहत राज्य में सामाजिक दूरी के साथ तमाम नियमों का सख्ती के साथ पालन करने को कहा गया है।आपको बता दे कि मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधूू की ओर से जारी नई एसओपी में कहा गया है कि कोविड-19 के का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है।
यह बहुत तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। देशभर में ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों को अलर्ट किया जाता है कि वह कोविड गाइड लाइन का सख्ती के साथ पालन कराएं।
बचाव के लिए प्रत्येक जिले में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जायेगा। इसके साथ ही नियमों का पालन न करने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा। इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी प्राविधान है, जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।
एसओपी में सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, गुटखा, तंबाकू इत्यादि का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, गर्भवती और स्तनपाल कराने वाली महिलाओं और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में कोरोना के ओमिक्रॉन व डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए जहां तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में चार हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर ली गई है। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश पर जिला अस्पताल के अलावा सभी उपजिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अगले तीन माह के लिए दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती का कहना हैं कि अब जबकि एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और डेल्टा वैरिएंट के साथ ओमिक्रॉन भी लोगों को संक्रमित कर रहा है तो इसके मद्देनजर तमाम एहतियाती कदम उठा लिए गए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए पूरे जिले में चार हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर ली गई है।
बच्चों के लिए वैक्सीन को योगी सरकार की मंजूरी..
देश-विदेश: 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों व किशोरों को कोरोनारोधी टीका लगाया जाएगा। बीमार, दिव्यांग बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर पहले टीका लगाया जाएगा। योगी सरकार ने 12 से 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को जायकोव-डी टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। यह टीका प्रदेश के गोरखपुर समेत 11 जिलों में लगाया जाएगा।
आपको बता दे कि देश में तीसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। महाराष्ट्र समेत कुछ प्रांतों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। जिले में शून्य से लेकर 18 वर्ष से कम आयु के करीब 19 लाख से अधिक बच्चे व किशोर हैं। सबसे ज्यादा खतरा दो साल से लेकर 18 साल से कम आयु के उन किशोर व बच्चों को है, जो घर से बाहर खेलते हैं।
वयस्कों के लिए तीसरा चरण 31 तक..
जिले में वयस्कों का टीकाकरण 16 जनवरी 2021 से चल रहा है। इस टीकाकरण का तीसरा चरण 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख लोगों को टीके की पहली डोज लगाने का लक्ष्य मिला है। अब तक करीब 25 लाख 52 हजार लोगों को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 15 लाख लोगों को दोनों डोज लगी है। स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जायडस और कैडिला द्वारा बनाए गए कोरोना से बचाव के इंजेक्शन जायकोव-डी को मंजूरी दी है। यह टीका 12 वर्ष से लेकर 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को लगाया जा सकता है। एक बच्चे को इस टीके की तीन डोज लगेगी। इसके लिए बीमार, दिव्यांग व लाचार बच्चों की पहचान शुरू की जाएगी।
टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. एनके पांडेय का कहना हैं कि प्रदेश सरकार टीका खरीद रही है। इस टीके को लगाने में दर्द नहीं होगा। इसे लगाने को लेकर अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है। एक कार्यशाला शासन की तरफ से हुई थी, जिसमें वयस्कों को जायकोव-डी लगाने की ट्रेनिंग मिली। टीके से पहले उसे लगाने की गाइडलाइन आ जाएगी।
देश में 10 प्रतिशत ऊपर पहुंची कोरोना संक्रमण दर..
देश-विदेश: दुनिया में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बेकाबू हो रहा है। जिसका आलम यह है कि 10 राज्यों के 27 दिलों में पिछले दो सप्ताह में संक्रमण दर में एकाएक उछाल आया है। कई जिले तो ऐसे हैं जहां पर संक्रमण दर 10 प्रतिशत के भी ऊपर पहुंच गई है, वहीं अन्य जिलों में यह पांच से दस प्रतिशत के बीच है। ऐसे में केंद्र ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर चेतावनी जारी की है, साथ ही अधिक संक्रमण दर वाले 27 जिलों पर नजर बनाए रखने को कहा है।
राज्यों को यह पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से लिखा गया है। इस पत्र में केंद्र की ओर से कई दिशा निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में संक्रमण दर बेकाबू हो रही है, उन इलाकों को चयनित कर वहां पर कोरोना से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्कता है। जरूरत पड़ने पर रात्रि कर्फ्यू, लोगों के इकट्ठा होने पर रोक, शादी या अन्य समारोह में भीड़ पर पाबंदी लगाने को भी कहा गया है।
केंद्र की रिर्पोट के अनुसार तीन राज्यों मिजोरम, केरल और सिक्कम के के आठ जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। वहीं सात राज्यों के 19 जिलों में यह पांच से दस प्रतिशत के बीच है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार मिजोरम के हन्नाथियाल और सेरछिप जिले में संक्रमण दर क्रमश: 22.37 और 19.29 फीसदी है। इसके साथ ही यहां के तीन अन्य जिलों में भी 10 प्रतिशत के ऊपर संक्रमण दर पहुंच गई। साथ ही केरल के दो तो सिक्कम के एक जिले में 10 प्रतिशत के ऊपर कोरोना संक्रमण दर है।
राज्यों को यह दिए निर्देश..
आरटी पीसीआर जांच बढ़ाने पर ध्यान दें
विदेश से आने वालों की निगरानी में कोई लापरवाही न बरतें
संक्रमित मरीजों व उनके संपर्क में आने वालों की जांच व निगरानी की जाए
कोविड सतर्कता नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी करें सभी राज्य