नहाते समय गंगा के तेज बहाव में बहा विदेशी पर्यटक, तलाश में जुटी एसडीआरएफ..
उत्तराखंड: ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र में एक विदेशी पर्यटक गंगा नदी में नहाते समय अचानक तेज बहाव में फंस गया और बह गया। इस घटना के बाद एसडीआरएफ की टीम तुरंत उसकी तलाश में जुट गई है। हालांकि, कई घंटों की कड़ी मेहनत और प्रयास के बावजूद अभी तक पर्यटक का कोई पता नहीं चल सका है। टीम द्वारा तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अब तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार घटना सुबह 7:45 बजे की है। थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह का कहना हैं कि प्रग्नेश औंधिया (59) पुत्र नटवरलाल निवासी 38 एलिमेंट, लंदन यूके अपनी पत्नी पिंकी व पुत्र आनंद के साथ स्वामी नारायण आश्रम घाट पर नहा रहे थे।
गंगा नदी में डूबा सेना का जवान, शादी के बाद आया था घूमने..
उत्तराखंड: प्रदेश में पर्यटन सीजन चल रहा है। दूर- दूर से लोग जहां ऋषिकेश घूमने आ रहे है । तो वहीं गंगा में पर्यटकों के डूबने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। दो दिन के भीतर दूसरे बड़े हादसे की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि आज यहां शादी के बाद परिजनों के साथ ऋषिकेश घूमने आया सेना का जवान गंगा में डूब गया। जिससे कोहराम मच गया है। एसडीआरएफ की टीम गंगा में सर्च अभियान चलाया लेकिन अभी तक जवान का कुछ सुराग नहीं लग सका है।
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश के इंदौर के शुभम नगर, निवासी गौरव कुमार (25) पुत्र रामवीर तोमर अपनी पत्नी और अन्य परिजनों के साथ ऋषिकेश घूमने आया था। दोपहर दो बजे वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ थाना मुनिकीरेती क्षेत्र में सच्चाधाम घाट पर गंगा में नहाने लगा। इस दौरान वह नहाते हुए गंगा में काफी दूर तक चला गया। गंगा की तेज लहरों में फंसने के कारण वह ओझल हो गयासेना के जवान के गंगा में डूबने की घटना के बाद परिजनों ने शोर मचाया. मौके पर हड़कंप मच गया।
मौके पर मौजूद लोगों ने युवक के डूबने की सूचना पुलिस को दी। तब एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुुंचकर सर्च ऑपरेशन चलाया। बताया जा रहा है कि सेना के जवान शादी कुछ समय पहले ही हुई थी। जवान राष्ट्रीय राइफल में तैनात है। वह शादी के बाद परिजनों के साथ घूमने ऋषिकेश आया था। जवान के डूबने की सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम गंगा में सर्च अभियान चलाया। लेकिन उसका कुछ सुराग नहीं लगा। रात होने के बाद एसडीआरएफ ने सर्च अभियान बंद कर दिया। आज दोबारा सर्च अभियान चलाया जाएगा।
गंगा नदी के तेज बहाव में बहे सात कांवड़िए..
उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही हरिद्वार में गंगा नदी में बहने की खबरें भी सामने आने लगी हैं। बता दे कि हरिद्वार में गंगा नदी का बहाव तेज है। गुरुवार को तेज बहाव के चलते सात कावड़िए गंगी नदी में बह गए। इन्हें आनन-फानन में सेना और पुलिस टीम के संयुक्त अभियान में बचाया गया। जानकारी के अनुसार, सभी कांवड़िए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी भी उफान पर है।
सावन का महीना चल रहा है। लगभग दो साल बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति मिली है। ऐसे में भारी संख्या में लोग भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन भी सतर्क है। अनहोनी से बचने के लिए चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। सेना के तैराक दल ने अबतक 18 कांवड़ियों को नदी में बहने से बचाया है। जोनल मजिस्ट्रेट का कहना हैं कि हम घाटों पर लोगों से तेज प्रवाह में ना जाने की अपील करते हैं।
आज से शुरू हुआ ऋषिकेश में राफ्टिंग का सफर..
उत्तराखंड: टिहरी प्रशासन की ओर से गंगा में राफ्टिंग के लिए हरी झंडी मिल गई है। जिससे राफ्ट संचालकों के चेहरे खिल उठे हैं। पितृ पक्ष शुरू होने से पूर्व राफ्ट संचालकों ने खारास्रोत में गंगा पूजन कर दिया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार को राफ्ट का संचालन शुरू नहीं हो पाया था। आपको बता दे कि शनिवार को देहरादून से आई एक तकनीकी टीम ने गंगा नदी में रैकी किया। रैकी टीम ने नदी का जलस्तर एक मीटर बढ़ा हुआ बताया। रीवर राफ्टिंग करने के लिए गंगा का जलस्तर 137 मीटर होना चाहिए। जबकि उस समय नदी का जलस्तर 138 मीटर था। जो एक मीटर बढ़ा हुआ था।
बीते दिनों नदी का जलस्तर सामान्य हो गया था। लेकिन जैसे ही पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो रही है। उससे गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। रैकी टीम ने अब जलस्तर सामान्य बताया है। जिसके बाद से राफ्टिंग को टिहरी प्रशासन की ओर से इसे हरी झंडी मिल गई है।
राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू..
कोरोनाकाल से पहले वर्ष भर में केवल दो महीने जुलाई और अगस्त में राफ्टिंग का संचालन बंद होता था। 1 सितंबर से लेकर 30 जून तक राफ्टिंग संचालित होती थी। लेकिन इस बार कोरोनाकाल और गंगा के जलस्तर के कारण राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू हो रहा है।
इन स्थानों से होगी राफ्टिंग की शुरूआत..
1- कौडियाला से रामझूला, नीमबीच -35 किमी
2- कौडियाला से शिवपुरी -20 किमी
3- मरीन ड्राइव से शिवपुरी-10 किमी
4- मरीन ड्राइव से रामझूला, नीमबीच – 25 किमी
5- शिवपुरी से रामझूला, नीमबीच- 15 किमी
6- ब्रह्मपुरी से रामझूला, नीमबीच – 9 किमी
7- क्लब हाउस से रामझूूला, नीमबीच- 9 किमी