गोल्डन कार्ड से मरीजों को मिलेगा अब निशुल्क आयुर्वेदिक इलाज..
उत्तराखंड: स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट हेल्थ स्कीम के तहत अब आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा देने का भी फैसला लिया है। योजना के तहत आयुर्वेदिक अस्पतालों की ओपीडी में इलाज पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति जबकि आईपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत आयुर्वेदिक इलाज को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
जिसमें सरकार का मकसद है कि कर्मचारी, पेंशनर्स को योजना के तहत सभी तरह का इलाज निशुल्क मिले। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुर्वेदिक इलाज को भी राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की मांग कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से की थी। मंत्री के निर्देश पर विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिस पर लगभग सहमति बन गई है। सचिव स्वास्थ्य राधिका झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस निर्णय को हरी झंडी मिल गई है।
इसके बाद कैबिनेट में इसे रखा जाएगा। राज्य में लगभग तीन लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स आयुष्मान योजना के दायरे में हैं। आयुर्वेदिक इलाज को राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल किए जाने के बाद राज्य के बड़े आयुर्वेदिक अस्पतालों को भी योजना के तहत संबद्ध किया जाएगा। इन अस्पतालों में कर्मचारी, पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
उत्तराखंड में 27112 कैंसर रोगियों को मिला निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान..
उत्तराखंड: प्रदेश में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को निशुल्क इलाज का ‘आयुष्मान’ मिला है। अटल आयुष्मान योजना में अब तक 27112 कैंसर मरीजों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिली है। जिस पर सरकार ने 50 करोड़ की राशि व्यय की है। अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में अब तक 44 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं।
जिसमें 3.38 लाख को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसमें 27112 कैंसर ग्रसित मरीजों को इलाज कराया गया। इसके अलावा 1.33 लाख मरीजों की डायलिसिस की गई। कैंसर के इलाज पर 50 करोड़ की राशि सरकार ने व्यय की है।
आपको बता दे कि आयुष्मान योजना कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित हुई है। कैंसर का इलाज महंगा होने के बाद आम मरीज के लिए उपचार करना संभव नहीं हो पाता था। लेकिन आयुष्मान योजना में कैंसर का इलाज करना आसान हुआ है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में 3.38 लाख से अधिक मरीजों का पंजीकृत अस्पतालों में इलाज कराया गया। जिस पर 497 करोड़ की खर्च की गई। इसमें कैंसर, डायलिसिस का उपचार लेने वाले मरीजों की संख्या अधिक है।
आयुष्मान में इलाज कराने वाले मरीज..
उपचार मरीज
डायलिसिस 133015
कैंसर 27112
सीटी स्कैन, एमआरआई 10043
मोतियाबिंद ऑपरेशन 9346
फेफड़ों का इलाज 5277
गुर्दों की बीमारी का इलाज 5426
अब आयुष्मान योजना में मुफ्त होगा किडनी ट्रांसप्लांट का इलाज- मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: आयुष्मान भारत योजना में अब गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट इलाज की सुविधा मिलेगी। जल्द ही आयुष्मान पैकेज में किडनी ट्रांसप्लांट इलाज को भी शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने पर लाभार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं, सूचीबद्ध अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर इलाज के क्लेम का भुगतान किया जाएगा।
गुरुवार को हरिद्वार बाईपास रोड पर आईएसबीटी स्थित एक होटल में आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आरोग्य मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री धामी ने आयुष्मान योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहे 12 अस्पतालों को सम्मानित किया
सीएम का कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। इस योजना का लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य आयुष्मान उत्तराखंड योजना शामिल किया गया। योजना में अब तक 44 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं। इसमें 3.5 लाख लोगों का पंजीकृत अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों का मुफ्त इलाज कराया गया है। इस पर 460 करोड़ रुपए खर्च हुआ है।
सीएम का कहना हैं कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इलाज के लिए जमीन गिरवी और गहने बेचने पड़ते थे। अब इस योजना से राहत मिली है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में जहां कमी है, उन्हें दूर किया जाएगा।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ अरूणेंद्र चौहान, रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष अजीत चौधरी, उत्तराखंड सहकारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मातबर सिंह रावत मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राज्य आईईसी अधिकारी जेसी पांडेय ने किया।