चारधाम यात्रा के लिए हर उम्र के श्रद्धालु उत्साहित, 28 अप्रैल से शुरू होगा ऑफलाइन पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। एक माह की अवधि में 0 से 15 वर्ष की आयु वर्ग में 1,11,298 बच्चों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 2.58 लाख से अधिक श्रद्धालु भी यात्रा के लिए पंजीकृत हो चुके हैं। युवाओं में भी चारधाम यात्रा को लेकर खासा जोश है, जिससे स्पष्ट है कि इस बार की यात्रा में हर उम्र वर्ग की भागीदारी देखने को मिलेगी। सरकार और प्रशासन द्वारा यात्रा मार्गों और सुविधाओं को लेकर तैयारियां भी तेजी से की जा रही हैं, जिससे सभी यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।
चारधाम यात्रा में हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है। समय के साथ यात्रा का स्वरूप भी बदल रहा है। अब यात्रा में आने के लिए बच्चे, बूढ़े और जवान सब आतुर हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर एक माह में हुए ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 19 लाख पार कर चुका है। इसमें सबसे अधिक संख्या 20 से 70 वर्ष आयु वर्ग के यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा 0 से 5 साल आयु वर्ग में 14256 और 90 वर्ष ऊपर के 62 यात्री भी यात्रा करने को तैयार हैं।
यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया सुचारु रूप से जारी है और सभी आयु वर्ग के लोग इसमें भाग ले रहे हैं। अब तक लाखों श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। उनका कहना हैं कि 28 अप्रैल से ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं। प्रशासन यात्रा की तैयारियों में लगातार जुटा हुआ है ताकि श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।
चारधाम यात्रा से पहले जीएमवीएन को 7 करोड़ की बुकिंग, ग्रीन यात्रा को भी मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड में तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालुओं का उत्साह भी चरम पर है। यात्रा शुरू होने से पहले ही गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को अब तक 7 करोड़ रुपये से अधिक की बुकिंग मिल चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार की यात्रा अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इस बार की यात्रा को खास बनाने के लिए GMVN “ग्रीन यात्रा” को भी प्रमोट कर रहा है। इसके तहत प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, स्वच्छता बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष फोकस किया जा रहा है। निगम पर्यावरण के अनुकूल यात्रा अनुभव देने के लिए स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड के व्यवसायियों के लिए जहां एक बड़ा आर्थिक स्रोत बनकर सामने आती है, वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के लिए भी यह यात्रा हर साल नया उत्साह और रिकॉर्ड लेकर आती है। यात्रा शुरू होने से पहले ही GMVN को अपने गेस्ट हाउस, ट्रैवल सेवाएं और अन्य सुविधाओं के लिए 7 करोड़ रुपये से अधिक की एडवांस बुकिंग मिल चुकी है।GMVN ने इस बार यात्रियों के लिए सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। सभी गेस्ट हाउसों की मरम्मत, साफ-सफाई और डिजिटल बुकिंग व्यवस्था को अधिक सहज बनाया गया है। यात्रा मार्ग पर GMVN की ट्रैवल और लॉजिंग सेवाओं को यात्रियों की पहली पसंद माना जा रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान GMVN की गतिविधियों से जुड़े स्थानीय व्यवसायियों, होटल मालिकों, ड्राइवरों और गाइड्स को भी प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा का कहना हैं कि निगम चारधाम यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है। निगम के सभी गेस्ट हाउसों को यात्रा से पहले दुरुस्त कर दिया गया है। जहां पर भी रिपेयर आदि की जरूरत थी, वो सारे काम पूरे कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि निगम स्टाफ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा शुरू होने से पहले एक फाइनल इंस्पेक्शन कर दिया जाए।
GMVN के गेस्ट हाउस में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मिलेगी चार्जिंग की सुविधा..
जीएमवीएन एमडी विशाल मिश्रा ने कहा कि चारधाम यात्रा रोड पर मौजूद जीएमवीएन के तकरीबन 21 गेस्ट हाउस में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सुविधा प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही एडवांस बुकिंग करने वाले और आने वाले तमाम तीर्थयात्री व पर्यटकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक रखने के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ जानकारियां साझा की गई है। जिसमें बताया गया है कि उन्हें चारधाम यात्रा के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है? जिसमें पहाड़ों में कूड़े और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आदि शामिल हैं।
क्या सेवाएं देता है GMVN?
गढ़वाल मंडल विकास निगम उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अंतर्गत आने वाला एक सरकारी निगम है, जो कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के अलावा उत्तराखंड आने वाले तमाम पर्यटकों को गेस्ट हाउस, ट्रैवल पैकेज के साथ ही अलग-अलग डेस्टिनेशन आधारित इंटीग्रेटेड पैकेज ऑफर करता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम बेहद पुराना एक राजकीय निगम है। इसलिए यह अन्य निजी ट्रैवल एजेंसियों से ज्यादा विश्वसनीय है तो वहीं इनके गेस्ट हाउस उत्तराखंड के तमाम खूबसूरत स्थान पर मौजूद हैं। खास बात ये है कि जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजन और संस्कृति की झलक देखने को मिल जाती है।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को मिलेगा रियल-टाइम अपडेट,मदद के लिए एक्टिव होगा कंट्रोल रूम..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। बुधवार को डीजीपी दीपम सेठ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि तीर्थयात्रियों को मोबाइल पर यात्रा से जुड़ी सभी गतिविधियों का रियल-टाइम अपडेट उपलब्ध कराया जाएगा। इस अपडेट में यातायात व्यवस्था, मौसम, मार्ग की स्थिति और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल रहेगी। इससे श्रद्धालु अपनी यात्रा को और अधिक सुरक्षित व व्यवस्थित बना सकेंगे। पुलिस विभाग यात्रा मार्गों पर सुरक्षा, संचार और सुविधा व्यवस्थाओं को मजबूत करने में जुटा है ताकि यात्रा अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।
ये जानकारियां भी दीं
– गढ़वाल रेंज कार्यालय में स्थापित चारधाम कंट्रोल रूम को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
– यात्रा मार्गों की ट्रैफिक योजना, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाए।
– उत्तराखंड पुलिस मोबाइल एप में रियल-टाइम अपडेट, इमरजेंसी हेल्पलाइन और रूट अपडेट जैसी सेवाएं सक्रिय की जाएं।
चारधाम यात्रा में पहली बार तैनात होंगे पीजी डॉक्टर, तीर्थयात्रियों को मिलेगा मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा कवच..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर इस बार राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की अनुमति के बाद यात्रा मार्गों पर पहली बार पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। इस कदम से यात्रा में शामिल लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर और विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। NMC की घोषणा के बाद देशभर के मेडिकल कॉलेजों से पीजी डॉक्टर यात्रा में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए संपर्क कर रहे हैं। उत्तराखंड शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बता दे कि अब तक चारधाम यात्रा के दौरान अधिकतर जगहों पर प्राथमिक उपचार या सामान्य चिकित्सा सेवा ही उपलब्ध होती थी। लेकिन इस बार विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी से जटिल और आकस्मिक स्थितियों से भी प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा। राज्य सरकार की मंशा है कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं पहले से कहीं अधिक सशक्त और भरोसेमंद हों। देश के अलग-अलग राज्यों से पीजी डॉक्टर इस सेवा के लिए आगे आ रहे हैं। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए लाभदायक होगा, बल्कि पीजी डॉक्टरों को वास्तविक परिस्थितियों में कार्य अनुभव भी मिलेगा। यह व्यवस्था मेडिकल शिक्षा और सामाजिक सेवा दोनों के लिहाज़ से एक मिसाल बनने जा रही है।
एमडी, एमएस व डीएनबी पीजी डॉक्टर चारधाम यात्रा में सेवा देकर डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (डीआरपी) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान दी गई सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के तहत मान्य होंगी। डॉक्टरों को इसके लिए अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी।
तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ सेवाएं मिलेगी..
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए एनएमसी से पीजी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती की अनुमति मांगी थी। एनएमसी की मंजूरी के बाद अब देश भर के मेडिकल कॉलेजों से पीजी कर रहे डॉक्टरों से यात्रा में सेवाएं देने के लिए सकारात्मक प्रक्रिया मिल रही है।स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना हैं कि पीजी डॉक्टरों की यात्रा में तैनाती के निर्णय से तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ सेवाएं मिलेगी। इसके साथ ही प्रशिक्षु डॉक्टरों को उच्च हिमालयी चिकित्सा और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव भी मिलेगा।
चारधाम यात्रा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं देंगी निजी मेडिकल संस्थाएं, सरकार ने शुरू की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। उत्तराखंड सरकार अब निजी मेडिकल संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं भी लेगी। इसको लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेजों के बीच बातचीत प्रारंभ हो चुकी है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हर साल चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष जरूरत महसूस होती है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को और मज़बूती मिलेगी। बता दे कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रा मार्गों पर बनाए गए स्वास्थ्य शिविरों , बेस अस्पतालों और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में भी विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। जल्दी ही एमओयू (MoU) साइन किए जाएंगे, जिसमें डॉक्टरों की नियुक्ति, ड्यूटी रोटेशन, सेवाओं की अवधि और सुविधा शुल्क आदि तय होंगे।
इस बार यात्रा मार्गों और धामों में निजी मेडिकल संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की है। सरकार की ओर से इस योजना को अमल में लाने के लिए डॉ. रावत की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में डॉक्टरों की संख्या, तैनाती स्थल, सेवाओं की अवधि और सहयोगी व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पहले चरण में लगभग 50 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह डॉक्टर चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ-साथ यात्रा मार्गों पर बनाए गए चिकित्सा शिविरों और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में सेवाएं देंगे। यात्रा मार्गों के साथ चारधामों में दो सौ डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को रोटेशन के आधार तैनात किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से होगी प्रारंभ, 15 लाख से अधिक श्रद्धालु करा चुके हैं पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल से होने जा रहा है और इसके लिए देशभर के श्रद्धालुओं में गहरी उत्सुकता देखी जा रही है। बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन के लिए अभी तक 15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण करा लिया है, जो यात्रा की भव्यता और महत्व को दर्शाता है। चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तीर्थ यात्रा मानी जाती है। यह यात्रा गंगोत्री से शुरू होकर यमुनोत्री, फिर केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ धाम तक पहुंचती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन परिस्थितियों में भी इन पावन स्थलों के दर्शन हेतु उत्तराखंड पहुंचते हैं। चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। बता दें अभी तक के रजिस्ट्रेशन के अनुसार इस बार सबसे ज्यादा श्रद्धालु महाराष्ट्र से यात्रा में शामिल होने को बेताब हैं। अब तक महाराष्ट्र राज्य के 2 लाख 57 हजार तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं, जिससे महाराष्ट्र पहले स्थान पर बना हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां से अब तक 1 लाख 84 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है, जहां से 1 लाख 67 हजार तीर्थयात्री यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं। वही मध्य प्रदेश से 1 लाख 44 हजार, गुजरात से 1 लाख 40 हजार और राजस्थान से 1 लाख श्रद्धालु अब तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
बाबा केदार के दर्शन के लिए हुए सबसे अधिक पंजीकरण..
चारधामों की बात करें तो केदारनाथ धाम के लिए अब तक सबसे ज्यादा पंजीकरण हुए हैं। कुल 5 लाख 19 हजार से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन को रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए 4 लाख 58 हजार से ज्यादा, गंगोत्री के लिए 2 लाख 75 हजार, यमुनोत्री के लिए 2 लाख 69 हजार और हेमकुंड साहिब के लिए 21 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, केरल, मणिपुर, मेघालय, तेलंगाना, तमिलनाडु, उड़ीसा जैसे राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें..
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सबसे पहले आपको पर्यटन विभाग की वेबसाइट http://registrationandtouristcare.uk.gov.inपर लॉगिन करना होगा। इसके बाद आप रजिस्टर और लॉगिन के आप्शन मिलेंगे। यहां पर क्लिक कर लॉगिन कर लें। लॉगिन करने के बाद आपको अपना फोन नंबर, अपने राज्य का नाम, अपना नाम और अन्य जानकारी देनी होगी। इसे भरने के बाद आप रजिस्टर कर पाएंगे।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
आप व्हाट्सएप नंबर-8394833833 पर yatra (यात्रा) लिख कर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। अगर कोई यात्री इन तरीकों से पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं तो वो पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर- 0135-1364 पर कॉल करके भी पंजीकरण करवा सकते हैं। आप स्मार्ट फोन पर touristcareruttarakhand मोबाइल एप से पंजीकरण कर सकते हैं।
ऑफलाइन भी कर सकते हैं चार धाम यात्रा पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने, मैसेज, टोल फ्री नंबर और मोबाइल एप से पंजीकरण करने के साथ ही आप ऑफलाइन भी पंजीकरण भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि आप हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए दोनों स्थानों पर काउंटर खोले गए हैं।
चारधाम यात्रा- हर कदम पर निगरानी, यात्रा मार्ग पर 3000 सीसीटीवी कैमरे करेंगे पल–पल की रिकॉर्डिंग..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए इस बार बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरों का कवरेज रहेगा। हर वक्त यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थानों पर 3000 कैमरों से निगरानी होगी। ये कैमरे जिला पुलिस कंट्रोल रूम और रेंज कार्यालय में बने चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम को लाइव फीड मुहैया कराएंगे। ताकि, भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखा जा सके। इसके साथ ही यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ावों पर लोगों को सचेत करने के लिए बूथ आदि की व्यवस्था की जा रही है। आपको बता दें कि इस बार चारधाम यात्रा में पहले की अपेक्षा अलग और अत्याधुनिक इंतजाम पुलिस की ओर से किए जा रहे हैं। पहली बार यात्रा मार्ग को सुपर जोन, जोन और सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात की गई है। यहां पर एक सेक्टर में निर्धारित दूरी पर हर वक्त पुलिसकर्मी गश्त करेंगे।
ये न सिर्फ यातायात प्रबंधन में मदद करेंगे बल्कि यात्रियों से बात कर उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे। इसके अलावा चारधाम यात्रा की पूरी व्यवस्थाएं देखने के लिए पहली बार गढ़वाल रेंज कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। इस कंट्रोल रूम में एक एएसपी स्तर का अधिकारी हर वक्त यात्रा मार्ग की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसी तरह अब पहली बार इतना बड़ा सीसीटीवी कवरेज किया जा रहा है। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था व पुलिस प्रवक्ता डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि ये सीसीटीवी कैमरे मंदिर क्षेत्र से लेकर यात्रा के हर मुख्य पड़ाव पर लगाए जा रहे हैं। इनमें विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार आदि मुख्य पड़ाव शामिल हैं। इन सभी को लाइव रखा जाएगा।
साथ ही इन्हें जिला पुलिस कंट्रोल रूम और रेंज में चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। हर वक्त की गतिविधियों पर इन कैमरों के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से भी नजर रखी जाएगी। इन कैमरों की संख्या 3000 से भी अधिक हो सकती है। यात्रा से पहले सभी कैमरे स्थापित कर दिए जाएंगे।
चारधाम यात्रा से पहले विश्राम गृहों का होगा सौंदर्यीकरण, बीकेटीसी ने प्रबंधकों को दिए सख्त निर्देश..
चारधाम यात्रा से पहले विश्राम गृहों का होगा सौंदर्यीकरण, बीकेटीसी ने प्रबंधकों को दिए सख्त निर्देश..
उत्तराखंड: बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी का कहना हैं कि चारधाम यात्रा से पहले सभी विश्राम गृहों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने विश्राम गृह प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं। उनका कहना हैं साफ-सफाई, पेयजल, बिजली, बिस्तर, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित विश्राम गृह मिलें, इसके लिए यह कदम अहम साबित होगा।
बुधवार को वर्चुअल बैठक में सीईओ ने कहा, केदारनाथ धाम के कपाट दो मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट चार मई को खुल रहे हैं। यात्रा से पहले मंदिर समिति के विश्राम गृहों में सौंदर्यीकरण, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता, आवासीय व्यवस्था, सीसीटीवी लगाने का काम किया जा रहा है। जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सके। चारधाम यात्रा की तैयारियों को और अधिक सशक्त बनाने का प्रयास है, जिससे तीर्थयात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिले। इन व्यवस्थाओं से न केवल यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और निगरानी भी प्रभावी होगी। उन्होंने विश्राम गृह प्रबंधकों से भी अलग-अलग बातचीत की तथा प्रबंधकों की समस्याओं को सुना। बैठक में अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने कहा कि यात्रा से पहले सभी विश्राम गृहों में मूलभूत सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
देहरादून, ऋषिकेश, पौड़ी, टिहरी, देवप्रयाग श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, चमोली, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, जोशीमठ, बद्रीनाथ धाम स्थित विश्राम गृहों के व्यवस्थापकों ने समस्याओं को सीईओ के समक्ष रखा। इस मौके पर सहायक अभियंता गिरीश देवली, विपिन तिवारी, मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़, इंटरनेट कार्डिनेटर दीपेंद्र रावत, कुलदीप नेगी मौजूद रहे।
चारधाम यात्रा से पहले दमकल सेवा होगी मजबूत, 15वें वित्त आयोग के बजट से 20 नए फायर टेंडर तैनात..
उत्तराखंड: दमकल वाहनों की कमी से जूझ रही फायर सर्विस को जल्द ही नए वाहन मिलने वाले हैं। इनमें छोटे बड़े 20 वाटर और फोम टेंडर (दमकल वाहन) चार धाम यात्रा से पहले विभिन्न जिलों की फायर सर्विस यूनिट और स्टेशन में तैनात किए जाएंगे। इनमे से दो दमकल वाहन देहरादून जिले को भी आवंटित किए गए हैं। इन नए दमकल वाहनों से पर्वतीय और शहरी क्षेत्रों में आग बुझाने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे यात्रा मार्ग और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इसके साथ ही फायर सर्विस जल्द ही कई और वाहनों को खरीदने जा रही है।विश्व बैंक से दमकल वाहनों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता मांगी गई है। लंबे समय से प्रदेश के दमकल विभाग में मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। कई जिलों में फायर सर्विस के भवन तक नहीं हैं, जिससे आपातकालीन सेवाओं में बाधा आती है। यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि फायर सर्विस केवल आगजनी की घटनाओं तक सीमित नहीं होती, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों में भी अहम भूमिका निभाती है। यदि बजट स्वीकृत होता है और नई गाड़ियाँ व सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, तो यह प्रदेश की आपातकालीन सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाएगा। ऐसे में पिछले दिनों विश्व बैंक की मदद से 19 फायर स्टेशन और यूनिट के लिए बजट मिला था। इनमें से कुछेक जगहों पर काम शुरू हो गया है। जबकि, हरिद्वार के बहादराबाद में भवन बनकर तैयार हो गया है। इसी तरह दमकल विभाग में आग बुझाने वाले वाहनों की भी कमी चली आ रही है।
चारधाम यात्रा से पहले तैनाती स्थलों पर भेजा जाएगा
यह दमकल विभाग के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, खासकर चारधाम यात्रा और पर्वतीय इलाकों में आगजनी की घटनाओं को देखते हुए। देहरादून जिले की ही बात करें तो यहां पिछले साल 5 पुराने वाहन निष्प्रयोज्य घोषित किए गए थे, जिनमें से एक वाहन ने 26 साल तक सेवा दी थी। लेकिन अब विभाग ने विभिन्न मदों से मिले बजट से 20 नए दमकल वाहन खरीदे हैं। जिनमें से 10 वाटर टेंडर (पानी से आग बुझाने वाले वाहन) 10 फोम टेंडर (तेल व रसायन जनित आग बुझाने के लिए विशेष वाहन हैं। जिन्हें चारधाम यात्रा से पहले सभी वाहनों को उनके तैनाती स्थलों पर भेजा जाएगा। छोटे वाहन विशेष रूप से पहाड़ी और संकरे इलाकों में आग बुझाने के लिए तैनात किए जाएंगे।
इसके साथ ही अधिकारियों का कहना हैं कि 15वें वित्त आयोग से भी अच्छा खासा बजट मिला है। इससे छोटे फायर टेंडर खरीदे जाएंगे, जो संकरे और पहाड़ी क्षेत्रों में आग बुझाने के लिए उपयोगी होंगे। ताकि, फायर सर्विस के बेड़े को मजबूत किया जा सके। साथ ही विश्व बैंक को भी दमकल वाहन खरीद के लिए प्रस्ताव विभाग की ओर से भेजा गया है।
ये होंगे दमकल वाहन..
फोम टेंडर- 05 सात हजार लीटर और 05 तीन हजार लीटर
वाटर टेंडर-05 तीन हजार लीटर ओर 05 सात हजार लीटर
फायर सर्विस के लिए 20 दमकल वाहनों की खरीद गई है। इन्हें जल्द ही विभिन्न जिलों के लिए भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही कुछ और वाहन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। विश्व बैंक को भी वाहन खरीदने के लिए बजट का प्रस्ताव भेजा गया है।
चारधाम यात्रा- यात्रियों का ‘अतिथि देवो भव’ की तर्ज पर किया जाएगा स्वागत..
उत्तराखंड: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। यात्रियों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। साथ ही यात्रा मार्गों पर मेडिकल कैंप और मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां तैनात रहेंगी। यात्रियों का ‘अतिथि देवो भव’ की तर्ज पर स्वागत किया जाएगा। सुरक्षित और यादगार यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर इंतजाम किये गए हैं।
आगामी चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है और टिहरी जिला चारधाम यात्रा का मुख्य केंद्र है। जो भी देश विदेश के श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आता है, उसे केदारनाथ बद्रीनाथ जाने के लिए टिहरी जिले के ऋषिकेश-देवप्रयाग-कीर्तिनगर-श्रीनगर होते हुए जाना पड़ता है। गंगोत्री, यमनोत्री जाने के लिए टिहरी जिले के ऋषिकेश-चम्बा-धरासू से गुजरना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है।
टिहरी सीएमओ डॉ. श्याम विजय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा को लेकर 29 एम्बुलेंस, जिसमें 13 एम्बुलेंस 108 सेवा की और 16 एम्बुलेंस स्वास्थ्य की तैनात रहेंगी। इसके साथ ही 20 स्वास्थ्य केंद्र इकाई हैं, जिसमें सभी डॉक्टर, स्टाफ औषधियों समेत पूरी सुविधाओं के साथ तैनात रहेंगे। विभाग ने यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर 20 किलोमीटर की दूरी पर टोल फ्री नंबर के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग, बैनर लगाए हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की कोशिश रहेगी कि सभी श्रद्धालुओं को ‘अतिथि देवो भव’ के तहत अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके और वो अच्छा संदेश लेकर जाए। वहीं दुर्घटना होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस के साथ 15 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर 76 चिकित्साधिकारी, 21 फार्मासिस्ट, 29 नर्सिंग अधिकारी, 38 कक्ष सेवक और 28 स्वच्छक समेत टोटल 192 कर्मचारियों का स्टाफ तैनात रहेगा. 29 एम्बुलेंस यात्रा मार्ग पर तैनात की गई हैं।