चारधाम यात्रा ने जोर पकड़ा, 22 दिन में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में 1.45 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन..
उत्तराखंड: सीजन के दूसरे चरण में चारधाम यात्रा धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। इस माह के 22 दिन में ही गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में 1.45 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। वहीं, इस साल यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा छह लाख के पार पहुंच चुका है। जबकि गंगोत्री धाम में भी 6.80 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।मानसून सीजन में अतिवृष्टि के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई थी। लेकिन अब बरसात थमते ही यह धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। इस माह 22 सितंबर तक दोनों धामों में अच्छी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। आने वाले दिनों में प्रशासन श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना जता रहा है। जानकीचट्टी व फूलचट्टी के मध्य में भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़क के स्थान पर नवनिर्मित वैकल्पिक मार्ग पर यातायात शुरू कर दिया गया है।
दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या नया रिकॉर्ड है बना सकती..
जिला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 10 मई को कपाट खुलने के बाद 136 दिन की यात्रा में यमुनोत्री धाम में कुल 602364 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। वहीं गंगोत्री धाम में यह संख्या 680950 हो गई है। अभी यात्रा काल के लिए डेढ़ माह का समय शेष है, ऐसे में दोनों धामों में श्रद्धालुओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या नया रिकॉर्ड बना सकती है। डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को यात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त रखने एवं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तय एसओपी के अनुसार ही आवागमन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा पर आईआईएम रोहतक ने प्रस्तुत की स्टडी रिपोर्ट, सीएस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम की धारण क्षमता पर आईआईएम रोहतक की रिपोर्ट की समीक्षा कर सुगम सुरक्षित यात्रा का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा सचिवालय में मंगलवार को आईआईएम रोहतक के निदेशक व उनकी टीम द्वारा चारधाम यात्रा की धारण क्षमता तथा एसओपी को सुधारने तथा श्रद्धालुओं हेतु यात्रा को अधिकाधिक सुखद, सुगम व सुरक्षित बनाने हेतु तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट पर गहन चर्चा की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सुगम व सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु बनने वाले एक्शन प्लान के लिए चारों धामों की धारण क्षमता के सटीक आकलन का प्रयास किया जाए। एक्शन प्लान में श्रद्धालुओं हेतु चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था, यात्रा के प्रभावी प्रबंधन एवं मॉनिटरिंग तथा स्थानीय इकोलॉजी को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने जैसे मुद्दों का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक्शन प्लान में सड़कों की स्थिति में सुधार, ट्रैफिक जाम, कपाट खुलने के बाद धामों में प्रथम 40 दिनों में ओवरक्राउडिंग की समस्या के समाधान, श्रद्धालुओं की फीडबैक की व्यवस्था को प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को सरल बनाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान कार्ड आधारित पंजीकरण प्रणाली तथा आधार आधारित पंजीकरण पर चर्चा की गई। इसके साथ ही चारधाम यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा की दृष्टिगत एक एसएमएस मौसम अपडेट प्रणाली लागू करने, यात्रारुट पर पीपीपी मॉडल या सीएसआर के तहत मेडिकल सुविधा प्रदान करने, धामों में भीड़ नियंत्रण हेतु बैच वाइज दर्शन व्यवस्था को लागू करने और पार्किंग कैपेसिटी की समीक्षा करने पर भी चर्चा की गई।
40 दिन में भारी संख्या में चारधाम यात्रा पर आये श्रद्धालु..
उत्तराखंड: जून की प्रचंड गर्मी और इंद्रदेव की बेरुखी भले ही जनसामान्य को बेचैन किए हुए है, लेकिन चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रा देरी से शुरू हुई है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही प्रचंड गर्मी और पर्वतीय अंचल में सुकून की छांव के कारण इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। वर्षाकाल में विलंब के कारण भी श्रद्धालुओं को यात्रा सुगम एवं सुरक्षित लग रही। इसकी गवाही यात्रा के आंकड़े दे रहे हैं। बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 40 दिन में 6.19 लाख अधिक श्रद्धालु चारधाम पहुंचे हैं
उत्तराखंड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ के दर्शन को हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। लेकिन, इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बीते वर्षों की अपेक्षा कहीं अधिक है। इस वर्ष यात्रा 10 मई को शुरू हुई और इस दौरान ज्यादातर स्कूल-कालेज में ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते बंद हो चुके थे। इसके साथ ही जून के दूसरे पखवाड़े में भी वर्षा नहीं हुई तो श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुरक्षित और सुलभ हो गई।
पिछले वर्ष 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी और 22 अप्रैल से 31 मई के बीच 40 दिनों में 18,91,217 श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किए। जबकि, इस बार 10 मई से शुरू हुई यात्रा में 18 जून तक (40 दिनों के बीच) 25,10,767 श्रद्धालु चारों धाम में दर्शन को पहुंच चुके हैं। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी। चारों धाम में सबसे अधिक श्रद्धालु केदारनाथ दर्शन को पहुंच रहे हैं। बीते वर्ष से करीब 30 प्रतिशत श्रद्धालु सिर्फ केदारनाथ धाम आ रहे हैं। वर्ष 2023 में 19,61,025 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे थे। इस बार 40 दिनों में ही 9,17,413 श्रद्धालु केदारनाथ आ चुके हैं।
चारधाम यात्रा में एक महीने में 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा इस बार भी नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ आगे बढ़ रही है। 10 मई से शुरू यात्रा को एक माह पूरा हो गया है। अब तक 19 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बीते वर्ष की तुलना में इस बार अब तक 7.21 लाख तीर्थयात्री अधिक आए हैं। चारधामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ है। चारधाम यात्रा को लेकर देश दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों में भारी उत्साह है। हर साल यात्रा में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है।
बीते वर्ष पूरे यात्रा काल में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री व हेमकुंड साहिब में दर्शन किए थे। 22 अप्रैल 2023 को यात्रा से शुरू हुई थी। एक माह में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 12,35,557 थी, लेकिन इस बार एक माह में 19,56,269 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जो पिछले वर्ष की तुलना में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 7.21 लाख अधिक है। सरकार और पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि अक्तूबर और नवंबर माह तक चलने वाली चारधाम यात्रा इस बार नया रिकॉर्ड बनाएगी।
10 मई से 06 जून 7 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। 10 मई से लेकर 6 जून तक केदारनाथ धाम में 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं दर्शन कर चुके हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अब तक कुल 7,10,698 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि केदारनाथ धाम 11वें ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इस साल 10 मई से यात्रा की शुरुआत हुई थी। बता दें कि केदानाथ धाम की यात्रा पर जाने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 22 मई को अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक सलाह जारी की। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिए गए हैं। जबकि श्रद्धालु अब ऑनलाइन पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर जा सकते हैं। सरकार ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही निर्धारित तिथि पर तीर्थयात्रा के लिए आएं।
आपको बता दें कि सिर्फ 2 जून को केदारनाथ धाम में दर्शन करने के लिए 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। उत्तराखंड सरकार के अनुसार, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 6,00,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दो जून को 12,857 पुरुषों, 6,323 महिलाओं और 304 बच्चों सहित कुल 19,484 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ में दर्शन किए। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दो जून तक कुल 6,27,213 तीर्थयात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किए. बता दें कि रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा प्रदान की गई सहायता के कारण, केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं आराम से पहुंच रहे हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, “आज 2 जून 2024 को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को कतार में खड़ा कर सुचारु रूप से दर्शन कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी पहुंचे चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने, बोले- सभी की सुरक्षा महत्वपूर्ण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा की तैयारियों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा यहीं से शुरू होती है। मैंने इस स्थान पर सभी तैयारियों और सुविधाओं की जांच की। सभी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सोमवार को चारधाम यात्रा तैयारियों का जायजा लेने सीएम धामी ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप पहुंचे। उन्होंने कहा कि यात्रा’ सुविधाजनक ढंग से संचालित की जा रही है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए यहां आया हूं कि ‘यात्रा’ आरामदायक और सुविधाजनक ढंग से संचालित होती रहे।
सीएम धामी ने तमाम तीर्थ यात्रियों से अपील भी की है की भीड़ को देखते हुए अपनी यात्रा का कार्यक्रम थोड़ा आगे कर लें। ताकि आपको भीड़ का सामना न करना पड़े और कई परेशानियों से खुद को दूर रखें। इसके साथ ही सीएम धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए कि किसी बिहार में किसी भी तीर्थ यात्री को कोई परेशानी ना आए तीर्थ यात्रा हमारे लिए एक उत्सव जैसी है और उत्तराखंड में तीर्थ यात्रा करना हमारा सौभाग्य है इसलिए तीर्थ यात्री यह हमारे लिए देवतुल्य हैं।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार, केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार हो गया है। शुरुआती 15 दिनों में ही श्रद्धालुओं ने यह रिकॉर्ड बनाया है। प्रशासन के अनुसार 10 से 24 मई तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 10.30 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 4.47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बिना पंजीकरण के यात्रा नहीं करने दी जाएगी। इस पर सख्ती बरती जा रही है। यात्रा मार्गों और धामों में भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जाएगी। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन चार दिन के भीतर बिना पंजीकरण के रोके गए तीर्थ यात्रियों का बैकलॉग खत्म हो जाएगा। शुक्रवार को मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा सीएम पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यात्रियों को यदि किसी स्थान पर ठहराया जा रहा है तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट..
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में एक सप्ताह से रुके यात्रियों का पंजीकरण कर यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में 7500 लोग रुके हैं। उन्हें भी तीन से चार दिन में भेजा जाएगा। चारों धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। धामों में साफ-सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए दो अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिए गए। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।
फर्जी पंजीकरण करने में 13 मुकदमे दर्ज..
चारधाम यात्रा के लिए फर्जी पंजीकरण करने में टूर ऑपरेटरों के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में एक और रुद्रप्रयाग में नौ एफआईआर दर्ज की गई। सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए गए कि बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जाएगी।
बिना पंजीकरण के चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को होंगी कठिनाइयां, एडवाइजरी जारी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी जारी की है। चारधाम यात्रा के लिए उमड़ी भारी भीड़ की वजह से सरकार को व्यवस्थाएं बनाने में मुश्किलें हो रही हैं। अब तक चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 31 लाख पार हो चुका है। आपको बता दे कि चारों धाम में भारी भीड़ को देखते हुए सरकार ने पंजीकरण का सख्ती से अनुपालन शुरू कर दिया है। इस कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी भेजी। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी राज्य के तीर्थ यात्री बिना पंजीकरण आते हैं तो उन्हें चेकिंग के बाद रोक दिया जाएगा , और बिना पंजीकरण यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को लौटाया जाएगा।
उन्होंने ये भी अनुरोध किया है कि जो भी चारधाम यात्रा पर आना चाहते हैं, वह पंजीकरण में जो तिथि मिली है, उसी पर आएं। इससे चारधाम यात्रा प्रबंधन में राज्य सरकार को आसानी होगी। उन्होंने सभी टूर ऑपरेटरों व ट्रैवल एजेंटों को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वह यात्रा शुरू करने से पहले पंजीकरण जांच लें। ताकि उन्हें बाद में परेशानी न हो। उन्होंने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि वे सभी तीर्थ यात्रियों को इसके प्रति जागरूक करें।
31 लाख से अधिक पंजीकरण..
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 31 लाख 18 हजार 926 पंजीकरण हो चुके हैं। केदारनाथ के लिए 10 लाख 37 हजार 700, बद्रीनाथ के लिए नौ लाख 55 हजार 858, गंगोत्री के लिए पांच लाख 54 हजार 656 और यमुनोत्री के लिए चार लाख 86 हजार 285 पंजीकरण हुए हैं। वहीं, हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए अब तक 84 हजार 427 पंजीकरण हो चुके हैं।
बद्रीनाथ यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं का कर्णप्रयाग पुलिस कर रही स्वागत..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं का कर्णप्रयाग थाना पुलिस स्वागत कर रही है। कर्णप्रयाग पुलिस श्रद्धालुओं के लिए पथ प्रदर्शक बन रही है। तीर्थ यात्रियों को पुलिस कोतवाल देवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में स्थित पंचबद्री और पंचकेदारों सहित अनेक मंदिर और मठों के बारे में जानकारी दी।कर्णप्रयाग के पंचपुलिया में पुलिस टीम द्वारा वाहनों की चेकिंग भी की जा रही है। कोतवाल देवेन्द्र सिंह रावत का कहना हैं कि अतिथि देवो भव: की राह पर हम चलते हैं। मित्र पुलिस तीर्थयात्रियों की सेवा में सदैव तत्पर है।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा शुरू हुए 10 दिन हो गए हैं। शुरू के पांच दिनों में जहां धाम में 50 हजार श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे, वहीं पिछले पांच दिनों में धाम में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया। धाम के कपाट 12 मई को खोले गए थे। शुरू के पांच दिन यात्रा अपेक्षाकृत धीमी रही। पहले पांच दिन धाम में 57,867 श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे, लेकिन उसके बाद यात्रा ने रफ्तार पकड़ी और अगले पांच दिन में धाम में 1,00,474 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। धाम में अब तक कुल 1,58,341 यात्रियों ने दर्शन किए हैं।
शुरू में यात्रा के रुझान को देखते हुए बद्रीनाथ से लेकर यात्रा मार्ग पर कारोबारियों में मायूसी दिख रही थी, लेकिन अब जिस तरह से यात्रा ने रफ्तार पकड़ी है उससे यात्रा मार्ग से लेकर बद्रीनाथ धाम में चहल पहल बनी हुई है।उधर, बदरीनाथ में मंगलवार को 18,685 श्रद्धालु पहुंचे। मंगलवार को भी धाम में करीब एक किमी तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। अब विद्यालयों में गर्मियों की छुट्टियां पड़ने वाली हैं, जिसके बाद यात्रियों की संख्या में और तेजी आने की उम्मीद है।
गंगोत्री व यमनुोत्री के लिए नई एसओपी जारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी (विशेष कार्य योजना) जारी की है। जिसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा।
एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी के अनुसार यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं भेजा जाएगा।
वहीं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह चार बजे से ही आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। इस दौरान डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी। भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा। दोनों ही धामों में रात साढ़े आठ बजे के बाद गंगा व यमुना आरती के उपरांत कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा। किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।
प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। हालांकि आपातकालीन स्थिति में यात्री व श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधाार पर आकस्मिक सेवा स्थल तक जाने दिया जाएगा। इसके अलावा धाम जाने वाले श्रद्धालु रात आठ बजे के बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी व आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराना जरूरी होगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।
संकरे स्थानों पर लागू रहेगा गेट सिस्टम..
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किमी संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों को लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय बाद छोड़ा जाएगा। जबकि छोटे वाहन चलते रहेंगे। इधर, गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी पांच किमी, सुक्की से झाला सात किमी तथा हर्षिल से झाला 14 किमी तक वन-वे प्रभावी रहेगा।