सीएम धामी की उच्चस्तरीय बैठक- चारधाम यात्रा और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर दिए सख्त निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बन रही परिस्थितियों को देखते हुए चारधाम यात्रा, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, बांधों और ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर उच्चाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सीएम का कहना है कि शासन, प्रशासन और पुलिस को अलर्ट मोड पर रहकर सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करना होगा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। इसके साथ ही सीएम ने ताजा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी है। अब केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही कर्मचारियों को अवकाश देने की अनुमति होगी। यह कदम राज्य की सुरक्षा और सुचारु प्रशासनिक कार्य संचालन को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। चारधाम यात्रा को लेकर सीएम ने कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके लिए बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल बैठक में भाग लेने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में विशेष निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य की सीमाओं पर हर प्रकार की गतिविधि पर पैनी निगाह रखी जाए और सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए। यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के लिहाज से कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और सुनिश्चित किया कि सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षा के साथ-साथ किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
जिला और तहसील स्तर पर आवश्यक वस्तुओं आपूर्ति बनाएं..
सीएम ने कहा कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला और तहसील स्तर पर खाद्यान्न सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखी जाए। अस्पतालों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए अलर्ट पर रखा जाए। सभी आवश्यक दवाओं का पूर्ण प्रबंध हो।
बचाव व राहत कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जाए..
उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा दल और स्वयंसेवी संस्थाओं को बचाव और राहत कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। लोगों को भी सही सूचनाओं के साथ सतर्क किया जाए। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि जन सामान्य के पास हर तरह से सही और प्रमाणित सूचनाएं ही पहुंचे ताकि वो अफवाह से दूर रह सकें। साथ ही अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती की जाए। सोशल मीडिया के माध्यम से इस पर लगातार निगरानी रखी जाए।
चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में उत्साह, जीएमवीएन की बुकिंग सात करोड़ के पार..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर चारधाम यात्रा 2025 का विधिवत शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की संस्कृति, अध्यात्म और आस्था का प्रतीक है। मैं सभी श्रद्धालुओं के लिए मंगलमय यात्रा की कामना करता हूँ। बता दे कि चारधाम यात्रा के अंतर्गत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम आते हैं, और इसका शुभारंभ हर वर्ष अक्षय तृतीया से होता है। इस पवित्र यात्रा के साथ ही पूरे उत्तराखंड में धार्मिक उत्सव और आस्था का वातावरण बन गया है।
महाराज का कहना हैं कि चारधाम यात्रा के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के गेस्ट हाउसों में अब तक 7,85,85,579 ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग हो चुकी हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या में से एक मानी जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस वर्ष पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सरल और बहुविकल्पीय बना दिया हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन पंजीकरण, मोबाइल एप से पंजीकरण के साथ-साथ इस वर्ष आधार नंबर से भी पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई है। ऑफलाइन पंजीकरण 28 अप्रैल 2025 से शुरू कर दिए गए हैं।
यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में अभी तक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन काउंटरों के माध्यम से कुल 22,67,190 यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। मंत्री महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा में सुरक्षा और ट्रैफिक पर नजर रखने के लिए 18 ड्रोन सक्रिय हैं। इसके अलावा 2000 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। यात्रा मार्ग पर 15 सुपर जोन, 136 पार्किंग और 56 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। यातायात का ज्यादा प्रेशर देखते हुए होल्डिंग एरिया में श्रद्धालुओं को रोका जाएगा और यहीं पर उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
चारधाम यात्रा- 39 बसों से 1400 तीर्थयात्री हुए रवाना, तीर्थयात्रियों का माल्यार्पण कर हुआ स्वागत..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा का शुभारंभ आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो गया। इसी क्रम में चारधाम यात्रा संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की ओर से 39 बसों में करीब 1400 तीर्थयात्री रवाना हुए। सभी यात्री ऋषिकेश की विभिन्न धर्मशालाओं में ठहरे हुए थे, जहां से उनका यात्रा पंजीकरण भी कराया गया। तीर्थयात्रियों को गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए रवाना किया गया, जहां आज विधिवत श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुल गए है। यात्रा समिति द्वारा समन्वय के साथ सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा संचालन सुनिश्चित किया गया। श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखा गया। प्रशासन और यात्रा समिति ने यात्रियों से अपील की है कि वे सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी सहायता के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
चारधाम यात्रा पर रवाना हो रहे तीर्थयात्रियों का ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। धर्मशालाओं में ठहरे श्रद्धालु भोले बाबा के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे हैं। मंगलवार सुबह ऋषिकेश पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों का तुरंत पंजीकरण किया गया, ताकि उनकी यात्रा में कोई विलंब न हो। पंजीकरण के बाद सभी श्रद्धालु नियमानुसार चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए। रोटेशन यात्रा समिति के मीडिया प्रभारी नवीन तिवारी का कहना हैं कि इस बार प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं, जिससे यात्रियों में खासा उत्साह और संतोष देखने को मिल रहा है। शहर की धर्मशालाएं भक्ति संगीत और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठी हैं, जिससे चारधाम यात्रा का आरंभ अत्यंत भावपूर्ण हो गया। प्रशासन और समिति की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हर सुविधा उपलब्ध हो और वे सुरक्षित व सुगम यात्रा का अनुभव कर सकें।
चारधाम यात्रा- उत्तरकाशी प्रशासन पूरी तरह अलर्ट, श्रद्धालुओं के स्वागत को हर स्तर पर तैयारी..
उत्तराखंड: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को इस बार, पार्किंग से लेकर साफ सफाई की शानदार व्यवस्था देखने को मिलेगी। इस बार आठ स्थानों पर स्मार्ट टॉयलेट कॉम्प्लेक्स के साथ ही कई जगह पार्किंग सुविधा विकसित की गई है। यात्रा शुरु होने से एक दिन पहले जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि यात्री सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते यात्रा मार्ग पर शौचालय, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है। चारधाम यात्रा 2025 के सुगम, सुरक्षित और सफलतापूर्वक संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की गई है। यात्रियों की बढ़ती संख्या और वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रमुख मार्गों को सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर खरसाली, जानकीचट्टी, बड़कोट और नौगांव सहित कई प्रमुख स्थानों पर पार्किंग सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। वहीं गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हीना में सरफेस पार्किंग, उत्तरकाशी मुख्यालय में मल्टी स्टोरी पार्किंग, गंगोत्री में मल्टी स्टोरी पार्किंग एवं रामलीला मैदान, जोशियाड़ा और बंदरकोट जैसे क्षेत्रों में सरफेस पार्किंग स्थलों का विस्तार किया गया है।
जिलाधिकारी का कहना हैं कि यात्रा मार्गों पर मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय आदि की व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जानकीचट्टी में आधुनिक शौचालय का निर्माण किया गया है, जिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सके। यात्रा मार्ग पर आठ स्मार्ट टॉयलेट काम्प्लेक्स संचालित किए जा रहे हैं।
इस बार बद्रीनाथ धाम में दिखेगा बदलाव, श्रद्धालुओं को दिखेगा नया रूप..
उत्तराखंड: इस बार बद्रीनाथ धाम श्रद्धालुओं के लिए पहले से कहीं अधिक खुले और व्यवस्थित रूप में नजर आएगा। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत जो पुनर्विकास कार्य किए जा रहे हैं, उनका उद्देश्य धाम को आध्यात्मिक गरिमा के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी युक्त बनाना है। मंदिर क्षेत्र से अव्यवस्थित भवनों और अतिक्रमण को हटाया गया है, जिससे मंदिर अब खुला और भव्य नजर आता है। वही बद्रीनाथ बाजार क्षेत्र में निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पार्किंग, वॉशरूम, विश्राम गृह, और पैदल मार्गों को बेहतर बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ महायोजना मास्टर प्लान के तहत धाम में युद्धस्तर पर निर्माण और भवनों के ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। ताकि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
धाम में मास्टर प्लान के दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं। अराइवल प्लाजा का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस पर नक्काशीदार पत्थर और लकड़ी लगाकर आकर्षक रूप दिया जा रहा है। बदरीश झील और शेषनेत्र झील के किनारे आकर्षक पत्थर बिछाए गए हैं और आकर्षक लाइट लगा दी गई है। बद्रीनाथ मंदिर के करीब 75 मीटर हिस्से में भवनों का ध्वस्तीकरण कार्य भी तेजी से चल रहा है। दूर से ही मंदिर खाली-खाली नजर आ रहा है। दर्शनों की लाइन के दोनों ओर के सभी भवनों को ध्वस्त कर दिया गया है। बदरीनाथ के शुरुआत देव दर्शनी में तीर्थयात्रियों के लिए व्यू प्वाइंट बनाया जा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे..
यहां से यात्री दूर से ही बद्रीनाथ मंदिर और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। यहां एक विशाल गेट भी बनाया जा रहा है। लोनिवि पीआईयू के अधिशासी अभियंता योगेश मनराल ने कहा कि मास्टर प्लान के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। बरसात से पहले अधिकांश काम पूर्ण कर लिए जाएंगे। बद्रीनाथ क्षेत्र में अलकनंदा के दोनों ओर से रिवर फ्रंट का काम भी तेजी से चल रहा है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग पीआईयू बरसात से पहले यहां अधिक से अधिक कार्यों को पूरा करने पर जोर दे रही है। इसके लिए यहां करीब 400 मजदूर लगाए गए हैं। रिवर फ्रंट के कार्यों से अलकनंद अस्त-व्यस्त नजर आ रही है। नदी में जगह-जगह मलबे के ढेर पड़े हैं। मलबे के कारण नदी का रुख गांधी घाट और ब्रह्मकपाल की ओर ओर हो गया है। यदि मलबे का जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो बरसात में नदी का पानी ब्रह्मकपाल से तप्तकुंड तक घुस जाएगा।
चारधाम यात्रा से पहले धामी सरकार की बड़ी सौगात..
प्रदेश के अस्पतालों को मिले 45 विशेषज्ञ डॉक्टर..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश संख्या 293157/2025 के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके संबंधित विशेषज्ञता के अनुसार जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है। इनमें सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती..
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन व निर्देशन में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। सीएम धामी व स्वास्थ्य मंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि सीमांत गाँव के अंतिम छोर पर खड़े ब्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने बताया सभी डॉक्टर विभाग की तरफ से पीजी करने गए थे। पीजी कोर्स पूर्ण होने के बाद विशेषघ चिकित्सक के रूप में इन सभी की तैनाती विभिन्न जनपदों में कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से जिलों में आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय जनता को भी त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को मिली बड़ी राहत..
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में पूर्व में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को बड़ी राहत मिली है। कई जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि सामान्य बीमारियों के इलाज में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।
किन जिलों को मिले विशेषज्ञ डॉक्टर..
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि इन 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है, जहां चारधाम यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ता है या जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता थी। इनमें प्रमुख रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे जिले शामिल हैं। चूंकि चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार ने हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। स्थानांतरण आदेश के तहत कई डॉक्टर ऐसे संवेदनशील जिलों में तैनात किए गए हैं जहां तत्काल विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता होती है।
तेजी से कार्यभार ग्रहण के निर्देश..
स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर कार्यभार नहीं ग्रहण करता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी श्रद्धालुओं की चारधाम यात्रा पर लगा ब्रेक, 77 ने कराया था पंजीकरण..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का असर अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी दिखाई देने लगा है। इस हमले के बाद पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा का रास्ता बंद कर दिया गया है। इस वर्ष पाकिस्तान से कुल 77 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन अब उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं मिल पाएगी। इस बार विदेशी श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा पंजीकरण संयुक्त राज्य अमेरिका, नेपाल और मलेशिया से किये गए हैं। चारधाम यात्रा को लेकर इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्साह दिखा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी पर रोक लगाई गई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। विशेष रूप से पाकिस्तान से आने वाले तीर्थयात्रियों पर रोक, संवेदनशीलता और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखकर लगाई गई है।
30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 21 लाख पार हो चुका है। इसमें विदेशों से 24729 यात्रियों ने यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें पाकिस्तान से पंजीकरण करने वालों की संख्या 77 है। पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले लोगों को वीजा न देने के साथ भारत में रह रहे पाकिस्तानी लोगों को 48 घंटे के भीतर वापस लौटने का सख्त निर्णय लिया है।
पहलगाम आतंकी घटना ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। पंजीकरण करने वाले पाकिस्तानी अब चारधाम यात्रा नहीं कर सकेंगे। जबकि अन्य देशों के यात्री अपने यात्रा प्लान के अनुसार चारधामों के दर्शन कर सकते हैं। पर्यटन विभाग के पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार यूएस, नेपाल, मलेशिया से पंजीकरण करने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक है। अब तक लगभग 100 से अधिक देशों के लोगों ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है।
चारधाम यात्रा के साथ बढ़ेगी बिजली की खपत, यूपीसीएल ने कसी कमर, 24×7 सप्लाई की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बिजली की मांग में 8 से 10 मेगावाट तक की बढ़ोतरी संभावित है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। जैसे ही यात्रा शुरू होती है, प्रदेश के यात्रा मार्ग, होटल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के आसपास का पूरा क्षेत्र बिजली की रोशनी से जगमगा उठता है। इससे यात्रियों को न सिर्फ सुविधा मिलती है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अहम भूमिका निभाता है। UPCL ने स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बिजली कटौती से बचने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। विद्युत निगम के अधिकारी लगातार यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। बिजली विभाग ने यात्रा मार्गों पर लगे ट्रांसफॉर्मरों, लाइन नेटवर्क और उपकेंद्रों की जांच और आवश्यक मरम्मत पहले ही शुरू कर दी है। फील्ड टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी फॉल्ट या रुकावट की स्थिति में तुरंत समाधान किया जा सके।
सामान्य दिनों के मुकाबले यूपीसीएल के लिए बिजली की मांग का आंकड़ा भी बढ़ जाता है। बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद बिजली की मांग में 2.5 मेगावाट, केदारनाथ में 2 मेगावाट, गंगोत्री में 1.5 मेगावाट, यमुनोत्री में 2 मेगावाट, हेमकुंड साहिब में करीब 2 मेगावाट बढ़ जाती है। बद्रीनाथ और केदारनाथ में आपूर्ति की लाइनें 21-21 किलोमीटर लंबी है।
ये हैं तैयारियां
केदारनाथ धाम में 200 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना की मरम्मत का काम पूरा करके 25 अप्रैल तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। 33 केवी गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 33 केवी, 11 केवी लाइन की लॉपिंग चौपिंग पूरी।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक क्षतिग्रस्त 11 केवी लाइन, एलटी लाइन, स्ट्रीट लाइट लाइन की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। गुप्तकाशी-सोनप्रयाग लाइन और 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि का काम पूरा। धाम में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक विभिन्न स्थानों पर दो सहायक अभियंता, पांच अवर अभियंता तैनात किए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर 26 मजूदरों को भी तैनात किया गया है।
केदारनाथ धाम के लिए रुद्रप्रयाग में तीन अतिरिक्त स्त्रोतों से बिजली की आपूर्ति दी जाएगी। ताकि एक जगह बाधा आने पर दूसरी लाइन से आपूर्ति की जा सके।
बद्रीनाथ धाम में 1300 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना है, जिससे धाम में बिजली दी जाती है। धाम की आंतरिक प्रकाश व्यवस्था 25 केवीए के जेनरेटर से की जाती है। यहां भी लाइनों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। अत्यधिक लोड बढ़ने पर लो वोल्टेज की स्थिति से निपटने के लिए बदरीनाथ में 33 केवी का नया सब स्टेशन बनेगा, जिसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। पांडुकेश्वर सब स्टेशन की क्षमता वृद्धि का काम 25 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा।
गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यूपीसीएल ने लाइनों की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है। यमुनोत्री में दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। पहले यहां पांच किमी दूर से एलटी लाइन आती थी। अब 24 घंटे आपूर्ति के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
चारों धाम में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं चौबंद की जा रही हैं। चारों धाम में इंजीनियरों की ड्यूटी लगाने के साथ ही आकस्मिकता की स्थिति के लिए ट्रांसफार्मर, पोल व अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
चारधाम यात्रा से पहले अलर्ट मोड पर उत्तराखंड, सोशल मीडिया इनपुट से लेकर सीमावर्ती राज्यों से समन्वय तक सुरक्षा पुख्ता..
उत्तराखंड: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस ने रातभर चेकिंग अभियान चलाया और अब दिन में भी बॉर्डर क्षेत्रों के साथ-साथ पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर सघन चेकिंग की जा रही है। सरकार की ओर से सभी संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। यात्रा मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही खुफिया तंत्र को भी अति सक्रिय करते हुए हर छोटी-बड़ी सूचना को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
हर साल चारधाम यात्रा और प्रमुख धार्मिक आयोजनों के दौरान धमकी जैसे इनपुट्स सामने आते हैं, जिससे पुलिस और खुफिया एजेंसियां पहले से ही अलर्ट रहती हैं। लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार चारधाम यात्रा के साथ ही राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस और खुफिया तंत्र को किसी भी इनपुट को नजरअंदाज न करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात..
चारधाम यात्रा के मद्देनज़र सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मिलने वाली जानकारियों को गंभीरता से लेते हुए इंटेलिजेंस और पुलिस विभाग को इनपुट जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। बॉर्डर क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचना आदान-प्रदान को लेकर समन्वय बढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की आशंका को समय रहते रोका जा सके। बता दें कि चारधाम के अलावा देहरादून, मसूरी, टिहरी, नैनीताल आदि जगहों पर लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं। इनकी सुरक्षा में भी कोई चूक न हो इसके लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंटेलीजेंस को राष्ट्रीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहने के लिए भी कहा गया है। ताकि, हर प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके। इसी के मद्देनजर राज्य में भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता की जाएगी। समय-समय पर हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देहरादून के विभिन्न सैन्य संस्थान, टिहरी बांध आदि पर हमले की धमकियां मिलती हैं। इन्हें गंभीरता से लेते हुए पुलिस कार्रवाई भी करती है। इनमें कुछ असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की बात भी सामने आती है।
चारधाम यात्रा के लिए हर उम्र के श्रद्धालु उत्साहित, 28 अप्रैल से शुरू होगा ऑफलाइन पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। एक माह की अवधि में 0 से 15 वर्ष की आयु वर्ग में 1,11,298 बच्चों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 2.58 लाख से अधिक श्रद्धालु भी यात्रा के लिए पंजीकृत हो चुके हैं। युवाओं में भी चारधाम यात्रा को लेकर खासा जोश है, जिससे स्पष्ट है कि इस बार की यात्रा में हर उम्र वर्ग की भागीदारी देखने को मिलेगी। सरकार और प्रशासन द्वारा यात्रा मार्गों और सुविधाओं को लेकर तैयारियां भी तेजी से की जा रही हैं, जिससे सभी यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।
चारधाम यात्रा में हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है। समय के साथ यात्रा का स्वरूप भी बदल रहा है। अब यात्रा में आने के लिए बच्चे, बूढ़े और जवान सब आतुर हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर एक माह में हुए ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 19 लाख पार कर चुका है। इसमें सबसे अधिक संख्या 20 से 70 वर्ष आयु वर्ग के यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा 0 से 5 साल आयु वर्ग में 14256 और 90 वर्ष ऊपर के 62 यात्री भी यात्रा करने को तैयार हैं।
यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया सुचारु रूप से जारी है और सभी आयु वर्ग के लोग इसमें भाग ले रहे हैं। अब तक लाखों श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। उनका कहना हैं कि 28 अप्रैल से ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं। प्रशासन यात्रा की तैयारियों में लगातार जुटा हुआ है ताकि श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।