कर्मचारियों को धामी सरकार की सौगात, नेशनल वेतनवृद्धि मंजूर..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को दो बड़ी सौगातें दी हैं। कर्मचारी संगठन लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। संगठनों ने सरकार का आभार जताया है। सचिवालय सेवा से इतर सभी सरकारी कार्यालयों में सेवा दे रहे वाहन चालकों का वर्दी भत्ता 13 साल से नहीं बढ़ा। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि सभी सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे नियमित वाहन चालकों को अब 3000 रुपये सालाना वर्दी भत्ता मिलेगा। पहले यह राशि औसत 2400 रुपये थी। भत्ते का लाभ 2000 से अधिक नियमित चालकों को मिलेगा।
इसी प्रकार, वेतन समिति की सिफारिश के तहत हर साल 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आहरित अंतिम वेतन में एक नोशनल वेतनवृद्धि जोड़ते हुए पेंशन की गणना की जाएगी। अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों की गणना में नोशनल वेतनवृद्धि को नहीं लिया जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे ने मांग पूरी होने पर मुख्यमंत्री व अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अभी कर्मचारियों की कई अन्य मांगें हैं, जिन पर सरकार को शासनादेश जारी करने हैं। उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल ने भी सरकार का आभार जताया। उत्तराखंड सचिवालय संघ ने भी अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव राकेश जोशी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन को पुष्पगुच्छ देकर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर जीतमणि पैन्यूली, रमेश सिंह बड़थ्वाल भी मौजूद रहे।
धामी सरकार ने तीन साल में शुरु किए दो मेडिकल कॉलेज..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल के दौरान, उत्तराखंड में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। धामी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है, और अब इसी सत्र से हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने जा रहा है। दोनों जगह की कुल 200 नई सीटें जुड़ने से उत्तराखण्ड में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर 625 हो गई है।
धामी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रदेश में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ही संचालित हो रहे थे। हालांकि तब तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पर भी काम शुरू हो चुका था। कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ ही एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता पर शुरू करने के निर्देश दिए।
जिसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूरा किया गया। जिसमें से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पहले पूरा होने पर यहां 2022 से ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अब इसी क्रम में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य पूरा होने से इसी शैक्षिक सत्र से यहां भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए 100 सीटें मंजूर कर दी हैं। इसके लिए अब काउंसिलिंग शुरू की जा रही है। इससे प्रदेश के और अधिक बच्चों को एमबीबीएस करने का मौका मिलेगा, इसके लिए उन्हें सरकारी फीस ही चुकानी है।
हमारी सरकार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के जरिए जहां स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है, वहीं इससे मेधावी छात्रों को भी अपने प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई सस्ती दरों पर करने का मौका मिलेगा। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द पहले बैच की काउंसिलिंग शुरू होगी, जल्द ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करते हुए जरूरी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
धामी सरकार इन 16 मंदिरों का कराएगी सुंदरीकरण..
उत्तराखंड: देवभूमि में चारधाम की भांति अब मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के तीर्थाटन, पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों को संवारने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस मिशन के अंतर्गत प्रथम चरण में 16 में नौ मंदिरों को निखारने के लिए 30.12 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। इसमें शामिल प्रसिद्ध कैंचीधाम में हेलीपैड की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। इसके लिए उपयुक्त भूमि मिलने पर हेलीपैड का निर्माण कराया जाएगा। जिससे आने वाले समय में देश-विदेश से श्रद्धालु हेली सेवा से आसानी से कैंचीधाम पहुंच सकेंगे।
केदारखंड में चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस वर्ष अब तक 26 लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। चारधाम यात्रा की तरह ही मानसखंड यानी कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को भी तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन शुरू किया है। इसकी जिम्मेदारी यूटीडीबी (उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड) को सौंपी गई है। जिसके प्रथम चरण में 16 मंदिरों को मिशन में शामिल किया गया है। अब इनमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत अवस्थापना संबंधी कार्य तेजी से कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड ने नौ मंदिरों में होने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 70 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया है। इनमें से प्रथम किस्त के तौर पर 30.12 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। निर्माण कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। लोनिवि ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ये होंगे निर्माण कार्य..
मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत सभी मंदिरों में पार्किंग, रोशनी, सुंदरीकरण, आस्था पथ का निर्माण, पहुंच मार्गों का सुंदृढ़ीकरण सहित कई कार्य कराए जाएंगे। वहीं कैंचीधाम में मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर वन-वे व्यवस्था होगी। मंदिर में पीछे की तरफ निकासी द्वार बनेगा, जो सीधे पार्किंग से जुड़ेगा। इससे वहां उमड़ने वाली भीड़ भी नियंत्रित रहेगी।
इन मंदिरों का होगा कायाकल्प..
जागेश्वर धाम – अल्मोड़ा -11 करोड़
बैजनाथ – बागेश्वर – 1.87 करोड़
नैना देवी – नैनीताल – 11 करोड़
कैंची धाम – नैनीताल – 28.15 करोड़
पाताल रुद्रेश्वर – चंपावत – 2.31 करोड़
पाताल भुवनेश्वर – पिथौरागढ़ – 2.43 करोड़
हाटकालिका मंदिर – पिथौरागढ़ – 6.58 करोड़
मां बाराही देवी – चंपावत – 12.54 करोड़
नंदा देवी मंदिर – अल्मोड़ा – 04 करोड़
मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल नौ मंदिरों के विकास के लिए 30.12 करोड़ रुपये बजट जारी हुआ है। जल्द ही सभी मंदिरों में निर्माण कार्य शुरू होंगे। कैंचीधाम में हेलीपैड बनाने की संभावना भी तलाशी जा रही है।
पिथौरागढ़ के प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी, धामी सरकार ने हाईकोर्ट से मांगी रिपोर्ट..
उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ के 292 प्राइमरी स्कूलों में अध्यपकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे कितने स्कूल है जिनमें टीचरों की कमी है। ऐसे कितने स्कूल हैं जिनमें छात्र नहीं हैं और ऐसे कितने स्कूल है जिनके भवन जीर्णशीर्ण हालत में है। कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर तलब की है। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पिथौरागढ़ जनपद में 292 ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें एक-एक शिक्षक नियुक्त हैं। कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनमें छात्रों की संख्या 11, 21, 24 हैं लेकिन उनमें अध्यापक नहीं हैं। कुछ स्कूलों के भवन खस्ताहाल हैं जो कभी भी गिर सकते हैं। याचिका में कहा गया कि सरकार उनके बच्चों के भविष्य से खेल रही है।
सरकार ने स्कूल तो खोल दिए लेकिन अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति कराई जाए और स्कूल भवनों को सुधारा जाए। सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि जिन स्कूलों में छात्र नही हैं और जिनमें छात्रों की संख्या कम रह गई है उनको दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। ताकि छात्रों के भविष्य को सुधारा जा सके।
उत्तराखंड में अब इन कर्मियों को धामी सरकार ने दी सौगात..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार ने अब रोडवेज कर्मियों को सौगात दी है। बताया जा रहा है कि परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को निगम प्रबंधन ने चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है। जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। जिसके बाद अब इन कर्मियों की सैलरी बढ़कर आयगी। आपको बता दे कि 35वीं बैठक में निदेशक मंडल ने ये निर्णय लिया था। एक जुलाई 2023 से रोडवेज अधिकारियों, कर्मचारियों को 42 के बजाए 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। एक मार्च से महंगाई भत्ते की दर 46 प्रतिशत मानी जाएगी। यह भत्ता एक जुलाई 2023 से दिया जाएगा, जिसका 29 फरवरी तक एरियर भी दिया जाएगा। जिससे अब इनकी सैलरी बढ़कर आयेगी।बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में न्यूनतम मजदूरी में 25 प्रतिशत का इजाफा हो गया। अकुशल, अर्द्धकुशल और कुशल श्रेणी में दर्ज श्रमिकों को हर महीने 2507 से लेकर 2804 रुपये तक लाभ मिलेगा। उत्तराखंड में श्रम विभाग में पंजीकृत तमाम संस्थानों, निजी सेक्टर, फैक्ट्री, दफ्तरों में कार्यरत कामगार इसके दायरे में आएंगे।
सरकारी कर्मचारियों को होली से पहले धामी सरकार ने दिया तोहफा..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने होली से पहले उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के सभी निगम, निकायों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। सचिव औद्योगिक विकास विभाग विनय शंकर पांडेय ने कल देर शाम इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं। मंगलवार को जारी किए आदेश के अनुसार 13 जनवरी 2024 को राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों में कर्मचारियों को एक जुलाई 2023 से चार प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अनुमन्य किया गया था। लेकिन कर्मचारी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी हो गया। इसके तहत निगम कर्मचारियों को एक जुलाई 2023 से 42 के बजाए 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी वित्तीय स्थितियों का आकलन करने के बाद महंगाई भत्ते पर कार्रवाई करें।
धामी सरकार अब ऐसे कसेगी उपद्रवियों पर नकेल..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। बता दें सरकार विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दे कि धामी सरकार सदन में विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए 26 फरवरी यानी आज से शुरू होने वाले बजट सत्र में ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ लाएगी। आपको बता दें इस बिल के तहत विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
वन्यजीवों के हमले में मौत पर अब छह लाख का मुआवजा..
उत्तराखंड: प्रदेश में जहां वन्य जीवों का आतंक बढ़ रहा है वहीं धामी सरकार ने अब उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु अथवा घायल होने के मामलों में मुआवजा राशि बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब इसमें छह लाख रुपये तक मुआवजा राशि मिल सकेगी।आपको शासन ने वन्यजीवों के हमलों से जूझ रहे उत्तराखंड में मानव, पशु, भवन व फसल क्षति के मामलों में मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है।
जिसको लेकर मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली में संशोधन की अधिसूचना जारी की गई है। जिसके बाद अब जंगली जानवरों के हमले में मृत्यु पर अब परिजनों को छह लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं घायल होने पर क्षति के अन्य मामलों में भी राशि बढ़ाई गई है। साथ ही ये मुआवजा राशि 15 दिन के भीतर पीड़ित को दी जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में हुई समीक्षा बैठक में वन्यजीवों से होने वाली क्षति के मामलों में दी जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्धि से संबंधित अधिसूचना शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए थे। पहले वन्य जीव के हमले में मृत्यु के मामलों में परिजनों को अभी तक आपदा मोचन निधि से चार लाख रुपये की राशि दी जाती थी, जो अब छह लाख की गई है। इसमें दो लाख रुपये मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि से उपलब्ध कराए जाएंगे।
धामी सरकार का बड़ा फैसला कृषि और उद्यान भूमि खरीद पर रोक का आदेश जारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में कृषि और औद्यानिकी के लिए जिलाधिकारी की अनुमति से जमीन खरीदने पर सरकार ने नए साल से रोक लगाने का फैसला लिया था। इस संबंध में आज शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे पहले धामी सरकार जमीन खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की जांच का फैसला भी ले चुकी है।वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के लिए नया भू-कानून तैयार करने के लिए प्रारूप समिति गठित की गई है, इसलिए प्रदेश हित व जनहित में यह निर्णय लिया गया कि भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत करने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी राज्य से बाहर के व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने की अनुमति के प्रस्ताव में निर्णय नहीं लेंगे।
कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या बढ़ी..
राज्य में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। लगातार ये मुद्दा उठ रहा है कि कृषि भूमि को बाहरी राज्यों के लोग आकर खरीद रहे हैं। इसके लिए पूर्व में भू-कानून बनाने के लिए सुभाष कुमार की समिति बनाई गई थी। इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसी रिपोर्ट से अब प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सरकार भू-कानून पर नए साल में अहम फैसला ले सकती है।
आपको बता दे कि पिछले साल मई माह में धामी सरकार ने कैबिनेट में ये निर्णय लिया था कि राज्य में भूमि खरीदने वाले की पहले पृष्ठभूमि और मकसद की जांच होगी। उसके बाद अनुमति दी जाएगी। तब सीएम धामी ने कहा था कि प्रदेश में जमीन बेरोक-टोक खरीदी जाती थी, लेकिन अब पूरी पृष्ठभूमि जांचने के बाद अनुमति दी जाएगी। इसके लिए अध्यादेश लाने की भी तैयारी की जा रही है।
उत्तराखंड में एकल महिलाओं को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की योजना..
उत्तराखंड: धामी सरकार एकल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत लाथार्थी महिलाओं को सस्ता लोन दिया जाएगा। इस योजना के तहत सस्ती दरों पर 75 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने की योजना बनाई जा रही है। जिसके लिए आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास विभाग इस संबंध में अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रहा है। इसके तहत अधिकतम दो लाख रुपये वाली परियोजना की लागत पर प्रदेश सरकार की ओर से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दिए जाने की योजना है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि महकमे के सर्वे के अनुसार प्रदेश में लगभग चार लाख एकल महिलाएं है। लेकिन प्रस्तावित योजना में 25 वर्ष से 45 वर्ष तक की एकल महिलाओं को शामिल किया जाएगा। ऐसी महिलाओं की कुल संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच रही है।
विभाग चयनित महिलाओं को स्वरोजगार करने में मदद करेगा। उन्हें सहकारी बैंक से 50 हजार से दो लाख रुपये तक लागत वाली परियोजना पर अधिकतम 75% तक सब्सिडी दी जाएगी। शेष 25% धनराशि भी बिना गारंटर के लोन स्वरूप दी जाएगी। इसके लिए महिला की सालाना आय 72 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। एकल महिलाओं में विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व अविवाहित महिलाएं शामिल होंगी।
बताया जा रहा है कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एकल महिलाओं के लिए यह योजना घोषित की गई थी, जिसे अब धरातल पर उतारा जाना है। इस योजना के तहत महिलाएं अपना कोई भी स्वरोजगार शुरू करने के साथ ही अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकेंगी। इसके लिए कैबिनेट मंत्री ने प्रस्ताव बना कर अगली कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
ये हैं पात्रता की शर्तें..
महिला उत्तराखंड की मूल निवासी हो
न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम 45 वर्ष
मासिक आय छह हजार रुपये से अधिक न हो
किसी भी संगठित सेवा, सरकारी, गैर सरकारी उपक्रम में कार्यरत न हो
राजकीय व पारिवारिक पेंशन प्राप्त न करती हो
विधवा, विकलांग जैसी कल्याणकारी योजनाओंं से पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं भी पात्र होंगी।