रेल निर्माण निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों की डीएम ने ली बैठक..
उत्तराखंड: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से प्रभावित नरकोटा गांव के ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के समक्ष रखी। जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने रेल निर्माण निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग की कार्यदायी संस्थाओं को ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को नरकोटा के ग्रामीणों के साथ आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने रेलवे निर्माण निगम व एनएच के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माणाधीन कार्यों के लिए बनाए गए डंपिंग जोन का मलबा बिना देरी के साफ किए जांए। किसी भी जोन में क्षमता से अधिक मलबा पाए जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि नदी एवं गदेरों में किसी भी दशा में मलबा डंप न किया जाए। उन्होंने उप जिलाधिकारी एवं खनन अधिकारी को समय-समय पर निरीक्षण कर आख्या उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने रेल एवं राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य कर रही संस्थाओं से कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान ग्राम सभा की किसी भी संपत्ति को नुकसान होने पर संबंधित संस्थान ही उसकी मरम्मत करवाएगा।
उन्होंने रेल निर्माण निगम को 30 सितंबर तक क्षतिग्रस्त सड़क एवं पुश्ते के मरम्मत और निर्माण करने को कहा। साथ ही नरकोटा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त शिवालय एवं गांव के रास्ते की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों द्वारा उनके मकानों पर ब्लास्टिंग से आई दरारों की शिकायतों की पुष्टि के लिए खनन अधिकारी को स्थलीय निरीक्षण करते हुए एक सप्ताह अंतर्गत जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक के दौरान उपस्थित ग्रामीणों एवं प्रधानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने रेल निगम के अधिकारियों को ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से किसी भी निर्माण कार्यों में व्यवधान न डालने की अपील की गई।
बैठक में उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौंढियाल, भू-वैज्ञानिक डाॅ दीपक हटवाल, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, ग्राम प्रधान चंद्रमोहन, संदीप प्रसाद, भगवती प्रसाद, गुड्डी देवी, विनोद भट्ट, सुनील जोशी, दीपक सिलोडी, कुलदीप जोशी, वीपी गैरोला, विनोद बिष्ट, राजेश भट्ट, औंकार सिंह, संजय पाठक सहित नरकोटा गांव के ग्रामीण मौजूद रहे।
बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा में निर्माणाधीन पुल की शटरिंग पलटी, दो मजदूरों की मौत..
आठ घायलों का जिला चिकित्सालय में चल हा इलाज..
आल वेदर परियोजना के तहत नरकोटा में चल रहा निर्माणाधीन डबल लेन पुल का कार्य..
64 करोड़ की लागत से आरसीसी कंपनी को दिया गया है पुल का कार्य..
आरसीसी कंपनी ने पेटी में दिया है सिंगला कंपनी को कार्य..
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग से सात किमी दूर नरकोटा में आलवेदर सड़क के तहत निर्माणाधीन मोटरपुल की शटरिंग पलटने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ मजदूर गंभीर घायल हो गये। दो गंभीर घायलों की स्थिति को नाजुक देखते हुए श्रीनगर के लिए रेफर किया गया। अन्य घायलों का कोटेश्वर अस्पताल में उपचार चल रहा है। घटना के बाद जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
बुधवार सुबह नौ बजे के करीब रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से सात किमी की दूरी पर ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा के पास निर्माणाधीन पुल की शटरिंग पलट गई। निर्माण कार्य में दस मजदूर लगे हुए थे। शटरिंग पलटने से सभी मजदूर सरियों के मोटे जाल के नीचे दब गये। सूचना मिलने के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। आठ मजदूरों को निकालने के बाद तुरंत जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, लेकिन दो मजदूर वहीं फंसे रहे। बाद में कटर मशीन से सरियों के जाल को काटा गया और दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और दोनों मजदूरों की मौत हो चुकी थी। घटना में दो गंभीर घायलों को श्रीनगर बेस अस्पताल के लिए रेफर किया गया, जबकि अन्य घायलों का माधवाश्रम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बता दें कि नरकोटा में आल वेदर कार्य के तहत इस डबल लेन पुल का निर्माण किया जा रहा है। इस पुल का निर्माण लगभग 64 करोड़ की लागत से किया जाना है। पुल का निर्माण कार्य अभी शुरूआती चरणों में है, लेकिन आज हुए इस हादसे ने निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। हादसे में मृतक मजूदरों के परिजनों के रो-रोकर बुरे हाल हैं। निर्माण कार्य कर रही आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी शर्मा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि इस पुल का निर्माण कार्य किसी और कंपनी को पेटी पर दिया गया है।
इस पुल का निर्माण कार्य दो इंजीनियरों की देखरेख में हो रहा था। घटना के बाद पुलिस ने आरसीसी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी शर्मा को मौके से उठा लिया और पूछताछ के लिये थाने लाई। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजर को पूछताछ के लिये लाया गया है। पूछताछ के बाद आगे की कार्यवाही जायेगी। जो मजदूर घटना में मरे हैं। उनके परिजनों द्वारा तहरीर देने के बाद मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित भी मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन पुल की क्षतिग्रस्त होने की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी तथा इसमें कार्यदायी संस्था एनएच विभाग श्रीनगर एवं कार्य करा रही एजेंसी आरसीसी के अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। घटना स्थल के बाद डीएम मयूर दीक्षित ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल भी जाना। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।