कौशाम्बी तक रोडवेज बस संचालन की अनुमति नहीं मिली..
उत्तराखंड: दिल्ली रूट पर बस सेवा प्रभावित होने के बाद फिलहाल उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक भी उत्तराखंड रोडवेज की बसें नहीं चल पाएंगी। दो दिन पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें विशेषकर वीकेंड पर दिल्ली मार्ग पर बसों के फेरे बढ़ाने और उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक बस संचालन पर यूपी से बात करने के निर्देश दिए गए थे। परिवहन निगम के अधिकारियों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश रोडवेज के अफसरों से बात की। उन्होंने अपनी बीएस-4 बसों को कौशांबी तक ले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन यूपी के अफसरों ने जगह देने से इनकार कर दिया। उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली मार्ग पर रोजाना 504 बसें संचालित होती थी, लेकिन दिल्ली में कोर्ट का आदेश लागू होने के बाद रोडवेज की बीएस-4 बसों की एंट्री बंद हो गई है। परिवहन निगम किसी तरह से आधी बसों के साथ दिल्ली मार्ग पर संचालन कर रहा है। जिस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
परिवहन विभाग के कर्मियों ने दोबारा शुरू किया कार्य बहिष्कार,सीएम के निर्देश पर किया था निलंबित..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग में हुए बड़े सड़क हादसे के बाद ऋषिकेश के तपोवन में ड्यूटी कर रहे चार कर्मचारियों को सीएम धामी के निर्देश पर निलंबित कर दिया था। जिसके बाद प्रवर्तन कर्मचारी संगठन परिवहन विभाग उत्तराखंड के कर्मचारियों ने आज रूडकी आरटीओ कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कार्य बहिष्कार किया.परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने सरकार से चारों निलंबित अधिकारियों को बहाल करने की मांग की है। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि पहले तो सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया था। जिसके बाद उन्हें सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया था।
लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गई है। जिसके चलते सभी कर्मचारियों ने तीन अगस्त से एक बार फिर दो घंटे के लिए कार्य बहिष्कार का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जाता तो कल से वह पूरे दिन हड़ताल में बैठेंगे। बता दें 15 जून को रुद्रप्रयाग में हुए सड़क हादसे के मामले में प्रशासन ने लापरवाही मानते हुए चार परिवहन विभाग के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद से पूरे मिनिस्ट्रियल संघ में आक्रोश है। रुद्रप्रयाग के रैंतोली के पास हुए हादसे में 15 यात्रियों की मौत हुई थी। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की निलंबित कर्मियों के बहाली की मांग की है।
बाहरी राज्यों के वाहनों से उत्तराखंड में वसूला जाएगा ग्रीन सेस, ये है तैयारी..
उत्तराखंड: राज्य के बाहर से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया को परिवहन विभाग फास्टैग से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए एक हफ्ते में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा। सरकार ग्रीन सेस वसूलने के साथ वाहनों का डेटा भी तैयार करना चाहती है, ताकि इसका यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सके। हालांकि, परिवहन विभाग लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ग्रीन सेस वसूलने की अधिसूचना जारी कर चुका है, लेकिन यह अधिसूचना प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाई है। विभाग अभी ग्रीन सेस वसूलने के प्रभावी तरीके पर विचार कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों का कहना हैं कि पड़ोसी राज्य हिमाचल भी वहां प्रवेश करने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों से ग्रीन सेस वसूलता है। वहां राज्य की सीमा पर बैरियर बनाकर सेस वसूला जाता है, लेकिन उत्तराखंड सरकार की मंशा इससे जुदा है।
वाहनों को रोके बिना ग्रीन सेस वसूलना चाहती सरकार
प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों वाहनों को रोककर ग्रीन सेस वसूलने के पक्ष में नहीं है। इससे ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की संभावना है। इसलिए फास्टैग के विकल्प पर विचार हो रहा है। विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में एनएचएआई से भी संपर्क किया है, लेकिन यहां एक पेच फंसा है। एनएचएआई के टोल बैरियरों में फास्ट टैग की व्यवस्था राज्य के भीतर और बाहर दोनों तरह के वाहनों के लिए है, लेकिन उत्तराखंड में केवल राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों से ही ग्रीन सेस वसूला जाना है।
एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी करेगी सरकार
इसलिए सरकार ने तय किया है कि वह फास्टैग की सुविधा देने वाले बैंक व अन्य एजेंसियों के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी करेगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना हैं कि अगले हफ्ते तक एक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्ट जारी कर दिया जाएगा।
ग्रीन सेस वसूली से होंगे दो फायदे
ग्रीन सेस की ऑनलाइन वसूली से दो फायदे होंगे। पहला लाखों की संख्या में राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस के एवज राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। सरकार के पास उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों के बारे में जानकारी होगी।
वाहन चालकों के लिए काम की खबर, इस प्रस्ताव पर सरकार ने दिया अनुमोदन..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने परिवहन विभाग के पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट के प्रस्ताव पर अनुमोदन दे दिया है। जिससे अब 21 फरवरी 2025 तक पुरानी दरों पर ही फिटनेस टेस्ट की फीस ली जाएगी। जिससे आमजन को राहत मिलेगी। सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी का कहना हैं कि परिवहन विभाग के पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट के प्रस्ताव पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपना अनुमोदन दे दिया है। इस अनुमोदन के अनुसार 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट कराने हेतु पुरानी दरों पर ही फीस लिए जाने की जो सुविधा शासनादेश दिनांक 21 फरवरी 2023 द्वारा एक वर्ष हेतु प्रदान की गई थी वह सुविधा अब दिनांक 22 फरवरी 2024 से दिनांक 21 फरवरी 2025 तक लागू रहेगी। सचिव परिवहन ने कहा कि वाहन स्वामी अब एक वर्ष तक पुरानी दरों पर ही अपने वाहन की फिटनेस जाँच करा सकेंगे। परिवहन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न संगठन काफ़ी दिनों से इसकी मांग कर रहे थे जिस पर सीएम ने अपनी स्वीकृति दी है।