केजरीवाल के मुफ्त बिजली कार्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई..
उत्तराखंड: 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने संबंधी आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तिथि तय की है। याचिका में चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया गया है।
आपको बता दे कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। विकासनगर निवासी और उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रह चुके संजय जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल की ओर से उनकी सरकार आने पर उत्तराखंड की जनता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड दिया जा रहा है।
इसमें शर्त रखी गई है कि पहले लोगों को पार्टी से जारी मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल करनी है। इसके बाद लोगों को 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है । यह कार्ड सदस्यों को संभाल के रखना है, तभी उन्हें सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना था कि आम आदमी पार्टी की ओर से इस तरह रजिस्ट्रेशन करवाना पूरी तरह असंवैधानिक है।
इस तरह के गारंटी कार्ड देना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है। यह कृत्य भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वे इसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन सरकार गठित हुए बिना इस तरह के गारंटी कार्ड देना जनता को धोखा देना है।
मुख्यमंत्री ने किया शरदोत्सव मेले का शुभारंभ, नैनीताल को दी 37.88 करोड़ की सौगात..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चमोली में हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले का शुभारंभ किया। यह मेला पांच दिन तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर बद्रीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने शंख ध्वनि के साथ मुख्यमंत्री को बद्रीनाथ धाम की धर्म ध्वजा और अंगवस्त्र भेंट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पोखरी मेले को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी का कहना हैं कि पहाड़ों में उद्योग स्थापित करने पर सरकार जोर दे रही है। कुटीर उद्योग लगाए जा रहे हैं। जब पहाड़ में उद्योग धंधे खुलेंगे तो रोजगार बढे़गा। पिछले 5 साल में डबल इंजन की सरकार ने 1 लाख करोड़ की योजनाओं को सवीकृति दी है। उन्होंने कहा कि मैंने 4 जुलाई को मुख्य सेवक की जिम्मेदारी को संभालने के बाद से एक-एक पल, एक-एक क्षण जनता को समर्पित किया है।
राज्य सरकार को केंद्र का पूरा सहयोग..
आशाओं, आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। जब राज्य 25 साल का होगा, तो हर गांव सड़क, बिजली, संचार से जुड़ जाएगा। इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने उत्तराखंड राज्य को हिंदुस्तान का आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लिया है। आज दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यकुशलता के चलते भारत का मान सम्मान बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फ्री दवाई देने की व्यवस्था की गई है। यदि कोई चिकित्सक बाहर की दवा मंगाता है तो उन्हें इसका कारण बताना होगा। सरकार ने 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी को निशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गई है।
हर घर को पेयजल संयोजन से जोड़ा जाएगा..
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि जल जीवन मिशन के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के हर घर को पेयजल संयोजन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 100 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में रुपए पर जलापूर्ति होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधायक राम सिंह कैड़ा के साथ ओखलकांडा ब्लॉक के खनस्यूं गलनी स्थित त्रिवेणी संगम मैदान में पहुंचकर 37.88 करोड़ की लागत की 23 विकास कार्यों की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री धामी की जनता से वर्चुअल माध्यम से जुड़ने के लिए की गई है ये व्यवस्था..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री ई-यात्रा के अंतर्गत मोबाइल वैन के जरिये वर्चुअल माध्यम से जनता से जुड़ने के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। उनका कहना हैं कि इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं की जानकारी के साथ ही जनता से आपसी संवाद की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
शुक्रवार को आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था से जनता की बात सामने आ सकेगी तथा आम जनता तक हम अपनी बात भी पहुंचा सकेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके प्रभावी संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित कर मुख्यमंत्री कार्यालय से इसे जोड़ा जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में भी जरूरी व्यवस्था बनाई जाए।
मुख्यमंत्री का कहना हैं कि हमारा प्रयास आम जनता की समस्याओं के समाधान के साथ ही राज्यहित में जनता के सुझाव प्राप्त करना भी है। इस दिशा में बोधिसत्व विचार श्रृंखला शुरू की गई है। इसमें राज्य के विकास में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों, समाजसेवियों एवं लोक संस्कृति से जुड़े बु़द्धजीवियों के सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। इससे राज्य को देश के अग्रणी राज्यों की पहचान दिलाने तथा राज्य के समग्र विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर की प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में विधायक राजेश शुक्ला एवं सौरभ बहुगुणा को नामित किया है। इस संबंध में विधानसभा द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि दोनों नामित सदस्य प्रबंध कार्यकारिणी में संबंधित नियम की अपेक्षा के अनुसार निर्धारित अवधि के लिए विधिवत निर्वाचित समझे जाएंगे।
विस अध्यक्ष ने लिया सत्र की तैयारियों का जायजा..
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शुक्रवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में आयोजित बैठक में नौ दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारियों और व्यवस्था का जायजा लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के भीतर बैठने की व्यवस्था से लेकर साउंड व स्वच्छता व्यवस्था के बारे में विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल से जानकारी ली। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, दलीय नेताओं और कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों की तारीख निर्धारित करने के संबंध में भी चर्चा। अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधानसभा संचालन से संबंधित सभी आवश्यक कार्यवाही समय पर पूर्ण की जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव विधायी प्रेम सिंह खीमाल भी उपस्थित थे।
नए साल के छुट्टी कैलेण्डर से ‘इगास’ हुआ गायब..
उत्तराखंड: साल समाप्त होने को महज 28 दिन रह गए है और इसी के साथ आगमी साल 2022 का कैलेंडर जारी हो गया है। वही बीते माह नवंबर में ईगास पर्व की घोषणा की गई थी लेकिन जारी हुए 2022 के कैलेंडर में छुट्टियों की सूची में से इगास पर्व शामिल ही नहीं है। बता दे कि नवंबर में सीएम धामी की घोषणा के बाद इगास पर्व को सर्वजनिक अवकाश के रूप घोषित किया गया था जिसके बाद 25 नवंबर को उत्तराखंडवासियों ने इगास पर्व को धूम धाम से मनाया था।
लेकिन अब बात यह है की इसे सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के बावजूद भी आगामी साल 2022 के कैलेंडर में इसे जगह नहीं मिली। वही जब बीजेपी से इसका जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा की सार्वजनिक घोषणा हुई है तो अवकाश होगा या शायद कैलेंडर में मिस प्रिंट हुआ होगा।
आपको बता दे कि सीएम धामी ने सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया था। क्यूंकि 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक है और भाजपा पार्टी पूरी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। लेकिन नए कैलेंडर के गायब होने का साफ मतलब है कि यह छुट्टी सिर्फ चुनाव थी। उत्तराखंड में पहली बार इगास पर्व को सार्वजिक अवकाश के तौर मनाया गया था।
हरेला की छुट्टी शामिल, इगास की गायब..
इस पर्व में सीएम धामी से लेकर कई मंत्रियों ने प्रतिभाग किया था जिसका उदेश्य था की उत्तराखंड की परंपरा और लोक संस्कृति को बढ़ावा मिले। साथ इसे हर साल घरों में मानाने के लिए सर्वजनिक अवकाश में शामिल किए जाने के लिए कहा गया था। लेकिन अब जारी हुए कैलेंडर में हरेला की छुट्टी शामिल है लेकिन एगास की छुट्टी गायब है। इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को पड़ रही है लेकिन सूची में इगास पर्व का कुछ पता नहीं। वही उत्तराखंड में चुनावी रेलगाड़ी में भाजपा के साथ आप पार्टी भी अपने घोषणाओं के रंग बिखेर रही है। लेकिन अब मैदान में कौन खरा उतरेगा और किसकी घोषणाएँ रंग लाएगी यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।
राज्य कर्मचारियों के लिए 26 अवकाश..
फिलहाल ईगास पर्व पर सर्वजनिक अवकाश कर क्या भाजपा वोट के लिए लुभावने तरीके अपना रही है। वही इस साल कैलेंडर में राज्य कर्मचारियों के लिए 26 अवकाश घोषित किए गए है जिनमे से 6 रविवार और तीन शनिवार पड़ रहे है। हालाकिं विधानसभा व सचिवालय में पांच दिवसीय सप्ताहिक कार्य होने के कारण से केवल 22 दिन के अवकाश अनुमन्य होगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत का आश्वासन नहीं आया किसी काम, तीन साल के बाद भी नहीं मिली पक्की सड़क
उत्तराखंड: पौड़ी गढ़वाल में बीते वर्ष 2018 में एक बस दुर्घटना के बाद से ग्रामीणों के बेहतर और बुनियादी सड़क नहीं मिल पाई है। इस सड़क दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद गुस्साए स्थानीय लोगों को त्रिवेंद्र सरकार ने पीड़ितों को आश्वासन दिया गया था, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी क्षेत्र में अभी तक पक्की सड़क नहीं बन पाई। टंडोली के ग्राम प्रधान दीपक कंधारी का कहना हैं कि दुर्घटना के दौरान बस में 58 लोग सवार थे।
इनमें धूमकोट के पास बस के खाई में गिरने से 48 की मौत हो गई। दुर्घटना के समय वाहन नैनीताल जा रहा था। यह राज्य की सबसे भयानक सड़क दुर्घटना त्रासदियों में से एक थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शोक संतप्त परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की और लोगों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में सड़क के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाएगा।
12 वर्षों से जर्जर है मार्ग
तीन साल बाद, हमें अभी तक मोर्चे पर कोई विकास नहीं दिख रहा है। पौड़ी निवासियों का कहना है कि उनके गांवों को धूमकोट जैसे बड़े शहरों से जोड़ने वाली 25 किलोमीटर लंबी धूमकोट-पिपली-भान सड़क राज्य की सार्वजनिक परिवहन बसों द्वारा उपयोग किए जाने वाले मार्ग पिछले 12 वर्षों से जर्जर है।
पौरी के चैनपुर गांव के निवासी ने कहा हमने अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है लेकिन हमारी सारी चिंताएं बहरे वर्षों में आ गई हैं। ग्रामीणों का दावा है कि खराब सड़क संपर्क के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। गड्ढा मुक्त सड़कों पर राज्य सरकार के दावे के विपरीत, हमारे पास एक भी उचित पक्की सड़क नहीं है। खराब कनेक्टिविटी के कारण, यहां के अस्पतालों और स्कूलों में कई पद खाली रहते हैं।
पीएम मोदी की रैली में उत्तराखंड को मिलेगी कई सौगात..
उत्तराखंड: पीएम मोदी के देहरादून दौरे की तैयारियां जोरों पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउण्ड का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 4 दिसम्बर को प्रस्तावित रैली की व्यवस्थाओं को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस अवसर पर हजारों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया जायेगा।
अतः इस सम्बंध में भी आवश्यक व्यवस्थायें समय पर पूर्ण कर ली जाय। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। सभी संबंधित अधिकारीगण इस पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को परेड ग्राउण्ड का स्थलीय निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
4 दिसम्बर 2021 को परेड ग्राउण्ड, देहरादून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित रैली के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून एवं संबंधित अधिकारियों को समय पर समुचित व्यवस्था के लिए निर्देश दिये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस अवसर पर हजारों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जायेगा।
हरीश रावत और त्रिवेंद्र की चुनाव से पहले मुलाकात बनी चर्चा का विषय..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की रविवार को हुई मुलाकात चर्चाओं का विषय बनी हुई है। चुनाव से ठीक पहले दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि वह डिफेंस कालोनी स्थित फिजियोथेरेपी सेंटर गए थे। इसका पता चलने पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उनसे मिलने वहां पहुंच गए थे।
फिजियोथेरेपी सेंटर उनके घर के नजदीक था। खुशनुमा माहौल में मुलाकात हुई। राजनीती में यह सब चलता है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वह काफी लंबे समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिले। चलते-चलते उनसे मुलाकात हुई है। कोरोना के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार देखकर संतोष हुआ। स्वास्थ्य के बारे में पूछने पर उन्होंने अपने अंदाज में कहा मैं स्वस्थ हूं।
भाजपा के असंतुष्टों से संपर्क कर रहे हैं हरीश रावत..
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने पक्ष में वातावरण बनाने के लिए संपर्क अभियान छेड़ा है, लेकिन भाजपा के असंतुष्टों से संपर्क कांग्रेस वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कर रहे हैं। पार्टी की पद यात्रा अभियान के बहाने हरीश रावत ने गुरुवार को डोईवाला विधानसभा में भाजपा नेता के घर जाकर संपर्क साधा था। इसे भाजपा के असंतुष्टों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
डोईवाला विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विधायक हैं। हरीश रावत इस विधानसभा में पिछले कुछ दिनों से ज्यादा सक्रिय हैं और विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने उनके वहां लगातार दौरे हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर लगी है। पिछले दिनों भाजपा की बैठकों में पूर्व दायित्वधारियों व जनप्रतिनिधियों की नाराजगी सामने आई थी। पार्टी में कई बड़े और छोटे नेता हैं, जो संगठन और सरकार में जिम्मेदारी न मिलने से नाराज हैं। कांग्रेस अब इन असंतुष्टों को साधने की कोशिश में जुटी है।
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सीएम ने की कई घोषणायें,राज्य आंदोलनकारियों को भी दी सौगात..
उत्तराखंड: राज्य के 21 वें स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून पुलिस लाइन मैदान में रैतिक परेड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया हैं। वहीं, सीएम ने राज्य आंदोलनकारियों को भी बड़ी सौगात दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को नमन किया। उनका कहना हैं कि केंद्र से विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ की मदद की गई है। योजना है कि प्रदेश के दूरस्त क्षेत्रों को 2025 तक लिंक मार्ग से जोड़ा जा सके। जिससे पहाड़ों में भी विकास की बयार बह सके। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आए।
सीएम ने की ये घोषणाएं
- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा। जिन आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंश्न मिलती थी। उसे बढ़ाकर 4500 किया गया। वहीं, जिन्हें 5000 मिलती थी उसे बढ़ाकर 6000 किया गया है।
- राज्य में खेल नीति 2021 जल्द लागू होगी।
- जनपद स्तर पर महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था की जाएगी।
- देहरादून और हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
- 48 घंटे अस्पताल में रहने वाली जच्चा को 2000 रुपये उपहार राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरियों के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगेगी।
- सेवा का अधिकार अधिनियम में 190 सेवाओं को शामिल किया जाएगा।
- राज्य को आयुष वैलनेस का हब बनाया जाएगा।
- पर्यटक गृहों में आयुष वैलनेस सेंटर खोले जाएंगे।
सरकरी कर्मचारियों की एसीपी बहाली की मांग पर मुख्यमंत्री धामी ने कहीं यह बातें..
उत्तराखंड: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर एसीपी की पुरानी व्यवस्था बहाल करने सहित सभी लंबित मांगों पर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है। शनिवार को परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण पाण्डे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर 27 अगस्त 2018 को हुए समझौते को लागू करने की मांग उठाई।
कर्मचारी नेताओं का कहना हैं कि कार्मिकों को 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान देने पर वित्त विभाग के साथ ही प्रशासकीय विभागों के स्तर से भी कार्रवाई की जानी थी, तीन साल बाद भी इस पर कोई पहल नहीं हुई। इसलिए तय समय अवधि में पदोन्नति हासिल नहीं कर पाने वाले कार्मिकों को पुरानी व्यवस्था के तहत एसीपी दी जाए।
कर्मचारी नेताओं राज्य सरकार द्वारा लागू एसीपी, एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करने के लिए सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष की चरित्र पंजिका देखने और अति उत्तम के स्थान पर उत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानने का आदेश जारी करने की मांग उठाई। कर्मचारी नेताओं ने पूरे सेवाकाल में पहले की तरह पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ देने की भी मांग उठाई। पाण्डे ने कहा कि सीएम ने सभी मांगों पर सकारात्मक होकर विचार करने का आश्वासन दिया है।
प्रमुख मांगें
कैशलैस चिकित्सा सुविधा के लिए देश के सभी प्रमुख अस्पतालों को जोड़ा जाए
सेवानिवृत्त कार्मिकों से हैल्थ स्मार्ट कार्ड की तर्ज पर मासिक प्रीमियम कटौती आधी की जाए
विभिन्न विभागों में ढांचा, नियमावली बनाते हुए पदोन्नति प्रारंभ की जाए
चुतर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के तहत ग्रेड पे-4200 का लाभ दिया जाए
स्थानान्तरण एक्ट में महिलाओं को 50 वर्ष और पुरूषों को 52 के बाद दुर्गम से छूट मिले
उपनल कर्मियों की नियमावली बनने तक न्यूनतम वेतन निर्धारण किया जाए
पूर्व की भांति वाहन भत्ता दिया जाए
पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः बहाल किया जाना
सीएम धामी ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए की ये घोषणा..
उत्तराखंड: राज्य आंदोलन के रामपुर तिराहा कांड बरसी पर शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुजफ्फनगर शहीद स्थल पर जाकर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार शहीदों के सपनों और राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाएगी। जनता, सरकार के भाव को समझे।
मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए कई घोषणाएं भी की, जिनमें राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी अस्पतालों की तर्ज पर राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाने, उद्योग धंधों में राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने व विभिन्न विभागों में सेवारत राज्य आंदोलनकारियों को हटाए जाने सम्बंधी मामले में ठोस पैरवी करना शामिल रहा।
मुख्यमंत्री का कहना हैं कि मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिनके सर्वोच्च बलिदान की वजह से हमें अलग राज्य मिला है। राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान खटीमा, मसूरी व मुजफ्फरनगर में लाखों आंदोलनकारियों ने भाग लिया, जिसमें से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उनका कहना हैं कि 1 सितम्बर 2021 को घोषणा की गई थी कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी, उसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।