यूपीसीएल कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की सौगात, पेंशनरों का भत्ता भी बढ़ा..
उत्तराखंड: यूपीसीएल ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते की सौगात दे दी है। यह भत्ता उन्हें पिछले साल एक जुलाई 2023 से मिलेगा। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार निगमकर्मियों को अभी तक 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था। एक जुलाई 2023 से इसमें चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 46 प्रतिशत कर दिया गया है। महंगाई भत्ते की गणना में विशेष वेतन, वैयक्तिक वेतन या अन्य वेतन को शामिल नहीं किया जाएगा।
ईपीएफ से आच्छादित कार्मिकों को महंगाई भत्ते के एरियर की 12 प्रतिशत धनराशि ईपीएफ कटौती के बाद बाकी का नकद भुगतान किया जाएगा। उधर, निगम ने सभी पेंशनरों के लिए भी महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत कर दिया है। इन्हें भी एक जुलाई से ही यह भत्ता दिया जाएगा। निगम के हजारों कर्मचारियों-पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा।
उपनल संविदा कर्मियों ने मांगा महंगाई भत्ता..
उधर, उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने मांग की कि उन्हें भी परिवर्तनीय महंगाई भत्ता दिया जाए। इस संबंध में पूर्व में आदेश जारी हुआ था, जिस पर बाद में रोक लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम में काम कर रहे उपनल कर्मियों का जोखिम अत्यधिक है। लिहाजा, उन्हें महंगाई भत्ता देने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाए।
प्रदेश में बढ़ने लगी बिजली की किल्लत,बाजार से खरीदने की मजबूरी..
उत्तराखंड: गर्मियां बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की किल्लत भी बढ़ने लगी है। शनिवार को यूपीसीएल ने इस सीजन की सर्वाधिक 43 मिलियन यूनिट (4 करोड़ 30 लाख यूनिट) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। कम उत्पादन के बीच यूपीसीएल को फिर बाजार से बिजली खरीदने की जरूरत पड़ने लगी है।
आपको बता दे कि केंद्र सरकार से गैर आवंटित कोटे की बिजली तो यूपीसीएल को मिली लेकिन इस साल यूजेवीएनएल से बिजली का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम हो रहा है। गत वर्ष इन दिनों यूजेवीएनएल से 14.5 मिलियन यूनिट बिजली मिल रही थी जो कि इस साल केवल 8.5 मिलियन यूनिट मिल रही है।
यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय अग्रवाल का कहना हैं कि प्रदेश में बिजली की मांग इस सीजन की अब तक की सर्वाधिक 43 मिलियन यूनिट शनिवार को आंकी गई है। उन्होंने कहा कि इसके सापेक्ष करीब 32 से 35 मिलियन यूनिट बिजली तो उपलब्ध है।
बाकी बाजार से खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। बताया कि शुक्रवार को प्रदेश में बिजली की मांग करीब 41.6 मिलियन यूनिट आंकी गई थी जो कि शनिवार को बढ़कर 43 आंकी गई है।
गैस से मिल रहा सहारा, तीसरी मशीन भी चलेगी..
यूपीसीएल ने काशीपुर स्थित गैस प्लांट का संचालन शुरू कर दिया है। दो मशीनों से रोजाना करीब 200 मेगावाट बिजली मिल रही है। 19 मई से तीसरी मशीन भी संचालित की जाएगी, जिससे यूपीसीएल को 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। यूपीसीएल अधिकारियों का कहना हैं कि इससे कुछ राहत मिलेगी।
अब हर महीने आएगा बिजली बिल, यूपीसीएल ने बदला बिलिंग पैर्टन..
उत्तराखंड: प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए यूपीसीएल अब अपना बिलिंग पैर्टन बदलने जा रहा है जिसका लाभ 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे अब आपका बिल कम आने की उम्मीद है। जी हां अब राज्य में 2 महीनों में आने वाले बिजली के घरेलू बिलों (Uttarakhand Domestic Electricity Bill) को हर महीने भेजा जाएगा। शुरुआत में देहरादून शहर और ऋषिकेश डिवीजन से इसकी शुरुआत की जा रही है।
यूपीसीएल के बिजली बिलों का चक्र बदलने से उपभोक्ताओं का बिल अब पहले की अपेक्षा कम आएगा। ऊर्जा निगम अब तक बिजली उपयोग करने का समय 15 दिनों से अधिक होने पर पूरे महीने का बिल तैयार करता है। भले ही बिजली का उपयोग 15 दिन ही क्यों न किया हो। इसी तरह बिजली उपयोग का समय 16 दिन या उससे अधिक 45 दिन तक होने की स्थिति में भी एक महीने का बिल जारी किया जाता है। 46 दिन या उससे अधिक 75 दिन तक दो महीने का बिल जारी किया जाता है, जिससे उपभोक्ता को स्लैब के अनुसार अधिक बिजली दरों का भुगतान करना पड़ता था।
बताया जा रहा है कि राज्य में 1 से 4 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के लिए नए साल से हर महीने बिल देने के लिए काफी समय से कसरत की जा रही थी। अब इसकी शुरुआत देहरादून और ऋषिकेश शहर से करने की तैयारी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि नए साल के पहले महीने से ही इस पर काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि नियमित रूप से इसकी शुरुआत वित्तीय वर्ष 2023 से की जाएगी। हर महीने का बिल 25 से 35 दिन और दो महीने का बिल 55 से 65 दिन के भीतर तैयार किया जाएगा। इसमें भी जितने दिनों का बिल तैयार होगा, भुगतान उसी के अनुरूप तय दरों के अनुसार करना होगा।
ऐसे तय होंगी बिजली की यूनिट..
ऊर्जा निगम ने एक महीने में 30.417 दिन तय किए हैं। अब यदि आपका बिजली बिल 50 दिन में आता है, तो आपकी 100 यूनिट तक बिजली खर्च तय करने का सिस्टम बदल जाएगा। 100 यूनिट को 50 से गुणा करने के बाद आने वाले आंकड़े को 30.417 दिन से भाग देने पर आनी वाली 164.38 यूनिट को पहला स्लैब माना जाएगा। इस तरह बिजली बिल का जो पहला स्लैब 100 यूनिट तक माना जाता है। वो 50 दिन के बिल पर पहला स्लैब 164.38 यूनिट माना जाएगा। इस तरह आम लोगों को पहले स्लैब के रूप में 64.38 यूनिट का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यही फार्मूला अन्य स्लैब पर भी लागू होगा। नई व्यवस्था में फिक्सड चार्ज की गणना भी हर महीने की बजाय प्रतिदिन के अनुसार होगी।