आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अधिकारी स्वयं उड़ाएंगे ड्रोन..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारी अब आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए स्वयं ड्रोन उड़ाएंगे। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी के ड्रोन एप्लीकेशन एवं अनुसंधान केंद्र की ओर से पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूएसएसी) के सभागार में 14 फरवरी तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनडीआरएफ के 25 एसी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी भाग ले रहे हैं। इसमें ड्रोन तकनीक के विभिन्न पहलुओं और आपदा प्रबंधन में इसके उपयोग पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यूसैक में स्थापित आईटीडीए के ड्रोन एप्लीकेशन और रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने ड्रोन और उनके घटकों के बारे में जानकारी दी। इसका उद्देश्य अधिकारियों के बीच आपदा प्रबंधन, खोज और बचाव कार्यों, निगरानी और राहत वितरण में ड्रोन तकनीक के प्रभावी उपयोग की समझ विकसित करना है।
उत्तराखंड की 52 बालिकाएं बन रही है ‘ड्रोन दीदी’- रेखा आर्या..
उत्तराखंड: प्रदेश के दूरदराज इलाकों से आने वाली 52 बालिकाएं ड्रोन दीदी बनने जा रही हैं। युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल निदेशालय में वंचित वर्ग की इन लड़कियों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। शिविर में उन्हें ड्रोन चलाने, उसे जोड़ने, अलग करने और मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने शिविर का निरीक्षण भी किया।
मंत्री आर्य का कहना हैं कि इन लड़कियों का चयन चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत समेत राज्य के सभी जिलों से किया गया है। कैंप का उद्देश्य इन लड़कियों को हुनरमंद बनाना है, ताकि वे अपना करियर संवार सकें। कैंप में कुल 52 इंटर पास लड़कियां हिस्सा ले रही हैं। इनका प्रशिक्षण 12 फरवरी को पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आवासीय कैंप है और लड़कियों से रहने-खाने का कोई शुल्क नहीं लिया गया है।
पांच लड़कियों को फ्री ड्रोन गिफ्ट होगा
मंत्री आर्या का कहना हैं कि शिविर में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पांच लड़कियों को ड्रोन फ्री में गिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने शिविर में हिस्सा ले रही लड़कियों को किट वितरण भी किया। इस दौरान विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।