थिएटर नहीं अब सीधे ओटीटी पर आएगी विक्की कौशल की ‘गोविंदा नाम मेरा
देश-विदेश: बॉलीवुड अभिनेता विक्की कौशल, भूमि पेडनेकर और कियारा आडवाणी की कॉमेडी फिल्म ‘गोविंद नाम मेरा’ को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। फिल्म को अब दर्शक सिनेमाघरों में नहीं, अपने घर पर ही देख पाएंगे। दरअसल, फिल्म अब थिएटर में रिलीज न होकर जल्द ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली है। इसकी जानकारी अभिनेता ने अपने सोशल मीडिया पर अकाउंट पर पोस्ट साझा कर दी है।
विक्की कौशल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए फिल्म के ओटीटी पर रिलीज होने की जानकारी दी है। इस वीडियो में वह करण जौहर के साथ नजर आ रहे हैं। दोनों मजेदार अंदाज में बातचीत कर रहे हैं, जिसमें करण विक्की को गोविंदा के बारे में बता रहे हैं। पहले विक्की को गोविंदा नाम सुनते ही लगता है कि वह गोविंदा की बायोपिक करने जा रहे हैं, फिर करण कहते है कि बायोपिक कौन बनाता है। इसके बाद करण विक्की को गोविंदा के बारे में जो भी बता रहे हैं विक्की उसका अच्छा समझ रहे हैं, लेकिन निकलता सब उल्टा है।
वीडियो शेयर करते हुए विक्की कौशल ने लिखा, ‘गोविंदा नाम मेरा ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम होगी। जल्द ही मिलते हैं! संभल लीना!’ हालांकि अभी फिल्म की रिलीज डेट का एलान नहीं किया गया है। फैंस भी फिल्म की घोषणा होने के बाद से काफी खुश नजर आ रहे हैं।
बता दें कि हॉरर फिल्म ‘भूत पार्ट वन: द हॉन्टेड शिप’ के बाद ‘गोविंदा नाम मेरा’ धर्मा प्रोडक्शन बैनर के तहत विक्की की दूसरी फिल्म है। वहीं, फिल्म का निर्देशन शशांक खेतान ने किया है। इसमें विक्की के साथ भूमि और कियारा नजर आने वाली हैं। वहीं, इसके अलावा वह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में सारा अली खान और तृप्ति डिमरी के साथ भी दिखाई देंगे।
वायु सेना में भर्ती का सुनहरा मौका, 23 नवंबर तक करें पंजीकरण..
देश-विदेश: इंडियन आर्मी के वायु सेना में भर्ती का सुनहरा मौका है। अग्निवीर वायु भर्ती 2023 के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गई है। इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत आज से हो रही है। बताया जा राह है कि शाम 5 बजे से पंजीकरण के लिए विंडों को खोल दिया गया है। भारतीय वायु सेना के तहत अग्निपथ भर्ती के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट agnipathvayu.cdac.in पर अपने आवेदन जमा कर सकेंगे। अग्निवीर भर्ती के लिए केवल ऑनलाइन पंजीकरण ही स्वीकार किए जाएंगे।मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस साल अग्निवीर वायु के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह भर्ती अग्निपथ योजना के तहत कराई जा रही है। इसमें सेलेक्शन 4 साल के नियम पर होगा। उम्मीदवार 23 नवंबर 2022 तक का आवेदन कर सकते है।
शैक्षिणिक योग्यता और आयु सीमा
इस में आवदेन करने वाले उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना अनिवार्य है। 12वीं में फिजिक्स, मैथ्स और इंग्लिश विषय होनी चाहिए। 12वीं का रिजल्ट 50 फीसदी से ज्यादा होने पर ही आवेदन के पात्र हैं। बताया जा रहा है कि अग्निपथ भर्ती 2022 अग्निवीर वायु पंजीकरण 2023 के लिए उम्मीदवार का जन्म 27 जनवरी 2002 और 27 दिसंबर 2005 के बीच होना चाहिए।
आवेदन फीस , एग्जाम डेट
इसमें आवेदन करने के लिए जनरल, ओबीसी और EWS वर्ग के उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस के तौर पर 250 रुपये जमा करने होंगे। वहीं, एससी और एसटी के लिए भी 250 रुपये फीस तय हुई है। इसमें फीस जमा करने के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी। इस वैकेंसी के लिए परीक्षा का आयोजन 18 जनवरी 2023 से 24 जनवरी 2023 तक होगा। केवल अविवाहित भारतीय पुरुष और महिला उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।
ऐसे में जो उम्मीदवार इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं उन्हें Agniveer Vayu की ऑफिशियल वेबसाइट- http://agnipathvayu.cdac.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही वेबसाइट पर इस भर्ती की डिटेल्स भी देख सकते हैं।
ऐसे करें अप्लाई
उम्मीदवार agnipathvayu.cdac.in पर जाएं।
होमपेज पर अग्निवीर वायु 2023 पंजीकरण के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
अपना विवरण जैसे नाम, ईमेल पता, जन्म तिथि और मांगी गई अन्य जानकारी दर्ज करें।
आवेदन पत्र भरें, सभी दस्तावेज अपलोड करें।
आवेदन शुल्क का भुगतान करें, और फॉर्म जमा करें, इसका प्रिंटआउट लेना न भूलें।
वहीं उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा दी गई पंजीकरण प्रक्रिया जानकरी पूरी तरह से सही है, सभी डेटा सही न होने पर उम्मीदवारी को कैंसिल किया जा सकता है।
जीडीपी दोगुनी करने के लिए कंसलटेंट की तलाश..
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुना करने के लिए एक सलाहकार की तलाश शुरू कर दी है। चार शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने राज्य परामर्श सेवाओं की पेशकश में रुचि व्यक्त की है। इन चारों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू के समक्ष प्रस्तुतिकरण पेश किया। राज्य सचिवालय में यह प्रस्तुतिकरण प्रक्रिया करीब चार घंटे तक चली। मुख्य सचिव के साथ ही योजना सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, उद्योग निदेशक रोहित मीणा और योजना विभाग के कई अधिकारी शामिल थे।
इन कंपनियों ने दिया प्रस्तुतिकरण..
मेकेंजी ग्लोबल, बोस्टन कंसल्टेंसी, कंसल्टेंसी ईस्ट एंड यंग, और डिलाइट कंपनी सभी ने प्रस्तुतिकरण दिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने कंसलटेंसी के लिए डिलाइट कंपनी को चुना है। बता दे कि कंसलटेंसी के लिए जिस कंपनी का चयन होगा, वह सरकार को राजस्व बढ़ोतरी का मंत्र बताएगी। वह राज्य के विकास के रोडमैप को धरातल पर उतारने के बारे में कार्ययोजना सुझाएगी।
तकनीकी और वित्तीय निविदा के बाद होगा चयन..
निगम को चुनने की प्रक्रिया के विभिन्न चरण होते हैं। पहले चरण के प्रेजेंटेशन के बाद अब तकनीकी और वित्तीय निविदाएं होनी है। योजना सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना हैं कि इसके लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होगी।
अगले महीने बड़े पर्दे पर लौटेंगे आमिर खान..
देश-विदेश: बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान किसी भी फिल्म का चयन बहुत ही सोच समझ कर करते हैं। वह रेवती की फिल्म ‘सलाम वेंकी’ में भी एक खास भूमिका में नजर आने वाले हैं। सोमवार को मुंबई में ‘सलाम वेंकी’ के ट्रेलर लांच के अवसर पर रेवती ने खुलासा किया कि आमिर खान ‘सलाम वेंकी’ से कैसे जुड़े।
अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री रेवती ने साल 2004 में ‘फिर मिलेंगे’ का निर्देशन किया था। 18 साल के बाद उन्होंने ‘सलाम वेंकी’ का निर्देशन किया है, जो 9 दिसंबर 2022 को रिलीज होने जा रही है। मां बेटे के भावनात्मक रिश्ते पर आधारित इस फिल्म में आमिर खान एक खास भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म के ट्रेलर लांच के दौरान जब रेवती से आमिर खान के बारे में पूछा गया तो रेवती ने कहा, ‘जब मैंने आमिर खान को फिल्म का आइडिया शेयर किया तो उन्हें ये बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि फिल्म में जो उनके सीन है वह उन्हें भेज दें।
रेवती ने बताया, आमिर खान ने स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद कहा, ‘इसमें एक भी शब्द नहीं बदलेगा, जैसे स्क्रिप्ट में उनके सीन और डायलॉग है, ऐसे ही करेंगे।’ ‘सलाम वेंकी’ श्रीकांत मूर्ति की किताब ‘द लास्ट हुर्रे’ पर आधारित है जिसे समीर अरोड़ा और कौसर मुनीर ने लिखा है। ‘सलाम वेंकी’ में जितने भी किरदार हैं वो ‘द लास्ट हुर्रे’ की किताब के किरदार पर ही आधारित है, लेकिन आमिर खान के किरदार का उल्लेख उस किताब में नहीं है। यानी की रेवती ने फिल्म में आमिर खान का किरदार एक सरप्राइज पैकेज के रूप में रखा है।
बात करें आमिर खान की तो ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ के बाद ‘लाल सिंह चड्ढा’ रिलीज हुई तो इस फिल्म को भी सफलता नहीं मिली। बॉलीवुड में बॉयकॉट ट्रेंड का ऐसा असर हुआ कि फिल्म फ्लॉप हो गई। ऐसे में चर्चा थी कि आमिर खान अपनी आगामी फिल्म ‘चैंपियन’ की तैयारी में जुट गए। इससे पहले इस फिल्म को लेकर कुछ और अपडेट आता, आमिर खान का बयान आया कि अभी कुछ दिनों के लिए वह अभिनय से ब्रेक ले रहे हैं और अपने परिवार को ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं।
70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का सीएम ने किया उद्घाटन..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत् उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनि स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊॅचाईयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं।
मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभांरभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख श्रीमती चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
भारत-नेपाल के रिश्तों को ऑक्सीजन देता है जौलजीबी मेला-सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम धामी का कहना हैं कि अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेले ने भारत, नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया है। संस्कृति, सभ्यता और व्यापार के मामले में भारत और नेपाल के बीच संबंधों को मजबूत करके, यह मेला राष्ट्र के संबंधों को ऑक्सीजन देता है। सीएम धामी का कहना हैं कि वह बचपन से ही स्थानीय परंपराओं और संस्कृति से परिचित हैं, यही वजह है कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय जौलजीबी मेले का उद्घाटन करते समय उन्हें इस मेले से गहरा लगाव महसूस होता है। सीएम ने महोत्सव आयोजन समिति को 5 लाख रुपये का देने की घोषणा भीकी। इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और सांसद अजय टम्टा मौजूद थे।
सीएम धामी ने अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेले के उद्घाटन के दौरान कहा कि आपदा प्रभावित एलधारा भूस्खलन क्षेत्र को वरुणावत पर्वत के समान माना जाएगा। उन्होंने आपदा से प्रभावित लोगों को कहा कि घबराने की सलाह नहीं दी। सरकार उनके साथ हर वक्त खड़ी है। सीएम धामी का कहना हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों का समुचित विकास किया जाना चाहिए। वह सभी सीमांत क्षेत्रों की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, देश के बाहरी गांवों को गंभीर रूप से विकास की आवश्यकता है। उनका कहना हैं कि सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर दो लेन का वाहन पुल बनाया जा रहा है, जिससे भारत और नेपाल के बीच आर्थिक संबंध बेहतर होंगे। क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी विस्तार किया जा रहा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले यात्री पास में एक राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के बाद इस मार्ग का उपयोग करेंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
धारचूला के विधायक हरीश धामी,भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, धारचूला के ब्लॉक प्रमुख धन सिंह, डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल, डीएम रीना जोशी, एसपी लोकेश्वर सिंह आदि इस मौके पर मौजूद रहे।
उत्तराखंड में 5G सेवा शुरू होते ही मोबाइल टॉवर लगाना होगा आसान..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही 5जी नेटवर्क सेवा की तैयारी शुरू हो गई है, जिसके बाद मोबाइल कनेक्टिविटी पहले से भी बेहतर हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए भी तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अगले साल मध्य तक 5 जी सेवा शुरू हो सकती है। 5 जी सेवा के लिए प्लान बनाया गया है। 5जी में यूजर को ज्यादा स्पीड और फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगी।
बता दे कि देश के चुनिंदा शहरों में 5जी की सेवा जल्द शुरू हो सकती है, उत्तराखंड में दूसरे चरण में यह सेवा उपलब्ध होगी। उत्तराखंड में 5 जी सेवा शुरू करने के लिए शासन की ओर से आईटीडीए से पूछा गया है कि 5 जी सेवा के लिए राज्य सरकार के स्तर पर क्या- क्या कदम उठाए जाने हैं। वहीं बीएसएनएल से नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में 1246 मोबाइल टावर लगाने के लिए भी रोडमैप मांगा गया है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए टॉवर लगाने के नियमों को आसान करने जा रही है। इसके तहत जिन भवनों का नक्शा पास होगा, उनमें बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के मोबाइल टॉवर स्थापित हो सकेगा। साथ ही खाली जमीन पर भी बिना अनुमति टॉवर लगाया जा सकेगा।गौरतलब है कि केंद्र सरकार मोबाइल टॉवरों के लिए नई राइट पॉलिसी जारी कर चुकी है। प्रदेश सरकार भी इसी पॉलिसी को अपने यहां अपना रही है। उत्तराखंड के 15 हजार में से 700 गांवों में अभी कोई भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है। 3739 गांव अभी 2जी या 3जी से ही काम चला रहे हैं। इस कारण 5जी नेटवर्क उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है।
इन पांच वेब सीरीज को देखकर याद आएगा आपको कॉलेज के दिन..
देश-विदेश: डिजिटल दौर में ओटीटी प्लेटफार्म का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। आज हर किसी के हाथ में उनके फोन में चलता फिरता सिनेमा मौजूद है। तमाम ओटीटी हैं, जिन पर दर्शकों को हर रोज नया और फ्रेश कंटेंट अपनी पसंद के हिसाब से मिल जाता है। अपने कॉलेज के दिन और प्यार इश्क मोहब्बत तो हर कोई मिस करता है। ऐसी ही कुछ वेब सीरीज हैं जो आपको कॉलेज के दिनों की इश्क मोहब्बत याद दिला देंगी। फुर्सत के पलों में इन सीरीज को देखा जा सकता है।
कोटा फैक्ट्री
वेब सीरीज ‘कोटा फैक्ट्री’ आपको आईआईटी के स्टूडेट्स की लाइफ के बारे में जानने का मौका देती है और अगर आप भी आईआईटी स्टूडेंट्स करहे हैं तो यह आपकी यादों को ताजा कर देगी। कॉलेज डेज पर आधारित इस वेब सीरीज में लव एंगल भी डाला गया है जो इसे दिलचस्प बनाता है।
इंदौरी इश्क
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह काफी दिलचस्प सीरीज है। इंदौरी इश्क में टीनएज के प्यार और उसे पाने का जूनून किस कदर होता है। वह बखूबी दिखाया गया है। इस सीरीज को काफी पसंद किया गया था।
फ्लेम्स
कॉलेज टाइम की मस्ती से लेकर पढ़ा और परिवार व शरारतों से भरपूर ये सीरीज आपको अपने कॉलेज के दिनों के किसी साथी की याद जरूर दिला देगी। इस सीरीज में कच्ची उम्र के प्यार को दिखाया गया है। इसके अब तक तीन सीजन आ चुके हैं।
स्कूल डेज
स्कूल डेज आपको बचपन के दिनों के स्कूल के दिनों की याद दिलाती है। इस सीरीज में कम उम्र में होने वाले आकर्षण को दिखाया गया है। कि किस तरह से एक लड़की को क्लास के दो लड़कों से प्यार हो जाता है। इसके बाद सीरीज में ट्विस्ट टर्न्स डाले गए हैं।
कॉलेज रोमांस
जैसा इसका नाम है, इस सीरीज में उसी के हिसाब से पूरी कहानी बुनी गई है। कॉलेज रोमांस की कहानी कॉलेज के दौरान स्टूडेंट्स के बीच प्यार मस्ती आदि खूब दिखाया गया है। यह सीरीज आपको कॉलेज के दोस्तों की दुनिया में ले जाएगी।
डायबिटिस को नियंत्रित करने को अपनाएं ये सूत्र..
उत्तराखंड: प्रदेश में शुगर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड की 12 फीसदी आबादी मधुमेह से पीड़ित है। विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जिंदगी में तीन सूत्र अपनाकर शुगर को नियंत्रित करने की सलाह दी है। खानपान सही करने, बेहतर दिनचर्या और डॉक्टर की सलाह पर सही तरीके से दवा लेने को शुगर के खिलाफ बेहतर हथियार मानते हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिसन एचओडी डा. नारायणजीत सिंह, वरिष्ठ फिजीशियन डा. केसी पंत का कहना हैं कि मधुमेह हार्ट और किडनी के मरीजों की समस्या बढ़ा रहा है। मधुमेह के रोगी का ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित न होने के कारण हृदय रोगियों व किडनी के रोगियों की जटिलताएं बढ़ रही हैं। ऐसे रोगियों में मृत्यु दर काफी अधिक होती है।
बच्चों में शुगर चिंताजनक शुगर की समस्या अब छोटे बच्चों को भी परेशान कर रही है। पांच साल से छोटे बच्चों को भी शुगर की बीमारी घेर रही है। दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. विशाल कौशिक, डा. आयशा इमरान का कहना हैं कि दो से पांच साल तक के बच्चों में भी शुगर की समस्या देखी जा रही है। उन्हें कई बार इंसुलिन तक की जरूरत पड़ रही है।
ऑटो इम्यून डिजीज इसका प्रमुख कारण है। यह समस्या क्यों बढ़ रही है। विशेषज्ञ इस पर विस्तृत शोध की वकालत करते हैं और बच्चों की भूख, उसके सुस्त रहने आदि पर नजर रखने की सलाह देते हैं।
ये हैं शुगर नियंत्रित करने के सूत्र
खानपान गेहूं के साथ चने, ज्वार, जौ, जई और दालों से बने आटे का प्रयोग करें। सब्जियों में लौकी, तुरई, टिंडा, पालक, परवल, खीरा, ककड़ी और करेले का प्रयोग करें। अमरूद, जामुन, पपीते जैसे फलों का सेवन भी लाभकारी है। अंकुरित दालों और अनाज का प्रयोग भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। प्रोसैस्ड फूड, जंक फूड और फास्ट फूड को छोड़कर ही मधुमेह को रोका जा सकता है। शुगर के मरीज चीनी, मिठाई समेत आलू, चावल न खाएं।
उत्तराखंड के इन बीएड कॉलेजों को लगा झटका..
उत्तराखंड: बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) कॉलेजों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न दे और BEd Seats बढ़ाने की मंजूरी भी न देने के फैसले को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि बीएड कॉलेज बेरोजगारी बढ़ा रहे हैं। वैकेंसी से कई गुना ज्यादा स्टूडेंट्स हर साल डिग्री हासिल कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के बीएड कोर्स कराने वाले कॉलेजों को मान्यता नहीं देने के 2013 के फैसले को बरकार रखा है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने इस फैसले को इस आधार पर बरकरार रखा कि कोर्स पास करने वाले 13,000 छात्रों के मुकाबले सालाना केवल 2500 शिक्षकों की ही आवश्यकता होती है। जिसके बाद अब नए B.Ed Colleges को मान्यता देने पर रोक लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार ने 16 जुलाई 2013 को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न देने की बात कही थी। जिस पर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की उत्तरी क्षेत्रीय समिति को पत्र भेजा था। जिसमें एनसीटीई से अपील की थी कि वह राज्य में नए बीएड कॉलेजों को मान्यता न दे और BEd Seats बढ़ाने की मंजूरी भी न दे।
सरकार के इस फैसले के विरोध में कॉलेजों ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिसे हाई कोर्ट ने सरकार की मनमानी बताते हुए रद्द कर दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी थी। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘राज्य सरकार के फैसले को मनमाना नहीं कहा जा सकता, जैसा कि उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है। सरकार ने फैसले के पीछे जो कारण बताए हैं, उनके मद्देनजर मौजूदा अपील मंजूर की जाती है।