उत्तर भारत की इन जगहों पर उठाएं बर्फबारी का लुत्फ..
देश-विदेश: सर्दियों का मौसम आ गया है। बर्फ के सुंदर दृश्यों को देखने और अनोखे अनुभव के लिए लोग कई ऐसी जगहों पर जाने का प्लान बनाते हैं, जहां बर्फबारी होती हैं। गर्म चाय की चुस्की लेते हुए आप न केवल सुंदर बर्फ से ढके पहाड़ों की प्रशंसा कर सकते हैं बल्कि बर्फ से खेल भी सकते हैं।
गुलमर्ग- गुलमर्ग एक बर्फीला स्वर्ग और सर्दियों का वंडरलैंड है। यहां लुभावने दृश्य और सभी के लिए कुछ न कुछ है। हालांकि, दिसंबर और जनवरी में बर्फबारी के साथ ये जगह पूरी तरह से शानदार हो जाती है। बर्फ से ढके पहाड़, पहाड़ी के ऊपर छोटे स्की रिसॉर्ट और सुखद सर्दियों की हवा सभी इस हिल स्टेशन के आकर्षण बन जाते हैं। इन सबका अपना-अपना आकर्षण है जो गुलमर्ग की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है।
मनाली- मनाली में नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में मौसम की पहली बर्फबारी होती है। ये शहर को सफेद बर्फ की एक प्यारी सी चादर से ढक देती है। ये शहर लुभावने नजारे प्रदान करता है जो बहुत ही खूबसूरत होते हैं।
औली- औली उत्तराखंड का एक विंटर वंडरलैंड है। इसके लुभावने नजारे आप कभी नहीं भूल पाएंगे। इस शानदार शहर का रास्ता ओक के पेड़ों और जंगलों से भरा हुआ है। जैसे ही आप हिल स्टेशन के करीब पहुंचेंगे, आपको पूरे क्षेत्र में एक सुंदर सफेद बर्फ की चादर बिछी हुई दिखाई देगी।
औली की यात्रा के लिए दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत के महीने अच्छे हैं। क्योंकि इस दौरान यहां पर बर्फबारी की संभावना अधिक होती है। बर्फ की मस्ती के लिए आपको इस जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
धनोल्टी- टिहरी जिले का एक हिल स्टेशन धनोल्टी, गढ़वाल हिमालयी रेंज की तलहटी में स्थित है। धनोल्टी में आप बर्फ से ढके इलाकों में स्कीइंग करने जा सकते हैं। शहर में रोडोडेंड्रोन, देवदार के पेड़ और विशाल ओक के जंगल हर प्रकृति प्रेमी को लुभाएंगे।दिसंबर से फरवरी के बीच आप धनोल्टी की यात्रा कर सकते हैं। दिसंबर में धनोल्टी में मौसम सुहावना होता है, इस दौरान मौसम की पहली बर्फबारी की अच्छी संभावना होती है।
अल्मोड़ा- उत्तराखंड में अल्मोड़ा का हिल स्टेशन बर्फ से ढके हिमालय का सुंदर दृश्य प्रदान करता है। अल्मोड़ा देवदार और पुराने ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। यहां सर्दियों के दौरान मौसम काफी ठंडा होता है, तापमान -3 डिग्री सेल्सियस तक कम होता है। यहां दिसंबर के अंतिम सप्ताह में और जनवरी के महीने में बर्फबारी होने की संभावना होती है।
ओमिक्रॉन से युवाओं को ज्यादा खतरा-दक्षिण अफ्रीका वैज्ञानिक..
उत्तराखंड: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर दुनिया में सनसनी फैला दी है। 20 से अधिक देशों में इसके मामले पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस नए वेरिएंट के मामले में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन कितना घातक है और इसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा फिलहाल यह कहना मुश्किल है।
उनका कहना हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट ने अब तक ज्यादातर युवा लोगों को प्रभावित किया है। वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अभी यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। दो से तीन हफ्तों के बाद ही हम इसके बारे में अधिक जान पाएंगे।
उनका कहना हैं कि कुछ मरीज भर्ती हुए हैं और ये सभी युवा हैं, जिनकी आयु 40 या इससे कम है। इसके साथ ही एनआईसीडी में सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और प्रतिक्रिया के प्रमुख मिशेल ग्रोम का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का शिकार ज्यादातर कम उम्र के लोग हुए हैं। मगर हम वृद्धावस्था समूहों में भी इसकी पड़ताल करना शुरू कर चुके हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने कहा था कि पिछले 24 घंटों में दक्षिण अफ्रीका में नए मामलों की दैनिक संख्या लगभग दोगुनी होकर 8,561 हो गई है। ओमिक्रॉन अब तक देश में प्रमुख स्ट्रेन है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार और वैज्ञानिकों ने 25 नवंबर को कोरोना के नए वैरिएंट की घोषणा की थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे ओमिक्रॉन का नाम दिया था। नए वेरिएंट का पता लगने के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, इस्राइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने कई दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर रोक लगा दी थी। वहीं, कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तराखंड में 23 पीएसी के जवान मिले कोरोना पॉजिटिव..
उत्तराखंड: कोरोना के मामले एक बार फिर से डराने लगे हैं। पिछले एक हफ्ते से हर दिन कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि पुलिस कर्मी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बुधवार को भी नैनीताल जिले में तब हड़कंप मच गया जब पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। जिसके बाद से चिंता की लकीरें बढ़ गईं हैं। जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो पुलिस के जवान कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।
पुलिस महकमे की चिंता बढ़ी
आपको बता दे कि हरिद्वार में सोमवार को ही राष्ट्रपति के कार्यक्रम में वीवीआईपी ड्यूटी के लिए आए 15 से ज्यादा पुलिस के जवान कोरोना पॉजीटिव निकले। अब बुधवार को नैनीताल जिले के बैलपड़ाव में आईआरबी में पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान पॉजीटिव आए जवानों से पुलिस महकमे की चिंता बढ़ गई है। हल्द्वानी के एसपी सिटी जगदीश चंद्र का कहना हैं कि पीएसी के ये जवान जगह-जगह ड्यूटी के लिए भेजे जाते हैं।
कौन जवान कहां से कोरोना संक्रमित हुआ, इसके लिए जवानों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजीटिव आने वाले 23 जवानों के सैंपल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी भेजे हैं। नैनीताल जिले की एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत के शासन के निर्देश के अनुसार पुलिस कर्मियों की कोरोना जांच हो रही है। जिसके रेंडम सेंपल लिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि इससे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने भी सभी पुलिस जवानों के कोरोना जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद सैंपलिंग तेज की गई हैं।
बता दे कि उत्तराखंड में 1 दिसंबर को एक्टिव कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या 183 है, जिसमें से 53 नए मामले बुधवार को ही सामने आए। इनमें से 29 मरीज नैनीताल, देहरादून में आठ, हरिद्वार में 14 पौड़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में एक-एक व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव निकला। बुधवार को 16 हजार ज्यादा कोविड सेंपल जांच के लिए भेजे गए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र को पीएम की तारीफ करना पड़ा महंगा..
देश-विदेश: AMU के पीएचडी छात्र दानिश रहीम को पीएम मोदी की तारीफ करना महंगा पड़ गया है। PHD स्कॉलर ने AMU प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन ने उन्हें पीएचडी की डिग्री वापस करने के लिए नोटिस भेजा है।
दानिश ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई है और साथ ही पीएम मोदी और सीएम योगी से भी मदद की अपील की है। वहीं AMU प्रबंधन का कहना है कि छात्र को गलती से है गलत नाम की डिग्री दी गई थी, जिसे सही कराने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है।
दानिश का कहना है कि उन्हें 9 मार्च 2021 को डिग्री मिली थी और करीब 6 महीने बाद उन्हें डिग्री लौटाने के लिए नोटिस भेजा गया है। दानिश का आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने जो भाषण दिए थे, उसकी उन्होंने तारीफ की थी जिसकी सजा उन्हें दी जा रही है।
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया..
पीएचडी के छात्र दानिश रहीम ने मामले पर हाईकोर्ट में भी गुहार लगाई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र भेज कर न्याय की मांग की है। वही AMU प्रशासन का कहना है कि छात्र को गलती से गलत नाम की डिग्री आवंटित हो गई थी। छात्र को उसको सही करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए सीरम इंस्टीट्यूट बूस्टर डोज ला सकता है..
देश-विदेश: कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट बूस्टर डोज लाने की तैयारी में है। हालांकि, अभी इस नए वैरिएंट के बारे में हो रहे अध्ययनों और उनके निष्कर्षों का इंतजार किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना हैं कि ओमिक्रॉन पर हो रहे शोध को पूरा होने में एक से दो सप्ताह का समय लगेगा। हम उन निष्कर्षों का इंतजार कर रहे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम नया टीका तैयार करेंगे।
बूस्टर डोल के रूप में दिया जाएगा टीका..
अदार पूनावाला ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जो नया टीका तैयार होगा वह बूस्टर डोज के रूप में दिया जाएगा। उनका कहना हैं कि उसे तैयार करने में छह महीने का समय लग सकता है। शोध के आधार पर ही हम तय करेंगे कि यह तीसरा या चौथा टीका होगा या बूस्टर डोज। हो सकता है कि ओमिक्रॉन के लिए अतिरिक्त टीके की आवश्यकता ही न पड़े।
आवश्यकता पड़ी तो हमारे पास पर्याप्त खुराक..
पूनावाला का कहना हैं कि एक अध्ययन में सामने आया है कि कोविशील्ड 63 प्रतिशत तक कोरोना पर असरदार है और यह अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को भी कम करती है। इसके बावजूद अगर लोगों को बूस्टर डोज देने की आवश्यकता पड़ी तो हमारे पास पर्याप्त खुराक आरक्षित है। हमारे पास दो करोड़ से ज्यादा खुराक अभी मौजूद हैं, सरकार घोषणा करती है तो हम उसे उपलब्ध कराएंगे।
इसके साथ ही पूनावाला ने कहा कि जिन लोगों ने टीके की एक ही खुराक ली है या एक भी नहीं ली है। उन्हें दोनों खुराक लेनी चाहिए। इसके बाद ही अगर आवश्यकता पड़ती है तो बूस्टर डोज का इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको बता दे कि फिलहाल सरकार की बूस्टर डोज देने की कोई योजना नहीं है। उनका कहना हैं कि भारत और यूरोपियन देशों की स्थितियों में बहुत अंतर है।
पराग अग्रावल ट्विटर के नए सीईओ बनते ही एक्शन में आ गए..
देश-विदेश: पराग अग्रावल ट्विटर के नए सीईओ बनते ही एक्शन में आ गए हैं। निजी सूचना सुरक्षा नीति में मंगलवार को एक नया अपडेट किया है ताकि निजी व्यक्तियों की सहमति के बिना उनकी तस्वीरों या वीडियो को साझा करने की अनुमति किसी अन्य को नहीं दी जा सके। कंपनी ने एक पोस्ट के माध्यम से सूचित किया कि अब कंपनी अपनी निजी सूचना नीति के दायरे का विस्तार कर रही है, जिसमें निजी मीडिया में तस्वीरें और वीडियो को शामिल किया गया है।
अभी तक कोई भी यूजर दूसरे यूजर के वीडियोज और फोटोज को बिना उसकी अनुमति भेज देते थे। फोटो और वीडियोज को लेकर कंपनी की ओर से लिए गए फैसले का मकसद उत्पीड़न विरोधी नीतियों को और मजबूत करना और महिला यूजर्स को सुरक्षित रखना।
पर्सनल फोटोज और वीडियोज नहीं होंगे शेयर..
ट्विटर का कहना हैं कि “पर्सनल मीडिया जैसे कि चित्र या वीडियो साझा करना संभावित रूप से किसी व्यक्ति की गोपनीयता का उल्लंघन कर सकता है और इससे भावनात्मक या शारीरिक नुकसान भी हो सकता है।” सोशल मीडिया फर्म ने पहले ही उपयोगकर्ताओं को दूसरों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे उनका पता या स्थान, पहचान दस्तावेज, गैर-सार्वजनिक संपर्क जानकारी, वित्तीय जानकारी, या चिकित्सा डाटा साझा करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
क्यों लागू किए गए नए नियम..
कंपनी का कहना हैं कि “पर्सनल मीडिया का दुरुपयोग सभी को प्रभावित कर सकता है, लेकिन महिलाओं, असंतुष्टों और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि ट्विटर पर पोस्ट करने से पहले किसी फोटो या वीडियो में सभी व्यक्तियों की सहमति की आवश्यकता होगी, लेकिन अगर कोई व्यक्ति इन्हें हटाना चाहता है, तो प्लेटफॉर्म इसे प्रतिबंधित कर देगा
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने निकाली 776 पदों पर भर्ती..
उत्तराखंड: प्रदेश में चुनावी दौर नजदीक है ऐसे में जहां सभी विभागों में बंपर भर्तियां निकल रही हैं, वही अब उत्तराखंड के बेरोजगार इंजीनियर के लिए भी सरकार मेहरबान हो गयी है। आपको बता दें कि प्रदेश में नौ विभागों में जूनियर इंजीनियरों के 776 पदों पर भर्ती निकली है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने शुक्रवार से ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
काफी समय बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा इंजीनियरों के लिए भर्ती निकाली गई है। इन पदों के लिए शैक्षिक योग्यता मान्यता प्राप्त पालिटेक्निक से डिप्लोमा निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा विभिन्न विभागों जैसे कि ग्रामीण निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग ,पंचायती राज विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, लोक निर्माण विभाग ,आवास विभाग एवं कृषि विभाग में जूनियर इंजीनियरों के विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली गई है।
जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा इन विभागों में भर्ती निकाली गई है ग्रामीण निर्माण विभाग में 182 पदों पर भर्ती निकाली है। इसके साथ ही सिंचाई विभाग में 49, लघु सिंचाई विभाग में 39, पंचायती राज विभाग में 21, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 79, लोक निर्माण विभाग में 222, विद्युत सुरक्षा विभाग में नौ, आवास विभाग में 139 और कृषि विभाग में 36 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती निकाली है।
इन सभी पदों के लिए 17 दिसंबर तक अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। भर्ती प्रक्रिया का आवेदन आयोग द्वारा उनकी वेबसाइट पर जारी हो चुका है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने अल्मोड़ा बागेश्वर चंपावत हल्द्वानी खटीमा रुद्रपुर पिथौरागढ़ देहरादून गोपेश्वर हरिद्वार नई टिहरी रुद्रप्रयाग श्रीनगर और उत्तरकाशी में परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प उम्मीदवारों को दिया है।
देहरादून में ही होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अब असमंजस खत्म हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि आगामी नौ व दस दिसंबर को सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ बातचीत करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा की जाए..
प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि इस सत्र के दौरान आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत भी एक दिन अतिरिक्त चर्चा के लिए रखा जाए। हालांकि यह सब कार्यमंत्रणा की बैठक में तय होगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा हो।
पहले गैरसैंण में होना था सत्र..
पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सत्र कराने का निर्णय लिया था, जिसे बाद में बदल दिया। उसी दिन इस बात के संकेत मिल गए थे कि सरकार गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर दुविधा में है।
भारतीय नौसेना में अफसर बनी नैनिका रौतेला..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल की बेटी नैनिका रौतेला ने भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश व नैनीताल शहर का मान बढ़ाया है। अब वो भारतीय नौसेना का हिस्सा बन देश की सेवा करेंगी। बता दें कि नैनीताल के मल्लीताल शेरवानी क्षेत्र निवासी नैनिका का इस पद के लिए चयन बीते मई माह में हुआ था।
जिसके बाद केरल स्थित नौसेना अकादमी एझिमाला में लगभग 22 सप्ताह की कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने के बाद वह सब लेफ्टिनेंट बन गईं हैं। इस गौरवशाली पल के साक्षी उनके माता-पिता व भाई भी बने। वहीं, नैनिका ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता के मार्गदर्शन और अनुशासन को दिया है।
नैनिका पढ़ाई में बचपन से ही अव्वल रहीं। उन्होंने कक्षा 6 तक की शिक्षा मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर और 12वीं सेंट मेरी से की है। इसके बाद रुड़की स्थित कालेज आफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की। नैनिका गुरुग्राम स्थित कंपनी एक्सेंसर में गूगल के लिए बतौर इंजीनियर भी सेवाएं दे चुकी हैं। लेकिन उनका देश सेवा का जुनून ऐसा था कि उन्होंने नौकरी छोड़कर इसी तरफ अपने कदम आगे बढ़ने का मन बनाया।
नैनिका के पिता रामसिंह रौतेला नैनीताल जिला अदालत और उत्तराखंड हाईकोर्ट में वकालत करते हैं। मां डॉ. बसंती रौतेला मोहनलाल साह इंटर कॉलेज में प्रवक्ता हैं। बेटी के भारतीय नौसेना में चयन से दोनों बेहद गर्वित महसूस कर रहे हैं।
अधिवक्ता राम सिंह रौतेला का कहना हैं कि वो खुद भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने सेना के अलावा कभी किसी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी वो सेना का हिस्सा नहीं बन सके। अब बेटी नैनिका ने नौसेना में अफसर बन उनका 28-30 साल पुराना सपना पूरा किया है।
सीएम धामी ने किया देवस्थानम बोर्ड भंग..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. चारधाम हकहकूकधारी महापंचायत के बैनर तले तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. माना जा रहा है कि यह फैसला उत्तराखंड, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. यहां की सत्ता पर काबिज बीजेपी को यह डर सता रहा था कि कहीं इस मांग की अनदेखी करने से चुनावों में ब्राह्मण वोट बैंक उससे दूर न हो जाए.
सीएम धामी ने कहा कि हमने देवस्थानम बोर्ड को लेकर विभिन्न संगठनों, तीर्थ-पुरोहित, पंडा समाज के लोग, सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों से बात कर और सुझाव के बाद विचार करते हुए हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं. सीएम धामी ने कहा कि एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी. उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है. आगे चलकर सभी से बात कर उत्तराखंड के विकास के लिए काम करेंगे.
सबसे ज्यादा विवाद चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम की धारा 22 पर था, इसके अनुसार चारधाम देवास्थानम से संबंधित सभी संपत्तियां जो कि सरकार, जिला पंचायत, जिला परिषद, नगर निगम के नियंत्रण में हैं या फिर किसी कंपनी, सोसाइटी, संगठन के अधिकार में हैं उनका हस्तांतरण बोर्ड को हो जाएगा. धारा 22 के तहत ही बोर्ड को यह ताकत थी कि डेवलपमेंट के नाम पर वह मंदिर के आसपास की भूमि का को अधिग्रहित कर सकता है. इसे सरकार की ओर से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप माना जा रहा था. पुजारी पुरोहित इसे अपने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप मान रहे थे.