सीएम धामी की सख्त चेतावनी, सैनिकों का सम्मान सबसे ऊपर..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारे लिए अपने सैनिकों का सम्मान सबसे ऊपर है। स्वर्गीय सीडीएस जनरल रावत हमेशा उत्तराखंड की शान रहेंगे। अगर कोई अराजक तत्व किसी दिवंगत रक्षाकर्मी के बारे में सोशल मीडिया पर या अन्यथा कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, तो सरकार उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी।
सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर अशोभनीय टिप्पणी के कई मामले सामने आते रहते हैं। इससे छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है। इन मामलों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी गंभीर नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी के लिए फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। भाजपा नेता की शिकायत पर शहर कोतवाली ने यह कार्रवाई की। आरोप है कि फेसबुक पर किसी ने मुख्यमंत्री की फोटो के साथ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
भारतीय थलसेना को आज अकेले उत्तराखंड से मिलेंगे 43 बहादुर जांबाज..
उत्तराखंड: भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के साथ ही आज भारतीय थल सेना को 319 युवा जांबाजों की टोली मिल जाएगी। इसके साथ ही मित्र देशों के 68 कैडेट भी पास आउट होंगे। आपको बता दे कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की समीक्षा की और पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों से सलामी ली। उनके साथ में कमांडेंड लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और स्वाॅर्ड ऑफ ऑनर विजेता आनमोल गुरुंग भी मौजूद रहे। इसके बाद भावी सैन्य अफसरों की भव्य मार्चपास्ट हुई। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेट्स को अवॉर्ड से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति ने ली परेड की सलामी..
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। आईएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हुई। इस दौरान कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और डिप्टी कमांडेंड आलोक जोशी ने परेड की सलामी ली। इससे बाद जनरल कमांडिंग ऑफिसर ले.जनरल राज शुक्ला ने परेड की सलामी ली। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी परेड में पंहुचे। पीओपी को सादगी से आयोजित किया जा रहा है। परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म तो होगी, लेकिन जश्न नहीं मनाया जाएगा
उत्तराखंड से देश को मिलेंगे 43 अफसर..
आपको बता दे कि भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेटों में 43 उत्तराखंड के होंगे। जो कि शनिवार यानि आज पासआउट होने जा रहे हैं। 319 भारतीय कैडेटों की संख्या का 14 फीसदी होगा। इस बार भी पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या भले ही सबसे अधिक 45 है।
राज्यवार कैडेटों की संख्या..
उत्तर प्रदेश -45
उत्तराखंड -43
हरियाणा- 34
बिहार- 26
राजस्थान -23
पंजाब- 22
मध्य प्रदेश -20
महाराष्ट्र -20
हिमाचल प्रदेश- 13
जम्मू कश्मीर -11
दिल्ली-11
तमिलनाडु -7
कर्नाटक- 6
केरल -5
आंध्र प्रदेश- 5
चंडीगढ- 5
झारखंड -4
पश्चिम बंगाल -3
तेलंगाना- 3
मणिपुर- 2
गुजरात -2
गोवा- 2
उड़ीसा- 2
असम -2
मिजोरम- 2
छत्तीसगढ़- 2
मिजोरम -2
वीआईपी घाट पर आज विसर्जित की जाएंगी जनरल बिपिन रावत व पत्नी की अस्थियां..
उत्तराखंड: सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां आज हरिद्वार में वीआईपी घाट पर विसर्जित की जाएंगी। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां हरिद्वार पहुंचने की मौखिक जानकारी मिली है। अभी तक लिखित रूप से प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं आई है। लेकिन प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर दी है।
डीएम का कहना हैं कि अस्थियों को उनकी बेटियां कृतिका और तारिणी व पारिवारिक सदस्य हरिद्वार लेकर आएंगे। उनके काफिले में करीब छह से सात वाहन होंगे। वीआईपी घाट पर अस्थि विसर्जित की जाएंगी। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के पहुंचने की भी संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसका भी लिखित कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है।
आपको बता दे कि श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की देशभर की शाखाओं एवं मठों में देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी एवं अन्य सैन्य अधिकारियों के आकस्मिक निधन पर उनकी आत्माओं की शांति के लिए विशेष श्रद्वांजलि सभा एवं शांति यज्ञ आयोजित हुए। हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़ा सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी का कहना हैं कि अखाड़े एवं संत समाज मिलकर जनरल बिपिन रावत की स्मृति में भव्य शहीद धाम बनाएंगे।
जो कि उत्तराखंड का पांचवां धाम बनेगा। उत्तराखंड के चारों पवित्र धामों की यात्रा के साथ इस धाम के दर्शन के लिए भी यात्री आएंगे। इसके साथ ही श्रीमहंत ने कहा कि यदि सरकार अखाड़ा परिषद को भूमि उपलब्ध कराती है तो अखाड़ा परिषद समस्त अखाड़ों और साधु-संतों के सहयोग से भव्य स्मारक एवं धाम बनाएंगे। उन्होंने दुर्घटना में शहीद सैन्य अधिकारियों के परिजनों को केंद्र सरकार से 50-50 करोड़ आर्थिक सहायता देने की भी मांग की हैं।
बरसाती मेंढकों की तरह बाहर आने लगे हैं चुनाव लड़ने के दावेदार
रुद्रप्रयाग। आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय पार्टियों और छोटे दलों के साथ ही निर्दलीयों ने भी जोर आजमाइश शुरू कर दी है। राष्ट्रीय दलों के नेताओं ने हाईकमान के सामने अपनी दावेदारी भी पेश करनी शुरू कर दी है और अपने को प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा में नये-नये चेहरों ने पोस्टर और बैनरों से विधानसभाओं को पाट दिया है।
ऐसे में वर्षो से पार्टी की सेवा में जुटे कार्यकर्ताओं को भी डर सताने लगा है और वे अपने को असुरक्षित मानकर तेजी से पार्टी हाईकमान को पत्र भेजकर दावेदारी पेश कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग विधानसभा से ब्लाॅक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कांग्रेस से प्रबल दावेदारी पेश की है, जबकि केदारनाथ विधानसभा से पूर्व कनिष्ठ प्रमुख ने भाजपा से दावेदारी पेश की है।
बता दें कि आगामी वर्ष में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर दावेदारों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। जिले में दो विधानसभाएं हैं, जिनमें रुद्रप्रयाग और केदारनाथ शामिल है। इन विधानसभाओं में दावेदारों की काफी लम्बी लाइन है जो टिकट के लिए हाथ पैर मारने में लगे हैं। यहां तक कि देहरादून से लेकर दिल्ली तक की भी दौड़ लगाई जा रही है। इन सभी दावेदारों ने शहर और ग्रामीण इलाकों को पोस्टर और बैनरों से पाट दिया है। ऐसे में जनता भी असमंजस की स्थिति में है कि आखिर ये सभी दावेदार आज तक कहां थे और चुनाव आते ही कैसे बरसाती मेंढक की तरह बाहर आ गये हैं। ये सभी लोग जनता के बीच भी हंसी का पात्र बने हुए हैं।
ऐसे में पार्टी में लम्बे समय से कार्य कर रहे नेताओं को भी डर सताने लगा है और वे अभी से पार्टी हाईकमान को अपनी दावेदारी का पत्र भेज रहे हैं, जिससे पार्टी उन्हें मौका दे सके। शुक्रवार को रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांगे्रस पार्टी से दावेदार ब्लाॅक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट को अपना दावेदारी पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लम्बी सेवा, जनसेवा और सांगठनिक सेवाओं के चलते दावेदारी की गई है। इसके साथ ही 25 साल से कर्मभूमि के रूप में रुद्रप्रयाग जनपद सहित विकासखण्ड जखोली क्षेत्र में आत्मीयता के साथ एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है। जिसे देखते हुए पार्टी को आवेदन पर विचार करना चाहिए।
कहा कि पार्टी संगठन के जिलाध्यक्ष सहित जिला पंचायत उपाध्यक्ष जैसे बड़े पदों पर रह कर समाज सेवा का मौका मिला। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 2019 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अपने क्षेत्र पंचायत वार्ड से जनता ने निर्विरोध चुनकर पुनः क्षेत्र पंचायत प्रमुख जखोली के पद पर विपक्षी भाजपा प्रत्याशी से भारी मतों के अन्तर में क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुना गया है। ब्लाॅक प्रमुख ने कहा कि विकासखण्ड जखोली को समूचे देशभर की पंचायतों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से अंलकृत किया गया, जो कि जखोली सहित रुद्रप्रयाग के इतिहास में एक स्वर्णिम अवसर है। यदि इस बार कांग्रेस पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर देती है तो वे मजबूती के साथ चुनाव लड़कर पार्टी की झोली में विजयश्री अवश्य दिलायेंगे।
वहीं दूसरी ओर केदारनाथ विधानसभा से पूर्व कनिष्ठ प्रमुख एवं भाजपा नेता रमेश बेंजवाल ने भाजपा संगठन महामंत्री अजेय को पत्र भेजकर अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने पत्र में कहा कि उनकी शुरूआत छात्र राजनीति से हुई है। ऐसे में उन्हें चुनाव लड़ने और जीतने का पूरा अनुभव है। उन्हें भाजपा पार्टी की रीति और नीतियों की पूरी जानकारी है। उन्होंने सदैव पार्टी की सेवा की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से 1991 में सह सचिव व 1993 में अध्यक्ष छात्र संघ महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में चुनाव लड़ा और दोनों पदों पर विजयी हासिल की।
इसके बाद उत्तरप्रदेश राज्य के प्रथम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 1995 में सदस्य क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की और विकासखंड अगस्त्यमुनि के कनिष्ठ प्रमुख का चुनाव लड़ा और यह जीत भी हासिल की। फिर वर्ष 2001 में साधन सहकारी समिति अगस्त्यमुनि के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और ये जीत भी पक्की की। वर्ष 2002 में उत्तराखंड के प्रथम विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर केदारनाथ विधानसभा से चुनाव लड़ा।
यहां कम वोटों के अंतर से पराजनी का सामना किया। कहा कि छात्र राजनीति से लेकर वर्तमान तक कई आंदोलन किये और उनका नेतृत्व भी किया। जिनमें मुख्यतः उत्तराखंड राज्य आंदोलन, बेरोजगारों, व्यापारियों, कर्मचारियों, आपदा पीड़ितों, आल वेदर रोड से संबंधित कई आंदोलन किये। जिसके परिणाम स्वरूप पत्नी ने भी एक बार प्रधान व वर्तमान में निर्दलीय के तौर पर अध्यक्ष नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के पद पर जीत हासिल की और भाजपा में शामिल हुई।
वर्ष 1989 में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी और तब से अब तक हमेशा से भाजपा के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन को देखते हुए उन्हें ही केदारनाथ विधानसभा से भाजपा का टिकट दिया जाना चाहिए।
कोरोना की बूस्टर खुराक पर बैठक करेगी विशेषज्ञ समिति..
देश-विदेश: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के तहत विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) शुक्रवार को कोविड -19 बूस्टर खुराक के संबंध में पहली बैठक करेगी। इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को दी थी।
आपको बता दे कि हाल ही में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड की बूस्टर खुराक की मंजूरी के संबंध में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास एक आवेदन दायर किया हैं। शुक्रवार यानि आज होनी वाली बैठक को लेकर अहम निर्णय लेने की उम्मीद हैं। सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि देश में अभी कोविड वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक है और नए कोरोना वायरस वेरिएंट ओमिक्रॉन के उभरने के कारण बूस्टर शॉट की मांग हैं। यही कारण है लोगों को तेजी से कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट भारत की पहली वैक्सीन निर्माण कंपनी है, जिसने बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड के अनुमोदन के लिए आवेदन किया हैं। इस संबंध में एसईसी की बैठक शुक्रवार दोपहर 12 बजे शुरू हो गयी हैं । कई विशेषज्ञों ने भारत में विशेष रूप से नए अत्यधिक संक्रामक कोविड -19 प्रकार ओमिक्राॅन के आने के बाद बूस्टर खुराक की सिफारिश की है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
आपको बता दे कि हाल ही में भारतीय सीरम संस्थान (एसआईआई) ने देश के औषधि नियामक से कोरोना संक्रमण के खिलाफ कोविशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर देने के लिए अनुमति मांगी थी। संस्थान के सरकारी एवं नियामकीय मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई को इस संबंध में आवेदन भेज कर इसके लिए अनुमति मांगी थी। इस आवेदन में सिंह का कहना है कि यूनाइटेड किंगडम के औषधि नियामक ने इस टीके की बूस्टर डोज के लिए पहले ही अनुमति दे दी है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि देश में कोविशील्ड टीकों की कोई कमी नहीं है और महामारी के नए स्ट्रेन (ओमिक्रॉन) के सामने आने के बाद इसकी दोनों खुराकें ले चुके लोग इसकी बूस्टर खुराक के लिए मांग कर रहे हैं।
131 करोड़ लोगों को लग चुकी है भारत में वैक्सीन..
भारतीय सीरम संस्थान ने इस साल जनवरी से कोविशील्ड वैक्सीन की शिपिंग शुरू कर दी है और नवंबर के अंतिम सप्ताह में एक बिलियन डोज लैंडमार्क को पार कर लिया है। कुल देश में अब तक 114.78 करोड़ कोविशील्ड टीके लग चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में टीकाकरण की संख्या गुरुवार को 131 करोड़ मील का पत्थर पार कर गई है। गुरूवार शाम सात बजे तक 67 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद सचिवालय संघ ने खत्म की हड़ताल, आज नियत समय पर खुले अनुभाग..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी के आश्वासन के बाद सचिवालय संघ ने हड़ताल खत्म कर दी। दो दिन की हड़ताल के बाद नियत समय पर सभी अनुभाग खुले। गुरुवार रात अध्यक्ष दीपक जोशी व महासचिव विमल जोशी के नेतृत्व में सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संघ की सभी मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सचिवालय संघ ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया।
सभी अनुभाग तय समय से खुले..
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से सचिवालय में सभी अनुभाग तय समय से खुले। इससे पहले विभिन्न मांगों के पूरा न होने से नाराज सचिवालय कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार को अनुभागों में सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारी तो पहुंचे, लेकिन सचिवालय में कामकाज की गति बेहद धीमी दिखी। सचिवालय प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों के एचओडी को कर्मचारी भेजने के निर्देश दिए। उधर, वाहन चालक संघ और सचिवालय सुरक्षा संगठन ने भी हड़ताल को समर्थन दे दिया।
सचिवालय प्रशासन की ओर से हड़ताली कर्मचारियों के परिसर में प्रवेश पर रोक का असर नजर आया। हड़तालियों को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारियों को घोषणा पत्र के आधार पर सचिवालय में प्रवेश दिया गया। हड़ताली कर्मचारी सचिवालय गेट के आसपास ही एकत्र हुए और अपना विरोध जताया। दो बजे तक सभी यहां जमे रहे और इसके बाद लौट गए। उधर, सचिवालय परिसर में सन्नाटा पसरा नजर आया। अधिकारियों और उनके कुछ मातहतों को छोड़ दें तो करीब सभी अनुभागों में ताले लटके मिले। कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
सरकार ने विभिन्न विभागों से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कर्मचारी भेजने के आदेश दिए हैं। सचिवालय संघ से जुड़े सदस्यों ने दो बजे तक प्रदर्शन, हड़ताल करने के बाद लौट गए। सचिवालय संघ के महासचिव विमल जोशी ने हड़ताल खत्म होने की पुष्टि की है। वहीं, इससे पहले सचिवालय प्रशासन के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कर्मचारी भेजने के निर्देश जारी किए कर दिए थे। ताकि कामकाज सुचारू रहे।
नए साल में कर्मचारियों की इतनी बढ़ेगी सैलरी..
शहर के हिसाब से मिलता है HRA..
देश-विदेश: केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आ रहा हैं।आपको बता दे कि मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए नए साल पर कई घोषणाएं कर सकती हैं।
केंद्रीय सरकार कर्मचारीयों का महंगाई भत्ता बढ़ाने के साथ हाउस रेंट अलाउंस बढ़ा सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन (7th Pay Commission) में बंपर उछाल आ जाएगा। आपको बता दे कि मोदी सरकार जनवरी महीने में इसकी घोषणा कर सकती है।
बढ़ सकता है DA..
महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा अभी यह नहीं मालूम लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो सकता है. इसके अतिरिक्त बजट 2022 में भी फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला हो सकता है. इस पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर इसे बजट के खर्च में शामिल कर लिया जाएगा. साथ ही दिसंबर 2021 के आखिर में केंद्र सरकार के कुछ विभागों में कर्मचारियों प्रमोशन भी दिया जाता है.
कर्मचारियों का बढ़ेगा HRA..
जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 से कर्मचारियों को बढ़ा HRA मिल सकात है। एचआरए मिलते ही कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवेमेन (NFIR) ने 1 जनवरी 2021 से HRA लागू करने की मांग की है।इसके बाद ये सभी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन पर लागू हो सकता है.
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की कैटेगरी X, Y और Z क्लास शहरों के हिसाब से है। यानी जो कर्मचारी X कैटेगरी में आते हैं उन्हें अब 5400 रुपए महीने से ज्यादा HRA मिलेगा। इसके बाद Y Class वाले को 3600 रुपए महीना और फिर Z Class वाले को 1800 रुपए महीना HRA मिलेगा।X कैटेगरी में 50 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर आते हैं। इन शहरों में जो केंद्रीय कर्मचारी हैं उन्हें 27 परसेंट HRA मिलेगा। Y कैटेगरी के शहरों में 18 परसेंट होगा और Z कैटेगरी में 9 परसेंट होगा।
सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, 11 लोगों की मौत,सीडीएस बिपिन रावत भी थे सवार..
उत्तराखंड: तमिलनाडु से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। विमान हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इस विमान में सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बयान देने वाले हैं। रक्षामंत्री क्या बान देंगे, इस पर देशभर की निगाहें टिकी हैं। पूरा देश इस वक्त जनरल बिपिन रावत और हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोगों की सलामती की दुआ कर रहा है। बड़े नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिडेर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एन के गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, L/NK विवेक कुमार, L/NK बी साय तेजा, हवलदार सतपाल सवार थे।खबर है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। इसके बाद वो दिल्ली लौट रहे थे। इस दौरान एयरफोर्स का एमआई17-वी5 हेलिकॉप्टर नीलगिरी के जंगलों में क्रैश कर गया।
केजरीवाल के मुफ्त बिजली कार्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई..
उत्तराखंड: 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने संबंधी आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तिथि तय की है। याचिका में चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया गया है।
आपको बता दे कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। विकासनगर निवासी और उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रह चुके संजय जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल की ओर से उनकी सरकार आने पर उत्तराखंड की जनता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड दिया जा रहा है।
इसमें शर्त रखी गई है कि पहले लोगों को पार्टी से जारी मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल करनी है। इसके बाद लोगों को 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है । यह कार्ड सदस्यों को संभाल के रखना है, तभी उन्हें सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना था कि आम आदमी पार्टी की ओर से इस तरह रजिस्ट्रेशन करवाना पूरी तरह असंवैधानिक है।
इस तरह के गारंटी कार्ड देना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है। यह कृत्य भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वे इसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन सरकार गठित हुए बिना इस तरह के गारंटी कार्ड देना जनता को धोखा देना है।
कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन नहीं है खतरनाक,दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर ने की घोषणा..
देश-विदेश: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखकर सरकार सहित आम लोग भी चिंतित हैं। भारत में अब तक ओमिक्रोन के 24 केस सामने आ चुके हैं और लगातार हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। एक तरफ इस नए वायरस को लेकर जहां लोग डरे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका की एक डॉक्टर ने राहत देने वाली बात कही है।
दक्षिण अफ्रीका के डॉ. कोएत्ज़ी उन डॉक्टरों की टीम में से एक हैं जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए रूप ओ मिक्रोन की खोज की थी। डॉ. एंजेलिक कोएत्ज़ी का कहना हैं कि,”कोरोना का ओमेक्रोन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से अधिक खतरनाक नहीं है। ओमिक्रोन वेरिएंट से पीड़ित मरीज में डेल्टा से पीड़ित मरीज की तुलना में हल्के लक्षण वाले होते हैं।
डॉ. एंजेलिक कोएत्ज़ी साउथ अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं। कोएत्ज़ी की टीम ने सबसे पहले कोरोना के इस नए रूप की खोज की थी। वह उस देश में वैक्सीन अनुसंधान पर सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। इस समय ओमाइक्रोन कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में दहशत है। यह दक्षिण अफ्रीका से दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। भारत के कुछ राज्यों में ओमाइक्रोन के मरीज भी मिले हैं। इसलिए देश इस नए वेरिएंट को लेकर सतर्क है।
कोरोना के अल्फा, बीटा, डेल्टा वेरिएंट को दुनिया अब तक देख चुकी है। जिसमें से डेल्टा संस्करण सबसे अधिक खतरनाक था, इसी वायरस ने भारत में तबाही मचाई थी। अब जबकि दुनिया भर में टीकाकरण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है तो इसी दौरान ओमिक्रोन भी लगातार अपने पैर पसार रहा है और फिर से दुनिया के लिए एक चुनौती पेश कर रहा है। वैज्ञानिकों का कहना हैं कि ओमाइक्रोन डेल्टा से ज्यादा घातक नहीं है। हालांकि, यह अन्य वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है। इसलिए जरूरी है कि कोरोना के नियमों का पालन करें, टीका लगवाएं और सतर्क रहें