वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए एक महीने में बनाए पॉलिसी, सीएम धामी का अफसरों को आदेश..
उत्तराखंड: प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए पहली बार नीति बनाई जाएगी। इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को चार सप्ताह में नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि पंतनगर व देहरादून एयरपोर्ट में विमानों की नाइट लैंडिंग की व्यवस्था करने के लिए तेजी से कार्रवाई की जाए। बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक में सीएम धामी ने दो नए शहरों को विकसित करने की कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए। गंगा व शारदा कॉरिडोर डेवलपमेंट और डाकपत्थर में बनने वाले नॉलेज सिटी के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। जून-2026 तक सभी परियोजनाओं पर विधिवत कार्य प्रारंभ किया जाए। विरासत के साथ विकास के मॉडल पर कार्य करने के निर्देश दिए। सीएम का कहना हैं कि राज्य की आगामी 25 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विकास योजनाओं का सुनियोजित प्लान तैयार किया जाए।
परियोजनाओं की नियमित की जाएगी समीक्षा..
2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में भी अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य किया जाए। यूआईआईडीबी के तहत बनने वाली योजनाओं में जनप्रतिनिधियों और स्टेक होल्डरों के सुझावों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाएगी। सीएम ने प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिए विभिन्न स्थलों का चयन कर वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने को कहा। इसके लिए वेडिंग प्लानरों, होटल समूहों से सहयोग लेकर इसके प्रचार प्रसार पर भी ध्यान देने पर बल दिया। वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए नीति बनाई जाएगी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक मदन कौशिक, रेनू बिष्ट, राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर राजेश कुमार, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी सविन बंसल, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह मौजूद रहे।
टिहरी में वर्ल्ड एक्रो चैंपियनशिप का आगाज, रोमांच के शौकीन भर रहे उड़ान..
उत्तराखंड: टिहरी झील किनारे कोटीकॉलोनी में आज गुरुवार से पांच दिन तक शुरू होने जा रही वर्ल्ड एक्रो चैंपियनशिप का उत्साह चरम पर है। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए देश-विदेश से खिलाड़ियों का यहां पहुंचना शुरू हो गया है। प्रतियोगिता में लगभग 10 देशों के पायलट और भारत के 75 पायलट हिस्सा लेंगे। वर्ल्ड एक्रो चैंपियनशिप के सफल आयोजन के लिए पर्यटन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। टिहरी झील किनारे कोटीकॉलोनी में सुबह 10.30 बजे पांच दिवसीय चैंपियनशिप का शुभारंभ किया गया। कोटीकॉलोनी और प्रतापनगर के आसमान में रंग-बिरंगे पैराग्लाइडर्स की अद्भुत उड़ान देखने को मिलेगी। इसमें विदेशी पायलटों के साथ-साथ देशभर के पायलट भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
इस बार आयोजन में स्थानीय लोगों के लिए भारतीय पायलट के साथ आसमान में उड़ान भरने की व्यवस्था की गई है। इच्छुक स्थानीय निवासी भी पायलट के साथ उड़ान का रोमांच महसूस कर सकेंगे। जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा का कहना हैं कि चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने के लिए टर्की, फ्रांस, रूस, ईरान, स्पेन, स्विट्जरलैंड और हिमाचल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पायलट पहुंच रहे हैं।
21 दिनों के लिए बद्रीनाथ हाईवे बंद, इस मार्ग से जा सकेंगे वाहन..
उत्तराखंड: आज से सात जनवरी तक बद्रीनाथ हाइवे बंद रहेगा। बरसात के मौसम में बद्रीनाथ हाइवे पर 400 मीटर हिस्से में मलबा आ गया था। तब से अब तक कई महीनों का समय बीत गया है लेकिन मलबा अब तक हटाया नहीं जा सका है। अब इस मलबे को हटाया जा रहा है। जिसके लिए हाईवे पर आवाजाही को बंद किया गया है। बद्रीनाथ हाईवे पर बीते बरसात के मौसम में आए मलबे को हटाने का काम आज से शुरू हो गया है। 400 मीटर हिस्से से मलबे का निस्तारण किया जा रहा है। जिसके चलते बद्रीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग में 18 दिसंबर से 21 दिनों तक सात जनवरी तक आवाजाही बंद रहेगी। बद्रीनाथ हाईवे बंद रहने के दौरान वाहनों को वैकल्पिक मार्ग नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण सड़क से भेजा जाएगा। बद्रीनाथ हाईवे से आवाजाही ना होने के कारण अब पुरसाड़ी गांव के ग्रामीणों को 16 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। इसके साथ ही कई अन्य गांवों के लोगों को भी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी।
नियम तोड़कर बेहिसाब खर्च करेंगे फिर भी लड़ेंगे, मैदान में उतर सकते हैं ये प्रत्याशी..
उत्तराखंड: नियम तोड़कर बेहिसाब खर्च करेंगे और फिर भी चुनाव लड़ेंगे। चुनाव खर्च पर नियंत्रण के कानूनों ने प्रत्याशी को ये आजादी दी है। जिन प्रत्याशियों पर 2018 के निकाय चुनाव में खर्च का हिसाब न देने पर प्रतिबंध लगा था, वह इस बार चुनाव मैदान में फिर दम दिखा सकते हैं। बता दे कि निकायों में चुनाव खर्च की सीमा को सख्ती से लागू करने और इसका पूरा हिसाब लेने के लिए जो नियम बने हैं, वह बड़े लचीले किस्म के हैं। निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ने अगर समय से चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया तो उस पर महज तीन साल का प्रतिबंध लगता है। इस कारण 2018 में जिन प्रत्याशियों पर निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध लगाए थे, वे अब छह साल बाद हो रहे निकाय चुनाव में आसानी से लड़ सकते हैं।
प्रत्याशियों के पूरे खर्च का लेंगे हिसाब..
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस साल भी चुनाव पूर्व नियमावली को और सख्त बनाया है। पहली बार केंद्रीय चुनाव आयोग की तर्ज पर राज्य निर्वाचन आयोग भी हर जिले में व्यय प्रेक्षक तैनात करने जा रहा है, जो प्रत्याशियों के पूरे खर्च का हिसाब लेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारियों के स्तर से भी प्रक्रिया सख्त बनाई गई है, लेकिन प्रतिबंध अभी तीन साल का ही है, जिसे लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। निर्वाचन आयोग के अफसरों का कहना है कि आयोग, सरकार के बनाए हुए नियमों के हिसाब से कार्रवाई करता है। यह प्रतिबंध उस दिन से लागू होता है, जिस दिन आदेश जारी होता है।
कुमाऊं विवि का 19 वां दीक्षांत समारोह, 69 छात्रों को बांटे मेडल..
उत्तराखंड: कुमाऊं विवि का 19 वां दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया। दीक्षांत समारोह में बेटियों का जलवा छाया रहा। स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में 57 छात्राओं और 12 छात्रों को मेडल मिले। अधिकांश स्वर्ण पदक विजेता अब शिक्षक बन कर देश और प्रदेश की सेवा करना चाहती हैं। कुछ सेना में भर्ती होकर बेटों के साथ कन्धे से कन्धा मिलकर चलना चाहती हैं।
सोमवार को डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में 19 व दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि कुलाधिपति व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रि ),उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, कुलपति प्रो दीवान सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों, शोधार्थियों के नाम बधाई संदेश सुनाएं।
जिसमें बाद राज्यपाल व कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (रि ) गुरमीत सिंह, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत व कुलपति, कुलसचिव ने छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र वितरित किए। समारोह में 201 शोधार्थियों और 19 हजार 570 छात्र छात्रों को उपाधि वितरित की। इस दौरान छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कुमाऊं विवि नवाचारों, अनुसंधान और समाजोपयोगी पहलों के कारण भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।
एमएससी में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्रा आयुषी राय ने कहा कि उन्हें बचपन से ही शिक्षक बनने का शौक था। खेलों में भी शिक्षिका बनती थी। अब अपने बचपन के सपने को साकार करने का समय आया है। वो पीएचडी करने के बाद शिक्षिका बनना चाहती हैं। कला-रंगमंच के क्षेत्र में राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाले महाभारत टीवी सीरियल में संजय का अभिनय करने वाले अभिनेता ललित तिवारी को डी-लिट और शिक्षा शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रोफेसर डीपी सिंह को डीएससी मानद उपाधि से विभूषित किया गया।
18 दिसंबर से देहरादून में लगेगा हेल्थ चेकअप कैंप, फ्री मिलेंगी दवाइयां..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए हेल्थ कैंप लगाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम के तहत संचालित राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत 18 दिसंबर से देहरादून की विभिन्न मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे. वहीं शिविरों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स लोगों को स्वास्थ्य परामर्श देंगे और कुछ जांचें करने के साथ ही दवाइयां भी दी जाएंगी।
एनएचएम की मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया का कहना हैं कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत देहरादून के विभिन्न वार्डों में 20 विशेषज्ञ चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा भी अपनी सेवाएं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिविरों का उद्देश्य मलिन बस्तियों में रहने वाली जनसंख्या को मेडिकल सुविधाएं प्रदान करना है। शिविरों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य दिक्कतों का परीक्षण और इलाज किया जाएगा।
इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। मिशन निदेशक ने कहा कि इन चिकित्सा शिविरों के माध्यम से मलिन बस्तियों और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों के लोगों को विशेष मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी से 27 फरवरी तक देहरादून के विभिन्न मलिन बस्तियों में होने जा रहे 20 विशेषज्ञ चिकित्सा शिविरों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।
यहां इस दिन लगेंगे शिविर..
18 दिसंबर को संजय कॉलोनी, 23 दिसंबर को डीएल रोड़, 28 तारीख को चुक्खु वाला, 2 जनवरी को बिंदल बस्ती जबकि 6 जनवरी को कुसुम विहार मे स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इसी तरह 10 जनवरी को दून विहार, 14 जनवरी को सत्तो वाला घाटी, 18 जनवरी को मुस्लिम बस्ती, 23 जनवरी को बिहारी बस्ती, 25 जनवरी को देहरा खास, 30 जनवरी को नगर निगम कॉलोनी, 6 फरवरी को राजीव नगर, 8 फरवरी को सिंगल मंडी, 11 फरवरी को जैन प्लॉट, 14 फरवरी को चीड़ों वाला, 17 फरवरी को पथरिया पीर, 18 फरवरी को रांझावाला, 20 फरवरी को गुजराडा मानसिंह, 24 फरवरी को सेवला कला और 27 फरवरी को नकरौंदा में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।
CBSE से बनी रह सकती है अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता, बनेगा अलग कैडर..
उत्तराखंड: प्रदेश में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए अलग कैडर बनाने पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा हैं। खास बात यह है कि इन विद्यालयों की सीबीएसई की संबद्धता पर चल रही रस्साकशी को लेकर भी विभाग में स्थिति स्पष्ट दिख रही है। इसकी वजह ये भी है कि शासन इस मामले में सीबीएसई की संबद्धता बनाए रखने के पक्ष में दिख रहा है। उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता सीबीएसई से बने रहने की उम्मीद है। दरअसल, पिछले दिनों उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता सीबीएसई से हटाने की बात की जा रही थी. जिसको लेकर विभाग के स्तर पर भी चर्चा चल रही थी। लेकिन अब इस मामले में शासन विचार करने के बाद सीबीएसई की संबद्धता ना हटाए जाने के पक्ष में दिख रहा है।
खास बात यह है कि अभिभावकों द्वारा भी लगातार ऐसे विद्यालयों को सीबीएसई की संबद्धता ना हटाए जाने की मांग की जा रही थी। लिहाजा इस पर विभाग के बड़े अधिकारी विचार कर रहे थे। ऐसे में अब माना जा रहा है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय की संबद्धता सीबीएसई से बनी रह सकती है।उधर दूसरी तरफ, अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अलग कैडर बनाए जाने पर भी मंथन चल रहा है। हालांकि अभी इसके लिए मानक तय किए जाएंगे। इसके बाद इन विद्यालयों के लिए अलग कैडेट की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा विभाग में सचिव रविनाथ रमन ने अलग कैडर बनाए जाने की खबर की पुष्टि की है।
उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम अच्छे नहीं आए थे। जिसके बाद इन विद्यालयों की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे थे। साल 2020 में इन विद्यालयों को प्रदेश में चलाए जाने का फैसला लिया गया था। और प्रदेश में 189 विद्यालयों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा के जरिए शिक्षकों का चयन किया गया था। हालांकि, दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों ने तैनाती नहीं ली थी। जिसके कारण दुर्गम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई थी। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम खराब रहने के बाद से ही अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से सीबीएसई की संबद्धता हटाए जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन शासन इसके पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है। इस मामले में अभिभावकों की भी राय ली गई थी और कई अभिभावक संबद्धता हटाए जाने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहे हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आउटलेट खोलने की कवायद तेज, स्थानीय लोगों की आजीविका से जुड़ेगा पार्क..
उत्तराखंड: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आने वाले लाखों पर्यटकों को स्थानीय लोगों की आजीविका से जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में निर्णय लिया गया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दो आउटलेट खोले जाएंगे। जिसमें स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता के साथ स्थानीय लोगों को बाजार देने की कोशिश की जाएगी।फिलहाल वन विभाग इसके लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहा है, ताकि स्थानीय उत्पादों को कॉर्बेट में आने वाले पर्यटकों तक पहुंचाने और एक बेहतर बाजार तैयार करने की दिशा में कदम उठाया जा सके।
इसके अलावा वन विभाग ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए आम लोगों को जागरूक करने से जुड़े अभियान पर भी विशेष फोकस करने का निर्णय लिया गया है। कोशिश है कि आम लोगों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से किसी न किसी रूप में जोड़कर और उन्हें जागरूक करते हुए मानव वन्य जीव संघर्ष में कमी लाई जाएगी। इसके जरिए स्थानीय लोगों को खुद की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदम के बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका को कॉर्बेट से जोड़कर इसके प्रति लोगों की भावनाओं को जोड़ने की भी कोशिश की जाएगी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इस साल 23 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है और इसके जरिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मौजूद रेस्ट हाउस की सूरत बदलने की कोशिश भी होगी। वन विभाग प्रयास कर रहा है कि कॉर्बेट में मौजूद रेस्ट हाउस को मौजूदा सुख सुविधाओं से लैस बनाया जाए। साथ ही रेस्ट हाउस को नेचुरल लुक दिया जाए, ताकि लोग इसमें आते हुए खुद को प्रकृति से जुड़ा हुआ पाए। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मौजूद एक डेवलपमेंट समितियों को मजबूत बनाने के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदम पर भी काम किया जाएगा, साथ ही कॉर्बेट में नए गेट खोलने के लिए भी विचार होगा, ताकि पर्यटकों को और अधिक विकल्प मिल सके और पर्यटन और बेहतर हो सके।
पहली बार सूचीबद्ध होगी आयुर्वेद आहार रेसेपी, FSSAI के साथ मिलकर होगी तैयार..
उत्तराखंड: आयुष मंत्रालय की ओर से भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ मिलकर पहली बार आयुर्वेद आहार रेसेपी को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय स्तर पर प्राचीन आयुर्वेद पुस्तकों और ग्रंथों के आधार पर आयुर्वेद आहार रेसेपी की सूची तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। परेड ग्राउंड में चल रहे विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के दूसरे दिन आयोजित सत्र में विशेषज्ञों ने आयुर्वेद आहार का प्रस्तुतीकरण दिया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्था डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मीता कोटेचा का कहना हैं कि जब वे अपने घर में पारंपरिक भोजन बनाते हैं, वहीं आयुर्वेद आहार होता है।
कहा कि परंपरा और त्योहारों को वैज्ञानिक दृष्टि से देखेंगे तो आयुर्वेद मिलेगा। शारीरिक व मानसिक विकास में न्यूट्रीशियन की भूमिका अहम होती है। आयुष मंत्रालय की ओर से पहली बार आयुर्वेद आहार रेसेपी को अलग-अलग श्रेणी में सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है।
एफएसएसएआई की ओर से हेल्थ सप्लीमेंट के लिए मेडिसिन, न्यूट्रीशियन, विशेष डाइट के हिसाब से आहार की सूची बनाई है। इसमें अब आयुर्वेद आहार को शामिल किया जाएगा। उन्होंने माना, आयुर्वेद के नाम पर बाजार में कई तरह के उत्पाद बिक रहे हैं। जिसमें आयुर्वेद के पोषक तत्व कम होते हैं। जमाने के हिसाब से भी हमें आयुर्वेद आहार रेसेपी में बदलाव लाना होगा। फिलहाल दो साल तक के बच्चों के लिए आयुर्वेद आहार देने का परामर्श नहीं दिया जाएगा। प्रो. अनुपम श्रीवास्तव भी आयुर्वेद आहार रेसेपी और मार्केटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
दून के वैभव बिज्वाण को मिला आरआईएमसी दाखिला, पिता की सीख से मिली कामयाबी..
उत्तराखंड: वैभव बिज्वाण (12) की फुटबाल खिलाड़ी बनने की जिद ने उन्हें देश के सबसे बड़े मिलिट्री संस्थानों में शामिल राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) में प्रवेश दिला दिया है। वैभव के पिता एसडीआरएफ में निरीक्षक के पद पर उत्तरकाशी में तैनात हैं।देहरादून के विद्या विहार फेज-एक में रहने वाले वैभव को बचपन से ही फुटबाल खेलने का जुनून था। उनका सपना था कि वह पुर्तगाल की किसी प्रसिद्ध फुटबाल अकादमी में दाखिला लेकर एक पेशेवर खिलाड़ी बनें। जब उन्होंने अपने पिता से इस बारे में बात की तो उनके पिता ने कहा, फुटबाल में उत्कृष्टता हासिल करने के साथ पढ़ाई भी जरूरी है।
इसलिए आरआईएमसी में दाखिला लेकर पढ़ाई और फुटबाल दोनों साथ कर सकते हैं। पिता की इस सीख के बाद वैभव ने कड़ी मेहनत के बाद आरआईएमसी की लिखित परीक्षा पास कर ली। वैभव के पिता जगदंबा प्रसाद का कहना हैं कि आरआईएमसी में सभी प्रदेशों के लिए 25 सीट और उत्तराखंड के लिए मात्र एक सीट थी। इस पर उनके बेटे का लिखित और साक्षात्कार के बाद चयन हुआ है। परीक्षा 30 जून और साक्षात्कार आठ नवंबर को हुआ था। मेरिट लिस्ट शुक्रवार सुबह आरआईएमसी की वेबसाइट पर जारी की गई। वैभव को आठवीं में दाखिला मिलेगा। वहीं 10वीं के बाद उन्हें सेना में अधिकारी बनने की राह आसान होगी। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने शुभकामनाएं दी हैं। वैभव ने प्रदेश की एकमात्र सीट पर दाखिला पाकर अपने माता-पिता के साथ ही एसडीआरएफ का नाम भी रोशन किया है, जिससे एसडीआरएफ में हर्ष का माहौल है। आरआईएमसी में दाखिला वैभव के कॅरिअर में मील का पत्थर साबित होगा।