निकाय चुनाव से पहले करन माहरा का दिल्ली दौरा, वरिष्ठ नेताओं से करेंगे मुलाकात..
उत्तराखंड: प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। इसी बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा दिल्ली दौरे पर हैं। जहां पर वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। जहां वे वरिष्ठ जनों से मुलाकात कर तमाम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करन माहरा दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर हैं जहां वे प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी से मुलाकात करेंगे। मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान राजनीतिक मुद्दों ओर हालातों पर चर्चा होगी। वहीं आगामी समय में प्रदेश में निकाय पंचायत व अन्य चुनाव हैं इसको लेकर और संगठन की मजबूती के लिए ये दिल्ली दौरा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि अध्यक्ष करन माहरा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात करें।
संजय मल्होत्रा होंगे आरबीआई के नए गवर्नर, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे..
देश-विदेश: RBI के नए गर्वनर संजय मल्होत्रा बनने जा रहे हैं। 11 दिसंबर को वो अपना पद संभालेंगे। वर्तमान गर्वनर शक्तिकांत दास का कार्यकाल अब समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में नए गवर्नर के रुप में संजय मल्होत्रा के नाम पर मुहर लगाई जा रही है। 10 दिसंबर को वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
आपको बता दें कि अभी तक डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव के रुप में संजय मल्होत्रा अपनी सेवाएं दे रहे थे। संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के वरिष्ठ अधिकारी हैं। नवंबर 2020 में वे आरईसी के चेयरमैन और एमडी बनाए गए थे। कुछ समय तक ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी के रुप में भी वे काम कर चुके हैं। वही शक्तिकांत दास के कार्यकाल की बात करें तो उन्होनें पूरे 6 सालों तक आरबीआई गवर्नर के पद को संभाला है। अब संजय मल्होत्रा उनके काम को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। उनका कार्यकाल तीन साल का रहने वाला है।
IMA POP के दौरान यातायात रहेगा डाइवर्ट, 10 से लेकर 14 तक यहां रहेगा जीरो जोन..
उत्तराखंड: 10 से लेकर 14 दिसंबर तक आईएमए पासिंग आउट परेड (IMA POP) के कार्यक्रम होने हैं। इस दौरान यातायात डायवर्ट रहेगा। इसलिए 10 दिसंबर से 14 दिसंबर तक घर से निकलने से पहले एक बार यातायात प्लान पर एक बार जरूर नजर डाल लें। 10 से लेकर 14 दिसंबर तक आईएमए पासिंग आउट परेड के चलते आईएमए की ओर कोई भी यातायात नहीं जाएगा। इस दौरान यहां पर जीरो जोन रहेगा। 10 दिसंबर को 7:30 से 11:30 बजे तक, 12 दिसंबर को 7:30 से 11:30 बजे तक और चार बजे से शाम साढ़े सात बजे तक, 13 दिसंबर को सुबह नौ से 11 बजे और शाम को चार बजे से शाम साढ़े सात बजे तक जीरो जोन रहेगा। इसके साथ ही 14 दिसंबर को सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक जीरो जोन रहेगा।
10 से 14 तक घर से निकलने से पहले देख लें प्लान..
1- परेड के दौरान आईएमए की ओर कोई भी यातायात नहीं जाएगा और आईएमए की तरफ जीरो जोन रहेगा।
2- बल्लूपुर से प्रेमनगर की ओर जाने वाले यातायात को रांघडवाला तिराहा से मिठी बेरी होते हुए प्रेमनगर भेजा जाएगा ।
3- प्रेमनगर से शहर की ओर आने वाले यातायात को प्रेमनगर चौक से दरू चौक और मिट्ठी बेरी होते हुए शिमला बाईपास रोड से निरंजनपुर मण्डी से शहर की ओर भेजा किया जाएगा। विशेष परिस्थिति में प्रेमनगर से आने वाले यातायात को एमटी सेक्शन गेट से आईएमए के अन्दर से रांघडवाला की ओर भेजा जाएगा ।
4- सेलाकुई और भाऊवाला से आने वाले समस्त वाहनों को धूलकोट तिराहे से सिंघनीवाला होते हुए नया गांव से शहर की ओर भेजा जाएगा।
5- देहरादून से विकासनगर की ओर जाने वाले भारी वाहनों को शिमला बाईपास से डाइवर्ट कर विकासनगर धर्मावाला की तरफ भेजा जाएगा ।
भारत दर्शन को 157 छात्रों का ग्रुप रवाना, एजुकेशनल होगी यात्रा..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 9 दिसंबर को शिक्षा निदेशालय देहरादून द्वारा हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के टॉपर छात्र-छात्राओं के लिए भारत दर्शन-शैक्षणिक भ्रमण के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत 157 छात्र-छात्राएं हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के स्थलों का भ्रमण करने जा रहे टॉपर छात्र-छात्राओं की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
देहरादून में भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए भ्रमण पर जाने वाले छात्र-छात्राओं को सीएम धामी ने किट वितरण की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि यह शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम प्रदेश के 157 छात्र-छात्राओं को हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों का भ्रमण कर वहां की विविध संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक संरचना से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगा। हाईस्कूल-इंटरमीडिएट के टॉपर छात्रों का भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण उत्तराखंड सरकार का एक अभिनव प्रयास है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा है।
सीएम धामी ने टॉपर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘यह शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम आपके व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण साबित होगा साथ ही आपके व्यवहारिक ज्ञान को भी बढ़ाएगा’। उन्होंने आगे कहा कि ‘आप हमारे राज्य के ब्रांड एम्बेसडर हैं, आप जहां भी जाए हमारे राज्य की बोली, भाषा, संस्कृति, देव स्थानों, विशेषताओं के बारे में भी लोगों को अवगत कराएं। लोगों को शीतकालीन यात्रा के बारे में भी बताएं। सीएम धामी ने कहा कि हमारा प्रदेश उत्तराखंड अपनी समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। गढ़वाली हमारे दिल की आवाज है, कुमाऊंनी बोली हमारी मिट्टी की खुशबू है और जौनसारी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पहचान है। इन सभी के साथ हिंदी हमारी प्राणवायु है। प्रदेश सरकार इन बोलियों के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। हम स्थानीय बोलियों में पुस्तक लेखन और फिल्म निर्माण को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे हमारी परंपराएं और सभ्यता आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित रहे हैं।
हाउस ऑफ हिमालयाज ने शुरू की तिमूर इत्र की मार्केटिंग, बाजार में इतनी कीमत पर है बिक रहा..
उत्तराखंड: प्रदेश के स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग व पैकेजिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हाउस आफ हिमालयाज ने तिमूर इत्र की मार्केटिंग शुरू कर दी है। बाजार में पांच हजार रुपये तक में इत्र बिक रहा है। वहीं सगंध पौध केंद्र सेलाकुई को तिमूर इत्र का पेटेंट मिलने का इंतजार है। सगंध पौध केंद्र सेलाकुई में प्राकृतिक रूप से उगने वाले तिमूर पर शोध कर बीज से तेल निकाल कर उससे इत्र तैयार किया है। दिसंबर 2023 में देहरादून में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तिमूर इत्र खूब भाया था। प्रधानमंत्री कई मंचों पर उत्तराखंड के तिमूर इत्र का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने इसकी मार्केटिंग व ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की बात कही है। प्रदेश सरकार ने हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड के तहत तिमूर इत्र की मार्केटिंग शुरू कर दी है। शुरुआत में गिफ्ट पैक में तिमूर इत्र को शामिल किया गया।
पिथौरागढ़ में विकसित की जा रही है तिमूर घाटी..
उत्तराखंड में अभी तक तिमूर का पौधा प्राकृतिक रूप से उगता है। जबकि नेपाल में इसकी व्यावसायिक खेती होती है। औषधीय गुणों से भरपूर तिमूर के बीज का इस्तेमाल स्थानीय लोग मसाले के रूप में करते हैं। अब प्रदेश सरकार तिमूर की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए पिथौरागढ़ जिले में तिमूर घाटी विकसित की जा रही है। सगंध पौध केंद्र सेलाकुई की ओर से 1.50 लाख तिमूर पौधों की नर्सरी तैयार की जा रही है। जिसे अगले साल किसानों को वितरित किया जाएगा। उत्तराखंड में पहली बार तिमूर के बीज से इत्र बनाया गया है। इत्र के पेटेंट के लिए इंडियन पेटेंट कार्यालय दिल्ली को आवेदन किया गया है। पेटेंट मिलने के बाद इत्र पर किए गए शोध को सार्वजनिक करने से अधिकार सुरक्षित रहेंगे। साथ ही इत्र की मार्केटिंग को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रीन खेल थीम पर होगा 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, पहली बार मिलेंगे ई-वेस्ट से बने पदक..
उत्तराखंड: प्रदेश पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। यह खेल इसलिए भी खास है क्योंकि उत्तराखंड सरकार और ओलंपिक संघ ने इसकी थीम ”ग्रीन खेल” रखी है। विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे जबकि उन्हें होटल से मैदान और वापस होटल ले जाने के लिए ई-बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। आगामी 28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा। इसमें देशभर से 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। खेल निदेशालय पूरे आयोजन में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेगा। खिलाड़ियाें के आने से लेकर जाने तक हर कदम पर प्लास्टिक फ्री रखा जाएगा। खेल परिसर में पानी के कंटेनर के पास प्लास्टिक के ग्लास नहीं रखे जाएंगे। खिलाड़ी, ऑफीशियल्स, टीम आदि अपनी बोतल का ही प्रयोग करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय खेलों में विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे। इसके लिए कंपनी चयनित कर ली गई है।
पहली बार राष्ट्रीय खेलों में मिलेंगे ऐसे पदक..
अभी तक राष्ट्रीय खेलों में मिलने वाले पदक धातुओं के बने होते हैं। उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में यह पहला मौका होगा कि भारत के राष्ट्रीय खेलों में पहली बार ई-वेस्ट के बने पदक दिए जाएंगे। इससे पहले इसका प्रयोग टोक्यो में हुए ओलपिंक खेलों में किया गया था। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों का एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तक से स्टेडियम तक आवागमन के लिए ई-बसों का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे में पहाड़ में वाहनों का दबाव बढ़ने के बावजूद भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
प्लास्टिक रि-यूज से बनेंगे कपड़े..
राष्ट्रीय खेलों में जो खिलाड़ियों, ऑफीशियल, मैनेजर आदि के लिए कपड़े तय होंगे। वे सभी प्लास्टिक रि-यूज से तैयार कपड़े होंगे। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है। खेलों में नाम कमाने के साथ ही उत्तराखंड को नए प्रयोगों के लिए याद किया जाएगा।
GST संग्रहण में 12.19 प्रतिशत की बढ़ोतरी, उत्तराखंड का देश में 13वां स्थान..
उत्तराखंड: जीएसटी संग्रहण में इस साल उत्तराखंड ने 12.19 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। नवंबर माह तक 6200 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। राज्य जीएसटी संग्रहण में उत्तराखंड का देश में 13वां स्थान है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की। जिसमें जीएसटी संग्रहण, व्यापारी सम्मान योजना, बिल लाओ-इनाम पाओ योजना के मेगा ड्रा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में राज्य कर आयुक्त अहमद इकबाल ने बताया कि इस वर्ष नवंबर माह तक जीएसटी संग्रहण से करीब 6200 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक 5437.85 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। गत वर्ष की तुलना में जीएसटी संग्रहण में 12.19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा पूरे देश में राज्य जीएसटी संग्रहण में उत्तराखंड ने 13वां स्थान हासिल किया।बैठक में वित्त मंत्री ने अधिकारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए जीएसटी संग्रहण को और बढ़ाने की दिशा में नवाचार करने के निर्देश दिए। कहा, बिल लाओ-इनाम पाओ योजना का मेगा ड्रॉ शीघ्र आयोजित किया जाए। जिससे विजेताओं को पुरस्कार दिए जा सके। प्रदेश की सीमा में बनी चौकियों पर सुरक्षा के लिए पीआरडी की भांति कंपनी तैनात की जाए। जिससे चौकियों में सुरक्षा कर्मियों के रहने से दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके। बैठक में विशेष आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह मौजूद थे।
होम स्टे, ईवेंट मैनेजमेंट, सैलून में भी लग सकता है SGST, दायरा बढ़ाने पर हो रहा है विचार..
उत्तराखंड: सरकार की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पिछले दो-तीन वर्षों में तेजी से बढ़ रहे होम स्टे और इवेंट मैनेजमेंट के कारोबार को भी सरकार एसजीएसटी के दायरा सकती है। इसके साथ ही सैलून और पार्लर से भी एसजीएसटी प्राप्त करने की रणनीति बनाई जा रही है।पिछले दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मितव्ययिता और राजस्व वृद्धि के लक्ष्यों की समीक्षा के संबंध में हुई बैठक में यह सुझाव रखे गए थे। वित्त विभाग को एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए गए। सूत्रों के अनुसार, वित्त विभाग ने इस संभावना को तलाशना शुरू कर दिया है। इसके अलावा वित्त विभाग केंद्र सरकार के तहत सीजीएसटी के संबंध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डायग्नोस्टिक सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर रहा है।
इस सिस्टम के लागू होने से कर चोरी पर नकेल कसने में आसानी होगी। यह सिस्टम बड़े कर चोरों पर अंकुश लगाने में प्रभावी माना जा रहा है। यह ऐसा सिस्टम है जो ऑटोमेशन सिस्टम के सेंसर डेटा में गड़बड़ी का स्वत: पता लगा लेता है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछली बैठक में मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों के साथ विधिवत किरायानामा न करने के मसले पर भी चर्चा हुई थी। इसके लिए स्टाम्प शुल्क की दर में कमी लाकर किरायानामा को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया था। माना जा रहा है कि सरकार इसके जरिये स्टांप आय में वृद्धि कर सकती है।
दिल्ली रूट पर दौड़ेंगी 221 रोडवेज बसें, संचालन पर लगाई गईं पाबंदियां हटाई..
उत्तराखंड: दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 की पॉलिसी लागू होने के बाद से बंद उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन शुक्रवार से फिर शुरू हो जाएगा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर दिल्ली सरकार ने बसों के संचालन पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी है।14 नवंबर को दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 पॉलिसी लागू की थी। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 सामान्य और 27 वॉल्वाे बसों का संचालन ठप हो गया था। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। 22 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने रोडवेज बसों पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी हैं। दिल्ली सरकार की ओर से गुरुवार को बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का पुन: संचालन शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे शुक्रवार से परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की करीब 221 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर शुरू कर दिया जाएगा।
22 दिनों तक झेलीं मुश्किलें
उत्तराखंड से दिल्ली के लिए परिवहन निगम की बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 22 दिनों में दिल्ली जाने वाले यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ा। कई बार यात्रियों को दिल्ली के लिए बसें ही नहीं मिल पाईं। अब पाबंदियां हटने से यात्रियों को राहत मिलेगी।
बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों के लिए दिल्ली का सफर काफी मुश्किल भरा रहा। इस दौरान दिल्ली के लिए देहरादून से बड़ी संख्या में निजी बसें और टैक्सी संचालित हो रही थीं। इसमें यात्रा करने के लिए यात्रियों को दो से तीन गुना तक अधिक किराया देना पड़ रहा था।
चालकों-परिचालकों को नहीं मिल रहा था काम
कई संविदा और विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को काम नहीं मिल पा रहा था। ऐसी स्थिति में उन्हें घर बैठना पड़ा। इससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ। अधिकारियों के मुताबिक संविदा और विशेष श्रेणी चालकों-परिचालकों को किमी के हिसाब से वेतन दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 पॉलिसी के तहत बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों पर लगी पाबंदियां हटा दी हैं। शुक्रवार से परिवहन निगम की सभी बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है।
लीसा अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार, निजी क्षेत्र को काम देने की कवायद तेज..
उत्तराखंड: नीलामी के माध्यम से लीसा का काम निजी क्षेत्र को देने की कवायद तेज हुई है। इस काम के लिए लीसा तथा अन्य वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम-1976 और नियमावली में बदलाव करना होगा। इसको लेकर वन मुख्यालय से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। शासन भी सभी संभव विकल्पों को देखने की बात कह रहा है। अभी वन विभाग राज्य में लीसा विदोहन, भंडारण और बिक्री का काम करता है। राज्य में हर साल एक लाख कुंतल से अधिक लीसा एकत्र होता है। इस काम में वन विभाग केवल लीसा टीपान (जंगल से लीसा एकत्र करना) का ठेका निजी क्षेत्र को देता है। बाकी सारा कार्य जंगलात का होता है।
इसी वर्ष अक्टूबर में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, इसमें वन मंत्री, प्रमुख सचिव वन आदि शामिल हुए थे। इस बैठक में लीसा का काम पायलेट प्रोजेक्ट के तहत निजी क्षेत्र को देने की योजना पर मंथन हुआ था। अब इसको लेकर कवायद आगे बढ़ी है। क्योंकि यह काम काम निजी क्षेत्र को देना है, ऐसे में लीसा अधिनियम और नियमावली में बदलाव करना होगा। सूत्रों के अनुसार वन मुख्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। ज्वलनशील माने जाने वाले लीसा के भंडारण के लिए हल्द्वानी, टनकपुर, नैनीताल, अल्मोड़ा, ऋषिकेश समेत अन्य जगहों पर लीसा डिपो हैं, जहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते है। प्राइवेट लोग नीलामी के माध्यम से लीसा खरीदते हैं। औसतन वन विभाग को हर साल करीब 80 करोड़ तक राजस्व प्राप्त होता है। ज्ञात हो कि लीसा का इस्तेमाल पेंट समेत अन्य कार्य में होता है। संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल हो सके और समय के हिसाब से बदलाव हो इसको लेकर सभी विकल्पाें पर विचार किया जा रहा है। इससे राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकेगी।