चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर आज यमुनोत्री कूच करेंगे कई संगठन..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग के समर्थन में घाटी के विभिन्न संगठन बुधवार को यमुनोत्री कूच करेंगे। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन राणा का कहना हैं कि प्रदेश भर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटक बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। लेकिन चारधाम यात्रा को बंद किया गया है। इससे क्षेत्र के कारोबारियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। राणा ने कहा कि बुधवार को होटल एसोसिएशन, टैक्सी-मैक्सी महासंघ सहित यात्रा से जुड़े अन्य लोगों का जत्था यमनोत्री कूच करेगा। यमुनोत्री कूच बुधवार सुबह जानकी चट्टी से शुरू होगा।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वनाधिकार आंदोलन के संयोजक किशोर उपाध्याय ने चारधाम यात्रा अविलंब शुरू कराने की मांग की है। किशोर उपाध्याय ने सभी राजनीतिक दलों से चारधाम यात्रा शुरू कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने और ‘बद्रीनाथ कूच’ को समर्थन देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू नहीं की तो एकादशी को वह बद्रीनाथ धाम कूच कर सरकार की सद्बुद्धि के लिए भगवान बद्री विशाल से विनती करेंगे।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का कहना हैं कि नोटबंदी और कोविड-19 ने राज्य की आर्थिक रीढ़ को तोड़ दिया है। केंद्र और राज्य सरकार घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन धरातल पर कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। चारधाम यात्रा लाखों लोगों के रोजगार से जुड़ी है। गरीब से लेकर अमीर वर्ग इससे जुड़ा है। चारधाम यात्रा के तीन महीनों में लोग मेहनत से कमाकर बाकी नौ महीनों में परिवार का पोषण करते हैं।
कोविड एसओपी के चलते यात्रा बंद है। चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायी यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। लोग भुखमरी और आत्महत्या के कगार पर हैं। किशोर उपाध्याय ने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि जब सब कुछ सामान्य हो गया तो चारधाम यात्रा शुरू क्यों नहीं की जा रही है।
चारधाम यात्रा शुरू कराने की मांग को लेकर हरिद्वार में पर्यटन व्यवसायियों ने संयुक्त मोर्चा पर्यटन उद्योग के बैनर तले पर्यटन विभाग के कार्यालय पर धरना दिया। व्यवसायियों ने एक सप्ताह में यात्रा शुरू नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी।
अभिषेक अहलूवालिया का कहना हैं कि उत्तराखंड पूरी तरह धार्मिक पर्यटन पर आश्रित है, लेकिन लगातार दो साल से चारधाम यात्रा पर रोक लगने से पर्यटन व्यवसायी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। हजारों वाहन स्वामी, चालक, होटल मालिक यात्रा पर रोक के चलते खाली बैठे हैं। सरकार चारधाम यात्रा संचालित नहीं कर रही है। अगले वर्ष होने वाले चुनाव को देखते हुए प्रदेश में चुनावी सभाएं हो रही हैं और चारधाम यात्रा पर रोक लगा लगी है। उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह में सरकार चारधाम यात्रा शुरू नहीं करती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा
उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट रविवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु व तीर्थ-पुरोहित मौजूद रहे।
अन्नकूट– गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा-अर्चना के बाद 12:15 बजे कपाट बंद होने की रस्म पूरी हुई। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई। इसके बाद श्रद्धालु अब आगामी छह माह तक मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष मात्र साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने ही मां गंगा के दर्शन किए।
इधर, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 16 नवंबर को बंद होंगे।केदारनाथ धाम में आज कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस क्रम में आज विधि-विधान के साथ बाबा केदार की चल-विग्रह डोली का पूजन किया गया। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे।
16 नवम्बर को ही श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होंगे। जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर बंद होंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट भी 19 नवंबर को बंद हो रहे हैं। तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर और चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं।