यूसीसी- अभ्यास में पास, हुए 3500 डमी आवेदन,अब अधिसूचना का इंतजार..
उत्तराखंड: मंगलवार को पूरे प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के वेब पोर्टल का अभ्यास किया गया। इस दौरान पोर्टल पर 3500 डमी आवेदन पंजीकृत किए गए। जिसमें रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार द्वारा 200 डमी आवेदनों का निष्पादन किया गया। इस दौरान यूसीसी पोर्टल पर 7728 अधिकारियों की आईडी बनाई गई। अभ्यास के दौरान आधार से जुड़ी कुछ तकनीकी समस्या आई, जिसका समय रहते समाधान कर दिया गया। अब 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में एक और अभ्यास किया जाएगा, जो सीएससी स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार अभ्यास कार्यक्रम को इसलिए आगे बढ़ाना चाहती है ताकि यूसीसी की अधिसूचना जारी होने से पहले पोर्टल की तकनीकी पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसी मंशा से एक बार फिर पूरे प्रदेश में अभ्यास की तिथि तय की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) और प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारियों का कहना हैं कि पोर्टल पर पूरे दिन का अभ्यास संतोषजनक रहा। डमी आवेदन जल्दी जमा किए गए।
उन पर सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्रवाई का अभ्यास भी किया गया। यूसीसी लागू होने से पहले पोर्टल के संचालन और काम करने की गति को परखने के लिए यह अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण था। इस दौरान जो भी छोटी-मोटी तकनीकी समस्याएँ आईं, उनका समाधान किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि समस्या फिर न आए। आईटीडीए ने कहा कि अभ्यास के दौरान आधार आधारित पंजीकरण प्रक्रिया में एक छोटी सी खामी पाई गई थी, जिसमें ओटीपी जनरेट करने में कुछ समस्या आ रही थी, उस प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है। भविष्य में इसमें देरी न हो, इसके लिए काम किया जा रहा है। यूसीसी पोर्टल का मॉक ड्रिल पूरे राज्य में पहली बार किया गया, जो संतुलित बताया गया है। कुछ तकनीकी समस्याएं देखी गईं, जिन्हें समय रहते सुलझा लिया गया।
त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर शासन ने जिलाधिकारियों जारी किया ये आदेश..
उत्तराखंड: त्रिस्तरीय पंचायतों में हरिद्वार जिले को छोड़कर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रधान और क्षेत्र प्रमुख सरकारी और विभागीय बैठकें नहीं कर सकते। प्रशासक नियुक्त होने के बाद वह बिना सरकार की अनुमति के कोई नया निर्माण कार्य नहीं करा सकते। शासन ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। शासन ने प्रदेश की जिला पंचायतों, क्षेत्र और ग्राम पंचायतों में निवर्तमान प्रधान और अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। प्रशासक बनाए जाने के बाद से ही उनके वित्तीय अधिकारों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे।
जिस पर शासन ने आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। निदेशक पंचायती राज व सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासक नियुक्ति की अधिसूचना से पूर्व स्वीकृत, अनुमोदित व चालू कार्यों का भौतिक व तकनीकी मूल्यांकन किया जा सकता है तथा पूर्व की भांति भुगतान किया जा सकता है, लेकिन प्रशासक नियुक्ति की अधिसूचना के बाद शासन की अनुमति के बिना कोई भी नया निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकेगा। प्रशासक कोई भी सरकारी व विभागीय बैठक भी नहीं कर सकेंगे। उन्हें बैठक आयोजित करने का अधिकार नहीं है।
त्रिस्तरीय पंचायतों में निवर्तमान प्रधान, जिला पंचायत और क्षेत्र प्रमुखों को प्रशासक बनाए जाने से सवाल उठ रहा है कि अगर उन्हें नए निर्माण कार्य करने की अनुमति दी गई तो त्रिस्तरीय पंचायत से पहले वे किसी खास क्षेत्र पर ज्यादा फोकस करके निर्माण कार्य करवा सकते हैं। वहीं उनके वित्तीय अधिकारों को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि वे न तो निर्वाचित हैं और न ही चयनित। वे मनोनीत हैं, उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए जा सकते।
उत्तराखंड के डायलिसिस सेंटर में बीपीएल एवं गोल्डन कार्ड धारकों को मुफ्त दी जा रही है डायलिसिस की सुविधा..
उत्तराखंड: बीपीएल परिवार के मरीजों और आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रदेश के 13 जिलों में संचालित 19 डायलिसिस सेंटरों में निशुल्क सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही एपीएल परिवारों को न्यूनतम शुल्क पर हेमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी तय करते हुए राज्य के सभी जिलों में सौ फीसदी कवरेज को समयबद्धता से पूरा करने की सख्त हिदायत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत पीपीपी मोड के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे आने वाले मरीजों व आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए निशुल्क डायलिसिस सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवंटित सरकारी संसाधनों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। कहा, राज्य के 13 जिलों में स्थापित 19 सेंटरों में 153 डायलिसिस मशीनों की सहायता निशुल्क डायलिसिस सेवाएं दी जा रही हैं।
पीपीपी में सीएसआर के तहत 82 डायलिसिस मशीनें व हंस फाउंडेशन की ओर से 49 मशीनें संचालित हैं। वर्ष 2024 में दिसंबर तक 117490 डायलिसिस किए गए। मुख्य सचिव ने विभाग को डायलिसिस कराने वाले मरीजों का रिकॉर्ड रखने के लिए पीएमएनडीपी पोर्टल का उपयोग करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव का कहना हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेवाओं को उनके प्रदाताओं के बीच बेहतर कार्य प्रणाली के साथ स्थापित करना व किडनी से संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को उच्च गुणवत्ता और कम लागत में डायलिसिस सेवाएं प्रदान करना है। हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया एक बार संपन्न होने में अत्यधिक लागत आती है। इस प्रकार किडनी के रोगियों का वार्षिक खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की हेमोडायलिसिस केंद्रों से दूरी भी इस समस्या का प्रमुख कारण है।
चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर इन विभागों को नोटिस भेजा..
उत्तराखंड: निकाय चुनाव के मद्देनजर सात विभागों, संस्थाओं को आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया है। वहीं सभी जिलाधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण, सरकारी संपत्ति विरूपण रोकने को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार का कहना हैं कि प्रदेशभर से तमाम मामलों में विभागों ने आचार संहिता के मद्देनजर अनुमतियां मांगी थीं। इनमें से जो जरूरी थीं, वे अनुमतियां दे दी गईं। तमाम प्रस्तावों को रद्द भी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सात विभागों, संस्थाओं को आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी किया गया है। इनमें से तीन से अपना जवाब भी भेज दिया है, जिसका परीक्षण कराया जा रहा है। सभी जवाब आने के बाद नियमानुसार आयोग अपना निर्णय लेगा। आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि कई निकायों में ध्वनि प्रदूषण जैसी शिकायतें भी आ रही थीं। इसके मद्देनजर जिलाधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण रोकने, सरकारी संपत्तियों पर प्रचार सामग्री लगाने वालों पर संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी जरूरी होगा, वहां आयोग संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा।
1771 ने डाक मतपत्रों से किया मतदान..
प्रदेश में डाक मतपत्रों से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मेयर, नगर पालिका, पंचायत अध्यक्ष के लिए 4196, पार्षद व वार्ड सदस्यों के लिए 4142 डाक मतपत्र जारी किए गए थे। यह मतपत्र चुनाव में लगे कर्मचारियों, सुरक्षा बलों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए हैं। निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सोमवार तक प्रदेशभर में 1771 डाक मतपत्र लौटकर आ चुके हैं। अभी प्रक्रिया जारी है।
पीएम मोदी का उत्तराखंड दौर, मुख्य सचिव ने अफसरों को सौंपी तैयारी की जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में 28 जनवरी से शुरू होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम के कार्यक्रम संबंधी समस्त तैयारियों एवं खेलों के सफल आयोजन को लेकर मुख्य सचिव एवं हाई पावर कमेटी की अध्यक्ष राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को खेल स्थलों का नोडल अधिकारी नामित किया है।मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा कि क्लस्टर एक, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज का नोडल अधिकारी सचिव पंकज पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार व कमांडेंट आईआरबी श्वेता चौबे को बनाया गया है। जो पीएम के कार्यक्रम संबंधी सभी कार्यों के साथ ही आयोजन स्थल से जुड़े मार्गों के सुदृढी़करण, विद्युत आपूर्ति, सुरक्षा व्यवस्था एवं राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर चयनित विभिन्न एजेंसियों से समन्वय करेंगे। जबकि क्लस्टर दो, गोलापार खेल परिसर एवं स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स हल्द्वानी में आयुक्त दीपक रावत, श्रम आयुक्त दीप्ति सिंह कमाण्डेंट 31 वी वाहिनी पीएसी प्रीति राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम संबंधी सभी काम, आयोजन स्थल से जुड़े मार्ग, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था आदि का काम देखेंगे।
रोशनाबाद खेल परिसर में सचिव रंजीत सिन्हा व उपाध्यक्ष एचडीए अंशुल सिंह को, रुद्रपुर खेल परिसर एवं वन चेतना केंद्र खटीमा में सचिव नीरज खैरवाल व निदेशक डेरी संजय कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। परेड ग्राउंड खेल परिसर में सचिव धीराज, अपर सचिव अनुराधा पाल, तपोवन ऋषिकेश में अपर सचिव हिमांशु खुराना, पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स कालेज में अपर सचिव आनंद स्वरूप, चंद्रनगरी चंपावत में एपीसीसीएफ एसपी सुबुद्धि, खेल स्टेडियम अल्मोड़ा में अपर सचिव रीना जोशी व कोटी कालोनी टिहरी में जिला विकास प्राधिकरण के पीसी दुम्का को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
उत्तराखंड में जल्द किया जाएगा लागू होगा यूसीसी, 21 जनवरी से उपयोग में लाया जायेगा वेबपोर्टल..
उत्तराखंड: कैबिनेट ने आज समान नागरिक संहिता( यूसीसी) की नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब इसे जल्द ही प्रदेश में लागू किया जा सकेगा। सीएम धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें यूसीसी का प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान कैबिनेट ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा। फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी। इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है। मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी। मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव- बीजेपी ने जारी किया घोषणापत्र, गर्भवती महिलाओं को 21 हजार देने का वादा..
देश-विदेश: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र का पहला हिस्सा जारी कर दिया है। बीजेपी ने वादा किया है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वो महिलाओं को 2,500 रुपए का मासिक भत्ता देगी। जेपी नड्डा ने बताया कि पार्टी गरीबों के लिए LPG सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी और होली और दिवाली के दौरान एक-एक मुफ्त सिलेंडर देगी।
भाजपा के संकल्प पत्र में प्रेग्नेंट महिलाओं को 21,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता के साथ-साथ छह पोषण किट देने का वादा किया गया है। इसके साथ हीपहले बच्चे के लिए 5,000 रुपए और दूसरे बच्चे के लिए 6,000 रुपए की सहायता देने का वादा किया गया है। पार्टी ने महिला समृद्धि योजना की भी घोषणा की। जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की सहायता मिलेगी। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने AAP पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल ने 2021 में महिलाओं को 1,000 रुपये देने का वादा किया था लेकिन ये वादा पूरा नहीं किया गया, न तो पंजाब में और न ही दिल्ली में। इसके साथ ही नड्डा ने ये आश्वासन दिया कि अगर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है, तो वो अपनी पहली कैबिनेट बैठक में केंद्र की प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को लागू करेगी। बता दें कि AAP सरकार केंद्र की इस योजना का ये कहते हुए विरोध कर रही थी कि शहर में पहले से ही ‘बेहतरीन’ स्वास्थ्य योजनाएं हैं।
सीनियर सिटिजन्स के लिए ये खास प्लान
भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपए का अतिरिक्त स्वास्थ्य कवर भी दिया जाएगा। इससे बुजुर्गों को दिया जाने वाला कुल स्वास्थ्य कवर बढ़कर 10 लाख रुपए हो जाएगा। नड्डा ने आरोप लगाया कि AAP के मोहल्ला क्लीनिक ‘भ्रष्टाचार के अड्डे’ हैं, जहां ‘300 करोड़ रुपये का घोटाला’ हुआ है। उन्होंने वादा किया कि दिल्ली में भाजपा के सत्ता में आने पर सभी आरोपों की जांच की जाएगी और इसमें शामिल लोगों को जेल भेजा जाएगा।
पेंशन और अटल कैंटीन भी
पार्टी ने एक पेंशन योजना की भी घोषणा की जिसके तहत 60-70 आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को 2,000-2,500 रुपये दिए जाएंगे। वहीं 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को 3,000 रुपये मिलेंगे। विकलांगों और विधवाओं के लिए सहायता राशि बढ़ाकर 3,000 रुपए की जाएगी। बीजेपी अध्यक्ष ने वादा किया कि हर एक झुग्गी-झोपड़ी में अटल कैंटीन स्थापित की जाएंगी, जहां मात्र 5 रुपये में पूरा भोजन उपलब्ध होगा।
यूजर ट्रायल सफल, 30 हजार प्रति सेकेंड से ऊपर का लोड,30 हजार एंट्री में भी नहीं अटकेगी वेबसाइट..
उत्तराखंड: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जो पोर्टल सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने तैयार किया है। उस पर एक साथ 30 हजार से ज्यादा यूजर भी अपनी एंट्री कर सकते हैं। अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों से लैस इस वेबसाइट को साइबर हमलों से अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नेशनल डाटा सेंटर से लिंक किया गया है। आईटीडीए ने यूसीसी वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in/की लांचिंग से पूर्व पुख्ता तैयारियां की हैं। किसी भी तरह की तकनीकी खामी को तत्काल दूर करने के लिए टेक्निकल हेल्प डेस्क बनाई गई है।
इस वेबसाइट को दो बार सिक्योरिटी ऑडिट किया जा चुका है। सोर्स कोड रिव्यू में सभी वर्तमान पैमानों पर वेबसाइट खरी उतरी है। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना हैं कि वेबसाइट को सुरक्षा की दृष्टि से नेशनल डाटा सेंटर पर होस्ट किया गया है। इससे वेबसाइट पर साइबर हमला होने की दशा में भी कोई नुकसान नहीं होगा। वेबसाइट की प्रोसेसिंग स्पीड काफी उच्च है। यानी एक बार प्रॉसेस करने के बाद बेहद कम समय के भीतर वह पूरा हो जाएगा।
यूजर ट्रायल सफल, 30 हजार प्रति सेकेंड से ऊपर का लोड
यूसीसी पोर्टल पर भविष्य में यूजर की संख्या बढ़ने के मद्देनजर आईटीडीए ने लोड टेस्टिंग की है। प्रति सेकेंड 30 हजार से ज्यादा यूजर भी रहेंगे तो वेबसाइट हैंग नहीं होगी। वहीं, डेमो यूजर आईडी बनाकर वेबसाइट को रन किया गया, जिसका ट्रायल सफल रहा है।
पर्वतीय राज्यों में रोपवे निर्माण की राह होगी आसान..
वन भूमि के हस्तांतरण को लेकर हुआ बड़ा फैसला..
उत्तराखंड: प्रदेश के सभी पर्वतीय राज्यों में रोपवे परियोजनाओं के निर्माण की राह आसान हो गई है। अब रोपवे बनाने के लिए परियोजना के दायरे की पूरी वन भूमि के हस्तांतरण की आवश्यकता नहीं होगी। केवल पिलर वाली वन भूमि का ही हस्तांतरण कराना होगा। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सलाहकार समिति की वन संरक्षण अधिनियम में छूट की इस सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इससे खासतौर पर उत्तराखंड राज्य के केदारनाथ, मसूरी, नीलकंठ और यमुनोत्री रोप वे परियोजनाओं के निर्माण में तेजी आ सकेगी।
वन भूमि हस्तांतरण के नोडल मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) आरके मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है। मिश्रा का कहना हैं कि रोपवे परियोजना के दृष्टिगत मंत्रालय की यह छूट बहुत बड़ी राहत है। वन भूमि हस्तांतरण के लिए दोगुनी भूमि का इंतजाम करना होता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। मंत्रालय की छूट से एक हेक्टेयर कम की वन भूमि के लिए इस प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी। पेड़ों का कटान भी रुकेगा। मंत्रालय ने पर्वतीय राज्यों में रोपवे निर्माण के लिए अगस्त 2019 में जो गाइडलाइन जारी की थी, उसे पूरी तरह से बहाल कर दिया है। सलाहकार समिति ने हिमाचल सरकार के गाइडलाइन में राहत देने की मांग पर ये राहत दी है। मंत्रालय के वन संरक्षण प्रभाग विज्ञानी चरन जीत सिंह ने सभी राज्यों के अपर मुख्य सचिवों व प्रमुख सचिवों (वन) को इस संबंध में पत्र भेजे हैं।
पहाड़ी क्षेत्र में रोपवे सुरक्षित और किफायती साधन..
मंत्रालय की सलाहकार समिति ने पहाड़ी क्षेत्र में रोपवे परियोजना को पर्यावरण अनुकूल गतिविधि माना है। समिति का माना कि रोपवे के निर्माण से वन क्षेत्र में न्यूनतम अतिक्रमण और न के बराबर पेड़ों का कटान होता है। दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परिवहन के सुरक्षित और किफायती साधन उपलब्ध होता है।
प्रदेश में तीन दर्जन रोपवे निर्माण के लिए प्रस्तावित..
उत्तराखंड सरकार ने रोपवे विकास कार्यक्रम पर्वतमाला के तहत केंद्र सरकार को रोपवे निर्माण के लिए तीन दर्जन से अधिक प्रस्ताव भेजे हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ और जोशीमठ-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना का तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास तक कर चुके हैं। राज्य सरकार वर्तमान में केदारनाथ, नीलकंठ, यमुनोत्री, मसूरी रोपवे परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। मंत्रालय के फैसले के बाद अब इन प्रस्तावों तेजी आ सकेगी। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत रोपवे निर्माण के लिए जो राहत दी है, उससे राज्य के प्रस्तावित रोपवे प्रस्तावों पर तेजी से काम करने में मदद मिलेगी। केंद्र के फैसले के आलोक में जल्द ही सभी प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं में तेजी से काम करने के संबंध समीक्षा की जाएगी।
प्राइवेट बसों की सवारियों को भी मिलेगा एक्सीडेंटल इंश्योरेंस! सीएम ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: प्रदेश में बस हादसे में हताहत होने वालों के परिजनों को लेकर धामी सरकार जल्द बड़ा निर्णय लेने जा रही हैं। धामी सरकार सरकारी बसों में सवार यात्रियों को दुर्घटना बीमा या आर्थिक सुरक्षा का लाभ देने के साथ ही निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भी दुर्घटना बीमा और आर्थिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने जा रही है। इसके लिए सीएम धामी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बुधवार को सीएम धामी ने सचिव परिवहन को आदेश दिए कि सरकारी और निजी बसों के मुआवजे में एकरूपता लाने के लिए 10 दिन के भीतर प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए। वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सफर के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और सड़क सुरक्षा कोष से कुल पांच लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त निगम की ओर से भी पांच लाख रुपए की दुर्घटना प्रतिकर राशि दी जाती है।
ऐसे में अब निजी बस ऑपरेटर की सवारियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. जिसके तहत दुर्घटनाओं के दौरान निजी बसों के यात्रियों के परिजनों को कुल दस लाख रुपए की राहत राशि मिल सकेगी। सीएम धामी का कहना हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि का कष्ट सभी परिवारों के लिए असहनीय होता है। ऐसे में राहत राशि में किसी प्रकार की असमानता नहीं होनी चाहिए। सीएम ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा नियमावली को शीघ्र अगली कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। इसके साथ ही सड़कों पर इन्फोर्समेंट बढ़ाने, बसों की फिटनेस सुनिश्चित करने, ड्राइवरों का ड्राइविंग टेस्ट, स्वास्थ्य परीक्षण करने और शेष क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया तेज की जाए।