ग्रामीण सीएचसी में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा..
उत्तराखंड: पर्वतीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। पहाड़ों में 80 हजार की आबादी पर एक सीएचसी होना चाहिए। इसके अनुसार पहाड़ में 44 सीएचसी की कमी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी हेल्थ डायनमिक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यमून रिसोर्स) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है।
आपको बता दे कि पर्वतीय क्षेत्रों के सीएचसी में सर्जन, बाल रोग, ग्यानाक्लोजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट के 245 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। इनमें 48 ही कार्यरत हैं जबकि 197 पद खाली चल रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर सीएचसी में ग्यानाक्लोजिस्ट डॉक्टर कार्यरत नहीं है। 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 44 सीएचसी थे, जो बढ़कर 49 हो गए हैं। वही प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कराने की सुविधा है, लेकिन पीजी करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का लाभ ग्रामीण उत्तराखंड को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1,240 पद सृजित हैं। इसमें लगभग पांच सौ ही विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं। उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कमी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2027 तक प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी।
उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में पंचकेदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित किया जाएगा। इसके साथ केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
शासन के धर्मस्व व संस्कृति विभाग के अनु सचिव रमेश सिंह रावत द्वारा इस संबंध में संस्कृति विभाग के निदेशक को अलग-अलग आदेश जारी किये गए हैं। आदेशों में मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मद्महेश्वर धाम के विकास और गौरीकुंड स्थित मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था से विस्तृत परियोजना आख्या (डीपीआर) तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) से समन्वय स्थापित करते हुए डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।
उधर, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मद्महेश्वर धाम के विकास और मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण की योजना को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा की मद्महेश्वर धाम के विकास की योजना से वहां श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
उल्लेखनीय है कि 3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मद्महेश्वर धाम रुद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ विकास खंड में स्थित है। मद्महेश्वर पहुंचने के लिए श्रद्वालुओं को करीब 14 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। पंच केदारों में से द्वितीय केदार के रूप में मद्महेश्वर धाम की मान्यता है। यहां भगवन शिव के नाभि रूप की पूजा होती है। मंदिर का प्रबंधन बीकेटीसी देखती है। इसी प्रकार मां गौरी का मंदिर केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर स्टेशन गौरीकुंड में स्थित है। केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालु मां गौरी के दर्शनों के बाद अपनी यात्रा पर निकलते हैं। इसका प्रबंधन भी बीकेटीसी के पास है।
अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की पहली बार मेजबानी करेगा उत्तराखंड..
उत्तराखंड: प्रदेश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। आयुष मंत्रालय ने इस बार आयोजन की मेजबानी उत्तराखंड को सौंपी है। 12 से 15 दिसंबर तक एफआरआई देहरादून में सम्मेलन प्रस्तावित है। इसके लिए आयुर्वेद विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सम्मेलन में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयुर्वेद संस्थानों के विशेषज्ञ, आयुष फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधि आयुष चिकित्सा व संभावनाओं पर मंथन करेंगे।
बीते वर्ष दिसंबर माह में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद प्रदेश सरकार अब अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन कराने की तैयारियों में है। आयुष मंत्रालय के सहयोग से प्रदेश में यह पहला आयोजन होगा। सम्मेलन में 8 से 10 देशों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। इसके साथ ही देश में प्रसिद्ध आयुष चिकित्सा एवं शोध संस्थानों के विशेषज्ञ, आयुष फार्मा कंपनियां अलग-अलग सत्रों में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने पर मंथन करेंगे।
इस सम्मेलन से उत्तराखंड को आयुष हब के रूप में विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी विशेषज्ञों से मिलेंगे। सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड में आयुष एवं वेलनेस क्षेत्र में निवेश के लिए कंपनियों के साथ एमओयू कराने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन के लिए तैयारियां चली है। सम्मेलन के लिए एफआरआई में स्थान चयनित किया गया। इसके लिए देश दुनिया से आने वाले प्रतिनिधियों की सूची तैयार की जा रही है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मिले अनिल बलूनी, एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का किया अनुरोध..
उत्तराखंड: गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों को हवाई सेवाओं का विस्तार देने की मांग को लेकर भाजपा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से गढ़वाल की एयर कनेक्टिविटी में विस्तार के लिए अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस दिशा में जानकारी जुटा कर जल्द कार्रवाई करेंगे।
मुलाकात के दौरान बलूनी ने केंद्रीय मंत्री को एक पत्र भी सौंपा। उन्होंने आग्रह किया कि उड़ान योजना के तहत गढ़वाल लोक सभा क्षेत्र के रामनगर, लैंसडौन, पौड़ी, गोपेश्वर और जोशीमठ को देहरादून से हेली सेवा से जोड़ने पर विचार किया जाए। उन्होंने गौचर (चमोली) हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण में आ रही अड़चनों को भी दूर करने की मांग की। उनका कहना हैं कि हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण होने से इस क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी में सुधार होगा। गढ़वाल सांसद ने मंत्री को कहा कि भौगौलिक दृष्टि से गढ़वाल एक ऐसी लोकसभा है जिसमें 14 विधानसभाएं आती हैं। इसके कई क्षेत्र देश के दुर्गम इलाकों में शुमार होते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस लोकसभा क्षेत्र के कई इलाकों से संपर्क टूट जाता है। सड़क मार्ग अकसर प्रभावित होता रहता है। इस कारण यहां से पलायन की समस्या भी काफी गंभीर होती जा रही है। इसलिए ऐसे इलाकों में एयर कनेक्टिविटी की काफी जरूरत है। गढ़वाल सांसद की मांग पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए सभी मांगों पर जल्दी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड परिवहन निगम दिल्ली मार्ग पर चलाएगा 70 सीएनजी बसें..
उत्तराखंड: परिवहन निगम राज्य के विभिन्न शहरों से दिल्ली के लिए 70 सीएनजी बसें अनुबंध पर संचालित करेगा। इसके लिए निगम ने निविदा जारी कर दी है। दिल्ली में बीएस-4 वाहनों का प्रवेश अक्तूबर से बंद होने जा रहा है, जिसके उपाय के तौर पर ये निर्णय लिया गया है। परिवहन निगम के पास बड़ी संख्या में बीएस-4 बसें हैं। चूंकि दिल्ली में इनका प्रवेश बंद हो जाएगा, इसलिए दिल्ली की सेवा प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए ही निगम ने 150 बसें खरीदी थीं, जो कि अगले महीने से मिलनी शुरू हो जाएंगी। अब 70 सीएनजी बसें भी चलाने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। 18 सितंबर तक टेंडर डाला जा सकता है।
आपको बता दे कि अनुबंध की अवधि छह वर्ष होगी, जिसे बाद में एक वर्ष बढ़ाया जा सकेगा। निगम 5.20 किलोमीटर प्रति किलोग्राम की दर से सीएनजी उपलब्ध कराएगा। निगम के सभी खर्च निकालने के बाद बस संचालन से हुए लाभ में से बस मालिक को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अगर सभी खर्च निकालने के बाद हानि होती है तो उसे भी बस मालिक से साझा किया जाएगा।
जानिए किस मार्ग पर चलेंगी कितनी सीएनजी बसें..
देहरादून-दिल्ली 13, हरिद्वार-दिल्ली 07, ऋषिकेश-दिल्ली 06, कोटद्वार-दिल्ली 01, रुड़की-दिल्ली 10, हल्द्वानी-दिल्ली 12, रामनगर-दिल्ली 05, रुद्रपुर-दिल्ली 07, काशीपुर-दिल्ली 05, टनकपुर-दिल्ली 04
यूजेवीएनएल की तीन विद्युत परियोजनाओं में एक माह में बनाया बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड..
उत्तराखंड: जल विद्युत निगम लिमिटेड की यमुना घाटी की तीन जल विद्युत परियोजनाओं में एक माह में पहली बार रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। छिबरो, खाेदरी और व्यासी जल विद्युत परियोजना में अगस्त में 724.467 का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया है। अब तक का एक माह का सर्वाधिक उत्पादन 721.990 मिलियन यूनिट बीते साल अगस्त का दर्ज था। यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल का कहना हैं कि उत्पादन की दृष्टि से अगस्त निगम के लिए बेहतरीन साबित हुआ। देहरादून जिले की हिमाचल प्रदेश की सीमा पर यमुना की प्रमुख सहयोगी नदी टोंस पर वर्ष 1975 में छिबरो जल विद्युत परियोजना (240 मेगावाट) की स्थापना की गई थी। इसमें अगस्त में 146.768 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ। यह उत्तर भारत का पहला भूमिगत जल विद्युत गृह है। इसमें 60-60 मेगावाट की चार मशीनों से उत्पादन किया जा रहा है।
30-30 मेगावाट की चार मशीनों से होता है विद्युत उत्पादन..
प्रबंध निदेशक का कहना हैं कि छिबरो की डाउन-स्ट्रीम में वर्ष 1984 में खोदरी जल विद्युत परियोजना (120 मेगावाट) की स्थापना की गई थी। इस परियोजना से अगस्त में 65.589 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन हुआ। निगम की स्थापना के बाद से अब तक का अगस्त माह का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन है। इससे पूर्व अगस्त 2021 में 63.814 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया था। इस परियोजना में 30-30 मेगावाट की चार मशीनों से विद्युत उत्पादन होता है। छिबरो और खोदरी परियोजनाओं का परिचालन टेंडम कंट्रोल तकनीक से किया जाता है।
यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। उन्होंने बताया कि यमुना पर वर्ष 2022 मेंं व्यासी जल विद्युत परियोजना से उत्पादन शुरू हुआ था। इस बार अगस्त में परियोजना में 86.787 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। यह एक माह का सर्वाधिक उत्पादन है। परियोजना में 60-60 मेगावाट क्षमता की दो मशीनों से उत्पादन होता है। वर्ष 1975 में यमुना, टोंस और आसन नदियों के जल से पोषित कुल्हाल जल विद्युत परियोजना (30 मेगावाट) की स्थापना हुई है। परियोजना से अगस्त में 18.795 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ। यह मासिक लक्ष्य से अधिक था। परियोजना में 10-10 मेगावाट की दो मशीनों से उत्पादन किया जाता है।
यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनी बबिता चौहान..
देश-विदेश: उत्तर प्रदेश में राज्य महिला आयोग का गठन किया गया है। राज्य महिला आयोग का गठन करते हुए एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और 25 सदस्यों के नामों की घोषणा की है। बबिता चौहान को आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही चारू चौधरी को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। वह एक साल तक इस पद पर बनी रहेंगी। बता दें कि बबिता चौहान मूल रुप से आगरा की रहने वाली हैं। वह पहले भी बीजेपी में कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। बबिता चौहान भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की यूपी इकाई की उपाध्यक्ष हैं। वह यूपी बीजेपी कार्यकारिणी में सदस्य की भूमिका में भी जिम्मेदारी निभा रही हैं। वह खेरागढञ से जिला पंचायत सदस्य भी हैं। वहीं यूपी महिला आयोग में बीजेपी नेता चारू चौधरी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। वह मूल रुप से गोरखपुर की रहने वाली हैं। इसी के साथ सरकार की ओर से महिला आयोग के सदस्य के रुप में जिन 25 नामों की घोषणा की गई है उनमें प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं की पोस्टर गर्ल रही डॉ.प्रियंका मौर्य को भी शामिल किया गया है।
सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की सीएम धामी ने ली समीक्षा बैठक..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को और तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं। सीएम धामी का कहना हैं कि यह सुनिश्चित करें कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ एक पैकेज के रूप में मिले। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। सीएम ने अधिकारियों को पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिये। किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस योजना सहायक सिद्ध होगी, इनके निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। प्रत्येक साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से राज्य में पॉलीहाउस का निर्माण किया जाए।
ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक से जोड़ने के दिए निर्देश..
सीएम धामी ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना से किसानों को लाभान्वित किया जाए। इस योजना के तहत अनेक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। सीएम ने फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को तेजी से जोड़ने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। राज्य में मिलेट को बढ़ावा देने के लिये और कारगर प्रयासों की जरूरत है। मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि क्षेत्र बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक साल का एक्शन प्लान बनाया जाए। उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। सीएम ने राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निर्देश भी दिये।
एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से किया जाए कार्य..
सीएम धामी ने राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से कार्य करने के भी निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सेब के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाए। सेब और कीवी उत्पादन में वृद्धि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में गेम चेंजर साबित होंगे। राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। ऐरोमैटिक सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।
सीएम धामी ने की उत्तराखंड की कानून व्यवस्था की समीक्षा, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पुलिस अधिकारियों पर नाराजगी जताई। उनका कहना हैं कि कई बार देखने को मिलता है कि सरेआम किसी की पिटाई हो जाती है। लोग सड़कों पर हुडदंग करते हैं। इस तरह की घटनाएं अब दिखनी नहीं चाहिए। अपराधियों और गैर कानूनी काम करने वालों में पुलिस का डर और आमजन में भरोसा दिखना बेहद जरूरी है। उनका कहना हैं कि पहले शुक्रवार को पुलिस लाइन में परेड होती थी, आजकल नहीं हो रही है। फोर्स में अनुशासन होना चाहिए।
सीएम ने शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उप पुलिस महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने सभी अधिकारियों को रात्रि में रोस्टर बनाकर क्षेत्र में भ्रमण करने, वाहनों की चेकिंग करने, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिसिंग बढ़ाने, निजी संस्थान में काम करने वाली महिला कामगारों व सामान्य महिलाओं और बेटियों को गौरा शक्ति ऐप से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां लापरवाही हो रही है, वहा जिम्मेदारी तय की जाए।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर सघन चेकिंग अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। कहा कि उत्तराखंड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बने। उन्होंने किरायेदारों तथा बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। मदरसों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाए जा रहे हैं, इस पर भी ध्यान देने को कहा।
साथ ही प्रदेश में धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी घटनाओं पर रोक के लिए कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में ज्वैलरी की दुकान में डकैती पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने पुलिस अधीक्षक सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने को कहा। उन्होंने अधिकारियों का आपसी समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंस व्यवस्था को प्रभावी बनाने, रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान देने को कहा। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना को समय पर ब्रीफिंग करने और इसकी सूचना सूचना महानिदेशक को भी तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डेमोग्राफिक चेंज पर सभी एजेंसियां रखे नजर..
उन्होंने प्रदेश में अपराध कहां बढ रहे हैं और क्यों बढ रहे हैं इस पर भी चिंतन की जरूरत बताई। उन्होंने डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिए भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर नजर रखने के निर्देश दिए। सीएम ने शिकायतों के तेजी से निपटारे व अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी बल दिया। कहा कि साइबर क्राइम पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जाए।
आयोग ने जारी किया पीसीएस मुख्य परीक्षा नोटिफिकेशन, सात सितंबर से जमा कराएं शुल्क..
उत्तराखंड: पीसीएस-2024 मुख्य परीक्षा के लिए शुल्क जमा कराने की प्रक्रिया सात सितंबर से शुरू होगी। आयोग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आयोग सचिव गिरधारी सिंह रावत का कहना हैं कि 182 पदों के सापेक्षक 14 जुलाई को पीसीएस प्री परीक्षा हुई थी, जिसका परिणाम 28 अगस्त को जारी किया गया था। प्री परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिए अब सात सितंबर से 21 सितंबर तक शुल्क जमा करने का मौका है। मुख्य परीक्षा हरिद्वार और हल्द्वानी में कराई जाएगी। केंद्र का विकल्प ऑनलाइन भरना होगा।
एक बार केंद्र निर्धारण होने के बाद इसमें बदलाव नहीं हो सकेगा। मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित तिथि तक शुल्क जमा न कराने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। बताया कि मुख्य परीक्षा के लिए प्री के सफल अभ्यर्थियों को आवेदनपत्र की प्रिंटआउट के साथ अपने प्रमाणपत्र आयोग कार्यालय में जमा कराने की जरूरत नहीं है। मुख्य परीक्षा के बाद इंटरव्यू के लिए सफल अभ्यर्थियों की सूचना अलग से जारी की जाएगी। इसके बाद ही अभिलेख सत्यापन किया जाएगा।