खेल और खिलाड़ियों पर राष्ट्रीय खेलों से दोगुना खर्च, देवभूमि को खेलभूमि के रूप में भी जानेंगे..
उत्तराखंड: खेल विभाग को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए मिले भारी भरकम और ऐतिहासिक बजट से आगामी वित्तीय वर्ष में दोगुना खर्च खेल आधारभूत संरचनाओं को बनाए रखने, विभिन्न खेल अकादमियां खोलने और खिलाड़ियों को तैयार करने पर होगा। इसके लिए खेल विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 864 करोड़ का बजट मांगा है। इसमें खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का निर्माण कार्य भी शामिल है। उत्तराखंड के खेल विभाग को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट करीब 532 करोड़ रुपये मिला था, जिसे 11 खेल स्थलों पर आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, विदेशों से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण मंगवाने, विभिन्न निर्माण कार्यों आदि पर खर्च किया गया। 16 खेलों के उपकरण अमेरिका और यूरोपीय देशों से खरीदे गए।
खेल अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ऐतिहासिक था, लेकिन अब बड़ी चुनौती खेल ढांचे को बनाए रखना और देवभूमि को खेल भूमि के रूप में पहचान दिलाना है। जिसके लिए मुख्य कार्य 265 करोड़ के बजट से हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना करना है। आगामी वित्तीय वर्ष में खेल विभाग ने करीब दोगुने बजट की मांग की है। 864 करोड़ के बजट के साथ ही खेल विकास निधि, सेस और अन्य माध्यमों से भी धनराशि जुटाई जाएगी।
सरकार की योजनाओं का हो व्यापक प्रचार-प्रसार- तिवारी..
उत्तराखंड: देहरादून स्थित सूचना निदेशालय में रिंग रोड सूचना अधिकारी के पद पर चयनित 11 नए सूचना अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के अंत में सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने नए सूचना अधिकारियों को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना हैं कि सरकार और आम लोगों के बीच संवाद के माध्यम से समन्वय स्थापित करने में सूचना अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आम लोगों के लिए बनाई गई राज्य सरकार की महत्वपूर्ण और प्रभावी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और योजना को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में भी सूचना अधिकारी अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सूचना अधिकारियों को मीडिया से समन्वय स्थापित कर व्यापक प्रचार-प्रसार कर प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
मीडिया के प्रतिनिधियों से संवाद करने के दिए निर्देश..
सूचना महानिदेशक ने कहा कि सभी सूचना अधिकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और नए जमाने के डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधियों से संवाद करते रहें। सभी सूचना अधिकारी मीडिया और पत्रकारों से बेहतर संबंध बनाए रखें। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बेहतर तरीके से सीखने के लिए हमेशा नई तकनीक से खुद को अपडेट रखें। सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए भी इन डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करें। तिवारी ने कहा कि सभी सूचना अधिकारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है।
आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अधिकारी स्वयं उड़ाएंगे ड्रोन..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारी अब आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए स्वयं ड्रोन उड़ाएंगे। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी के ड्रोन एप्लीकेशन एवं अनुसंधान केंद्र की ओर से पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूएसएसी) के सभागार में 14 फरवरी तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनडीआरएफ के 25 एसी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी भाग ले रहे हैं। इसमें ड्रोन तकनीक के विभिन्न पहलुओं और आपदा प्रबंधन में इसके उपयोग पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यूसैक में स्थापित आईटीडीए के ड्रोन एप्लीकेशन और रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने ड्रोन और उनके घटकों के बारे में जानकारी दी। इसका उद्देश्य अधिकारियों के बीच आपदा प्रबंधन, खोज और बचाव कार्यों, निगरानी और राहत वितरण में ड्रोन तकनीक के प्रभावी उपयोग की समझ विकसित करना है।
महाकुंभ में आगामी दो स्नान पर्वों के लिए चलेंगी 29 स्पेशल ट्रेनें..
उत्तराखंड: प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले दो स्नान पर्वों के लिए रेलवे 29 स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा। ये ट्रेनें मुरादाबाद मंडल के रेलवे स्टेशनों से होकर गुजरेंगी। इनमें एक स्पेशल ट्रेन देहरादून से हरिद्वार होते हुए प्रयागराज के फाफामऊ स्टेशन तक चलेगी। 8 से 25 फरवरी के बीच दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच स्पेशल ट्रेन के चार फेरे लगाए जाएंगे। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दो प्रमुख स्नान पर्व शेष हैं। इनमें 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान पर्व शामिल हैं। रेलवे इन दोनों स्नान पर्वों से पहले स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा। रेलवे की ओर से कुंभ स्पेशल ट्रेन का संचालन देहरादून से फाफामऊ रेलवे स्टेशन के बीच किया जाएगा।
04316 देहरादून- फाफामऊ स्पेशल ट्रेन देहरादून से 9, 15, 16 और 23 फरवरी तक चलेंगी। 04315 ट्रेन 10, 16, 17 और 24 फरवरी को फाफामऊ से देहरादून के लिए चलेगी। यह ट्रेन हरिद्वार, नजीबाबाद, मुरादाबाद, बरेली और लखनऊ से होकर गुजरेगी। इसके साथ ही 04526 बठिंडा- फाफामऊ स्पेशल ट्रेन 8, 18 और 22 फरवरी व 04525 फाफामऊ- बठिंडा स्पेशल ट्रेन 9, 19 और 23 फरवरी को संचालित होगी।
इन स्टेशनों से होकर गुजरेंगी..
यह ट्रेन बठिंडा, अंबाला, सहारनपुर, रुड़की, लक्सर, नजीबाबाद और मुरादाबाद आदि स्टेशनों से होकर गुजरेगी। इसके अलावा अंबअडौरा से फाफामऊ के बीच 9, 15 और 23 फरवरी, फामामऊ से अंबअडौरा के बीच 10, 16 और 24 फरवरी को स्पेशल ट्रेन संचालित होगी। यह ट्रेन नागल डेम, चंडीगढ़, अंबाला, सहारनपुर, रुड़की, नजीबाबाद, मुरादाबाद, बरेली और लखनऊ आदि स्टेशनों से गुजरेगी। साथ ही दिल्ली- फाफामऊ, अमृतसर- फाफामऊ, फिरोजपुर फाफामऊ, श्री माता वैष्णो देवी कटरा-फाफामऊ के बीच दो दर्जन कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन 8 से 28 फरवरी के मध्य रेलवे विभाग करने जा रहा है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ पर यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे विभाग की ओर से लगातार कुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
मोबाइल एप से फॉरेस्ट फायर पर लगेगा ‘ब्रेक’,जानिये वन विभाग की प्लानिंग..
उत्तराखंड: पौड़ी के वन विभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए तकनीक आधारित समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत एक मोबाइल ऐप फॉरेस्ट फायर ऐप विकसित किया गया है। इसे लोग अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के जरिए जंगल में आग लगने की घटनाओं की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। इससे आग को फैलने से पहले ही नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
वन विभाग की यह पहल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को एप डाउनलोड करने और पोर्टल पर पंजीकरण के लिए प्रेरित करने पर भी केंद्रित है। इससे वन विभाग को आग की घटनाओं की छोटी से छोटी जानकारी भी समय रहते मिल सकेगी। इस पर काबू पाने में वे तेजी से कार्रवाई कर सकेंगे। पिछले साल गढ़वाल वन प्रभाग में वनाग्नि की 258 घटनाओं के कारण 310.29 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ गए थे। इनमें से 111 घटनाएं आरक्षित वन प्रभाग में हुईं, जिसके कारण 198.83 हेक्टेयर जंगल जल गए, जबकि सिविल वन प्रभाग में 147 घटनाओं के कारण 111.46 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ। इन घटनाओं में मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में आग लगी, जहां मानव संसाधन समय पर नहीं पहुंच पाए, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति इतनी भयावह हो गई कि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ी।
वनाग्नि के इन अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार वन विभाग ने तकनीक और जनसहभागिता पर फोकस करते हुए वनाग्नि से निपटने की योजना बनाई है। इसके तहत विभाग ने फॉरेस्ट फायर एप विकसित किया है, ताकि आग लगने की घटनाओं की त्वरित जानकारी मिल सके। समय रहते इन पर काबू पाया जा सके। साथ ही वन विभाग ने जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। विभाग ने ऐसे लोगों पर निगरानी बढ़ाने और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके तहत वन विभाग जंगलों में आग लगाने वालों की पहचान के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, कैमरे और फॉरेस्ट फायर एप के जरिए मिलने वाली सूचनाओं का इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा स्थानीय समुदायों को भी जागरूक किया जा रहा है।
प्रदेश में होंगे फुटबाल के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट, खिलाड़ी रच रहे इतिहास..
उत्तराखंड: एक तरफ उत्तराखंड के खिलाड़ी 38वें राष्ट्रीय खेलों में अपने प्रदर्शन से इतिहास रच रहे हैं। वही इसके लिए राज्य में विकसित बुनियादी ढांचा देवभूमि में खेलों के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रहा है। यही वजह है कि आने वाले समय में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) हल्द्वानी के गौलापार में बने फुटबॉल मैदान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। यह बात दून पहुंचे एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कही। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे का कहना हैं कि उत्तराखंड में बना फुटबाल के मैदान अंतरराष्ट्रीय स्तरों के मानकों को ध्यान में रख तैयार किया गया है। इसका फायदा प्रदेश के साथ देश के खिलाड़ियों को मिले इसके लिए जल्द बड़े टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा।
इस संबंध में एआईएफएफ के पदाधिकारियों व अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी। उनका कहना हैं कि फुटबाल विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल होने के साथ सबसे अधिक खेला जाने वाला खेल है। उत्तराखंड फुटबाल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड फुटबाल के क्षेत्र में उभरता राज्य है। एआईएफएफ के सहयोग से प्रदेश में फुटबाल का भविष्य तो संवरेगा ही, साथ ही खिलाड़ियों को मौका भी मिलेगा।
फुटबाल खेलने वाला देश है भारत
भारत को क्रिकेट देखने वाला देश माना जाता है। लेकिन, सच्चाई यह है कि भारत फुटबाल खेलने वाला देश है। कम से कम संसाधनों के साथ गली-चौराहों, गांव, स्कूल और विश्वविद्यालय के मैदान से लेकर स्टेडियम तक फुटबाल खेला जाता है। यही वजह है कि उत्तराखंड ने इसका पूरी तरह से लाभ उठाया और राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर न सिर्फ नया कीर्तिमान रचा बल्कि प्रदेश को देश के उन राज्यों में शामिल किया, जहां सबसे अधिक फुटबाल खेली जाती है। उत्तराखंड से आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलेंगे। फुटबाल के खिताबी मुकाबले में आई दर्शकों की भीड़ देख साफ अंदाजा लगाया जा रहा था कि उत्तराखंड का हर एक बच्चा खेल के मैदान में अपने हीरो को देख ऐसे हर हीरो बनना चाहता है। प्रदेश सरकार ने शानदार स्टेडियम तैयार किया है। अब जरूरत है तो इसको संभालकर रखने की ताकि प्रदेश के साथ देश के हर बच्चे के लिए इस मैदान का प्रयोग किया जा सके। बालकों के साथ बालिकाओं के लिए भी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाए।
हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में होगा नेशनल गेम्स का समापन समारोह..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह को भी उत्तराखंड सरकार ने यादगार बनाने की तैयारी कर ली हैं। मशहूर बॉलीवुड सिंगर सुखविंदर, कुमाऊनी गायिका श्वेता माहरा और दिगारी ग्रुप इस समारोह की शान बढ़ाएंगे। बीते शनिवार को खेल सचिवालय में आयोजित उच्च अधिकारियों की बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि आमतौर पर राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह का कार्यक्रम मात्र औपचारिकता जैसा होता है, लेकिन हमारा यह आयोजन जिस तरह से अब तक बेहद शानदार रहा है, उसी तरह हम समापन समारोह को भी यादगार बनाएंगे।
खेल मंत्री का कहना हैं कि इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने व्यापक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना हैं कि खेलों के पूरे आयोजन के दौरान आम जनता ने सक्रियता से भागीदारी निभाई है और समापन समारोह में भी आमजन को शामिल किया जाएगा। इसके लिए हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में 15 हजार से ज्यादा लोगों की बैठने की व्यवस्था बनाई जा रही है।
क्लोजिंग सेरेमनी में उत्तराखंड आएंगे ये कलाकार..
मुख्य कार्यक्रम शुरू होने से पहले कुमाऊनी गायिका श्वेता महारा और दिगारी ग्रुप की प्रस्तुतियां होंगी। औपचारिक आयोजन समाप्त होने के बाद बॉलीवुड सिंगर सुखविंदर प्रस्तुतियां देंगे। मंत्री ने बताया कि मानसखंड और गेम्स रीकैप को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें आयोजन शुरू होने से लेकर अंत तक क्या-क्या गतिविधियां हुई उनकी एक झलक मिलेगी। बता दें समापन समारोह में देश के सभी टीमों के एथलीट और रिकॉर्ड होल्डर को सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, सीएम पुष्कर सिंह धामी, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और खेल मंत्री रेखा आर्या भी मौजूद रहेंगी। समापन समारोह में नेशनल गेम्स का फ्लैग अगले मेजबान राज्य को सौंपा जाएगा।
योगासन और मलखंब के खिलाड़ी देंगे स्पेशल प्रेजेंटेशन..
मंत्री आर्य ने कहा कि इन राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश सरकार ने काफी प्रयास करके परंपरागत खेल योगासन और मलखंब को मेडल गेम्स के तौर पर शामिल कराया था। समापन समारोह में भी इन दोनों खेलों के विशेष प्रेजेंटेशन आयोजित किए जाएंगे। बैठक के दौरान मंत्री ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया है। इस दौरान राष्ट्रीय खेलों में इन इवेंट्स में शामिल होने वाले खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
‘अहं भारतम’ भी होगा खास आकर्षण..
खेल मंत्री रेखा आर्या कहा कि समापन समारोह में एक विशेष थीएट्रिकल एक्ट प्रस्तुत किया जाएगा। जिसका नाम “अहं भारतम” रखा गया है। इसमें भारत के विभिन्न राज्यों के बीच एकता के सूत्रों को नये अंदाज में प्रस्तुत किया जाएगा। समापन समारोह में भी भारी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों को भीड़ मैनेजमेंट के स्पेशल प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में खेल मंत्री ने कहा कि अतिथियों की सुरक्षा व्यवस्था का भी ध्यान रखा जाए लेकिन यह भी देखा जाए की सुरक्षा इंतजामों के चलते आम दर्शकों को दिक्कत न उठानी पड़े।
नेशनल गेम्स- चंपावत पुलिस द्वारा टनकपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम में मैराथन दौड़ का आयोजन..
उत्तराखंड: टनकपुर में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आज से राफ्टिंग डेमो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। इस आयोजन से पहले चंपावत पुलिस ने राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार और जागरूकता के लिए टनकपुर स्टेडियम से बूमघाट तक करीब सात किलोमीटर की मैराथन दौड़ का आयोजन किया। इस आयोजन में करीब 250 से 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान एसपी चंपावत अजय गणपति ने अपने संबोधन में खेलों को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने और खेलों को अपनाने की अपील भी की।
टनकपुर में शुक्रवार को 38वें राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार एवं नशा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रशासन पुलिस द्वारा स्पोर्ट्स स्टेडियम टनकपुर से बूम टेम्पल तक अंडर-14 बाल-बालिका एवं ओपन बाल-बालिका वर्ग की नामांकन दौड़ का आयोजन किया गया। पुलिस कैप्टन अजय गणपति और अन्य अधिकारियों ने डॉक्टर्स को ग्रीन अलाउंस किया।
उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 चल रहे हैं। जिसके तहत चंपावत जिले के टनकपुर में राष्ट्रीय राफ्टिंग डेमो प्रतियोगिता होने जा रही है। जिसकी शुरुआत 8 फरवरी से होगी। टनकपुर में पूर्णागिरी मंदिर के नीचे चरण मंदिर क्षेत्र से काली नदी पर आज से 10 फरवरी तक राफ्टिंग डेमो प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देशभर से 8 राफ्टिंग टीमें हिस्सा लेंगी। राफ्टिंग डेमो प्रतियोगिता के लिए खेल विभाग के तत्वावधान में इवेंट कंपनियां युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही हैं।
उड़ान योजना ने तहत हेली सेवा के लिए इन रूट्स को मिली अनुमति..
उत्तराखंड: केंद्र की उड़ान योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। स्थिति यह है कि आज उत्तराखंड के हर जिले के लिए हवाई सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। वहीं केंद्र से लगातार नई उड़ानों के लिए अनुमति भी मिल रही है। इससे लोगों के लिए हवाई यात्रा आसान होगी और लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
केंद्र की उड़ान योजना के तहत उत्तराखंड में कई हेली सेवाएं संचालित की जा रही हैं। योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों को हवाई सेवाओं से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस दौरान राज्य के कई जिलों में उड़ानों को मंजूरी भी दी जा रही है। इस तरह केंद्र की उड़ान योजना के तहत राज्य के लगभग सभी जिले कवर हो गए हैं। उत्तराखंड में उड़ान योजना के तहत जिन रूटों पर हेली सेवाएं संचालित करने की अनुमति दी गई है, उनमें गढ़वाल मंडल के सभी जिलों के साथ ही कुमाऊं मंडल के जिले भी शामिल हैं। इतना ही नहीं गढ़वाल को कुमाऊं से जोड़ने के लिए हवाई सेवाएं भी शुरू की जा रही हैं।
उड़ान के तहत जिन हेली रूट्स पर मंजूरी मिली है, उनमें ये सेवाएं हैं शामिल..
हिंडन से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा से पंतनगर हेली सेवा
टिहरी से देहरादून फिर टिहरी सेवा
गौचर- श्रीनगर- टिहरी- श्रीनगर सेवा
नई टिहरी-श्रीनगर -नई टिहरी
देहरादून से अल्मोड़ा
देहरादून से चंपावत हवाई सेवा
हल्द्वानी से पिथौरागढ़ हवाई सेवा
हल्द्वानी से मुनस्यारी हवाई सेवा
अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ हवाई सेवा
देहरादून से नौकुचियाताल हवाई सेवा जल्द शुरू करने का प्रयास
देहरादून से बागेश्वर हवाई सेवा भी जल्द शुरू करने की तैयारी
देहरादून से मसूरी के लिए भी हवाई सेवा चलाने की मिल चुकी है अनुमति
चंपावत से हल्द्वानी हवाई सेवा भी जल्द होगी शुरू
इस तरह देखा जाए तो उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग और हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी जिले उड़ान योजना के तहत जुड़ चुके हैं। नागरिक उड्डयन विभाग भी लगातार हरिद्वार जिले में जिलाधिकारी से जमीन की मांग कर रहा है, लेकिन इस जिले में फिलहाल जमीन उपलब्ध नहीं है। प्रयास यह है कि हरिद्वार से चार धाम के लिए हवाई सेवा शुरू की जाए। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में पहले से ही 9 कंपनियां केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा दे रही हैं। ऐसे में यहां हेलीकॉप्टर सेवा को दूसरे जिलों से जोड़ना थोड़ा मुश्किल है।
यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) की सीईओ सोनिका का कहना हैं कि उड़ान योजना के तहत राज्य के सभी यात्रियों को जोड़ने का प्रयास किया गया है और आज लगभग सभी जिले हवाई सेवाओं से जुड़े हुए हैं। कुछ नए रूट भी बनाए गए हैं और जल्द ही इन इलाकों में भी हवाई अड्डे की मांग शुरू हो गई है।
नेशनल गेम्स- उत्तराखंड की झोली में अब तक आए 5 स्वर्ण, ताइक्वांडों में पूजा यादव ने जीता गोल्ड..
उत्तराखंड: प्रदेश में इन दिनों राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है. ताइक्वांडों प्रतियोगिता में पूजा यादव ने उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल जीता है. बता दें अभी तक प्रदेश की झोली में कुल पांच गोल्ड मेडल आए हैं.गुरुवार को हुई ताइक्वांडों प्रतियोगिता में पूजा यादव ने उत्तराखंड के लिए गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा ताइक्वांडो में उत्तराखंड ने अपने नाम दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल किए हैं. बता दें राष्ट्रीय खेलों में पहली बार उत्तराखंड ने 5 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है.
उत्तराखंड की झोली में अब तक आए 5 स्वर्ण..
आपको बता दें उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने वुशु, लॉन बॉल, योगासन, कैनोइंग, कयाकिंग और ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. वहीं एसएससीबी (SSCB) ने अभी तक 31 गोल्ड पर कब्जा किया है. जबकि कर्नाटक ने अभी तक 30 गोल्ड मैडल अपने मनम किए हैं. अभी तक की प्रतियोगिता के हिसाब से उत्तराखंड 14वें स्थान पर है.