रुद्रप्रयाग में “ओमिक्राॅन“ वैरिएंट के नियंत्रण को लेकर गाइडलाइन जारी..
रुद्रप्रयाग। कोविड-19 के दृष्टिगत जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के नए वैरिएंट “ओमिक्राॅन“ के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड को लेकर जारी गाइडलाइन के अनुसार जनपद के अंतर्गत रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक कोविड कफ्र्यू प्रभावी रहेगा। इनमें कोविड से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्तियों, दुकानों, कार्यालयों आदि को छूट दी गई है। इसी तरह समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही खुले रह सकेंगे। जनपद में स्थापित खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल के मैदान खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जाएंगे।
16 जनवरी तक सभी तरह की राजनैतिक रैली, धरना प्रदर्शन आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अन्य राज्यों से जनपद में आने वाले व्यक्तियों को आरटीपीसीआर कोविड नैगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिल सकेगी। वहीं सार्वजनिक स्थलों में सामाजिक दूरी व मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों में थूकने व पान, गुटखा, तंबाकू आदि के सेवन को भी प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि उल्लंघन करने पर कार्यवाही अमल में लाई जाए।
58 साल से अधिक उम्र के बीमार कर्मचारी घर से करेंगे काम..
उत्तराखंड: शासन ने कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सरकारी ऑफिसों में कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में नई व्यवस्था की है। इसके तहत गर्भवती महिला कर्मचारी, 58 साल से अधिक उम्र के बीमार कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा मिलेगी। प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए।
गर्भावस्था वाली महिलाओं को विशेष छूट मिलेगी। अधिक बीमार कर्मचारियों को भी घर से काम करने की सुविधा मिलेगी, लेकिन इसके लिए कर्मचारी की उम्र 58 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। ऐसे कर्मचारियों को सिर्फ अपरिहार्य परिस्थिति में ही कार्यालय बुलाया जा सकेगा।
आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव ड्यूटी और आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्मिकों पर ये आदेश लागू नहीं होंगे। निर्वाचन ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों के बारे में डीएम, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्णय लिया जा सकेगा। आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारियों के बारे में उनके विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष द्वारा जनहित में अपने विवेक से निर्णय लिया जाएगा।
दिव्यांग कार्मिकों को विभागाध्यक्ष दे सकेंगे छूट..
राज्य के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों को कार्यालय में उपस्थिति से कार्यालयध्यक्ष द्वारा छूट दी जा सकती है। आवश्यक सेवाओं में कार्यरत एवं अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर कार्यालयध्यक्ष द्वारा छूट का निर्णय लिया जा सकता है।
मैदानी इलाकों में घने कोहरे का येलो अलर्ट..
पर्वतीय जिलों में पाला गिरने की संभावना, तापमान गिरा..
उत्तराखंड: मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की संभावना है। कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की संभावना है। कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है..
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार-पांच दिन मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन कोहरे और पाले की वजह से वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हवाई अड्डों पर न्यूनतम सीमा से कम दृश्यता से विमान लैंडिंग और टेक ऑफ प्रभावित हो सकते हैं। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक 16 जनवरी के बाद एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड के पश्चिमी हिमालय रीजन में प्रभावी हो सकता है। इससे दोबारा मौसम खराब होने की संभावना है।
दून में तड़के झमाझम बारिश..
देहरादून शहर में बुधवार तड़के हुई झमाझम बारिश के बाद तापमान में कमी आई, लेकिन दोपहर में अच्छी धूप खिलने से मौसम सामान्य रहा। पिछले 24 घंटे में देहरादून में 12.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। देहरादून में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। जबकि, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार देहरादून में अगले कुछ दिन मिश्रित मौसम रहेगा। 13, 14 और 15 जनवरी को आसमान साफ रहेगा। जबकि, 16, 17, 18 को आसमान में आंशिक बादल छाये रहने का अनुमान है।
कल हैं मकर संक्रान्ति पर्व, जानिए मकर संक्रान्ति के दिन क्यों बांटे जाते हैं गुड़-तिल..
देश -विदेश : सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहा जाता है। इस शुभ दिन को देश के अनेक हिस्सों में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जाता है। स्कन्द पुराण के अनुसार,मकर संक्रान्ति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वी पर आते हैं। इसीलिए इसे देवताओं का समय, दिव्यता का समय माना जाता है।
त्योहारों के बारे में हमेशा कुछ ऐसा होता है, जो खूबसूरत ही होता है। वास्तव में, भारतीय त्योहारों में कहीं न कहीं गहरा संदेश और अनुष्ठानों में अनोखापन होता है। हर पर्व-त्योहार और अनुष्ठान उन दिव्य गुणों की पहचान है, जो हमारे अंदर भी निहित होते हैं।
दिवाली जैसे हमारे अंदर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्रकाश से हमारा पुनर्मिलन करवाती है, उसी तरह मकर संक्रान्ति हमारी दिव्य विरासत से हमें रूबरू करवाती है, जो हमारे चारों ओर बिखरी है और इसे सभी के साथ साझा करने के मानवीय दायित्व का भी आभास करवाती है।
मकर संक्रान्ति प्रारंभ होती है, हमारी पहली फसल के लेने और उसे सब में बांटने से। कठिन मेहनत और उसके बाद उसके फल को प्राप्त कर उसे आपस में बांटने के लिए उत्सव मनाया जाता है। गांवों में, पहली गन्ने की फसल, पहली चावल की खेप दिव्यता को समर्पित करते हैं और आपस में भी बांटते हैं। तभी किसान अपनी पूरी फसल अपने लिए प्रयोग में लाता है।
संक्रान्ति का मूल भाव ही बांटने की संस्कृति का होता है और यह सिर्फ फसल तक ही सीमित नहीं होता है। त्योहार हमें यह भी याद दिलाते हैं कि इस दिव्य विरासत को हम उन लोगों में भी बांटें, जो अपेक्षाकृत कम भाग्यशाली हैं, जो त्योहार नहीं मना पा रहे हों।
संक्रान्ति के साथ एक और परम्परा जुड़ी हुई है कि इस दिन गुड़-तिल बांटे जाते हैं। इसके पीछे भी बहुत बड़ा संदेश है। तिल जहां हमारे अस्तित्व की सहजता को दर्शाता है, वहीं गुड़ दुनिया की सारी मिठास को। इस प्रतीकात्मक तथ्य के पीछे उद्देश्य ही यह है कि सबके पास यह आशीर्वाद हो कि वे सहज, सामान्य, अहंकार रहित हों और हमेशा मीठा ही बोलें।तिल की तरह हैं। हमारा इस ब्रह्मांड में होने का महत्व क्या है? जीवन क्या है? हमारा जीवन छोटे से तिल के समान है, एक कण! देखा जाए तो कुछ नहीं।
तिल बाहर से काला होता है और अंदर से सफेद। यह दर्शाता है कि हमें अपना अंदर उजला यानि शुद्ध रखना है। यदि आप तिल को थोड़ा-सा रगड़ें, तो वह बाहर भी सफेद हो जाता है, अर्थ यही है कि हम जब हमारे बाहरी आवरण उतार देते हैं, तो पाते हैं कि हम अंदर से उतने ही पवित्र हैं।
हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सहज, सामान्य और मीठे हैं, ठीक उसी तरह जैसे तिल और गुड़ हैं। जब भी कोई खुद को बहुत बड़ा मानने लगता है, तो उसका पतन प्रारम्भ हो जाता है। यह एक प्रयोगवादी सत्य है। हम अपने आसपास कई लोगों को देखते हैं। जैसे ही हमारे अंदर अकड़ आती है कि मैं कुछ हूं, वैसे ही पतन की शुरुआत हो जाती है। मैं शक्तिशाली हूं और हमारी शक्तियां भी क्षीण होने लगती हैं। इसको जानना ही हमें पतन से रोक देता है और यह सिर्फ अध्यात्म की ही देन है।
वर्ष भर में 12 संक्रान्तियां होती हैं, जिसमें से मकर संक्रान्ति को सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है। जब सूर्य मकर राशि में आते हैं और जाड़े के मौसम की विदाई की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। जाड़े की तीव्रता के बाद सूर्य की रश्मियां सुखकारी होती हैं। यह वह समय है, जब हम बीज बोते हैं और उस बीजारोपण के साथनई फसल की भूमिका रखते हैं।
मकर संक्रान्ति का महत्त्व होता है कि सूर्यदेव उत्तरायण हो जाते हैं, वह उत्तर की ओर होने लगते हैं। इसे उत्तरायण पुण्य काल कहा जाता है, जो देवताओं का समय है, दिव्यता का समय है। यह सही है कि पूरा साल ही वैसे तो दिव्य है, लेकिन इस समय को थोड़ा और अधिक दिव्य माना जाता है। इसके बाद ही सारे त्योहार प्रारम्भ होते हैं।
साल में दो दिन होते हैं, जब कोई भी अपनी आध्यात्मिक यात्रा की प्रगति का मूल्यांकन कर सकता है। एक है मकर संक्रान्ति और दूसरा गुरु पूर्णिमा। यह दोनों आपस में भी लगभग आधे-आधे साल के अंतर में ही आते हैं। इस मौके को तुरंत भुनाइये और अपने नवीन संकल्प इस दिन से प्रारंभ करिए।
जब आप इस अध्यात्म के रास्ते पर आ जाते हैं, तब आपके लिए कोई वर्ष, कोई दिन या कोई पल ऐसा नहीं होता है कि वह दिव्य न हो। मकर संक्रान्ति पर उस दिव्यता से सम्पर्क को महसूस करें और दृढ़ता के साथ आगे बढे।
शुक्र है, बच्चों को नहीं छू पा रहा कोरोना वायरस..
उत्तराखंड: नए साल में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे का अंदेशा जताया गया था। वहीं राहत की बात यह है कि राज्य में एक से नौ जनवरी तक 5680 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें 2 प्रतिशत से भी कम बच्चे हैं। एक जनवरी के बाद से कोरोना संक्रमितों के मामले में तेजी आई है। राज्य के हर जिले में कोरोना के मरीज तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे विशेषज्ञ भी हैरान हैं। विशेषज्ञ तीसरी लहर आने का अंदेशा काफी पहले से जता रहे थे। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमितों का अब तक का आंकड़ा बच्चों के लिहाज से थोड़ी राहत देने वाला है।
1 से 9 जनवरी तक राज्य में 5680 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, इनमें 9 साल तक के बच्चों की संख्या मात्र 90 है। जो कि कुल मरीजों का 1.58 प्रतिशत है। जबकि सबसे ज्यादा संक्रमित 20-29 आयु वर्ग के हैं। इनकी संख्या 1869 यानि करीब 32.90 प्रतिशत है। बच्चों के कम संक्रमित होने से जहां स्वास्थ्य विभाग की चिंता कुछ कम हुई है वहीं अधिक उम्र के संक्रमित लोगों के ज्यादा गंभीर बीमार नहीं होने से भी राहत मिली है। वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूटने लगे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ रिपोर्ट में प्रदेशभर में 2127 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है। आईआईटी रुड़की में कोरोना के 13 केस भी आए हैं। मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 7430 हो गई है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन में रह रहे 416 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है जिसके बाद अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है।
हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 991 कोरोना केस राजधानी देहरादून में मिले हैं। नैनीताल 451, हरिद्वार 259, उधमसिंह नगर 189, पौड़ी 48, उतरकाशी 13, टिहरी 35, बागेश्वर 04, अलमोड़ा 43, पिथौरागढ़ 30, रुद्रप्रयाग 13, चंपावत 26 और चमोली जिले में कोरोना के 25 नए केस आए हैं। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच हेल्थ विभाग पहले से ज्यादा अलर्ट मोड पर आ गया है। संदिग्धों की पहचान करन उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके
भारत-चीन बॉर्डर पर काम कर रहे मजदूर हेलीकॉप्टर से जाएंगे वोट देने..
उत्तराखंड: भारी बर्फबारी के कारण भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण के काम में लगे मजदूर वोट डालने के लिए हेलीकॉप्टर से लाए जाएंगे। आपको बता दे कि बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने यहा फैसला लिया है। बता दे कि सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में 3400 मीटर की ऊंचाई पर मिलम-लास्पा में बड़ी संख्या में श्रमिक भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण कार्य में जुटे हैं। मुनस्यारी से करीब 54 किमी दूर लास्पा में छह फीट से अधिक हिमपात हुआ है।
मतदान की तारीख तक भी बर्फ से ढके पैदल मार्गों के खुलने के कोई आसार नहीं हैं। इसलिए स्थानीय मजदूरों को वोट डालने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए निचले इलाकों में लाया जाएगा। उधर, उत्तरकाशी में बीआरओ के मेजर वीएस वीनू का कहना हैं कि हमारे यहां करीब 3400 मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश रूट खुले हैं।
इसलिए मतदान के दिन मजदूरों को अवकाश दिया जाएगा। हमने ऊंचाई वाले इलाकों में काम कर रहे लोगों को मतदान के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा देने का फैसला लिया है। अभी तक 100 ऐसे लोग हैं जो हेलीकॉप्टर से वोट देने जायेंगे।
23 जनवरी को चलाया जायेगा पल्स पोलियो अभियान..
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जनपद में 23 जनवरी को पल्स पोलियो अभियान के तहत शत-प्रतिशत पोलियो ड्राॅप्स पिलाने व राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस के सफल क्रियान्वयन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। पल्स पोलियो की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को पल्स पोलियो से संबंधित अभियान के सफल संचालन को लेकर निर्देशित किया।
जिला कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने पल्स पोलियो रोग की वर्तमान स्थिति को लेकर अधिकारियों से जानकारी मांगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आगामी 23 जनवरी को जनपद में पल्स पोलियो अभियान (एनआईडी) चलाया जाना है। बताया कि विगत पल्स पोलियो अभियान में 298 पोलियो बूथों के माध्यम से 54040 घरों के कुल 23245 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। जिलाधिकारी ने अभियान से पूर्व सभी बूथ कार्मिकों व पर्यवेक्षकों को अभियान के सफल संचालन व गुणवत्ता युक्त सेवाएं दिए जाने हेतु सभी स्वास्थ्य केंद्र व अन्य स्थलों पर आवश्यक प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए।
साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को हर संभव स्थान पर पल्स पोलियो अभियान का दिनांक अंकित करने तथा जिन विद्यालय परिसर में पोलियो बूथ लगना है उन्हें खुले रखने के निर्देश दिए। इसी तरह आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं द्वारा अभियान की तिथियों की जानकारी हर घर को दिए जाने, बच्चों को बूथ दिवस के दिन दवा पिलाने के लिए प्रेरित करने बावत बाल विकास विभाग को, अभियान के सफल संचालन व क्रियान्वयन हेतु पल्स पोलियो अभियान के 15 दिन पूर्व से ही जिला व विकास खंड स्तर तक कोल्ड चैन केंद्रों में नियमित व अबाधित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत विभाग तथा इस अभियान में लगी टीम को यातायात सुविधा दिए जाने के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ विमल गुसांई, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ आशुतोष, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
डीएम ने ली राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक..
रुद्रप्रयाग। आगामी विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं निर्वादित रूप से संपादित कराने के लिए निर्वाचन आयेाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आवश्यक बैठक आयोजित की गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा विधान सभा निर्वाचन संपादन कराने के लिए प्रदेश में आदर्श आचार संहिता को प्रभावी कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत निर्वाचन प्रक्रिया जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही संपंन कराई जानी है। कहा कि वर्तमान में कोविड के लिए जारी गाइडलाइन के मध्यनजर चुनाव गतिविधियां संचालित की जाएंगी। कहा कि निर्वाचन अयोग द्वारा 16 जनवरी तक किसी भी राजनैतिक दल द्वारा हर तरह के नुक्कड नाटक, रैली व सभाएं आदि करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है तथा उनके अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रकिया के दौरान जो भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, उनमें कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाए। निर्वाचन से संबंधित कार्यक्रम स्थल में सामाजिक दूरी का अनुपालन, मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। प्रत्याशी आनलाइन माध्यम से भी अपना नामांकन कर सकते हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनैतिक दलों की कोविड-19 प्रोटोकाॅल को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग को प्रतिबंधित किया गया है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, वरिष्ठ कोषाधिकारी प्रवीन कुमार बलुनी, सहायक निर्वाचन अधिकारी एस.पी. डोभाल, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, कांग्रेस नगर अध्यक्ष पंकज बुटोला, उक्रांद जिलाध्यक्ष राजेंद्र नौटियाल, सह सचिव सीपीआई सुधीर रौथाण, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी व राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
उत्तराखंड में ढाई लाख से ज्यादा हैं पूर्व सैनिक, इन्ही के सहारे उत्तराखंड का सियासी समर..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच पूर्व सैनिक परिवारों से जुड़े करीब साढ़े बारह लाख वोटरों को रिझाने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से चाल चल रही हैं। आने वाले समय में कांग्रेस भी पूर्व सैनिकों के वोटों को साधने के लिए दांव चल सकती है। जिसके चलते सैनिकों व पूर्व सैनिकों के वोटों के लिए होड़ मचनी शुरू हो गई है।
आपको बता दे कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट को केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही मंत्री अजय भट्ट भी पूर्व सैनिकों से बातचीत आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। मंत्री बनने के बाद से वह लगातार पूर्व सैनिकों के संपर्क में नजर आ रहे हैं। सोमवार को निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा में भी कई पूर्व सैनिक शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि सेना, सैनिक व पूर्व फौजी भाजपा का सबसे बड़ा फोकस है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे में पूर्व सैनिकों का एक अलग कार्यक्रम रखा गया है।
इसके साथ ही अब आम आदमी पार्टी ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल पर दांव खेलकर सैन्य बहुल उत्तराखंड में फौजी वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर खलबली मचा दी। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस भी बहुत जल्द पूर्व फौजियों को रिझाने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
आपको बता दे कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों की संख्या ढाई लाख से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि हर पूर्व सैनिक के परिवार में औसतन पांच वोटर होंगे। इसलिए साढ़े बारह लाख से ज्यादा वोटरों पर सभी की निगाहें हैं। इसके अलावा वर्तमान फौजियों के परिवार भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड में रहते हैं। पूर्व फौजी उनके भी मतों पर असर डालते हैं। इसके साथ ही कई परिवार ऐसे भी हैं जिनमें पूर्व के साथ ही वर्तमान फौजी भी हैं। विधानसभा चुनावों में ये वोट कई सीटों पर हार-जीत का फैसला भी करते हैं। पूर्व में भी पार्टियों के बीच इन वोटरों को लेकर खींचतान रही है। भाजपा इन वोटों पर ज्यादा सेंध लगाती है। इस बार भी राजनीतिक पार्टियां इस होड़ में जुट गई हैं।
भाजपा के दो बड़े मुद्दों पर केजरीवाल ने की चोट..
वही भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सैनिक और हिंदुत्व के एजेंडों पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चोट करने का प्रयास किया है। एक ओर जहां उन्होंने हिंदुओं के लिए उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा कर हिंदुत्व के एजेंडे पर चोट की है तो दूसरी ओर पूर्व सैनिकों के वोट बैंक को लेकर उन्होंने कर्नल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सैन्य बहुल हमारे प्रदेश में बड़ी संख्या पूर्व सैनिक और उनके परिवार की है। आज भी उनकी कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उनका कहना हैं कि हमें मौका मिलेगा तो उनकी समस्याओं के समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता पर किए जाएंगे।
इस एक्टर ने साइना नेहवाल पर किया बेहूदा कमेंट..
देश-विदेश: एक्टर सिद्धार्थ साइना नेहवाल पर बेहूदा कमेंट कर विवादों में घिर गए हैं। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी चौतरफा आलोचना की जा रही है। इतना ही नहीं लोगों ने उन्हें फ्लॉप एक्टर तक कह दिया है। लोगों का कहना हैं कि सिद्धार्थ शायद भूल गए कि साइना नेहवाल 2012 ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता, 2015 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत और 2017 में कांस्य पदक विजेता रह चुकी हैं। ये सभी मैडल उन्होंने देश के लिए कमाए हैं।
आपको बता दे कि साइना नेहवाल ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर ट्वीट करते हुए लिखा था- कोई भी राष्ट्र अपने आप को सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता यदि उसके अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया जाता है। मैं सबसे कड़े शब्दों में, अराजकतावादियों द्वारा पीएम मोदी पर कायरतापूर्ण हमले की निंदा करती हूं। इस पर बॉलीवुड और साउथ फिल्मों के एक्टर एक्टर सिद्धार्थ ने बेहूदा कमेंट किया।
जिसके बाद से एक्टर सिद्धार्थ अपने इस आपत्तिजनक कमेंट के बाद जमकर ट्रोल हो रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- किसी के लिए ऐसी भाषा विशेष रूप से उसके लिए जिसने देश को गौरवान्वित किया है। क्या यह सब पैसे कमाने के लिए हैं? अभिनेता के तौर पर तुम्हारा पतन तो पहले ही हो चुका है, अब इंसानियत भी खो दी है क्या? एक ने लिखा- एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने के आरोप में इसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि सिद्धार्थ ने साउथ की फिल्मों के साथ ही बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। सिद्धार्थ हिट फिल्म ‘रंग दे बसंती’ में नजर आए थे। उनकी फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ को भी लोगों ने काफी पसंद किया था। सिद्धार्थ हमेशा से सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर राय रखते हैं।