सचिवालय का ई-ऑफिस अपग्रेड, सुचारू हुई सेवाएं, अब जिलों में पहुंचेगी डिजिटल क्रांति..
उत्तराखंड: सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को अब और अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बना दिया गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने सचिवालय का ई-ऑफिस सफलतापूर्वक अपग्रेड कर दिया है, जिससे अब पूरा प्रशासनिक कार्यकाज सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। एनआईसी ने पिछले सप्ताह दो दिनों के लिए सचिवालय की ई-ऑफिस सेवाओं को स्थगित कर तकनीकी सुधार किए थे। इस दौरान सभी आवश्यक डेटा और प्रक्रियाओं को नई प्रणाली में सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया गया। सचिवालय में अपग्रेडेशन कार्य के सफल होने के बाद, एनआईसी अब आईटीडीए (ITDA) के माध्यम से राज्य के 12 अन्य विभागों/क्षेत्रों में भी ई-ऑफिस अपग्रेडेशन का काम चरणबद्ध ढंग से करने जा रहा है। इससे पूरे प्रदेश में प्रशासनिक प्रक्रियाएं और अधिक पारदर्शी, तेज़ और पेपरलेस होंगी।
अपर सचिव आईटी नितिका खंडेलवाल का कहना हैं कि सचिवालय में ई-ऑफिस अपग्रेडेशन का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुका है और अब सभी सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि “नवीनतम वर्जन आने के बाद ई-ऑफिस प्रणाली अब और अधिक सुरक्षित और दक्ष हो गई है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए फाइल प्रोसेसिंग और सूचना आदान-प्रदान की प्रक्रिया और अधिक तेज़, पारदर्शी और निर्बाध हो गई है। अब 12 अन्य विभागों में ई-ऑफिस को अपग्रेड किया जाना है। अपर सचिव खंडेलवाल ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से एनआईसी की टीम यहां भी अपग्रेड करने का काम करेगी। जिलों व अन्य कार्यालयों में इसकी अलग से सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।
चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से होगी प्रारंभ, 15 लाख से अधिक श्रद्धालु करा चुके हैं पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल से होने जा रहा है और इसके लिए देशभर के श्रद्धालुओं में गहरी उत्सुकता देखी जा रही है। बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन के लिए अभी तक 15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण करा लिया है, जो यात्रा की भव्यता और महत्व को दर्शाता है। चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तीर्थ यात्रा मानी जाती है। यह यात्रा गंगोत्री से शुरू होकर यमुनोत्री, फिर केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ धाम तक पहुंचती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन परिस्थितियों में भी इन पावन स्थलों के दर्शन हेतु उत्तराखंड पहुंचते हैं। चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। बता दें अभी तक के रजिस्ट्रेशन के अनुसार इस बार सबसे ज्यादा श्रद्धालु महाराष्ट्र से यात्रा में शामिल होने को बेताब हैं। अब तक महाराष्ट्र राज्य के 2 लाख 57 हजार तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं, जिससे महाराष्ट्र पहले स्थान पर बना हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां से अब तक 1 लाख 84 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है, जहां से 1 लाख 67 हजार तीर्थयात्री यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं। वही मध्य प्रदेश से 1 लाख 44 हजार, गुजरात से 1 लाख 40 हजार और राजस्थान से 1 लाख श्रद्धालु अब तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
बाबा केदार के दर्शन के लिए हुए सबसे अधिक पंजीकरण..
चारधामों की बात करें तो केदारनाथ धाम के लिए अब तक सबसे ज्यादा पंजीकरण हुए हैं। कुल 5 लाख 19 हजार से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन को रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए 4 लाख 58 हजार से ज्यादा, गंगोत्री के लिए 2 लाख 75 हजार, यमुनोत्री के लिए 2 लाख 69 हजार और हेमकुंड साहिब के लिए 21 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, केरल, मणिपुर, मेघालय, तेलंगाना, तमिलनाडु, उड़ीसा जैसे राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें..
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सबसे पहले आपको पर्यटन विभाग की वेबसाइट http://registrationandtouristcare.uk.gov.inपर लॉगिन करना होगा। इसके बाद आप रजिस्टर और लॉगिन के आप्शन मिलेंगे। यहां पर क्लिक कर लॉगिन कर लें। लॉगिन करने के बाद आपको अपना फोन नंबर, अपने राज्य का नाम, अपना नाम और अन्य जानकारी देनी होगी। इसे भरने के बाद आप रजिस्टर कर पाएंगे।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
आप व्हाट्सएप नंबर-8394833833 पर yatra (यात्रा) लिख कर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। अगर कोई यात्री इन तरीकों से पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं तो वो पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर- 0135-1364 पर कॉल करके भी पंजीकरण करवा सकते हैं। आप स्मार्ट फोन पर touristcareruttarakhand मोबाइल एप से पंजीकरण कर सकते हैं।
ऑफलाइन भी कर सकते हैं चार धाम यात्रा पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने, मैसेज, टोल फ्री नंबर और मोबाइल एप से पंजीकरण करने के साथ ही आप ऑफलाइन भी पंजीकरण भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि आप हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए दोनों स्थानों पर काउंटर खोले गए हैं।
चारधाम यात्रा- हर कदम पर निगरानी, यात्रा मार्ग पर 3000 सीसीटीवी कैमरे करेंगे पल–पल की रिकॉर्डिंग..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए इस बार बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरों का कवरेज रहेगा। हर वक्त यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थानों पर 3000 कैमरों से निगरानी होगी। ये कैमरे जिला पुलिस कंट्रोल रूम और रेंज कार्यालय में बने चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम को लाइव फीड मुहैया कराएंगे। ताकि, भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखा जा सके। इसके साथ ही यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ावों पर लोगों को सचेत करने के लिए बूथ आदि की व्यवस्था की जा रही है। आपको बता दें कि इस बार चारधाम यात्रा में पहले की अपेक्षा अलग और अत्याधुनिक इंतजाम पुलिस की ओर से किए जा रहे हैं। पहली बार यात्रा मार्ग को सुपर जोन, जोन और सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात की गई है। यहां पर एक सेक्टर में निर्धारित दूरी पर हर वक्त पुलिसकर्मी गश्त करेंगे।
ये न सिर्फ यातायात प्रबंधन में मदद करेंगे बल्कि यात्रियों से बात कर उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे। इसके अलावा चारधाम यात्रा की पूरी व्यवस्थाएं देखने के लिए पहली बार गढ़वाल रेंज कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। इस कंट्रोल रूम में एक एएसपी स्तर का अधिकारी हर वक्त यात्रा मार्ग की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसी तरह अब पहली बार इतना बड़ा सीसीटीवी कवरेज किया जा रहा है। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था व पुलिस प्रवक्ता डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि ये सीसीटीवी कैमरे मंदिर क्षेत्र से लेकर यात्रा के हर मुख्य पड़ाव पर लगाए जा रहे हैं। इनमें विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार आदि मुख्य पड़ाव शामिल हैं। इन सभी को लाइव रखा जाएगा।
साथ ही इन्हें जिला पुलिस कंट्रोल रूम और रेंज में चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। हर वक्त की गतिविधियों पर इन कैमरों के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से भी नजर रखी जाएगी। इन कैमरों की संख्या 3000 से भी अधिक हो सकती है। यात्रा से पहले सभी कैमरे स्थापित कर दिए जाएंगे।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने चयन शिविर में उदीयमान खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला..
उत्तराखंड: खेल मंत्री रेखा आर्या ने मंगलवार को पवेलियन ग्राउंड, देहरादून में चल रहे खिलाड़ी चयन शिविर का निरीक्षण किया। यह शिविर मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आयोजित किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान मंत्री रेखा आर्या ने खिलाड़ियों से संवाद किया, उनके प्रदर्शन को देखा और अधिकारियों को पारदर्शिता व गुणवत्ता के साथ चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की प्रतिभाएं आगे आएं और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण, पोषण और वित्तीय सहयोग मिल सके। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना के तहत चयनित खिलाड़ियों को मासिक छात्रवृत्ति, विशेष कोचिंग, स्पोर्ट्स किट और अन्य जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी।
मंगलवार सुबह खेल मंत्री रेखा आर्या पवेलियन ग्राउंड पहुंची और उन्होंने शिविर में भाग लेने आए बच्चों और उनके अभिभावकों से बातचीत की। खेल मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि जनपद में इस योजना के तहत जितने अधिकतम बच्चों के चयन का लक्ष्य दिया गया है उसमें एक भी खिलाड़ी का चयन कम नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि अगर हम खिलाडियों पर उसके बचपन से ही इनवेस्ट करेंगे तभी भविष्य में हमें बड़े स्टार खिलाड़ी मिल सकते हैं। खेल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चयन प्रक्रिया किसी भी सूरत में 30 अप्रैल तक पूरी कर दी जाए, इसके बाद मई महीने की शुरुआत से ही लाभार्थी खिलाड़ी बच्चों को प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी जा सके।
नई बसों की राह में अड़चन, परिवहन निगम को नहीं मिला साझेदार..
उत्तराखंड: राज्य में आने वाले समय में रोडवेज बसों का संकट और गहरा सकता है। उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा 100 नई बसों की खरीद के लिए जारी किया गया टेंडर बिना किसी प्रतिस्पर्धी के बंद हो गया, क्योंकि किसी भी निर्माता कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। इससे बस खरीद की प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए टल गई है। यह संकट तब और बढ़ सकता है जब दिल्ली जैसे शहरों में BS-6 मानक वाली बसों की बाध्यता पूरी तरह लागू हो जाएगी। पुरानी बसों के दिल्ली रूट में बंद होने के बाद, निगम के पास चलाने लायक बसों की संख्या सीमित हो जाएगी, जिससे आम यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
आपको बता दे कि परिवहन निगम की बसों का बेड़ा 950 था। 2023-24 में निगम की 12 बसें कंडम हुईं, 835 बचीं। इस साल 55 बसें कंडम हो रही हैं। पिछले साल निगम ने 150 बसें खरीदी थीं, जिससे बसों की संख्या 930 हो गई। 2025-26 में 480 बसें कंडम होंगी, जिसके बाद संकट बढ़ सकता है। पहले परिवहन निगम ने 175 नई बसें खरीदने का प्रस्ताव बनाया था, जिनमें से 100 बसें तो डीजल की थीं और 75 सीएनजी की। सीएनजी बसों का विचार निगम ने त्याग दिया था।
मार्च में परिवहन निगम ने 100 नई बस खरीद का टेंडर निकाला था। महीनेभर इंतजार करने के बावजूद कोई भी कंपनी इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं हुई। नतीजतन, परिवहन निगम ने इसे रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर निकलने, कंपनी को काम मिलने के बाद भी करीब छह माह में बसों की आपूर्ति शुरू हो सकेगी। इस साल के अंत या नए साल की शुरुआत में निगम को ये बसें मिल सकती हैं।
चारधाम यात्रा में जरूरत पड़ी तो बसें बढ़ाएंगे..
परिवहन निगम इस बार चारधाम यात्रा में 125 बसें संचालित करने जा रहा है। निगम की एमडी का कहना है कि यात्रा में भीड़ बढ़ने पर जरूरत के हिसाब से बसों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये सभी बसें अलग-अलग डिपो से यहां लगाई जाएंगी, जिससे सीधे तौर पर किसी रूट विशेष पर संचालन प्रभावित नहीं होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी की समीक्षा बैठक कहा चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को मिलेगा मंच..
उत्तराखंड: ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को अपने कैंप कार्यालय में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति का विस्तृत ब्यौरा अधिकारियों से लिया। बैठक में मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से मिशन की जमीनी स्थिति, महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी, और आर्थिक सशक्तिकरण के परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गति लाने के निर्देश दिए।
मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला समूहों के आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि ये समूह ग्राम्य अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं और उनके द्वारा किया जा रहा कार्य सराहनीय है। ऐसे में उन्हें अधिक अवसर और संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। बैठक में मंत्री ने आगामी चारधाम यात्रा का भी विशेष उल्लेख किया और कहा कि यात्रा मार्गों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक आउटलेट खोले जाएं। इससे एक ओर जहां महिलाओं को आर्थिक संबल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय पहचान को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
चारधाम यात्रा रूट पर खुलेंगे 200 रेस्टोरेंट..
मंत्री ने परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत शेष बचे 96 आउटलेट्स को शीघ्र शुरू करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने इस विषय में कृषि विभाग के साथ संयुक्त बैठक करने के निर्देश भी दिए, ताकि योजनाओं का समन्वित क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। उनका कहना हैं कि इन प्रयासों के जरिए अधिक से अधिक महिलाओं को आजीविका संवर्धन से जोड़ा जा सकता है। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जल्द ही गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में चारधाम यात्रा रूट पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आजीविका संवर्धन के लिए करीब 15 लाख रुपये की लागत से 200 नए रेस्टोरेंट खोले जाएंगे।
उत्तराखंड में अभी तक 1.68 लाख लखपति बनकर हुई तैयार..
गणेश जोशी ने अधिकारियों को इस संबंध में शीघ्र आकलन तैयार करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने यह भी बताया कि राज्य में अब तक 1.68 लाख लखपति दीदी तैयार हो चुकी हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि तय लक्ष्य से आगे बढ़ते हुए राज्य में 2 लाख लखपति दीदी बनेगी। बता दें अभी तक अल्मोड़ा 14143, उत्तरकाशी 9887, देहरादून 12518, चंपावत 5835, नैनीताल 12910, हरिद्वार 23588, चमोली 10315, बागेश्वर 6042, पिथौरागढ़ 9208, टिहरी 12663, ऊधमसिंह नगर 27435, पौड़ी 12771, रुद्रप्रयाग 6072 लखपति दीदी बन चुकी है।
हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में स्टॉपेज बहाल, यात्रियों को बड़ी राहत..
उत्तराखंड: तीन वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। शनिवार को ट्रेन के नए स्टॉपेज की शुरुआत के अवसर पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में ठहराव वर्ष 2021 से बंद था, जिससे स्थानीय यात्रियों को खासा असुविधा हो रही थी। अब ट्रेन का ठहराव बहाल होने से रुड़की और आसपास के इलाकों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि “यह केवल एक ट्रेन का ठहराव नहीं, बल्कि जनता की सुविधा और मांग को मान्यता देने का प्रतीक है।” उन्होंने इस निर्णय के लिए रेलवे प्रशासन और केंद्रीय नेतृत्व का आभार भी जताया। वहीं स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने भी इस निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिमगिरि एक्सप्रेस के ठहराव से उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी पहुंच अब पहले से अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
करीब तीन साल के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने सोमवार 7 अप्रैल की सुबह एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई प्रमुख लोगों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य और सुविधा की बात है कि हिमगिरि एक्सप्रेस अब रुड़की में भी रुकेगी। इससे न केवल शहर के बल्कि आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। आपको बता दे कि वर्ष 2021 में रुड़की में हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव बंद कर दिया गया था, जिससे यात्रियों को खासा असुविधा उठानी पड़ रही थी। अब इसका पुनः ठहराव बहाल होने से यात्रियों में खुशी और संतोष की लहर है। इस मौके पर स्थानीय नागरिकों ने भी खुशी जताई और कहा कि ट्रेन के ठहराव से अब उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी और सुविधाजनक यात्रा संभव हो सकेगी।
इस अवसर पर सांसद रावत ने कहा कि यह ठहराव केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि जनता की बहुप्रतीक्षित मांग की स्वीकृति है। उन्होंने कहा कि इससे रुड़की और आसपास के हजारों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों तक पहुंचना अब और आसान हो जाएगा। आने वाले 3-4 महीनों में रुड़की रेलवे स्टेशन को पूर्ण सुविधाओं से युक्त कर दिया जाएगा। साथ ही 15 से 20 दिनों में झबरेड़ा-देवबंद रेलवे लाइन शुरू कर दी जाएगी, जिससे दिल्ली तक के सफर में 30 से 45 मिनट की बचत होगी। कहा कि सहारनपुर-लक्सर और हरिद्वार सटल एक्सप्रेस को दोबारा शुरू कराने के लिए प्रयास जारी हैं।
आपको बता दे कि जम्मू से हावड़ा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है कि अब हिमगिरि एक्सप्रेस का स्टॉपेज फिर से रुड़की में शुरू हो गया है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कानपुर के देहात और उत्तराखंड आने जाने वाले यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने वाली है। हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव करीब 3 साल से रुड़की में बंद था, जबकि रुड़की रेलवे स्टेशन ए श्रेणी में दर्ज है। जिसके कारण केंद्र सरकार की अमृत रेलवे स्टेशन योजना में रुड़की रेलवे स्टेशन बना है। इस स्टेशन से पूर्व से ही जम्मू और हावड़ा के लिए काफी यात्री है, लेकिन सियालदह और पंजाब मेल एक्सप्रेस में टिकट फुल होने पर यात्री सफर नहीं कर पाते थे। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हिमगिरि एक्सप्रेस का संचालन फिर से शुरू करने की मांग उठी थी।
बता दे कि सप्ताह में तीन दिन ट्रेन का संचालन अपडाउन रहेगा, जबकि ट्रेन जम्मूतवी और हावड़ा तक करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। 6 अप्रैल को जम्मूतवी स्टेशन से चलकर 2332 (जम्मूतवी-हावड़ा हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर पहुंची और 7 बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई। वहीं हावड़ा स्टेशन से चलने वाली 12331 (हावड़ा-जम्मूतवी हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर पहुंचेगी, जिसके लिए दो मिनट का स्टॉपेज होगा।
राधा रतूड़ी को RTI व्यवस्था की जिम्मेदारी, अधिसूचना जारी..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मुख्य सूचना आयुक्त बन गई हैं। शासन ने नियुक्ति को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। बता दें कि सीएस पद से राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो गया था। जिसके बाद राज्यपाल ने राधा रतूड़ी को मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। बता दें यह नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी। वे तीन साल की अवधि तक या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद पर रहेंगी। बता दें राधा रतूड़ी उत्तराखंड की चौथी पूर्व मुख्य सचिव हैं। जिन्हें राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकारी ऐप से चलेगी अब टैक्सी सेवा, उत्तराखंड में ओला-उबर को मिलेगी टक्कर..
उत्तराखंड: प्रदेश में टैक्सी सेवाओं को सुव्यवस्थित और डिजिटल बनाने की दिशा में सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। प्रदेश में अब ओला-ऊबर की तरह काम करने वाला सरकारी मोबाइल एप विकसित किया जाएगा, जिससे टैक्सी और मैक्सी सेवाओं को एक पंजीकृत प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके। सचिव परिवहन बृजेश संत ने इस संबंध में उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के साथ हुई बैठक में निर्देश जारी किए। इसके साथ ही देहरादून में वाहनों की मैन्युअल फिटनेस जांच दोबारा शुरू करने के लिए परिवहन मुख्यालय द्वारा केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाएगा।
उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ की सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत के साथ हुई बैठक में वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर अहम चर्चा हुई। बैठक में परिवहन मुख्यालय के अधिकारी भी शामिल हुए। महासंघ ने मांग की कि चूंकि हाईकोर्ट ने 15 मई तक ऑटोमेटेड फिटनेस जांच पर स्टे दिया है, इसलिए देहरादून में मैन्युअल फिटनेस जांच की सुविधा भी बहाल की जाए, ताकि वाहन मालिकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
15 दिन का ग्रीन कार्ड देने पर चर्चा
वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर उठ रही मांगों के बीच, सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत ने परिवहन मुख्यालय के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को पत्र भेजा जाए। वर्तमान में, मंत्रालय द्वारा डोईवाला में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर संचालित होने के कारण देहरादून में मैन्युअल फिटनेस जांच के लिए शुल्क जमा कराने की प्रक्रिया बंद कर दी गई थी, जिससे वाहन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में चारधाम यात्रा पर बाहरी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहनों को 15 दिन का ग्रीन कार्ड देने पर चर्चा हुई। सचिव परिवहन ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी हो जाएगा। राज्य के भीतर के वाहनों का ग्रीन कार्ड पूर्व की भांति पूरे यात्रा सीजन के लिए ही बनेगा।
ब्रिटिश कालीन रास्ता बंद करने पर हाईकोर्ट सख्त, पंगोट के ग्रामीणों को मिले न्याय के संकेत..
उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के पंगोट क्षेत्र के बुढ़ पंगोट गांव में ब्रिटिश कालीन पैदल रास्ता बंद किए जाने पर वन विभाग को कड़ी फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में सम्बंधित डीएफओ को निर्देश दिया कि वे शनिवार तक ग्रामीणों के लिए रास्ता खोलें और इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करें। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई शनिवार यानि को भी जारी रखने के आदेश दिए हैं, जिससे ग्रामीणों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
बर्ड सेंचुरी के नाम पर रास्ता बंद करने का आरोप..
बुढ़ पंगोट निवासी याचिकाकर्ता भावना और प्रेमलता बुधलाकोटी ने जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि यह रास्ता एक पारंपरिक वन-वे (बटिया) है, जो गांव के निवासियों की आवाजाही का एकमात्र साधन रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बाद में इस क्षेत्र को बर्ड सेंचुरी घोषित कर रास्ते को बंद कर दिया गया, जबकि वन विभाग ने एक बिल्डर को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए यह कार्रवाई की। याचिका में यह भी उल्लेख है कि संबंधित बिल्डर ने वन भूमि पर अवैध सड़क का निर्माण भी कर लिया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पूर्व में भी वन विभाग ने इसी तरह का निर्णय लेकर एक अन्य गांव का रास्ता बंद कर दिया था। उसको भी कोर्ट ने खोलने के आदेश दिए थे। याचिका में आगे कहा गया कि उनके वहां कई तरह के मरीज हैं। रास्ता बंद होने के कारण वे लोग उपचार करने के लिए गांव से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इसलिए इस प्रतिबंध को हटाया जाये।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में बुढ़ पंगोट के ग्रामीणों द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान वन विभाग के डीएफओ ने कोर्ट में पेश होकर विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि विवादित रास्ता एनजीटी के आदेश के तहत बंद किया गया है। इस पर ग्रामवासियों की ओर से तीखा विरोध जताया गया, जिनका कहना है कि वे न सिर्फ प्रकृति प्रेमी हैं, बल्कि जंगल की संरक्षा और अग्निशमन कार्यों में सबसे आगे रहते हैं। ग्रामीणों ने कोर्ट को बताया कि यह रास्ता उनकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों से जुड़ा है और उसे बंद करके उनके अधिकारों का हनन किया गया है। ग्रामीणों ने यह भी तर्क दिया कि जब जंगल में आग लगती है, तो सबसे पहले वही लोग फर्स्ट फायरमैन की भूमिका निभाते हैं, जबकि अधिकारी बाद में पहुंचते हैं। मामले की सुनवाई आज शनिवार को भी जारी है।
बता दे उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित पंगोट एक बेहद खूबसूरत और शांत पहाड़ी गांव है, जो पक्षी प्रेमियों, ट्रेकर्स और नेचर फोटोग्राफर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। बर्ड सेंचुरी के रूप में प्रसिद्ध यह क्षेत्र 25 से अधिक विलक्षण पक्षी प्रजातियों का घर है, जिसे देखने देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पंगोट से नज़दीक ही जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का रास्ता भी खुलता है, जिससे इसका पर्यटन महत्व और बढ़ जाता है। खासकर गर्मी के मौसम में, जब शहरों की तपिश से राहत की तलाश होती है, पंगोट एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन बनकर उभरता है।