पीएम मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का किया उद्घाटन..
देश-विदेश: लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी पहली बार बिहार की यात्रा पर हैं। आज बुधवार को नालंदा पहुंचे जहां उन्होनें विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन कर दिया है। यह विश्व विघालय 455 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें कुल 221 संरचनाएं हैं। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के द्वारा 19 सितंबर 2014 को इसके निर्माण की नींव रखी गई थी। आर्किटेक्ट बीबी जोशी ने नालंदा विश्वविद्यालय के प्रारुप को डिजाइन किया है।
इस खास मौके पर सीएम नीतिश कुमार ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए खुशी जताई। उन्होनें कहा कि पुराने विश्वविद्यालय के खंडहर आज भी जस के तस है। इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र में रही। यहां पहले 15 हजार छात्र पढ़ते थे। देश और दुनिया के लोग यहां आकर पढ़ते थे। 12वीं सदी में यह नष्ट हो गया था।
रात 10 से सुबह 4 बजे तक उत्तरकाशी यात्रा मार्ग पर नहीं चल पाएंगे वाहन, आदेश जारी..
उत्तराखंड: जनपद में रात 10 से सुबह 4 बजे तक वाहनों के आवागमन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। आगामी मानसून सीजन में चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसी के साथ गंगोत्री हाईवे पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थायी पुलिस चौकी खोली गई है, जहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
एसपी अर्पण यदुवंशी का कहना हैं कि चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए पूर्व में जारी विशेष कार्य योजना में आंशिक संशोधन किया गया है। नई एसओपी में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक यातायात प्रतिबंधित रहेगा। इस अवधि में ऐसे यात्री वाहन जिनकी होटल बुकिंग होगी, उन्हीं को बैरियरों से आगे होटल तक भेजा जाएगा। जबकि रात 10 बजे बाद किसी वाहन को आगे नहीं भेजा जाएगा। सुबह 4 बजे के बाद ही यातायात पुन: संचालित किया जाएगा। बताया कि पूर्व में जारी एसओपी के अन्य बिंदू यथावत रहेंगे। एसपी का कहना हैं कि दुर्घटना संभावित क्षेत्र सोनगाड में अस्थाई चौकी भी स्थापित कर दी गई है।
पौड़ी के इन स्कूलों मे भर्ती घोटाला, सीएम ने दिए एसआईटी जांच के आदेश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिले के अशासकीय विद्यालयों में लिपिक एवं शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने शिक्षा सचिव को दिए निर्देश में कहा कि जांच कर मामले में कार्रवाई की जाए। बता दे कि पौड़ी निवासी राजेश सिंह ने सीएम से की शिकायत में कहा कि जिले के कुछ अशासकीय विद्यालयों में वित्तीय अनियमितता के साथ ही नियुक्तियों में गड़बड़ी की गई है। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच कराने के बाद 4 अक्तूबर 2023 को एसआईटी से जांच कराने की सिफारिश करते हुए इससे जुड़े अभिलेख शासन को भेजे थे, लेकिन शासन स्तर से इस प्रकरण में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि हमेशा से हमारी पारदर्शिता , हमारा संकल्प रहा है उसको लेकर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा की अगर कहीं पर भी इस प्रकार की गलतियां या भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है तो निश्चित रूप से उसमें जांच होनी चाहिए, हम जांच कर भी रहे है और इस मामले में भी हमने जांच के लिए कहा है।
प्रदर्शनकारियों ने यमुनोत्री हाईवे पर लगाया जाम..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों पहले चारधाम यात्रा को रामनगर से डायवर्ट करने के निर्देश दिए थे। जिस पर बावला शुरू हो गया है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने सीएम धामी के फैसले का विरोध करते हुए यमुनोत्री हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने धामी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को काले झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर चारधाम यात्रा के संचालन में छेड़छाड़ की गई तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बता दें इससे पहले गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित सीएम धामी के फैसले पर नाराजगी जताते हुए पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं।
गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित पीएम मोदी को लिख चुके हैं पत्र..
सीएम धामी के फैसले पर बीते दिनों पहले गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं। तीर्थ पुरोहितों ने पत्र में लिखा कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि उत्तराखण्ड के सीएम द्वारा चार धाम यात्रा को ऋषिकेश, हरिद्वार से बदलकर रामनगर से यात्रा के संचालन पर विचार किया जा रहा है, जोकि परम्परा एवं आस्था के विरूद्ध है। यदि सरकार द्वारा परम्परागत यात्रा के साथ एवं धार्मिक मर्यादा के साथ छेड़-छाड की जाती है, तो चार धाम के धार्मिक पर्यटन से जुड़े सभी जनमानस इसका पुरजोर विरोध करेंगे। तीर्थ पुरोहितों ने पीएम मोदी से निवेदन कर कहा कि सीएम धामी द्वारा रामनगर से चार धाम यात्रा को निरस्त कर पहले की तरह परम्परानुसार चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलने दिया जाए।
बाहरी राज्यों के वाहनों से उत्तराखंड में वसूला जाएगा ग्रीन सेस, ये है तैयारी..
उत्तराखंड: राज्य के बाहर से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया को परिवहन विभाग फास्टैग से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए एक हफ्ते में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा। सरकार ग्रीन सेस वसूलने के साथ वाहनों का डेटा भी तैयार करना चाहती है, ताकि इसका यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सके। हालांकि, परिवहन विभाग लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ग्रीन सेस वसूलने की अधिसूचना जारी कर चुका है, लेकिन यह अधिसूचना प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाई है। विभाग अभी ग्रीन सेस वसूलने के प्रभावी तरीके पर विचार कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों का कहना हैं कि पड़ोसी राज्य हिमाचल भी वहां प्रवेश करने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों से ग्रीन सेस वसूलता है। वहां राज्य की सीमा पर बैरियर बनाकर सेस वसूला जाता है, लेकिन उत्तराखंड सरकार की मंशा इससे जुदा है।
वाहनों को रोके बिना ग्रीन सेस वसूलना चाहती सरकार
प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों वाहनों को रोककर ग्रीन सेस वसूलने के पक्ष में नहीं है। इससे ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की संभावना है। इसलिए फास्टैग के विकल्प पर विचार हो रहा है। विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में एनएचएआई से भी संपर्क किया है, लेकिन यहां एक पेच फंसा है। एनएचएआई के टोल बैरियरों में फास्ट टैग की व्यवस्था राज्य के भीतर और बाहर दोनों तरह के वाहनों के लिए है, लेकिन उत्तराखंड में केवल राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों से ही ग्रीन सेस वसूला जाना है।
एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी करेगी सरकार
इसलिए सरकार ने तय किया है कि वह फास्टैग की सुविधा देने वाले बैंक व अन्य एजेंसियों के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी करेगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना हैं कि अगले हफ्ते तक एक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्ट जारी कर दिया जाएगा।
ग्रीन सेस वसूली से होंगे दो फायदे
ग्रीन सेस की ऑनलाइन वसूली से दो फायदे होंगे। पहला लाखों की संख्या में राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन सेस के एवज राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। सरकार के पास उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों के बारे में जानकारी होगी।
अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति में गड़बड़ी, CM धामी ने दिए SIT जांच के आदेश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिले के अशासकीय विद्यालयों में लिपिक एवं शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत पर एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने शिक्षा सचिव को दिए निर्देश में कहा कि जांच कर मामले में कार्रवाई की जाए।पौड़ी निवासी राजेश सिंह ने सीएम से की शिकायत में कहा कि जिले के कुछ अशासकीय विद्यालयों में वित्तीय अनियमितता के साथ ही नियुक्तियों में गड़बड़ी की गई है। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच कराने के बाद 4 अक्तूबर 2023 को एसआईटी से जांच कराने की सिफारिश करते हुए इससे जुड़े अभिलेख शासन को भेजे थे, लेकिन शासन स्तर से इस प्रकरण में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम से की शिकायत में कहा गया है कि प्रकरण की एसआईसी से जांच कराई जाए। शिकायती पत्र में यह भी कहा गया कि तत्कालीन अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वीएस रावत प्रकरण की जांच कर चुके हैं।
जांच रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधक ने प्रबंध समिति के सदस्यों से जो धनराशि जमा की। उसे स्कूल के खाते के स्थान पर चंदे खाते में जमा कर वित्तीय नियमों को ताक पर रखा। प्रबंधक ने उस धनराशि को अपने निजी कार्य में खर्च किया। जबकि स्कूल के पुराने खातों को बंद कर दिया गया। स्कूल के अभिलेखों को स्कूल प्रबंधक के साथ मिलकर खुर्द बुर्द किया गया।
यह भी मामला सामने आया कि एक विद्यालय में हिंदी शिक्षक के पद पर भर्ती में विशेषज्ञ की असहमति के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी ने भर्ती के लिए अनुमोदन कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार इस प्रकरण में विभाग ने पूर्व में मुख्य शिक्षा अधिकारी का जवाब तलब किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि एक अन्य प्रकरण में स्कूल में लिपिक के आरक्षित पद पर सामान्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई। वहीं, एक अन्य मामले में ऐसे व्यक्ति जिस पर गबन के आरोप में मुकदमा चल रहा है। उसे अशासकीय स्कूल में प्रबंधक के पद पर नियुक्त के लिए अनुमोदन कर दिया गया।
18 जुलाई से शुरू होगी 10वीं-12वीं की अंक सुधार परीक्षा, बनाए गए 98 केंद्र..
उत्तराखंड: बोर्ड की 10वीं और 12वीं की अंक सुधार परीक्षा 18 से 24 जुलाई तक होगी। परीक्षा के लिए राज्यभर में 98 केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2023 के छात्र-छात्राओं के लिए यह तीसरा व अंतिम एवं वर्ष 2024 के छात्र-छात्राओं के लिए पहली अंक सुधार परीक्षा होगी। उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं के दो और 12वीं के एक विषय में फेल छात्र-छात्राओं को परीक्षा में पास होने के लिए तीन मौके दिए जा रहे हैं। 18 जुलाई से शुरू हो रही अंक सुधार परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। इस दिन हाईस्कूल का हिंदी और इंटरमीडिएट की हिंदी, कृषि हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत की परीक्षा होगी। 19 जुलाई को हाईस्कूल की अंग्रेजी और इंटरमीडिएट की इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, गृहविज्ञान, ड्राइंग एंड पेंटिंग, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र,शिक्षा शास्त्र, सैन्य विज्ञान की परीक्षा होगी। 20 जुलाई को 10वीं की उर्दू और संस्कृत एवं 12वीं की गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, लेखा शास्त्र, व्यावसायिक अध्ययन व कंप्यूटर।
23 जुलाई को 10वीं के छात्रों की सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक रिटेल एवं सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी। जबकि 12वीं के छात्रों की कृषि शस्य विज्ञान प्रथम, कृषि वनस्पति विज्ञान द्वितीय, कृषि भौतिक एवं जलवायु विज्ञान तृतीय, कृषि, गणित व प्रारंभिक सांख्यिकी पंचम, कृषि अर्थशास्त्र सप्तम, कृषि जंतु विज्ञान अष्टम, कृषि रसायन विज्ञान दशम की परीक्षा होगी। वहीं, 24 जुलाई को 10वीं के छात्रों की विज्ञान विषय की परीक्षा होगी। दिव्यांगों को परीक्षा के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
UKSSSC मे जल्द खुलेगा 1200 भर्ती का पिटारा..
उत्तराखंड: आचार संहिता हटने के बाद अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्तियों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से देश के साथ ही उत्तराखंड में भी आचार संहिता लागू हो गई थी। आचार संहिता 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही समाप्त हो गई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र रावत का कहना हैं कि प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जल्द ही 1200 नई भर्तियां निकलने जा रहा है, जो कि अगले 6 महीने में पूरी हो जाएंगी।
1200 नई भर्तियों में से 600 पद फॉरेस्ट गार्ड के हैं। 84 वन दरोगा के पद हैं। हालांकि अभी इस अध्याचन पर विभागीय स्तर से कुछ कमी है, जिसे जल्द ही पूरा करके यह भर्तियां निकाली जाएंगी। 209 कनिष्ठ सहायक के पद जो कि इंटर लेवल तक के हैं, इनकी विज्ञप्ति भी जल्द आने वाली है। 200 स्टेनो के पदों के साथ ही अन्य छोटे- छोटे मल्टी डिपार्टमेंट में कुल मिलाकर 1200 नई विज्ञप्तियां अगले 6 महीने में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जारी कर दी जाएंगी। इनके बारे में अभ्यर्थी समय-समय पर आयोग की वेबसाइट पर भी जानकारी ले सकते हैं।
2000 पदों पर जल्द होनी हैं परीक्षाएं..
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र रावत ने जानकारी दी है कि इस महीने से लेकर अगले अगस्त सितंबर तक आयोग द्वारा तकरीबन 2000 ऐसे पदों पर परीक्षाएं करवाई जानी हैं, जिनके लिए पहले ही फॉर्म भरे जा चुके हैं।
आबकारी विभाग में सिपाही के 100 पद, परिवहन आरक्षी के 118, सिपाही पद और एक्साइज इंस्पेक्टर के रूप में 14 पदों पर 30 जून को होनी है परीक्षा
सहायक अध्यापक आईटी की रिटर्न परीक्षा के लिए 1544 पदों पर 18 अगस्त को होनी है परीक्षा
स्टोर कीपर यानी कि सहायक भंडारण के 24 पदों पर 21 जुलाई को होनी है परीक्षा
राज्य संपति विभाग में ड्राइवर के 33 पदों पर 7 जुलाई को होनी है परीक्षा
वन विभाग के 200 स्कॉलर पदों पर इन दिनों फिजिकल हो रहा है, तो वहीं जल्दी इस पर रिटर्न परीक्षा भी होनी है
गृह विभाग के तहत होमगार्ड प्रशिक्षक यानी जो लोग होमगार्ड के जवानों को ट्रेनिंग देते हैं, ऐसे 24 ट्रेनर के पदों पर जल्द होनी हैं परीक्षाएं
पिछले ढाई सालों में 4 हजार से ज्यादा लोगों की लगी नौकरी..
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र कुमार का कहना हैं कि आयोग में जिस तरह से पुराना विवाद रहा है, उसके बाद से लेकर अब तक नए पदाधिकारी द्वारा आयोग में काफी सारे सुधार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी ज्वाइनिंग से लेकर अब तक यानी कि जनवरी 2022 से लेकर के 10 जून 2024 तक आयोग द्वारा तकरीबन 4200 पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है।
पहली बार सरकारी विभागों के लिए खाका तैयार..
उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश की रीति और अनुभवों के आधार पर अपनी नीति तय करने वाली प्रदेश सरकार अब अपनी टूल किट से नीतियां बनाएगी। इसमें नियोजन विभाग का लोक नीति एवं सुशासन केंद्र(सीपीपीजीजी) सहयोग करेगा। पहली बार सीपीपीजीजी ने नीति बनाने के लिए एक टूल किट का खाका तैयार किया है। यह टूल किट नीति बनाने का बुनियादी आधार सुझाएगी और वैज्ञानिक, व्यावहारिक और विषय केंद्रित नीति का दस्तावेज तैयार करने में मदद करेगी। सचिव नियोजन डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने साक्ष्य आधारित और डाटा केंद्रित नीति बनाने के लिए इस पॉलिसी मेकिंग टूल किट की मार्गदर्शिका सभी विभागों को भेज दी है। इसमें कदम दर कदम नीति बनाने और उसे लागू करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
सचिव का मानना है कि यह टूल किट प्रगतिशील नीति बनाने में निश्चित तौर पर सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने विभागों से भी अपेक्षा की है कि वे विभागीय नीति निर्माण की प्रक्रिया में इस टूल का प्रयोग करेंगे। उनका मानना है कि इससे साक्ष्य आधारित विभागीय नीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी।
सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्याधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत का कहते हैं, पहली बार नीति बनाने के लिए कोई मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई गई है। हमें नहीं लगता कि किसी अन्य राज्य में ऐसा कोई प्रयोग हुआ है। इस टूल किट की मदद से विभागीय नीतियां बनाने में काफी मदद मिलेगी।
यह बात सही है कि नीति बनाते समय सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और पर्यावरणीय कारण महत्वपूर्ण होते हैं और उत्तराखंड जैसे राज्य में सभी क्षेत्रों और विभागों में नीति बनाने के लिए कोई एक समान दृष्टिकोण लागू नहीं किया जा सकता। लेकिन यह मार्गदर्शिका नीति बनाने का वह बुनियादी आधार प्रदान करती है, जो इसकी आवश्यकता, साक्ष्य, प्रभाव, हित धारकों पर केंद्रित होता है।
उपचुनाव के लिए भाजपा ने ये प्रत्याशी उतारे मैदान मे..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी ने बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को अपना उम्मीदवार चुना है। भंडारी ने लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अब वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा ने मंगलौर विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भड़ाना इससे पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश में विधायक के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय भाजपा की सदस्यता ली थी, और तभी से यह अटकलें थीं कि उन्हें मंगलौर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पार्टी की पर्यवेक्षक टीमों ने बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के माध्यम से केंद्रीय चुनाव समिति को नाम भेजे गए थे। देर रात समिति ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी।