चारधाम यात्रा पंजीकरण का आंकड़ा 18 लाख पार, दर्शन के लिए लागू होगा टोकन सिस्टम..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है, बुधवार को पंजीकरण का आंकड़ा 18 लाख पार पहुंच गया है। वहीं, चारों धामों में दर्शन के लिए टोकन सिस्टम लागू होगा, इस संबंध में बुधवार को पर्यटन विभाग ने उत्तरकाशी, हरिद्वार, चमोली व रुद्रप्रयाग के डीएम, एसएसपी को पत्र जारी कर दिया है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.पूजा गर्ब्याल की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि चारधाम यात्रा में पूर्व की भांति इस बार भी पंजीकरण अनिवार्य है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत अब यह तय किया गया है कि सभी धामों में दर्शन के लिए कतार प्रबंधन या स्लॉट सिस्टम लागू किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से इसकी व्यवस्था मजबूती से करने को कहा है। पिछले साल पर्यटन विभाग ने टोकन सिस्टम लागू किया था जो सफल नहीं हो पाया था। इस बार पूरी रणनीति के साथ यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
अब तक हुए पंजीकरण
यमुनोत्री के लिए 2,92,193, गंगोत्री के लिए 3,29,246, केदारनाथ के लिए 6,33,568, बदरीनाथ के लिए 5,33,518, हेमकुंड साहिब के लिए 31,852 पंजीकरण हो चुके हैं। कुल 18 लाख 20 हजार 377 श्रद्धालुओं ने चारधाम के लिए अब तक पंजीकरण करा लिया है।
अब बिजली कर्मचारियों के लिए भी महंगी हुई बिजली..
उत्तराखंड: प्रदेश में बिजली विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी बिजली महंगी हो गई है। ऊर्जा निगम ने हाल में जारी हुए टैरिफ आदेश के आधार पर सभी कर्मचारियों का फिक्स चार्ज बढ़ा दिया है। मंगलवार को इसका आदेश जारी कर दिया गया। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार इस साल घरेलू श्रेणी में नियामक आयोग ने टैरिफ में 9.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस परिपेक्ष्य में ऊर्जा निगम के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली का फिक्स चार्ज भी रिवाइज किया गया है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व ऑपरेटिंग स्टाफ के लिए फिक्स चार्ज 118 से बढ़ाकर 129 रुपये माहवार, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए फिक्स चार्ज 174 से बढ़ाकर 190 रुपये, जेई व उनके समकक्ष के लिए 315 से बढ़ाकर 344 रुपये, एई, एक्सईएन व उनके समकक्ष अधिकारियों के लिए फिक्स चार्ज 438 से बढ़ाकर 478 रुपये, डीजीएम व समकक्ष अधिकारियों के लिए 612 से बढ़ाकर 668 रुपये, जीएम व समकक्ष अधिकारियों के लिए 746 से बढ़ाकर 814 रुपये प्रतिमाह फिक्स चार्ज हो गया है। ये बढ़ोतरी, यूपीसीएल के अलावा यूजेवीएनएल व पिटकुल के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू होगी।
आज से बदल जाएंगे ये जरूरी नियम, आम आदमी की जेब पर पडे़गा सीधा असर..
देश-विदेश: आज से मई शुरू का महीना शुरू हो गया हैं। वैसे तो प्रतिमाह की 1 तारीख कुछ न कुछ बदलाव लेकर आती है। लेकिन 1 मई 2024 कई मायनों में खास है।क्योंकि 1 मई से कई आईसीआईसीआई सहित कई बैंक हैं जिनके सर्विस चार्जेज बढ़ाने की संभावना है। साथ ही एलपीजी के घरेलू सिलेंडर के दामों में पेट्रोलियम कंपनीज कुछ कटौती कर सकती हैं। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड के नियमों में कुछ बदलाव होने की संभावना है। कुछ बैंक ने अपना मिनिमम बैलेंस बढ़ाने की घोषणा भी की है। इन सभी नियमों को 1 मई से लागू कर दिया जाएगा।
इन बैंकों ने बढ़ाए सर्विस चार्जेस..
प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 1 मई से कई चीजों में ज्यादा चार्ज ग्राहक को देना होगा। इसमें चेक बुक, आईएमपीएस, ईसीएस / एनएसीएच डेबिट रिटर्न, स्टॉप पेमेंट शुल्क आदि सेवाएं शाामिल हैं। यही नहीं आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार ये बदलाव 1 मई 2024 यानी आज से अमल में आ जाएंगे। इसके साथ ही डेबिट कार्ड एनुअल फीस 200 रुपये होगी। वहीं, ग्रामीण इलाकों के लिए ये 99 रुपये प्रतिवर्ष होगी।
यस बैंक ने भी किया बदलाव..
यस बैंक की बात करें तो कई तरह के चार्ज में बदलाव कर दिया गया है। सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की धनराशि बढा दी गई है। यस बैंक के सेविंग अकाउंट प्रो मैक्स में मिनिमम एवरेज बैलेंस 50 हजार रखना अनिवार्य कर दिया गया है। नियमों को फॅालो नहीं करने पर अधिकतम चार्ज 1,000 रुपये पे करना होगा। वहीं सेविंग अकाउंट प्रो प्लस में मिनिमम एवरेज बैलेंस 25 हजार रखना अनिवार्य कर दिया गया है। बदले हुए नियम आज से लागू कर दिये जाएंगे। नियम फॅालो नहीं करने वाले को 750 रुपए पैन्लटी देनी होगी।
एलपीजी सिलेंडर के दाम..
आपको बता दें कि हर माह की 1 तारीख को पेट्रोलियम कंपनीज एलपीजी सिलेंडर के दामों को रिवाइज करती है। जिसमें 14 किलो वाले घरेलू और 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत शामिल होती है। अप्रैल की 1 तारीख को 19 किग्रा वाले सिलेंडर के दामों में 30 रुपए का इजाफा किया गया था। बताया जा रहा है कि 1 मई को 14 किग्रा वाले सिलेंडर के दाम घटने की उम्मीद है। हालांकि पेट्रोलियम कंपनीज ने ऐसी कोई घोषणा अभी तक नहीं की है। लेकिन फिर भी बताया जा रहा है कि घरेलू सिलेंडर के दामों में इस बार जरूर कटौती होगी।
क्रेडिट कार्ड..
1 मई से क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी कुछ बदलाव देखने को मिल रहा है। ज्यादातर बैंक के क्रेडिट कार्ड युटिलिटी बिल भुगतान पर 1% एक्स्ट्रा चार्ज वसूलेंगे। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने घोषणा की कि वे 1 मई, 2024 से अपने क्रेडिट कार्ड से यूटिलिटी बिल के भुगतान पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लेंगे।
देहरादून अग्निकांड में 15 परिवार हुए बेघर, सीएम ने लिया मामले का संज्ञान..
उत्तराखंड: देहरादून में सोमवार 29 अप्रैल को हुए भीषण अग्निकांड में अब सीएम धामी ने संज्ञान लिया है। सीएम ने हादसे में बेघर हुए परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने देहरादून जिलाधिकारी सोनिका को निर्देश दिए हैं कि वो प्रभावित परिवारों को यथासंभव मदद उपलब्ध कराएं। सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी की तरफ से प्रभावित परिवारों के लिए 40 पैकेट राशन मौके पर भेजा है।
आपको बता दे कि देहरादून के खुड़बुड़ा मोहल्ले में कई मजदूर झोपड़ियां बनाकर अपने परिवार के साथ रहते है। यहां कुछ मजदूर झोपड़ियां के पास ही तांबा जला रहे थे। उसी से आग एक झोपड़ी में लग गई। इससे पहले मौके पर मौजदू लोग कुछ कर पाते आग देखते ही देखते अन्य झोपड़ियों तक भी फैल गई। जिसकी चपेट में देखते ही देखते करीब 22 झोपड़ियां आ गई। इस दौरान झोपड़ियों में रखे 8 गैस सिलेंडर भी फट गए थे, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। इस अग्निकांड में इन झोपड़ियों में रहने वाले कई परिवार बेघर हो गए। मामले में प्रशासन हरकत में आया। बताया जा रहा है कि मामले का सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस घटना के पीड़ितों की यथासंभव मदद की जाए। तत्क्रम में जिलाधिकारी की ओर से गोविंदगढ़ में प्रभावित लोगों को 40 पैकेट राशन के भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही पीड़ितों की हर संभव मदद जिला प्रशासन के स्तर से की जाएगी।
डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन..
उत्तराखंड: बढ़ती गर्मी और डेंगू और चिकनगुनिया के खतरे को लेकर उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। विभाग ने उत्तराखंड के सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने ये अलर्ट जारी कर डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर 20 बिंदुओं की गाइडलाइन भी जारी की है। ये अलर्ट स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने उत्तराखंड के सभी जिलों के डीएम, सीएमओ और नगर निगम को जारी किए हैं।
- डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार Micro Plan बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।
- नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम/नगर पालिका आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा आवश्यकतानुसार फॉगिग की जाये।
- जनजागरूकता व जनसहभागिता हेतु आई०ई०सी० संसाधनो का समुचित्त व समयान्तर्गत उपयोग करें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व उनके कार्यवृत्त राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।
- डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” (संलग्न) को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों/चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
- जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइनके अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन यार्डतैयार करमच्छरदानी (LLIN) युक्त पर्याप्तबेड की उपलब्धता, Standard Case Management आदि सुनिश्चित करें एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों के समुचित प्रबन्धन हेतु अपने जनपद में चिकित्सा केन्द्रों को पूर्ण रूप से कार्यशील रखें व उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, नर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।
- डेंगू पीडित गम्भीर रोगियों (DHF/DSS) हेतु Platelets की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 12. डेंगू जांच केन्द्रो में समय से आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
- डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान हेतु, फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से Space/ Focal Spray कराने के साथ साथ जनपदीय आर०आर०टी० द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवंलार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराएँ।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है व जन जागरूकता ही एक कारगर उपाय है। अतः आप अपने स्तर से प्रभावी प्रचार प्रसार करवायें। प्रचार प्रसार सामग्री की सापट प्रति संलग्न।
- स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी
- किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।
- मीडिया को डेंगू एवं चिकनगुनिया सम्बन्धित संवेदनशील सूचनायें व सकारात्मक जानकारी सम्बोधित करने हेतु जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के किसी एक अधिकारी को Media Spokes person अधिकृत किया जाये।
- जनमानस को डेंगू सम्बन्धित जागरूकता एवं समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर Integrated Helpline क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं० 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को अवगत करायें।
- डेंगू एवं चिकनगुनिया की दैनिक रिर्पोट (केस शून्य होने पर भी) संलग्न प्रारूप पर सायं 4:00 बजे तक नियमित रूप से राज्य स्तर पर E-mail- uknvbdcp@gmail.com पर भेजना सुनिश्चित करें। अतः उपरोक्तानुसार समयबद्ध कार्यवाही कर, कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करें।
जंगल में आग लगाते हुए रंगे हाथों पकड़े गए सात लोग, मुकदमा दर्ज..
उत्तराखंड: प्रदेश में जंगल धधक रहे हैं और आग बुझाने के लिए वन विभाग की टीम दिन-रात काम कर रही है। इसी बीच रविवार को वन विभाग की टीम ने अलग-अलग वन क्षेत्र में आरक्षित वनों में आग लगाने वाले सात आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा है। सभी पर वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही एक आरोपी को जेल भेज दिया गया है। सभी को अलग-अलग जगह से पकड़ा गया है। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के वनकर्मियों ने जंगल में आग लगाते हुए एक नेपाली मजदूर को पकड़ा। टीम ने मजदूर को पुलिस के हवाले कर दिया है। मजदूर के तीन साथियों ने उसके खिलाफ बयान दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी कुल्हाड़ मोड़ के समीप सड़क किनारे जंगल में आग लगा रहा था और उसके हाथ में गैस लाइटर भी था।
5 आरोपियों को वन विभाग ने एक साथ दबोचा..
पौड़ी जिले में वन विभाग की टीम ने आरक्षित वनों में आग लगाने वाले 5 आरोपियों को दबोचा है। विभाग का कहना हैं कि पांचों को खिर्सू की समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए देखा गया है। विभाग आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश करेगा। बता दे कि पौड़ी रेंज के तहत खिर्सू में आरक्षित वनों को आग से बचाने के लिए वन विभाग की टीम गश्त कर रही थी। इसी दौरान उन्होंने पांच लोगों मोसार आलम, नाजेफर आलम, फिरोज आलम, नुरूल व शालेम को आरक्षित वन में आग लगाते हुए दबोच लिया। बताया जा रहा है कि ये सभी बिहार के रहने वाले मजदूर हैं और खिर्सू के चौबट्टा में रहते हैं।
सेवा क्षेत्र नीति निवेश करने पर उद्योगों को पांच किस्तों में सब्सिडी दिए जाने के लिए बन रही नियमावली..
उत्तराखंड: प्रदेश की पहली सेवा क्षेत्र नीति के तहत लगने वाले उद्योगों को पांच किस्तों में सब्सिडी दी जाएगी। इस नीति को संचालित करने के लिए नियोजन विभाग नियमावली तैयार कर रहा है। निवेश प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पहले वर्ष में उद्योगों को कुल सब्सिडी का 20 प्रतिशत ही मिलेगा। उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सेवा क्षेत्र नीति को सरकार ने मंजूरी दी है। इस नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ और मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ निवेश की सीमा तय की गई है। नियोजन विभाग के उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (यूआईआईडीबी) के माध्यम से नीति लागू की गई। इस नीति के तहत पात्र उद्योगों को सब्सिडी का लाभ देने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है।
नीति में कुल पूंजी निवेश पर उद्योगों को 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। सेवा क्षेत्र नीति से स्वास्थ्य, वेलनेस, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, स्कूल, कॉलेज, विवि, फिल्म, मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा सेंटर के साथ ड्रोन, विनिर्माण, आयुष, इलेक्ट्रॉनिक, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-बागवानी, हस्तशिल्प में कौशल विकास का प्रशिक्षण संस्थान क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशक प्रोत्साहित होंगे। खास बात यह है कि नीति के तहत लगने वाले उद्योगों को एक मुश्त सब्सिडी नहीं मिलेगी। निवेश परियोजना पर काम के आधार पर निवेशकों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड में गर्मी ने तोड़ा 6 साल का रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने दी चेतावनी..
उत्तराखंड: गर्मी अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह में अपने तेवर दिखाने लगी है। दून में गर्मी ने छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल 2018 में 26 अप्रैल के दिन अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री रिकॉड किया गया था। शुक्रवार के दिन तापमान चार डिग्री बढ़ोतरी के साथ 38 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान बढ़ने के साथ ही गर्म हवाएं भी परेशान करने लगी हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना हैं कि अप्रैल के आखिरी दिनों में तापमान में सामान्य से चार से पांच डिग्री तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। शुक्रवार के दिन तेज धूप के होने के साथ ही गर्म हवाएं भी चलीं। हालांकि रात के न्यूनतम तापमान में एक डिग्री कमी के 19.1 डिग्री रहने से राहत मिली। उधर मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 27 अप्रैल को दून में अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रहने के आसार हैं। इसके साथ केंद्र की ओर से शनिवार को बिजली चमकने और झोंकेदार हवाएं चलने के साथ ओलावृष्टि की संभावना भी जताई है।
पर्वतीय इलाकों में आज बारिश की चेतावनी..
प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में आज मौसम बदला रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से पर्वतीय इलाकों में तेज गर्जन के साथ हल्की बारिश और झोंकेदार हवाएं चलने के आसार हैं। केंद्र की ओर से पर्वतीय जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और 30-40 किलोमीटर की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
जंगल में लगी आग को बुझाने में जुटे वायुसेना के हेलीकॉप्टर, इस झील से भरा पानी..
उत्तराखंड: प्रदेश में जंगलों की आग के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगल धधक रहे हैं। कुमाऊं में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। आलम ये है कि कुमाऊं में बीते 24 घंटे में 50 से भी ज्यादा घटनाएं सामने आईं हैं। अब आग को बुझाने के लिए वायुसेना की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर आग बुझाने में जुट गए हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर शनिवार की सुबह से ही आग बुझाने में जुट गए हैं। हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी का कहना हैं कि कुमाऊं के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
नैनी झील में दो बजे तक बंद रहेगा नौकायन..
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी के अनुसार अभी तक तीन बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। अब तक आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। करोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। बता दें कि झीलों से हेलीकॉप्टर पानी भरेंगे जिस कारण नैनी झील में दो बजे तक नौकायन बंद रहेगा।
राजदरबार में बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए पिरोया गया तिल का तेल, रवाना हुई गाडू घड़ा यात्रा..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 12 मई को खोल दिए जाएंगे। गुरुवार को भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए राजदरबार में तिल का तेल पिरोया गया। बता दें आज गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना होगी। नरेंद्रनगर राजमहल में महारानी माला राजलक्ष्मी शाह के नेतृत्व में नगर की सुहागिन महिलाओं के द्वारा तिल का तेल पिरोया गया। जिसके बाद शाम छह बजे राजदरबार से गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजदरबार में पिरोया जाता है। इसके बाद तेल को गाड़ू घड़ा में डाला जाता है।
कल शाम राजदरबार से गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। विभिन्न पड़ावों से होते हुए 28 अप्रैल को यात्रा डिम्मर गांव पहुंचेगी। सात मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। 8 मई को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी। 9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बद्रीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी व वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 11 को महाभिषेक व बाल भोग के बाद यात्रा बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को विधि-विधान के साथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।