क्या बीजेपी देगी उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका?
उत्तराखंड: प्रदेश में चुनाव से पहले पार्टियों के बीच आने और जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आने और जाने के इन सिलसिलों के बीच कुछ वक्त से एक खबर राजनीतिक हलकों में तैर रही थी। जो कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्य़ाय को लेकर थी। आपको बता दे कि काफी दिनों से चर्चाएं सामने आ रही थी कि किशोर उपाध्य़ाय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। बता दे कि इन बातों को बल तब मिला जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय बीजेपी के नेताओं के साथ रेसकोर्स स्थित बीजेपी के महामंत्री संगठन अजय कुमार के फ्लैट में दिखाई दिए।
किशोर उपाध्याय काफी देर तक यहां बैठे नजर आए। इस दौरान उनके साथ चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहे। जिसे देखते हुए चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया हैं। अब देखना यहां होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में कांग्रेस को जल्द ही बड़ा झटका देगी ? सूत्रों का कहना हैं कि किशोर उपाध्याय लगातार बीजेपी आलाकमान के संपर्क में है। बताया जा रहा था कि कुछ ही वक्त में किशोर उपाध्याय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
बीजेपी में जाने की खबरों के बीच किशोर उपाध्याय का बयान भी सामने आया है उनका कहना कि यह सब अफवाह है। वो वनाअधिकार आंदोलन के मुद्दों को लेकर सभी से मिल रहे हैं। किशोर उपाध्याय ने यह भी कहा कि विघ्न संतोषी ही इस मुलाकात को दूसरे रूप में ले रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने पहले भी कहा है कि उन मुद्दों पर लड़ने या स्वीकार करने वालों के साथ वार्तालाप में मुझे कोई हर्ज नहीं लगता इसलिए अफवाहों पर ध्यान ना दें।
मिशन-2022 में जुटी कांग्रेस प्रत्याशियों के टिकट फाइनल..
उत्तराखंड: कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने को लेकर पूरा मजबूत होमवर्क कर लिया है। 45 टिकट पर सर्वसम्मति बन चुकी है। कांग्रेस चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी ने लंबी कसरत के बाद प्रक्रिया पूरी कर ली है। हरीश रावत का कहना हैं कि 45 टिकट ऐसे हैं, जिस पर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है। सर्वसम्मति से एकराय बन चुकी है।
हालांकि उन्होंने कहा कि इन 45 लोगों में मेरा नाम नहीं है। यदि प्रदेश अध्यक्ष चाहेंगे कि उन्हें चुनाव लड़ना है, तो वो मेरा टिकट फाइनल करेंगे। इस पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सभी की इच्छा है कि हरीश रावत चुनाव लड़ें।
संवैधानिक पदों पर बैठे लोग गरिमा का ख्याल रखें: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल का कहना हैं कि पीएम मोदी की हल्द्वानी की रैली में राज्यपाल की मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को स्वयं ही गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।
जनहित के मुद्दों पर भाजपा सरकार फिसड्डी: गोदियाल..
गणेश गोदियाल ने भाजपा पर जनहित के मुद्दों पर फिसड्डी रहने का आरोप लगाया। कहा कि भाजपा विकास कार्यों के मामलों में कांग्रेस से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाई। भाजपा राज में हर वर्ग परेशान है। कर्मचारी आंदोलन, हड़ताल पर हैं। पत्रकारों से बातचीत में गणेश गोदियाल का कहना हैं कि जनहित के मुद्दों पर भाजपा कहीं भी कांग्रेस के मुकाबले नहीं ठहर पाई है।
भाजपा हर मामले में कांग्रेस से प्रतिस्पर्धा करना चाहती है, लेकिन उसमें फेल हो रही है। देहरादून की राहुल गांधी की रैली से तुलना नहीं कर पाई। और अब हल्द्वानी की रैली भी भाजपा की बेहतर नहीं रही।
दिल्ली से वापस आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मांगी माफी..
उत्तराखंड: प्रदेश के पूर्व सीएम और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर माफी मांगी है। उनका कहना है कि उनसे प्रेस वार्ता में थोड़ी गलती हो गई, मेरे नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है। चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं, बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा। मैं अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूं, मेरे मुंह से वह शब्द शोभा जनक नहीं है।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने दिल्ली से लौटने पर देहरादून में प्रेस वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इसी को लेकर रावत ने रविवार को माफी मांगी। शनिवार को दिल्ली से देहरादून पहुंचने पर पूर्व सीएम और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कांग्रेस मुख्यालय भवन में ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया था।
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि 2022 का विधानसभा चुनाव उनके नेेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और सभी इसमें सहयोग करेंगे। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय नेेतृत्व का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
पार्टी शीर्ष नेतृत्व की बैठक में आज शामिल होंगे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत..
उत्तराखंड: कांग्रेस में मचा घमासान अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। हरीश रावत के ट्वीट के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। इसी क्रम में पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने हरीश रावत से बात भी की है। जिसके बाद आज हरीश रावत दिल्ली में एक पूर्व निर्धारित बैठक में शामिल होंगे। राज्य के और भी सीनियर कांग्रेस नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
आपको बता दे कि हरीश रावत के साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। जिसके बाद राहुल गांधी सभी नेताओं के साथ बैठकर बातचीत के बाद इस इस मामले पर बात करके समाधान निकालेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस बीच प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के निर्देश पर आज और कल होने वाली पार्टी स्तर की सभी बैठकें और कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए हैं।
बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है..
हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
पत्रकारों के सवाल पर गीत गाकर बोले हरीश रावत – कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा.
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार की शाम किसान दिवस पर हरिद्वार पहुंचे। वीआईपी घाट (किसान घाट) पर हरीश रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की। ट्वीट और कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक में भूचाल लाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से बचते बचाते हरीश रावत ने कदम-कदम बढ़ाए जा कांग्रेस के गीत गाए जा और जिंदगी को उत्तराखंडियत पर लुटाए जा.. गीत सुनाकर तमाम कयासों को विराम लगा दिया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को एक ट्वीट किया था। जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गए। गुरुवार को हरिद्वार पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ट्वीट को लेकर गीतों की चंद लाइनों में अपने विरोधियों को मुंह बंद और अपनी सियासी चाल का सार बता दिया। देहरादून से हरिद्वार पहुंचे हरीश रावत का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के आश्रम में स्वागत किया। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने फूल माला पहनाकर हरीश रावत जिंदाबाद, आला रे आला हरीश रावत आला नारे लगाए।
हरीश रावत का काफिला वीआईपी घाट पर पहुंचा। जहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बस इतना ही कहा कि कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा। जिदंगी को उत्तराखंडियत पर लुटाए जा। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जा रहे हैं। इसके बाद उनका काफिला दिल्ली के लिए निकल गया।
जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं- हरीश रावत
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। रावत के कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं जिससे पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी दिख रही हैं। अपने ट्वीट में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान के रवैये पर अंगुली उठाते हुए कुछ ऐसा भी लिख दिया है जिसे कुछ लोग उनके रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं। इन सबके बीच हरीश रावत के सलाहकार सुरिंदर अग्रवाल का भी बयान सामने आया हैं। जिसमें उनका कहना है कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों।
सुरिंदर अग्रवाल का कहना है कि भाजपा ने हमारे किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने हरीश रावत और हमारे सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे किसी सहयोगी को गुमराह किया होगा। भाजपा ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे..
इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी को लिया निशाने पर..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा धमाका कर दिया हैं। प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया। उनका कहना हैं कि अगर इसी तरह का रुख रहा तो वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत काफी समय से स्वयं को पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित करने की मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनसुना कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं। उधर, रावत के मीडिया सलाहकार व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भाजपा का एजेंट कहकर आग में और घी डाल दिया।
अभी तक तो रावत या उनके किसी नजदीकी नेता ने इस मामले में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन बुधवार को स्वयं हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर मोर्चा खोल दिया। फेसबुक व ट्विटर पर की गई पोस्ट में रावत ने चुनाव के समय संगठन पर सहयोग के बजाय नकारात्मक भूमिका निभाने का सीधा आरोप मढ़ दिया। उन्होंने प्रदेश प्रभारी या किसी अन्य केंद्रीय नेता के नाम का उल्लेख तो नहीं किया, लेकिन संकेतों में कह दिया कि चुनाव में जिनके आदेश पर आगे बढ़ना है, उनके प्रतिनिधि मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं।
रावत ने हाईकमान और उनके प्रतिनिधि, यानी प्रदेश प्रभारी सहित उत्तराखंड भेजे गए अन्य केंद्रीय नेताओं पर निशाना साधा है। 73 वर्षीय रावत ने भावुक अंदाज में पार्टी को यह चेतावनी तक दे दी कि बहुत हो गया, विश्राम (राजनीति के दृष्टिकोण से संन्यास ही समझा जाएगा) का समय आ गया।
महत्वपूर्ण बात यह हैं कि अपनी पोस्ट के अंत में रावत ने श्रीमद् भगवद गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि दीन-हीन नहीं बने रहेंगे और न पलायन करेंगे। नया वर्ष ऊहापोह की इस स्थिति में शायद रास्ता दिखा दे। पोस्ट के इन पंक्तियों के भी कई निहितार्थ समझे जा रहे हैं।
आपको बता दे कि रावत ने तो अपनी बात संकेतों में कही लेकिन उनके मीडिया सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने सीधे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का नाम लेकर उन्हें भाजपा के इशारों पर काम करने वाला बता दिया। उनका कहना हैं कि कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो नहीं चाहती कि हरीश रावत को आगे किया जाए। प्रदेश प्रभारी जिस तरह काम कर रहे हैं, उससे कांग्रेस की सत्ता में वापसी में अड़ंगा लग रहा है। हाईकमान को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
विधानसभा चुनाव के लिए cds रावत के नाम का सहारा ले रही है ये दो पार्टिया..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है। आपको बता दे कि राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है।
जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी। उन्होंने अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी। रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे।
धामी का कहना हैं कि ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है। हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थेरविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी।
वही पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा।
वही कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें।
जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी- हरीश रावत
पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला। वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
16 दिसंबर को परेड़ ग्राउंड में होगी राहुल गांधी की रैली..
उत्तराखंड: कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का जवाब परेड मैदान से ही देगी। 16 दिसंबर को दून में होने वाली जनसभा के लिए कांग्रेस ने भी परेड मैदान को ही चुना है। चार दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी परेड़ मैदान में रैली कर चुके है। कांग्रेस पर राहुल की सभा में भीड़ के मामले में भाजपा को टक्कर देने की चुनौती भी होगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि परेड मैदान के लिए प्रशासन से आवेदन कर दिया गया है।
साथ ही जनसभा की तैयारियों को शुरू कर दिया गया है। आपको बता दे कि कांग्रेस वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारत की जीत की याद में इंदिरा प्रियदर्शनी सैन्य सम्मान समारोह आयोजित कर रही है।16 दिसंबर का कार्यक्रम इस श्रृंखला की अंतिम कड़ी है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने रैली की तैयारियों को लेकर गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ चर्चा की।
यादव का कहना हैं कि जनसभा की तैयारी के लिए आठ दिसंबर को बैठक की जा रही है। इसमें जनसभा का खाका तय कर दिया जाएगा। राहुल की जनसभा का कार्यक्रम तय हो चुका है। निसंदेह यह जनसभा ऐतिहासिक होगी। पीएम की रैली सत्ता की रैली थी और कांग्रेस की जनसभा जनता की सभा है।
चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम सकता हैं कांग्रेस का ये दिग्गज नेता..
उत्तराखंड: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भाजपा का दामन थाम सकते हैं, इसे लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं गर्म हैं। हालांकि इसे लेकर दोनों ओर से ही चुप्पी साधी गई है। अलबत्ता, भाजपा के सूत्र प्रधानमंत्री मोदी के चार दिसंबर को दून दौरे के दौरान कुछ बड़े नेताओं के शामिल होने के संकेत दे रहे हैं।
आपको बता दे कि प्रदेश में कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह फिर सतह पर है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय 2017 की हार का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत को निशाने पर लिए हुए हैं। हरीश रावत ने किशोर की टिप्पणी पर नसीहत और चेतावनी भी दी थी। किशोर उपाध्याय सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में इस पर भी कटाक्ष करने से नहीं चूके।
किशोर के तेवरों से कांग्रेस हलकान है। इसे देखते ही किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं हैं। हालांकि संपर्क करने पर किशोर ने सीधे तौर पर न इसका खंडन किया और न ही समर्थन। उनका कहना हैं कि वह उत्तराखंड को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उधर, भाजपा संगठन भी इस पर सीधी टिप्पणी से बच रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के चार दिसंबर को दून दौरे के दौरान कुछ बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की कोशिश में है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण के बीच भी सोशल मीडिया पर वार-पलटवार तेज है। शूरवीर सिंह सजवाण ने सोनिया के साथ बैठकर चर्चा करने और इस दौरान खड़े दिखाई दे रहे किशोर को लेकर पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की।
अपनी पोस्ट में उन्होंने यह दावा भी किया कि 1985 में उन्हें कांग्रेस के तत्कालीन नेताओं कमलनाथ, वीर बहादुर सिंह व चंद्रमोहन सिंह नेगी के आशीर्वाद से देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र का टिकट मिला था। सजवाण के इस दावे पर किशोर ने चुटकी ली। उनका कहना हैं कि सजवाण शपथ लेकर यह बात कह दें तो वह अपनी बात वापस लेंगे।