गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े की टक्कर से खाई में गिरी नेपाली मूल की महिला यात्री..
उत्तराखंड: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा हेलिपैड के समीप घोड़े की टक्कर लगने से एक महिला यात्री गहरी खाई में जा गिरी और उसकी मौत हो गई। एनडीआरएफ ने शव खाई से निकालकर हेलिपैड पहुंचाया। इसके बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर दीपक भट्ट और संजय भट्ट का कहना हैं कि शुक्रवार को शाम लगभग पांच बजे केदारनाथ से गौरीकुंड लौट रही महिला यात्री जिखाकोदरिम 45 वर्ष पत्नी जोगिन्द्र कोहरिन निवासी जिला बीरा नेपाल को चीरबासा में घोड़े ने टक्कर मार दी और वह गहरी खाई में जा गिरी। सूचना पर एनडीआरएफ और यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान खाई में उतरे और शव निकालकर सड़क तक पहुंचाया। महिला को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल लगाया गया था, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू की सीएम धामी खुद कर रहे मॉनिटरिंग, वर्चुअल माध्यम से ली जानकारी..
उत्तराखंड: बुधवार रात केदारघाटी में बादल फटने के बाद से रास्ते बंद हैं। जिस कारण हजारों यात्री फंस गए थे। रास्ते में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक 7,234 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। दो लोगों के शव भी बरामद किए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद सीएम धामी कर रहे हैं। केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू कार्यों की सीएम खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम धामी ने शनिवार सुबह वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से आपदा प्रभावित क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार SDRF, NDRF सहित अन्य बचाव दलों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्परता से कार्य कर रही है। सीएम धामी का कहना हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता प्रदान कर रही है। वो स्वंय बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। स्थानीय नागरिकों समेत 5000 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
आपदा के चलते श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा स्थगित..
उत्तराखंड: भारी बारिश के कारण केदारनाथ में आई आपदा को देखते हुए कांग्रेस ने केदारनाथ बचाओं यात्रा को स्थगित कर दिया हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निर्देश के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यात्रा को स्थगित करने का ऐलान किया है। बता दें कांग्रेस ने दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ निर्माण के विरोध में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की तर्ज पर 24 जुलाई को हरिद्वार से केदारनाथ बचाओ यात्रा शुरु की थी।
कांग्रेस के लिए ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन केदारघाटी में आई आपदा के कारण राहुल गांधी की अपील और निर्देश के बाद प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यात्रा को स्थगित करने की घोषणा की। हालांकि माहरा ने कहा कि स्थितियां सामान्य होने पर सीतापुर से दोबारा यात्रा शुरू होगी। कांग्रेस की केदारनाथ बचाओ यात्रा स्थगित होने पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा के प्रवक्ता विनोद सुयाल ने केदारनाथ में आई आपदा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। सुयाल ने कहा कांग्रेस केवल सैर सपाटे के लिए यह यात्रा कर रही थी। इसलिए यात्रा के दौरान आपदा आई है।
उत्तराखंड पुलिस के 2 दारोगाओं पर केदारनाथ में महिला श्रद्धालु से छेड़छाड़ का आरोप..
एक साल पुराने मामले में अब हुए सस्पेंड..
उत्तराखंड: प्रदेश मे एकाएक महिला उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है। उत्पीड़न के आरोप भी उन पर लग रहे है जिनके जिम्मे महिला अपराध की रोकथाम है। पंतनगर मे हुई घटना के बाद अब रुद्रप्रयाग से एक युवती को चौकी की महिला पुलिस कैंप मे रोक क़र शराब के नशे मे दरोगा द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। युवती ने चौकी इंचार्ज केदारनाथ पर भी महिला पुलिस कैंप का दरवाज़ा बंद करने का आरोप लगाया है। युवती मध्यप्रदेश से केदारनाथ धाम दर्शन के लिए आयी थी। आपको बता दे कि यह संदेश अचानक या बेवजह नहीं था। बताया गया है कि करीब एक साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई के बाद पुलिस महानिदेशक ने पुलिसकर्मियों को यह संदेश दिया है। दरअसल यह पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग जिले का है। यहां पिछले साल एक महिला द्वारा दो पुलिस दारोगाओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश निवासी एक युवती ने शिकायत क़र बताया कि वह बीते साल 26 मई को पैदल केदारनाथ दर्शन के लिए आयी थी। दर्शन के बाद उनको हेलीकाप्टर से वापस आना था। परन्तु मौसम ख़राब होने की वजह से हेलीकाप्टर सेवा बंद हो गई। जिस कारण उन्होंने वही रुक क़र होटल तलाश किए। होटल खाली ना मिलने के बाद उन्होंने चौकी प्रभारी केदारनाथ अंजुल रावत से सम्पर्क किया। चौकी प्रभारी ने उनको महिला पुलिस कैंप मे रुकने को कहा और आश्वासन दिया कि उनके साथ एक महिला कांस्टेबल भी रुकेगी। लेकिन देर रात तक कोई महिला कांस्टेबल वहा नहीं आयी। जिसके बाद शराब के नशे मे दरोगा कुलदीप सिंह ने उनके साथ गंदी हरकते की। आरोप है कि ज़ब युवती ने अपने परिजनों को फ़ोन मिलाने का प्रयास किया तो कुलदीप ने युवती के साथ ज़बरदस्ती करने लगा और चौकी प्रभारी मंजुल रावत ने बाहर से महिला कैंप का दरवाज़ा बंद कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुश्किल से युवती ने कैंप से बाहर निकल क़र अपनी जान बचाई। वही, सोनप्रयाग पुलिस ने मंजुल रावत व कुलदीप सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की धराओ मे मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही दोनों को ससपेंड भी क़र दिया गया है।
उत्तराखंड। साल 2020 में कोरोना नामक वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया की गति अनायास रोक दी थी। उत्तराखंड भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ। पहले लॉकडाउन और उसके बाद महामारी से जूझने के लिए अमल में लाई गई उपायों की लंबी श्रृंखला ने चारधाम यात्रा को लगभग ठप्प कर दिया था। इससे श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वित्तीय स्थिति भी डगमगा गयी थी।
महामारी के भय से उबरी दुनिया ने जब दोबारा गति पकड़ी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से यात्रा मार्गों पर भी हलचल नज़र आने लगी। वर्ष 2022 प्रदेश सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अजेंद्र अजय को बीकेटीसी के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। अजेंद्र के नेतृत्व में बीकेटीसी ने नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया और शासन के सहयोग से यात्रा के लिए आवश्यक अवस्थापना विकास से लेकर परिवेश निर्माण तक के कार्यों को गतिमान किया।
पूर्व में कार्मिकों के वेतन, दैनिक क्रियाकलापों के संचालन और विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए बीकेटीसी को आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ता था। अजेंद्र के कार्यकाल में आय के नए स्रोतों के समुचित नियोजन से बीकेटीसी का वित्तीय तलपट आशातीत लाभ दर्शाने लगा है। विगत ढाई वर्षों में बीकेटीसी की परिधि में आने वाले अनेक पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की सराहनीय पहल की गई। इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर स्थित विभिन्न विश्राम गृहों के उच्चीकरण के भी अभूतपूर्व कार्य किये गए।
बाबा केदार की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कोठा भवन के जीर्णोद्वार और मंदिर परिसर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण की मांग स्थानीय जनता द्वारा तीन दशकों से मांग उठायी जाती रही है। राजनीतिक लाभ के लिए पूर्व में करीब आधा दर्जन से अधिक बार यहां पर भूमि पूजन भी किये गए। मगर अजेंद्र ने इस परियोजना को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया और वर्तमान में न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सहयोग से पांच करोड़ रूपये की लागत से प्रथम चरण के कार्य तेजी से गतिमान हैं।
वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ धाम में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके श्री ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण गत वर्ष एक दानीदाता के सहयोग से एक वर्ष के रिकॉर्ड समय में कराया गया। गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्त हो चुके भैरव मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनता करीब एक दशक से उठाती रही है। मगर अजेंद्र के प्रयासों से कुछ माह पूर्व शुरू हुआ मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूरा होने को है। इसके अलावा तुंगनाथ व विश्वनाथ मंदिर की जर्जर हो चुकी छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य भी सम्पन्न कराये गए हैं।
अजेंद्र के कार्यकाल का सबसे चर्चित कार्य केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराना रहा है। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, सिद्धि विनायक, राम मंदिर अयोध्या जैसे तमाम प्रमुख मंदिरों में स्वर्ण मंडित विभिन्न कार्य कराने वाले मुंबई के लाखी परिवार ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को पूरी तरह से स्वर्ण मंडित किया। हालांकि, राजनीतिक कारणों से कुछ लोगों ने इस पर विवाद खड़ा करने की कोशिश की। मगर कुछ लोगों के दुष्प्रचार को नजरअंदाज कर दिया जाए तो वास्तव में बाबा केदार के गर्भगृह की स्वर्णमयी आभा देश-विदेश के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है।
बीकेटीसी में वित्तीय नियोजन एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। आश्चर्यजनक रूप से पूर्व में यहां इसके नियंत्रण की कोई सटीक व्यवस्था नहीं थी। अजेंद्र ने पदभार ग्रहण करते ही सबसे पहले वित्तीय पारदर्शिता के लिए वित्त अधिकारी का पद सृजित करने की पहल की और इस पर शासन से प्रदेश वित्त सेवा के अधिकारी की तैनाती करवाई। इससे आर्थिक गतिविधियों का नियामन त्रुटिहीन हो गया है। कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है कि बीकेटीसी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों को सम्पादित करने के बावजूद आर्थिक दृष्टि से मजबूत स्थिति में आ गयी है। बीकेटीसी ने वर्तमान यात्राकाल में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार को दस करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की। प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा कि जब किसी निगम अथवा बोर्ड ने प्रदेश सरकार को सहयोग के रूप में धनराशि दी होगी।
वर्ष 1939 में अंग्रेजों के समय में गठित बीकेटीसी में कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति आदि के लिए कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी और ना ही कार्मिकों के लिए कोई सेवा नियमावली थी। बीकेटीसी के इतिहास में पहली बार अजेंद्र ने इसके लिए पहल की और तमाम गतिरोधों के बावजूद सेवा नियमावली बनायीं। धार्मिक संस्थाओं के लिए इस तरह की नियमावली का निर्माण करना दरअसल एक संवेदनशील विषय रहा है। प्रचलित परंपराओं के साथ आवश्यक वैधानिक शर्तों का संयोजन एक चुनौतीपूर्ण टास्क होता है। लिहाजा, इससे पूर्व किसी ने भी इस संवेदनशील विषय को छूने का साहस नहीं किया।
प्रशासनिक व्यवस्था के निर्बाध प्रचालन और कार्य संस्कृति में बदलाव लाने के लिए भी कई प्रयास किये गए। इसमें सबसे प्रमुख निर्णय कार्मिकों का स्थानांतरण था। मंदिर समिति के इतिहास में पहली बार कार्मिकों के स्थानांतरण किये गए। स्थानांतरण प्रक्रिया ने मंदिर समिति में भूचाल ला दिया था। मगर अध्यक्ष ने कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए स्थानांतरण आदेशों को लागू करा कर छोड़ा। कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उनके मनोबल को बढ़ाने के साथ कार्मिकों को गोल्डन कार्ड सुविधा प्रदान करने जैसे अनेक निर्णय लिए गए।
सुधारों के क्रम में धामों में दर्शन व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए बीकेटीसी ने अपना सुरक्षा संवर्ग बनाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। इसको सरकार ने स्वीकृति दे दी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिरों में दर्शन व सुरक्षा की कमान बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मियों के पास होगी।
हालांकि, सुधारों की राह कभी भी आसान नहीं होती है। बीकेटीसी में भी सुधार की बयार कुछ लोगों को पसंद नहीं आयी और वे अध्यक्ष अजेंद्र के विरुद्ध लगातार बात-बेबात के मुद्दों को लेकर विवाद खड़ा करने का प्रयास करते रहते हैं। मगर अजेंद्र ने सारे विरोधों को दरकिनार करते हुए अपना अभियान जारी रखा है।
केदारनाथ-बद्रीनाथ में हुई बारिश, ऊंचे पहाड़ी इलाकों में हिमपात..
उत्तराखंड: रविवार की देर शाम केदारनाथ में मौसम ने करवट ली और हल्की बारिश शुरू हो गई, जबकि ऊंची पहाड़ियों पर इस सीजन का पहला हिमपात दर्ज किया गया, जिससे केदारपुरी में ठंडक बढ़ गई। सुबह से ही धाम का मौसम बेहद सुहावना था और जैसे-जैसे दिन चढ़ा, तेज धूप ने यात्रा के उत्साह को और भी बढ़ा दिया। वही बद्रीनाथ धाम में करीब डेढ़ घंटे तक बारिश हुई, जिससे मौसम ठंडा हो गया और हिमालय की पहाड़ियों पर घना कोहरा छा गया। शाम छह बजे के बाद केदारनाथ में हल्की बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो लगभग आधे घंटे तक जारी रहा। इस दौरान चोराबाड़ी, वासुकीताल और दुग्ध गंगा की ऊपरी पहाड़ियों पर भारी हिमपात हुआ, जिससे क्षेत्र की सुंदरता में और भी निखार आ गया।
10 मई से 06 जून 7 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। 10 मई से लेकर 6 जून तक केदारनाथ धाम में 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं दर्शन कर चुके हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अब तक कुल 7,10,698 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि केदारनाथ धाम 11वें ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इस साल 10 मई से यात्रा की शुरुआत हुई थी। बता दें कि केदानाथ धाम की यात्रा पर जाने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 22 मई को अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक सलाह जारी की। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिए गए हैं। जबकि श्रद्धालु अब ऑनलाइन पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर जा सकते हैं। सरकार ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही निर्धारित तिथि पर तीर्थयात्रा के लिए आएं।
आपको बता दें कि सिर्फ 2 जून को केदारनाथ धाम में दर्शन करने के लिए 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। उत्तराखंड सरकार के अनुसार, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 6,00,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दो जून को 12,857 पुरुषों, 6,323 महिलाओं और 304 बच्चों सहित कुल 19,484 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ में दर्शन किए। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दो जून तक कुल 6,27,213 तीर्थयात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किए. बता दें कि रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा प्रदान की गई सहायता के कारण, केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं आराम से पहुंच रहे हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, “आज 2 जून 2024 को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को कतार में खड़ा कर सुचारु रूप से दर्शन कराए जा रहे हैं।
केदारनाथ में मोबाइल फोन की नो एंट्री, मंदिर समिति ने लगाया प्रतिबंध..
उत्तराखंड: हाल ही में कई विवादास्पद वीडियो के कारण सुर्खियों में रहे केदारनाथ मंदिर में मोबाइल फोन प्रवेश, फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के डिजाइन के प्रभारी बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर परिसर के भीतर विभिन्न स्थानों पर पट्टिकाएं लगाई हैं।
ये नोटिस बोर्ड दर्शाते हैं कि मंदिर के मैदान में सेल फोन की अनुमति नहीं है, मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियो रिकॉर्डिंग सख्त वर्जित है, और मंदिर की निगरानी सीसीटीवी कैमरों द्वारा की जाती है। हाल ही में गढ़वाल हिमालय के केदारनाथ मंदिर में रिकॉर्ड किए गए ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं, जहां तीर्थ पुरोहितों से लेकर आम भक्तों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आपत्ति जताई है और धार्मिक स्थलों पर इस तरह के कृत्यों की गलत तरीके से निंदा की है।
उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने को पीतल में बदलने का सबसे पहले वीडियो वायरल करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने केदारनाथ आपदा के समय आपदा राहत कार्यों को लेकर ना केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा है, बल्कि आपदा घोटाले में मनोज रावत को भी कठघरे में खड़ा किया है।
भाजपा ने केदारनाथ में स्वर्णमंडन के कार्य में घोटाले का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ आपदा में हुए घोटालों पर सही स्थिति जनता के सामने रखने की जरूरत है, क्योंकि सभी मामले उनके क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्हें धार्मिक स्थलों को की छवि से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बिपिन कैन्थोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस घृणित राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मनोज रावत के नेतृत्व में केदारनाथ गए दल ने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए वो भ्रामक व तथ्यहीन हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उनका श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लगा कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर तमाम आरोप लगा रहे हैं। मगर उनके द्वारा अभी तक इसका कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाण जनता के सामने नहीं रखा गया है। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय आपदा के लिए आयी राहत राशि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार से बंदरबांट की, यह जग जाहिर है। आपदा पीड़ितों के हिस्से की धनराशि को अनाप-शनाप तरीके से खर्च किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा “हिटो-केदार” अभियान के नाम पर लाखों रूपये दिए गए। आपदा के पैंसे को ट्रैकिंग के नाम पर लुटा दिया गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से माऊंटेनियर्स एंड ट्रैकर्स एसोसियशन (माटा) नाम की एक संस्था को आनन-फानन में ट्रैकिंग अभियान संचालित करने का जिम्मा सौंप दिया गया। माटा संस्था का सोसायटी रजिस्ट्रार के यहां 22 सितंबर, 2016 को पंजीकरण किया गया और उसी माह इस संस्था को ट्रैकिंग अभियान संचालित करने की अनुमति दे गयी।
इस संस्था के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनोज रावत थे। इस प्रक्रिया में नियम-कानूनों का किसी प्रकार से पालन नहीं किया गया। इस संस्था के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं था। ना ही संस्था के चयन के लिए कोई प्रक्रिया अपनायी गयी। मनोज रावत की संस्था को किस आधार पर यह कार्य दिया गया, इसमें प्रतिभागियों का चयन किसने किया और वो कौन थे, ये कहीं स्पष्ट नहीं है।
केदारनाथ गर्भगृह मामला- सोने की परत मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी होगी गठित..
उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने को लेकर उठे विवादों की जांच गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों संग सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाले सुनार को भी शामिल किया जाएगा। पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में अफवाह फैलाकर राजनीति की जा रही है। इससे धार्मिक आस्था आहत हो रही है। अफवाहों पर विराम लगाने और सच्चाई सामने लाने के लिए सचिव धर्मस्व को गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।
कहा, विपक्षी दल आस्था से जुड़े मामले को अनावश्यक तूल देकर चारधाम यात्रा में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार धार्मिक आस्था से जुड़े मामले को लेकर संवेदनशील है। मंत्री ने सभी से आग्रह किया कि केदारनाथ धाम पर विवाद खड़ा न करें।
सोने की परत चढ़ाने की अनुमति आस्था और भावना के अनुरूप गई थी..
सतपाल महाराज का कहना हैं कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान को स्वीकारा है। समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में ही स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया था। बीकेटीसी की ओर से गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की अनुमति दानदाता की आस्था और भावना के अनुरूप गई थी। सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का संपूर्ण कार्य दानी की ओर से अपने स्वर्णकार से कराया गया। स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल और बाउचर भी बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के बाद दिए गए।