किसी भी खेल प्रेमी के लिए वह क्षण बड़ा ही गौरवपूर्ण होता है जब जन-गण-मन की धुन पर तिरंगा लहराता है। केंद्र सरकार की ‘खेलो इंडिया अभियान’ के बाद से भारतीय समाज में विभिन्न खेलों के प्रति लोकप्रियता बढ़ी है। यह बात मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के निदेशक पवन कुमार जैन ने कही। अवसर था, भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के लेखक डॉ. आशीष द्विवेदी की पुस्तक ‘खेल पत्रकारिता के आयाम’ के विमोचन का। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
मुख्य अतिथि पवन जैन ने खेल पत्रकारिता और उनकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग में खेल को समग्र दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के बाद खेल हमारे समाज को नया मार्ग दिखा सकते हैं। उन्होंने मीडिया प्राध्यापक डॉ. आशीष द्विवेदी की पुस्तक ‘खेल पत्रकारिता के आयाम’ को सामाजिक मनोभाव को सकारात्मक मार्गदर्शन करने वाला शोधपूर्ण ग्रंथ बताया। यह एक ऐसी पुस्तक है जो ना सिर्फ खेलों के बारे में हमें बताती है बल्कि यह पुस्तक हमें खेलों तक लेकर जाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने बताया कि एक खेल प्रेमी ही बेहतर खेल प्रशासक या खेल पत्रकार हो सकता है। खेल के विविध आयामों को समाहित करते हुए यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि जीवन में खेल का बहुत महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी खेल से जुड़ना चाहिए। खेल जीवन में अनुशासन लाता है।
पुस्तक की रचना के संदर्भ में लेखक डॉ.आशीष द्विवेदी ने कहा कि खेल पत्रकारिता के अध्यापन के दौरान ध्यान आया था कि इस विषय पर समग्रता से एक पुस्तक की आवश्यकता है। खेल पत्रकारिता में असीम संभावनाएं हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार विवेक ने पुस्तक के कंटेंट की चर्चा करते हुए कहा कि यह पुस्तक खेल पत्रकारिता के सभी आयाम को समेटती है। उन्होंने कहा कि अब हिंदी समाचार पत्रों में भी खेल के लिए विशेष पन्ने निर्धारित होने लगे हैं, इससे यह परिलक्षित होता है कि खेलों के प्रति वातावरण बेहतर हुआ है।
खेल पत्रकार एवं विशिष्ट अतिथि श्रुति तोमर भदौरिया ने विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि खेलों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। खेलों में महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टि और बाजारवादी सोच को उन्होंने चुनौती माना।
कार्यक्रम का संचालन लोकेन्द्र सिंह ने किया और आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।