पिथौरागढ़ और चमोली के कीड़ाजड़ी और गुच्छी मशरूम को वन उपज की श्रेणी में लाने की तैयारी
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ और चमोली के उच्च हिमालय में लोग कीड़ाजडी के विदोहन के लिए जाते हैं। इसके अच्छे खासे दाम होते हैं। इसी तरह गुच्छी मशरूम की खासी डिमांड होती है। वन विभाग उच्च हिमालय के क्षेत्र में मिलने वाले कीड़ाजड़ी (यारसागुंबा) और गुच्छी मशरूम को वन उपज की श्रेणी में लाने की तैयारी है। इसके लिए वन मुख्यालय में हुई बैठक में फैसला लिया गया था कि जल्द ही प्रस्ताव बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। वन महकमे के अनुसार वन उपज की श्रेणी में आने के बाद कीड़ाजड़ी के अनियंत्रित विदोहन रोकने में मदद मिलेगी
तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर अप्रैल में जब बर्फ पिघलती है तो पिथौरागढ़ और चमोली के उच्च हिमालय में लोग कीड़ाजडी के विदोहन के लिए जाते हैं। इसके अच्छे खासे दाम होते हैं। इसी तरह गुच्छी मशरूम की खासी डिमांड होती है। जो बहुत महंगा बिकता है। यह दोनों हिमालय में होते हैं लेकिन अभी तक वन उपज की दोनों श्रेणियों में नहीं हैं। वर्ष-2018 में एक आदेश हुआ था। जिसमें कहा गया था कि कीड़ाजड़ी के लिए रवन्ना कटेगा और प्रति सौ ग्राम तक कीड़ाजड़ी के लिए संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये तक राशि देनी होगी। इसके अलावा अन्य सूचना भी रेंजर के पास दर्ज करानी होगी। पर इस आदेश का कोई बहुत ज्यादा अनुपालन नहीं हो सका। अब नए सिरे से कोशिश को शुरू किया गया है।
अनियंत्रित विदोहन रोकने में मिलेगी मदद..
वन महकमे के अनुसार वन उपज की श्रेणी में आने के बाद कीड़ाजड़ी और गुच्छी के विदोहन का काम व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा। कौन विदोहन कर रहा है कहां पर विदोहन किया जा रहा है। कितनी मात्रा में विदोहन हुआ है समेत अन्य जानकारी भी विभाग के पास रहेगी। इसके साथ ही कीड़ाजड़ी को लेकर वन उपज को लेकर दुविधा की स्थिति रहती है वह साफ हो सकेगी। स्पष्ट होने के बाद नियम को लागू कराने में मदद मिलेगी। इसके लिए ट्रांजिट फीस भी संबंधित व्यक्ति को देना होगा, इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन कहते हैं कि बीते एक बैठक हुई थी, इसमें कीड़ जड़ी और गुच्छी मशरूम को वन उपज की श्रेणी में लाने का फैसला हुआ था, अब इसके मिनट्स बने हैं। आगे प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि वन उपज में आने के बाद अनियंत्रित विदोहन को रोकने में मदद मिलेगी साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
चमोली में गुलदार की दहशत, बकरी चुगाने गए व्यक्ति पर किया जानलेवा हमला..
उत्तराखंड: चमोली में इन दिनों गुलदार की दहशत बनी हुई है। बकरी चुगाने के लिए गए व्यक्ति पर घात लगाए बैठे गुलदार ने जानलेवा हमला कर दिया। गुलदार के हमले में व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गया। घटना के बाद से क्षेत्र में गुलदार की दहशत बनी हुई है। घटना कर्णप्रयाग ब्लॉक के किमोली कपीरी गांव की है। जानकारी के अनुसार गुलदार ने गांव निवासी 52 वर्षीय व्यक्ति अपनी बकरी को चुगाने के लिए जा रहा था। इस दौरान घात लगाए गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। व्यक्ति के शोर मचाने पर गुलदार मौके से भाग गया। गुलदार के हमले में व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गया। व्यक्ति का शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल बुजुर्ग का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है ।
नीती घाटी में टिंबरसैंण महादेव बनेगा तीर्थाटन का नया डेस्टिनेशन..
उत्तराखंड: चमोली जिले के नीती घाटी में टिंबरसैंण महादेव तीर्थाटन का नया डेस्टीनेशन बनेगा। टिंबरसैंण गुफा में अमरनाथ की तरह प्राकृतिक रूप से शिवलिंग की आकृति बनाती है। चारधाम यात्रा नवंबर माह में संपन्न हो जाती है। इसके बाद सरकार का फरवरी व मार्च में टिंबरसैंण महादेव की यात्रा को बढ़ावा देने पर फोकस है। सरकार का कहना है कि सीमांत गांव में पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। चीन सीमा से सटी नीती घाटी में टिंबरसैंण महादेव की गुफा है। जहां हर साल लगभग 10 फीट तक ब र्फ का शिवलिंग बनता है। स्थानीय लोग पूजा अर्चना के लिए जाते हैं। लेकिन अभी तक देश दुनिया के श्रद्धालुओं को टिंबरसैंण महादेव के बारे में कम जानकारी है।
धार्मिक पर्यटन का नया डेस्टीनेशन बनाने पर काम कर रही सरकार..
वही अब सरकार अमरनाथ की तर्ज पर टिंबरसैंण महादेव की यात्रा को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। अभी तक तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। हर साल यात्रा नया रिकॉर्ड बना रही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि टिंबरसैंण महादेव को धार्मिक पर्यटन का नया डेस्टीनेशन बनाने पर सरकार काम कर रही है। इससे सीमांत गांव नीती माणा में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से पलायन रुकेगा। हमारा प्रयास है कि टिंबरसैंण महादेव की यात्रा के लिए देश दुनिया से तीर्थयात्री उत्तराखंड आएं। इस यात्रा का भी फरवरी व मार्च में प्रचार प्रसार किया जाएगा। साथ ही टिंबरसैंण में तीर्थयात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
चमोली में गहरी खाई में गिरी कार, एक की मौत, चार घायल..
उत्तराखंड: चमोली जिले में जोशीमठ क्षेत्रान्तर्गत, सलूड़ गांव में देर रात एक कार के गहरी खाई में गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी और अन्य चार घायल हो गए। कार के गहरी खाई में गिरने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने खाई से एक व्यक्ति का शव निकाला और अन्य चार को खाई से बाहर निकाला।
बता दे कि सोमवार देर रात कोतवाली जोशीमठ द्वारा जोशीमठ से महज दो किलोमीटर की दूरी पर एक आल्टो कार वाहन खाई में दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली। इस पर जोशीमठ से मुख्य आरक्षी मुकेश ऐठानी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम आवश्यक उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल पहुंची। जहां एक ऑल्टो कार अनियंत्रित होने से लगभग 100 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। कार में पांच लोग सवार थे।
पर्यटकों के लिए खुली विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी..
उत्तराखंड: चमोली जिले स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान बुधवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई। पहले दिन प्रकृति प्रेमियों ने रंग-बिरंगे फूलों का दीदार किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी सोशल मीडिया पर फूलों की घाटी की खूबसूरत तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, दुर्लभ वनस्पतियों से समृद्ध उत्तराखंड के चमोली में स्थित वैली ऑफ फ्लावर्स को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड सरकार आप सभी पर्यटकों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करती है।
प्रभागीय वन अधिकारी नंदा बल्लभ जोशी का कहना हैं कि पहले दिन एक विदेशी सहित कुल 75 पर्यटकों ने फूलों की घाटी का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली घाटी में जून से अक्टूबर तक करीब 500 प्रजाति के फूल खिलते हैं। इन दिनों यहां 12 प्रजातियों के फूल पूरी तरह खिले हुए हैं जो अपनी सुंदरता के कारण बरबस पर्यटकों का मन मोह रहे हैं।
चारों तरफ से बर्फ से ढकी चोटियों के बीच स्थित घाटी में फूलों अलावा अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियां तथा विभिन्न प्रकार के पक्षी भी हैं। फूलों की घाटी में पर्यटक अपराह्न दो बजे तक रुक सकते हैं जिसके बाद उन्हें तीन किलोमीटर दूर आधार शिविर घांघरियां लौटना होगा। फूलों की घाटी 31 अक्टूबर तक खुली रहेगी। कोविड-19 के कारण पिछले दो साल से फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद थी।
चमोली के नारायणबगड़ में बादल फटने से मची तबाही..
उत्तराखंड: लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तराखंड में तबाही मची हुई हैं। आये दिन यहां पर बादल फटने की खबर सामने आ रही हैं। ऐसी ही खबर उत्तराखंड के चमोली जिले से भी सामने आयी हैं। जहां सोमवार तड़के बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दब गए।
वहीं मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी बंद हो गया है। मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।
गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों के करीब 10 से 15 टेंट मलबे में दब गए। जब मलबा आया मजदूर अपने टेंट के अंदर थे। लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील..
घटना के दौरान वह पर मौजूद लोगों का कहना हैं कि कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। बचाव व राहत के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मजदूरों और उनके बच्चों को गांव के लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं। स्थानीय जानकारों का कहना है कि नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है। जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
ब्रेकिंग न्यूज़- मलारी हाईवे पर मैक्स खाई में गिरी,1 की मौत..
उत्तराखंड: चमोली जिले में दर्दनाक हादसा हो गया है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को सुबह करीब सात बजे जोशीमठ मलारी हाईवे पर तपोवन एटी नाले के पास एक मैक्स पिकअप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन दुर्घटना में जोशीमठ के बड़ागांव निवासी सावन कमदी पुत्र मोहन कमदी, उम्र 27 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई है। वाहन जोशीमठ की ओर आ रहा था। जोशीमठ पुलिस द्वारा शव को खाई से निकल लिया गया है। वहीं बुधवार रात को भी यहां एक वाहन खाई में गिर गया था। हादसे में दो लोगों को हल्की चोट लगी थी।
निजमुला में जेसीबी दुर्घटनाग्रस्त,3 की मौत..
वही चमोली जिले में बिरही-निजमुला सड़क पर भंवरी धार के पास एक जेसीबी दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में जा गिरी। घटना में एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। स्थानीय लोगों की सूचना पर थाना पुलिस चमोली और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और शवों को खाई से निकाल कर सड़क तक लाया गया। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि जेसीबी सड़क पर आपदा से क्षतिग्रस्त हुए स्थानों में सुधारी करण कार्य कर रही थी। इस दौरान जेसीबी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है।
चमोली में गहरी खाई में गिरी कार,1 मौत,3 घायल..
उत्तराखंड: प्रदेश में कई जगह सड़कों की हालत खराब हो चुकी है जिससे आवाजाही करने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाहन चालक आए दिन इन सड़क पर हादसे का शिकार होकर अस्पताल का मुंह देख रहे हैं। बारिश के चलते सड़कों पर सफर जोखिम भरा बना हुआ है। सड़कों की हालत खराब है, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
बीती रात जूनीधार में गोठिण्डा-पार्था मोटर मार्ग पर बड़ा कार हादसा हो गया। यहां एक कार गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में एक कार सवार की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा गोठिण्डा में हुआ। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ऑल्टो कार यूके 11 ए 3508 थराली से गोठिंडा जा रही थी। कार में ड्राइवर समेत कुल 4 लोग सवार थे।
गोठिण्डा में जूनियर हाईस्कूल के पास पहुंचते ही चालक कार को बैक करने की कोशिश कर रहा था, इसी कोशिश में कार सीधे गहरी खाई में जा गिरी। हादसा होते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को इस घटना की सूचना देने के साथ ही बचाव कार्य शुरू कर दिया। हादसे में हरिराम पुत्र उमेद राम उम्र 50 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में 40 वर्षीय कुंदन राम, 25 वर्षीय चंदन राम और 52 वर्षीय दिक्की राम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए थराली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बिग ब्रेकिंग- युवक ने मैठाणा पुल से अलकनंदा नदी में लगाई छलांग..
उत्तराखंड: चमोली जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ मैठाणा झूला पुल से एक युवक ने अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत ही इस बात की खबर पुलिस को दी। इसके बाद सूचना पाकर मौके पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची और युवक की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है युवक सैकोट गांव गांव का रहने वाला था, जिसने अज्ञात कारणों के चलते बुधवार को मैठाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी। ये नजारा देखकर वहां पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत ही सारी घटना की जानकारी पुलिस को दी घटना की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मौके पर सर्च एवं रेसक्यू अभियान शुरू कर दिया। अभी तक युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया हैं।