भारत में कई जगहों पर होगी बारिश, 27 नवंबर से बदलेगा मौसम..
उत्तराखंड: दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। एक्यूआई अभी भी लगातार 400 के आसपास बना हुआ है। पिछले दो दिनों में इसमें थोड़ा सुधार देखने को मिला है। दिल्ली के कुल 2 इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। वहीं मौसम विभाग ने बारिश और बर्फबारी को लेकर चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अनुसार 27 नवंबर को उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में मौसम बदलेगा। इससे 27- 28 नवंबर के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अलग-अलग जगहों पर बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली- एनसीआर में 24 नवंबर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इसके बाद से बादलों की आवाजाही देखने को मिलेगी। 23 से 26 नवंबर के दौरान सुबह के समय धुंध देखने को मिलेगी। दिल्ली में 27 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण हल्की बारिश या बूंदाबादी हो सकती है। वहीं 25 नवंबर से पूर्वी हवाओं के साथ एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तप पश्चिम और पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा। इससे जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मौसम बदलेगा। वहीं 24-27 नवंबर के दौरान उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कोंकण, गुजरात, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट गरज और बिजली गिरने की संभावना है।
उत्तराखंड में बदलेगा मौसम का मिजाज, इन जिलों में बारिश का अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश के कुछ जिलों में हो रही बारिश के बीच अब मौसम का पारा धीरे-धीरे नीचे गिरने लगा है। रात के वक्त गिरती ओंस और कम होता तापमान लोगों को ठंड का एहसास करवा रहा है। तो वहीं अब मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश की संभावना जताई है। बारिश के बाद मौसम और ठंडा हो जाएगा। जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने पर्वतीय क्षेत्र में बादल छाए रहने की संभावना जताई है। बताया जा रहा है कि बरसात की वापसी के बाद अब मौसम शुष्क नजर आ रहा है। विभाग ने पर्वतीय क्षेत्र में अगले तीन दिन बारिश होने की संभावना जताई है। जिससे आने वाले सप्ताह में प्रदेश में ठंड बढ़ने वाली है।
विभाग की माने तो मौसम विभाग ने नौ अक्टूबर को भी राज्य के पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत तथा नैनीताल, उधमसिंह नगर जनपदों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई गई है। वहीं 10 अक्टूबर को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर जनपदों में बहुत हल्की वर्षा होने की संभावना है साथ ही इस तरह आने वाले इन दिनों में दो दिन बरसात होने के बाद तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में सुबह के समय मौसम तापमान न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि दोपहर के समय अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है। रविवार को भी मौसम इसी तरह से बने रहने का पूर्वानुमान है।
अगले 24 घंटे देहरादून और बागेश्वर में भारी बारिश का येलो अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में आज मौसम फिर करवट बदलेगा। देहरादून और बागेश्वर में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है, तो कुछ इलाकों में तेज गर्जना के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि देहरादून, बागेश्वर में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। डीएम सोनिका ने भी कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने सभी एसडीएम को हिदायत दी कि अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहें।
वही कपकोट तहसील क्षेत्र में हुई भारी बारिश का सबसे अधिक असर नगरपंचायत क्षेत्र और कनलगढ़ घाटी में हुआ है। कनलगढ़ घाटी के बैसानी गांव में काफी नुकसान होने की सूचना है। शनिवार की रात को क्षेत्र के लोगों ने बादल फटने की सूचना तहसील प्रशासन को दी थी। तहसीलदार पूजा शर्मा और राजस्व उपनिरीक्षक पंकज साह ने रविवार को क्षेत्र में जाकर नुकसान का जायजा लिया।
तहसीलदार शर्मा ने बादल फटने की घटना से इनकार करते हुए बताया कि अतिवृष्टि से बैसानी के पौंसारी में तीन मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। कुछ गोशाला भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। हालांकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं है। राजस्व उपनिरीक्षक साह ने बताया कि खेतों में मलबा भरने से फसलों को भी नुकसान हुआ है। पैदल रास्ते भी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राजस्व विभाग की टीम ने नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार कर ली है।
उत्तराखंड के चार जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट,झमाझम बरसेंगे मेघ.
उत्तराखंड: मौसम विभाग ने मंगलवार को राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश व तीव्र बौछार का अनुमान लगाया है। बुधवार को चार जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट रखा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में दो सितम्बर तक बारिश को लेकर अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी। 31 को नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका है।
एक सितम्बर को नैनीताल, चम्पावत, पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह का कहना हैं कि राज्य में पिछले 24 घंटों में मानसून सक्रिय रहा है और राज्य के अनेक हिस्सों में जोरदार बारिश हुई है। दून में 67.2, मसूरी में 162.5, पंतनगर में 49.6, पिथौरागढ़ में 38.2, नैनीताल में 74.5, जौलीग्रांट में 74, खटीमा में 44 व रानीचौरी में 13 एमएम बारिश दर्ज हुई।
देहरादून सहित इन 4 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य के देहरादून सहित चार जिलों में अगले चौबीस घंटे के भीतर कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने की भी आशंका है। जिसके चलते नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
इस संबंध में राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। रिपोर्टस की माने तो शुक्रवार सुबह से राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में मौसम खराब बना रहा। हालांकि बाद में धूप खिल आई। अगले चौबीस घंटे में देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश की संभावना है।
भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बिजली गिरने के साथ ही गरज के साथ तेज बौछार की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से 102 मार्ग जगह-जगह बाधित हो गए हैं।
उत्तराखंड के इन छह जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से अभी राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे । जिसके चलते मौसम विभाग ने देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग का कहना हैं कि इन जिलों में जहां ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ कहीं-कहीं भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा कि इस बाबत राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को भी अवगत कराया गया है। राजधानी दून में कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है, वहीं कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी के साथ कहीं-कहीं तेज बौछार पड़ने की संभावना है।
उत्तराखंड के सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में बारिश कहर बरसा रही। नदी नाले उफान पर हैं। इस बीच मौसम विभाग ने देहरादून सहित 7 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने सोमवार 01 अगस्त के लिए देहरादून समेत टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चम्पावत और ऊधमसिंहनगर जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
जबकि, अन्य जगह हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश होने से नदी नाले उफान पर हैं।बताया जा रहा है कि गंगा का जल स्तर बढ़ने से लक्सर में किसानों की परेशानी बढ़ गई हैं। रविवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान (293 मीटर) के करीब पहुंच गया है।पानी बढ़ने से गंगा के आसपास के खेतों में फसल जलमग्न हो गई हैं। कई गांवों के संपर्क मार्गों पर भी पानी भर गया है।
चमोली के नारायणबगड़ में बादल फटने से मची तबाही..
उत्तराखंड: लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तराखंड में तबाही मची हुई हैं। आये दिन यहां पर बादल फटने की खबर सामने आ रही हैं। ऐसी ही खबर उत्तराखंड के चमोली जिले से भी सामने आयी हैं। जहां सोमवार तड़के बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दब गए।
वहीं मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी बंद हो गया है। मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।
गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों के करीब 10 से 15 टेंट मलबे में दब गए। जब मलबा आया मजदूर अपने टेंट के अंदर थे। लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील..
घटना के दौरान वह पर मौजूद लोगों का कहना हैं कि कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। बचाव व राहत के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मजदूरों और उनके बच्चों को गांव के लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं। स्थानीय जानकारों का कहना है कि नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है। जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
बारिश से बढ़ा टिहरी झील का जलस्तर, खतरे की जद में कई गांव..
उत्तराखंड: भारी बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं झील के किनारे बसे गांवों के लोग भी जाग-जागकर रात काटने को मजबूर हैं। झील किनारे स्थित उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के कई गांव एक बार फिर खतरे की जद में आ गए हैं। टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोग आने वाली आपदा की आशंका से डरे हुए हैं। पहाड़ में हो रही भारी बारिश से न सिर्फ नदियां उफान पर हैं, आपको बता दे कि टिहरी बांध की झील का पानी भी 828 यूआरएल मीटर बढ़ गया है।
इससे टिहरी के अलावा उत्तरकाशी के कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। चिन्यालीसौड़ के आसपास के इलाकों में स्थित आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले लोग डर की वजह से रात-रातभर सो नहीं पाते। स्वास्थ्य केंद्र, वाल्मीकि बस्ती, नागणीसौड़, पीपलमंडी, ऊर्जा निगम स्टोर, वन विभाग आदि स्थानों पर भवनों में दरार आने के कारण खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि झील का जलस्तर बढ़ते ही कई स्थानों पर कटाव होना शुरू हो जाता है।
साल 2010 के बाद ये स्थिति लगातार बनी हुई है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, लेकिन चिन्यालीसौड़ की सुरक्षा के लिए अब तक कदम नहीं उठाए गए। जो सुरक्षात्मक कार्य हो भी रहे हैं, उनकी रफ्तार बेहद धीमी है। चिन्यालीसौड़ और आसपास के क्षेत्र में टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर से सुरक्षा के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। बीते रविवार को भी टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से जोगत रोड के 10 मीटर हिस्से में भूकटाव हो गया।
लोगों में प्रदेश सरकार को लेकर भी नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने 830 यूआरएल मीटर जलस्तर भरने का आदेश देकर चिन्यालीसौड़ के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते हर वर्ष चिन्यालीसौड़ के लोगों को बढ़ते जलस्तर के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षात्मक कार्यों में तेजी लाने के प्रयास नहीं किए जा रहे।