देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में औद्योगिक वातावरण विकसित करने और युवाओं के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस वेंचर फंड के लिए बजट में 20 करोड़ रुपये का शुरुआती प्रावधान भी किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट प्रस्तुति के दौरान कहा कि राज्य के युवा सिर्फ शिक्षा में डिग्री ही नहीं बल्कि कौशल भी विकसित करेंगे। स्टार्टअप्स के माध्यम से नए प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें सरकार युवाओं का पूरा समर्थन करेगी।
स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख कदम:
. वेंचर फंड: स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड।
. प्रारंभिक प्रावधान: बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन।
. युवाओं को प्रोत्साहन: स्टार्टअप्स में नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
महिला सशक्तीकरण को मिलेगा बूस्ट: जेंडर बजट में 16.66% की बढ़ोतरी
धामी सरकार ने राज्य के विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने में महिलाओं की भूमिका को अहम मानते हुए जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस बार जेंडर बजट को बढ़ाकर 16,961 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष योजनाएं:
योजना का नाम बजट (करोड़ में)
नंदा गौरा योजना – 157.84
मातृत्व वंदन योजना – 21.74
सीएम बाल पोषण योजना – 29.9
महालक्ष्मी किट – 22.62
सीएम वात्सल्य योजना – 18.88
ईजा बोई शगुन योजना – 14.13
सीएम महिला पोषण योजना – 13.96
सीएम आंचल अमृत योजना – 14.00
महिला बहुमुखी विकास निधि – 08.00
विधवा की पुत्री का विवाह – 05.00
महिला एसएसजी सशक्तीकरण – 05.00
महिला उद्यमी विशेष सहायता – 05.00
अल्पसंख्यक मेधावी बालिका – 03.76
सतत आजीविका योजना – 02.00
सरकार की प्रतिबद्धता:
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। सशक्त महिलाएं परिवार, समाज, प्रदेश और देश की समृद्धि का आधार बनेंगी। धामी सरकार के इन प्रयासों से राज्य में नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने राज्य में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक संसाधनों, और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांगों और भावनाओं का सम्मान करते हुए, हमारी सरकार ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य की मूल पहचान बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।”
नए भू-कानून के प्रमुख प्रावधान:
1. 2018 के सभी प्रावधान निरस्त:
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा लागू सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
2. बाहरी व्यक्तियों पर भूमि खरीद प्रतिबंध:
हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, शेष 11 जिलों में बाहरी व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
3. पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती:
पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि के सही उपयोग और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
4. जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित:
अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी प्रक्रियाएं सरकारी पोर्टल के माध्यम से होंगी।
5. ऑनलाइन पोर्टल से निगरानी:
राज्य में भूमि खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई सभी खरीद दर्ज होगी।
6. शपथ पत्र अनिवार्य:
राज्य के बाहर के लोगों को भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र देना होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
7. नियमित भूमि खरीद रिपोर्टिंग:
जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को भूमि खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
8. नगर निकाय सीमा में भू उपयोग:
नगर निकाय क्षेत्र में भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार होगा। नियमों के विरुद्ध उपयोग की गई भूमि सरकार में निहित हो जाएगी।
कानून का संभावित प्रभाव:
. बाहरी व्यक्तियों की अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
. भूमि का बेहतर प्रबंधन, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में।
. भूमि की कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी पर नियंत्रण।
. राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत।
. सरकार का अधिक नियंत्रण, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
नया भू-कानून उत्तराखंड की संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय नागरिकों के हकों की रक्षा करेगा, साथ ही राज्य के मूल स्वरूप को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक और जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण फॉर्म में पूछे गए सवालों को लेकर है, जिन पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है और जवाब देने के लिए 21 फरवरी तक का समय दिया है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अनावश्यक और निजता से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनका उत्तर देना अनिवार्य किया गया है। इनमें आवेदक के विधवा, शादीशुदा या पूर्व संबंधों से जुड़ी जानकारियों को प्रस्तुत करने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन आपत्तियों पर अपना रुख स्पष्ट करे। अदालत ने अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामा चंद्रन और रोहित अरोड़ा ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट में लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया कि ऐसे सवालों का कोई कानूनी औचित्य नहीं है और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप के समान है।
इससे पहले भी UCC को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर लगातार सुनवाई हो रही है। अब सभी की निगाहें सरकार के जवाब पर टिकी हैं।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज भू-कानून संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य रिपोर्टों को भी सदन पटल पर रखने के प्रस्ताव आने की संभावना है।
बजट सत्र के दौरान बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें भू-कानून में संशोधन सहित अन्य अहम प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। राज्य सरकार भू-कानून को और सख्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सत्र में इससे जुड़ा विधेयक लाए जाने की संभावना है।
जनभावनाओं के अनुरूप फैसले का संकल्प
भू-कानून संशोधन को लेकर बनी अटकलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे भू-कानून हो या अन्य कोई कानून या संकल्प, भाजपा सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विपक्ष पर मुख्यमंत्री का तंज
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करता है, लेकिन जब सदन चलता है, तब सार्थक चर्चा से बचता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन के समय का उत्पादक तरीके से उपयोग करना चाहिए, न कि हंगामे में बर्बाद करना चाहिए।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनी एलिवेटेड रोड को खुलने में अब और देरी होगी। डाटकाली मंदिर क्षेत्र में नए क्रॉस फ्लाईओवर के निर्माण के कारण, इस सड़क को मार्च-अप्रैल तक वाहनों के लिए खोला जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस फ्लाईओवर को तेजी से तैयार करने में जुटा है, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी और दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी।
तेजी से जारी है निर्माण कार्य
डाटकाली मंदिर क्षेत्र में बन रहे 70 मीटर लंबे फ्लाईओवर पर 34 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका लगभग 40% कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। गणेशपुर से डाटकाली के बीच 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण अक्टूबर में पूरा हो चुका था, लेकिन फ्लाईओवर निर्माण के चलते इसके उद्घाटन में देरी हुई। अब इसके मार्च से अप्रैल के बीच पूरा होने की उम्मीद है।
डाटकाली मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को राहत
एक्सप्रेसवे पर बनी एलिवेटेड रोड डाटकाली मंदिर चौक तक फैली है, जहां पहले से एक टनल और आशारोड़ी तक फ्लाईओवर तैयार किया जा चुका है। मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक नया फ्लाईओवर तैयार किया जा रहा है, जो सीधे मंदिर को जोड़ेगा और एक्सप्रेसवे के ट्रैफिक को बाधित नहीं करेगा।
मार्च-अप्रैल के बीच इस एलिवेटेड रोड के चालू होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे दिल्ली-देहरादून यात्रा और सुगम हो जाएगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर की समीक्षा बैठक में रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर के निर्माण में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
यातायात सुधार की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परियोजना के तहत, रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा कॉरिडोर
सीएम धामी ने केंद्र सरकार से अनुरोध करने के निर्देश दिए कि देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए। इसके अलावा, उन्होंने बढ़ती आबादी और यातायात के मद्देनजर अन्य शहरों के लिए भी योजनाबद्ध विकास पर कार्य करने पर जोर दिया।
सीएम धामी ने 61 लोगों को ऑनलाइन वितरित की वृद्धावस्था पेंशन..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में पहली बार 60 साल पूरे होते ही 61 बुजुर्गों की ऑनलाइन पेंशन मंजूर की गई। मंगलवार को सीएम ने सचिवालय में सितंबर-2024 से अक्टूबर के बीच 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कुल 61 लोगों को ऑनलाइन माध्यम से वृद्धावस्था पेंशन जारी की।
सीएम धामी का कहना हैं कि समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर अब 59 वर्ष 6 माह की आयु पूरी करने के बाद भी वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन प्राप्त किए जा सकेंगे। आवेदक का फॉर्म स्वीकृति के बाद जिस माह से आवेदक 60 वर्ष की आयु पूरी करे, उस माह के अंत से उनकी वृद्धावस्था पेंशन शुरू हो जाएगी।
इससे बुजुर्गों को समय से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल सकेगा। सीएम ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था का सलीकरण किये जाने से अब हमारे वृद्धजनों को समय से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1500 किया है। अब पति-पत्नी दोनों वृद्ध दंपति को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। हमारा उदेश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, जिसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।
उनका कहना हैं कि राज्य के सभी वृद्धजन उनके अभिभावक के समान हैं। जिनकी सेवा में वे हमेशा तत्पर रहेंगे। बीते तीन साल में लगभग 19000 युवाओं को सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रदान की गई। राज्य में रिक्त पड़े सभी पदों को तेजी से भरे जाने के प्रयास निरंतर जारी है। सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल ने कहा कि विभाग ने ऑनलाइन पेंशन के लिए अभियान चलाया जिसमें 12 हजार व्यक्तियों चिन्हित किया गया। अभियान के अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों का डाटा एकत्रित किया गया जो एक अक्टूबर को 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं एवं वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र हैं। ऐसे व्यक्तियों का डाटा भी एकत्रित किया गया जो 59 वर्ष 6 माह की आयु पूर्ण कर चुके हैं ।
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने कई घोषणाएं..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के लिए कई घोषणाएं की हैं। सीएम ने घामी ने घोषणा की है कि साल 2030 तक 50 से अधिक आबादी वाले गांवों में सड़क पहुंचेगी। इसके साथ ही सीएम ने कहा है कि आगामी राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के जो खिलाड़ी मेडल जीतेंगे उनकों पुरस्कार के लिए नियत धनराशि के बराबर की धनराशि राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाएगी। शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित राज्य स्थापना दिवस पर कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई अहम घोषणाएं की। सीएम धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत राज्य स्थापना दिवस शुभकामनाएं देने के साथ ही गत दिनों अल्मोड़ा जिले में हुई बस दुर्घटना में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। सीएम ने कहा है कि राज्य में 50 और उससे अधिक जनसंख्या वाले सभी गांवों को 2030 तक सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों को साथ लेकर एक समग्र नीति बनायी जाएगी।
सीएम ने कहा कि राज्य में आपदा के कारण मार्ग और पुलों के बह जाने की दशा में यातायात को तुरन्त सुचारू करने के लिए वैलीब्रिज स्थापित किए जाएंगे। उत्तराखंड राज्य में महिलाओं का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए महिला नीति को यथाशीघ्र अधिसूचित किए जाने के साथ ही युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए एक विशिष्ट ’’युवा नीति’’ भी बनाई जाएगी। इसी तरह आगामी राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के जो खिलाड़ी मेडल जीतेंगे, उनकों पुरस्कार हेतु नियत धनराशि के बराबर की धनराशि राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाएगी।
हर साल मनाया जाएगा राष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी दिवस..
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड से बाहर देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासियों के लिए प्रतिवर्ष नवंबर माह में ’’राष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी दिवस’’ आयोजित किया जाएगा। इसी तरह प्रतिवर्ष जनवरी माह में विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखण्डियों के लिए ’’अन्तराष्ट्रीय उत्तराखण्डी प्रवासी दिवस’’ का आयोजन किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कान्ट्रैक्टर और अभियन्ताओं का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए विशेष प्रक्रिया बनाई जएयेगी। महिलाओं को प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की देखभाल हेतु ’’मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा प्रोत्साहन सहायता’’ प्रदान करने के लिए कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
पहाड़ में रेल पहुंचने का सपना होने वाला है साकार..
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हुए कहा कि अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही उत्तराखंड राज्य की स्थापना का सपना साकार हुआ। अब उत्तराखंड राज्य आज प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का एक अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन के चलते सभी क्षेत्रों में उत्तराखंड का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। शहर से लेकर सुदूर पर्वतीय गांवों तक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, विभिन्न जनपदों के लिए हेली सेवाएँ प्रारंभ करने के साथ ही विभिन्न एयरपोर्ट्स और हेलीपोर्टस को विकसित किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के जरिए शीघ्र ही पहाड़ में रेल पहुंचने का सपना साकार होने जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने के साथ ही एम्स ऋषिकेश के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण भी किया जा रहा है। उत्तराखंड पर्यटन, कृषि, बागवानी और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह से राज्य में वृहद स्तर पर व्यवसाय, स्वरोजगार और नौकरियों के अवसर सृजित हो रहे हैं।
सरकार ने औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति सहित अनेकों नई नीतियां बनाकर राज्य में पूंजी निवेश के अवसरों को बढ़ाने का कार्य किया है। इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर के खुरपिया में शीघ्र ही एक ’’इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी’’ स्थापित होने जा रही है। इसलिए वो दिन दूर नहीं जब हम प्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर राज्य से पलायन की समस्या को भी जड़ से खत्म कर सकेंगे।
एक लाख कर्मचारियों को दीवाली बोनस और डीए बढ़ोत्तरी का तोहफा..
उत्तराखंड: राज्य कर्मचारियों को इसी महीने दिवाली बोनस और वेतन मिलेगा। उत्तराखंड सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने इस बात को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया तो उन्होंने सहमति दे दी है। सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष सुनील लखेड़ा के नेतृत्व सीएम धामी से मुलाकात की।प्रतिनिधिमंडल ने 31 अक्टूबर को दिवाली के अवकाश की मांग की, जिस पर सीएम ने मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यूपी व बिहार की भांति इस माह का वेतन इसी महीने देने की मांग की। उन्होंने ये भी मांग की कि दिवाली के लिए 5,400 ग्रेड वेतन तक के अराजपत्रित कार्मिकों को दिवाली का बोनस दिया जाए।
उन्होंने एसीपी का लाभ ले रहे कर्मचारियों के लिए भी बोनस की मांग की। इसके साथ ही तीन प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दिवाली से पहले देने की मांग भी की। सचिवालय संघ अध्यक्ष का कहना हैं कि सीएम ने इन मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दी है। बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इन मांगों से संबंधित प्रस्ताव आ सकते हैं। संघ ने वित्त के स्तर पर लंबित मांगों को लेकर भी सीएम के सामने पक्ष रखा। इस मौके पर उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, प्रचार सचिव रेनू भट्ट, लालमणि जोशी, महासचिव राकेश जोशी के साथ सीएम के सचिव विनय शंकर पांडे और सचिव शैलेश बगोली मौजूद रहे।
उत्तराखंड दौरे पर साउथ फिल्म एक्टर मोहन बाबू, सीएम धामी से की मुलाकात, फिल्म नीति को सरहाया..
उत्तराखंड: साउथ फिल्म एक्टर मोहन बाबू ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बाबा केदारनाथ धाम यात्रा की पर आए मोहन बाबू ने सीएम से मुलाकात कर उत्तराखंड फिल्म नीति पर चर्चा की. साथ ही राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए सीएम का आभार भी जताया। एक्टर मोहन बाबू का कहना हैं कि उत्तराखंड की फिल्म नीति का फिल्मों को बढ़ावा देने का बेहतर प्रयास है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्मांकन के लिहाज से काफी बेहतर हैं।
वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य में फिल्मांकन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म नीति के तहत फिल्मकारों की आवश्यक सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। हमारी फिल्म नीति, राज्य के पर्यटन स्थलों को देश और दुनिया में पहचान दिलाने में सफल हो, इसके लिए भी सरकार प्रयास कर रही है। राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देकर, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश के युवाओं को भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को पहचान दिलाने में सफलता मिलेगी।
आपको बता दे कि उत्तराखंड की नई फ़िल्म नीति में फ़िल्मों के लिए पहले अधिक से अनुदान की राशि को शामिल किया गया है। ओटीटी प्लेटफ़ार्म पर रिलीज़ फ़िल्मों और वेब सीरीज को भी अनुदान की व्यवस्था है। इसके साथ ही नई फ़िल्म नीति में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद, पर्यटन विभाग के साथ मिलकर नये शूटिंग डेस्टिनेशंस को भी लगातार चिन्हित कर रहा है। जिससे राज्य में नये शूटिंग डेस्टिनेशंस को बढ़ावा मिल सकें। इसके साथ ही फिल्मों के जरिए उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।