यूजेवीएनएल की तीन विद्युत परियोजनाओं में एक माह में बनाया बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड..
उत्तराखंड: जल विद्युत निगम लिमिटेड की यमुना घाटी की तीन जल विद्युत परियोजनाओं में एक माह में पहली बार रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। छिबरो, खाेदरी और व्यासी जल विद्युत परियोजना में अगस्त में 724.467 का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया है। अब तक का एक माह का सर्वाधिक उत्पादन 721.990 मिलियन यूनिट बीते साल अगस्त का दर्ज था। यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल का कहना हैं कि उत्पादन की दृष्टि से अगस्त निगम के लिए बेहतरीन साबित हुआ। देहरादून जिले की हिमाचल प्रदेश की सीमा पर यमुना की प्रमुख सहयोगी नदी टोंस पर वर्ष 1975 में छिबरो जल विद्युत परियोजना (240 मेगावाट) की स्थापना की गई थी। इसमें अगस्त में 146.768 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ। यह उत्तर भारत का पहला भूमिगत जल विद्युत गृह है। इसमें 60-60 मेगावाट की चार मशीनों से उत्पादन किया जा रहा है।
30-30 मेगावाट की चार मशीनों से होता है विद्युत उत्पादन..
प्रबंध निदेशक का कहना हैं कि छिबरो की डाउन-स्ट्रीम में वर्ष 1984 में खोदरी जल विद्युत परियोजना (120 मेगावाट) की स्थापना की गई थी। इस परियोजना से अगस्त में 65.589 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन हुआ। निगम की स्थापना के बाद से अब तक का अगस्त माह का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन है। इससे पूर्व अगस्त 2021 में 63.814 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया था। इस परियोजना में 30-30 मेगावाट की चार मशीनों से विद्युत उत्पादन होता है। छिबरो और खोदरी परियोजनाओं का परिचालन टेंडम कंट्रोल तकनीक से किया जाता है।
यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। उन्होंने बताया कि यमुना पर वर्ष 2022 मेंं व्यासी जल विद्युत परियोजना से उत्पादन शुरू हुआ था। इस बार अगस्त में परियोजना में 86.787 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। यह एक माह का सर्वाधिक उत्पादन है। परियोजना में 60-60 मेगावाट क्षमता की दो मशीनों से उत्पादन होता है। वर्ष 1975 में यमुना, टोंस और आसन नदियों के जल से पोषित कुल्हाल जल विद्युत परियोजना (30 मेगावाट) की स्थापना हुई है। परियोजना से अगस्त में 18.795 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ। यह मासिक लक्ष्य से अधिक था। परियोजना में 10-10 मेगावाट की दो मशीनों से उत्पादन किया जाता है।
यूजेवीएनएल का उत्पादन सुधरा, बिजली किल्लत अभी भी बरकरार..
उत्तराखंड: प्रदेश में वैसे तो यूजेवीएनएल का बिजली उत्पादन बढ़ गया है, लेकिन अचानक हो रही किल्लत की वजह से कुछ जगहों पर कटौती हो रही है। यूपीसीएल प्रबंधन मांग के सापेक्ष बिजली उपलब्धता की कोशिश में जुटा है। प्रदेश में इस समय बिजली की मांग वैसे तो करीब 5.5 करोड़ यूनिट चल रही है, जिसके सापेक्ष उपलब्धता 5.4 करोड़ यूनिट तक की है। यूजेवीएनएल का उत्पादन भी 2.4 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है। लेकिन उमस के बीच अचानक बिजली की मांग में उतार चढ़ाव आ रहा है। इसकी वजह से अचानक बिजली की शॉर्टेज पैदा हो रही है, जिसकी बाजार से तत्काल आपूर्ति संभव नहीं है। ऐसे में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एक से डेढ़ घंटे की कटौती हो रही है तो फर्नेश इंडस्ट्री में चार से पांच घंटे की कटौती हो रही है।