गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के मुद्दे पर फिर गरमाई सियासत..
हरदा के बयान पर बहुगुणा का पलटवार..
उत्तराखंड: गैरसैंण स्थायी राजधानी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक बार फिर सियासत गरमा दी है। हरीश रावत का कहना हैं कि सीएम रहते मैं गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना चाहता था, लेकिन विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं ने इसका विरोध किया। कहा कि मैं चाहकर भी गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं कर पाया। उनके इस बयान पर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पलटवार किया। कैबिनेट सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके बयान में आश्चर्यचकित हूं।
उनका कहना हैं कि हम लोग कांग्रेस छोड़कर गए, लेकिन उसके एक साल बाद भी हरीश रावत मुख्यमंत्री रहे। फिर भी उन्होंने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का निर्णय क्याें नहीं लिया। उनके बयान में ढलती उम्र का असर साफ दिखता है। हरीश रावत उत्तराखंड में झूठ बोलने की चलती-फिरती मशीन है। झूठ बोलकर राजनीतिक गर्त में चले गए और कांग्रेस को भी डुबोने में उनकी अहम भूमिका है। हरीश को वानप्रस्थ आश्रम जाकर संन्यास लेना चाहिए। उधर, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने भी हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले किसी भी नेता ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का विरोध नहीं किया। झूठ बोलकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, हरक सिंह रावत सहित कई मंत्रियों को CBI का नोटिस..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को सीबीआई कोर्ट ने नोटिस भेजा है। ये नोटिस बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन 2016 प्रकरण में जारी किया गया है। जिससे प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के दिग्गज नेताओं पर सीबीआई की कार्रवाई से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। उत्तराखंड का स्टिंग ऑपरेशन केस फिर चर्चा में आ गया है। सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट में इन चारों के वॉइस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसको लेकर नोटिस जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि 8 जून को भी इन्हें नोटिस जारी किए गए थे, हालांकि वो नोटिस अभी तक तामिल नहीं हो पाए हैं। इस पर कोर्ट ने दोबारा नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के आदेश दिए हैं। इन चारों में से दो वर्तमान विधायक हैं। इस मामले में दोनों वर्तमान विधायकों को नोटिस शामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विधायकों के विशेषाधिकार को देखते हुए सभी नियमों का पालन करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होनी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया जा रहा है। इस स्टिंग में डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।
तब उमेश कुमार की ओर से दोनों ही स्टिंग को लेकर दावा किया गया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। और अब स्टिंग में जोन आवाजें हैं, उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।
वहीं मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि स्टिंग से जुड़े सीबीआई मामले में पूर्व मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत क्या कह रहे हैं, उन्हें मालूम नहीं है, लेकिन इतना जरूर है, चोरी, डकैती भी हमारे घर पर पड़ी और मुल्जिम भी हम हैं। सब सत्ता का खेल है। कहा, सीबीआई कोर्ट से नोटिस मिलने पर कानून का पालन किया जाएगा। दल बदल भी हमारे यहां हुआ और जिसे इससे लाभ मिला, उसके खिलाफ कुछ नहीं हुआ।
पूर्व सीएम हरीश रावत का भाजपा पर जोरदार हमला..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही है। हमारे कार्यकर्ताओं को प्रलोभन देकर या गलत तरीके से दबाव बना भाजपा में शामिल कराया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेसियों से एकजुट रहने की अपील की। पूर्व सीएम रविवार शाम काशीपुर पहुंचे। हरीश रावत का कहना हैं कि वर्तमान में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो भाजपा की नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठा रही है। इसके चलते भाजपा, कांग्रेस पर लगातार प्रहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस की लीडरशिप को तोड़ना चाहती है। इसके लिए अनुचित तरीके भी अपनाये जा रहे हैं। हालांकि, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस के भविष्य को लेकर उम्मीद जताई। रावत ने कहा कि जब भाजपा का ग्राफ गिरने लगेगा, तब लोग फिर कांग्रेस की ओर लौटेंगे। श्रीलंका के मौजूदा हालात का उदाहरण देते हुए रावत ने कहा कि वर्ष 2024 में भी यह स्थिति आ सकती है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को एकजुट रहना होगा।
मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का बयान देने की बात साबित हुई तो छोड़ दूंगा राजनीति-हरीश रावत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा और कांग्रेस नेता के समर्थकों पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है। उनका कहना हैं कि अगर यह साबित हो जाता है कि उन्होंने कभी राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना करने को लेकर बयान दिया था तो वह राजनीति छोड़ देंगे। भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान के प्रमुख हरीश रावत के इस कथित बयान को चुनावों से पहले एक प्रमुख मुद्दा बना दिया था।
रावत ने रविवार को फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा, “चुनाव में हमारी हार के बाद काफी समय से बिना किसी वजह के मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर बेबुनियाद आरोपों की बौछार की जा रही है। भाजपा समर्थकों के अलावा, हमारे एक नेता से जुड़े कुछ लोग भी मुझ पर निशाना साध रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह राजनीति में मेरा अस्तित्व खत्म करने का एक अवसर है।
हरीश रावत का कहना हैं कि अगर राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित करने का उनका कथित बयान साबित हो जाता है तो वह महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बैठकर राजनीति छोड़ने की घोषणा कर देंगे। इससे पहले रावत ने उन पर लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि अगर पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग को लेकर वे कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गए, तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी। विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर पैर के हमले करने वालों की बाढ़ आ गई है।
योगी को कुटिया बनाने के लिए दे दूंगा जमीन- हरीश रावत..
देश-विदेश: प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार में जुट गए हैं। बुधवार को प्रयागराज पहुंचे हरीश रावत ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा और कहा कि हार के बाद उन्हें कुटिया बनाने के लिए उत्तराखंड में जमीन दे देंगे। हरीश रावत का कहना हैं कि उत्तराखंड में बीजेपी की हार होगी। चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही सीएम पद के लिए दावेदारी जताने में जुटे हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को बहुमत मिलेगा।
उन्होंने यूपी में भी बीजेपी की हार का दावा करते हुए सीएम योगी पर कटाक्ष किया। हरीश रावत ने कहा, ”बीजेपी को उत्तराखंड से भगा दिया गया है। हम सीएम योगी को (यूपी में चुनाव हारने के बाद) उत्तराखंड में कुटिया बनाने के लिए जगह दे देंगे।” गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ का जन्म अविभाजित यूपी के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, जो अब उत्तराखंड में है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सिविल लाइंस के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेहरू परिवार की पांचवीं पीढ़ी जनता से सेवा का मौका मांग रही है, उसे भी मौका दें। उन्होंने कहा कि मोती लाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के बाद अब राहुल और प्रियंका जनता की सेवा के लिए सामने आए हैं।
विधानसभा चुनाव के संदर्भ में हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा को खदेड़ दिया और अब यूपी में भी ऐसा होगा। प्रयागराज त्रिवेणी संगम का क्षेत्र है। प्रयाग की माटी से कांग्रेस का पुराना नाता है। इस लगाव को अब ऊर्जा देने का वक्त आ गया है। उनका कहना हैं कि भाजपा ने यूपी की जनता के अरमान रौंदने का काम किया। ऐसे में अब कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। कोरोनाकाल में लोग बेबसी के हाल में घरों को लौटे। सरकार ने लोगों को मरने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया था।
हरीश रावत का पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के लिए छलका दर्द..
उत्तराखंड: भितरघात पर आए दिन उठ रहे तूफान के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी भाजपा की एक दुखती रग छेड़ दी। सोमवार को मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह के साथ काफी अपमानजनक व्यवहार किया गया है। उनके करीबियों के चुन चुन कर टिकट काटे गए। जिस व्यक्ति को पौने चार साल तक सीएम बनाकर रखा गया, उसे बिना कारण बताए हटा देना भला कहां उचित है?
आपको बता दे कि राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित भोज के दौरान हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र के साथ काफी बुरा किया गया है। उनके साथ नजदीकी को भी एक अपराध माना जाने लगा था। यह आचरण गलत है। नई सरकार पर ब्यूरोक्रेसी की उलझन पर रावत ने कहा कि राज्यहित में काम करने वाले किसी भी नौकरशाह को कांग्रेस की सरकार से दिक्कत नहीं होगी।
वही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर टिप्पणी करने से परहेज किया। त्रिवेंद्र का कहना हैं कि अभी मेरी जानकारी में रावत का बयान नहीं आया है। वैसे भी रावत जी मेरे बड़े भाई के समान हैं।
सरकार बनी तो मुंडन करने वालों को भी पेंशन- हरीश रावत..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म हो गया है। लेकिन उनकी घोषणाओं का दौर भी जारी हैं। बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार अपनी विधानसभा में लोगों के बीच में बने हुए है। इस दौरान वह लोगो की समस्या सुनकर उसके समाधान की घोषणा भी कर रहे है। उन्होंने गुरुवार को मुंडन करने वालो के लिए सम्मान पेंशन योजना लागू करने की भी घोषणा की है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया है कि अभी आगे बहुत कुछ करना है जिसे अभी तक नहीं कर पाए है। इसे हम अपने घोषणापत्र में भी सम्मिलित नहीं कर पाए। उनका कहना है कि मुंडन हिन्दु धर्म का एक बड़ा संस्कार है। जब बच्चे का मुंडन संस्कार होता है और जब किसी का देहांत होता है तो उसके पुत्र व अपने लोग भीमुंडन करते हैं। वर्तमान समय में मुंडन करने वाले लोग विलुप्त होते जा रहे है। फिर भी कुछ लोग मुंडन करने वाले है तो उन्हे राज्य सम्मान योजना योजना प्रारंभ करनी होगी।
इससे पूर्व उन्होंने घस्यारी सम्मान योजना, शगुन आंखर पेंशन योजना के साथ ही पुलिस कर्मियों को ग्रेड पे करने का वादा भी किया है। हरीश रावत ने मंगलगीत गाने वाली महिलाओं के लिए सरकार बनने पर 1800 रुपये की पेंशन दिए जाने की घोषणा की है, जिससे की मांगलिक गीत गाने की परम्परा जीवत रह सके। साथ ही घसियारी महिलाओं के लिए घसियारी सम्मान पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर इस घोषणा के तहत घसियारी महिलाओं को 500 रुपये की सम्मान राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में दी जाएगी। पुलिस के जवानों से भी ग्रेड पे लागू करने का वादा पहले ही कर चुके हैं। वह पुलिसकर्मियों के पास जाकर व ऑडियो क्लिप जारी कर इसकी घोषणा की। कहा की सरकार में आने पर वह पुलिस कर्मियों की इस मांग और अन्य मांगों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे।
विधानसभा चुनाव मतदान खत्म होने के बाद भी खत्म नहीं हुआ हरीश रावत के घोषणाओं का सिलसिला..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पिटारे से नित्य नई घोषणाओं के निकलने का क्रम जारी है। आपको बता दे कि अब उन्होंने तीन और प्रमुख घोषणाएं की हैं। साथ ही भरोसा भी दिलाया है कि सरकार बनने पर इस घोषणाओं को पूरा किया जाएगा।
1- मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को 18 सौ रुपये पेंशन देंगे
आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले महिलाओं के लिए कांग्रेस की सरकार बनने पर 18 सौ रुपये की पेंशन दी जाएगी। अपने फेसबुक पेज पर इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि कई लोग उनसे पूछ रहे हैं कि आप 10 मार्च तक कैसे अपना दिन बिताएंगे। इस पर उनका कहना है कि वह उत्तराखंड और उन लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं, रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले अधिकांश बुजुर्ग हैं। यह परंपरा कहीं टूट न जाए। इसलिए वह चाहते हैं कि इनको भी सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर वह तुरंत शगुन पेंशन प्रारंभ करेंगे। शगुन अक्षर मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को बुजुर्ग आदि के बराबर ही 18 सौ रुपये पेंशन के रूप में दी जाएगी।
2- घसियारी सम्मान पेंशन के रूप में देंगे पांच सौ रुपये
14 फरवरी को मतदान के अगले दिन घसियारी महिलाओं के लिए अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर शेयर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घसियारी सम्मान पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है। कांग्रेस की सरकार बनने पर इस घोषणा के तहत घसियारी महिलाओं को पांच सौ रुपये की सम्मान राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में दी जाएगी।
3- पुलिस कर्मियों से किए सभी वादें प्राथमिकता के आधार पर होंगे पूरे
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने एक विशेष वादा अपने पुलिस के जवानों से किया है, वह वादा उनके ग्रेड पे से जुड़ा है। सरकार में आने पर वह पुलिस कर्मियों की इस मांग और अन्य मांगों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे। उनका कहना हैं कि कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने पुलिस विभाग के रिक्त पदों को भरने में हमेशा वरीयता दी है।
पुलिस भर्ती के रिकॉर्ड से और उनकी प्रमोशन की संख्या के रिकॉर्ड से भी इस बात को देखा व समझा जा सकता है। क्योंकि पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति में 24 घंटे सातों दिन काम करना होता है। इसलिये वह स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर सामान्य तौर पर अन्य कर्मचारी संगठनों की मांगों से इतर पुलिस कर्मियों की मांगों को प्राथमिकता के तौर पर हल किया जाएगा।
दिल्ली से वापस आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मांगी माफी..
उत्तराखंड: प्रदेश के पूर्व सीएम और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर माफी मांगी है। उनका कहना है कि उनसे प्रेस वार्ता में थोड़ी गलती हो गई, मेरे नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है। चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं, बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा। मैं अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूं, मेरे मुंह से वह शब्द शोभा जनक नहीं है।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने दिल्ली से लौटने पर देहरादून में प्रेस वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इसी को लेकर रावत ने रविवार को माफी मांगी। शनिवार को दिल्ली से देहरादून पहुंचने पर पूर्व सीएम और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कांग्रेस मुख्यालय भवन में ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया था।
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि 2022 का विधानसभा चुनाव उनके नेेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और सभी इसमें सहयोग करेंगे। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय नेेतृत्व का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी को लिया निशाने पर..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा धमाका कर दिया हैं। प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया। उनका कहना हैं कि अगर इसी तरह का रुख रहा तो वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत काफी समय से स्वयं को पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित करने की मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनसुना कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं। उधर, रावत के मीडिया सलाहकार व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भाजपा का एजेंट कहकर आग में और घी डाल दिया।
अभी तक तो रावत या उनके किसी नजदीकी नेता ने इस मामले में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन बुधवार को स्वयं हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर मोर्चा खोल दिया। फेसबुक व ट्विटर पर की गई पोस्ट में रावत ने चुनाव के समय संगठन पर सहयोग के बजाय नकारात्मक भूमिका निभाने का सीधा आरोप मढ़ दिया। उन्होंने प्रदेश प्रभारी या किसी अन्य केंद्रीय नेता के नाम का उल्लेख तो नहीं किया, लेकिन संकेतों में कह दिया कि चुनाव में जिनके आदेश पर आगे बढ़ना है, उनके प्रतिनिधि मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं।
रावत ने हाईकमान और उनके प्रतिनिधि, यानी प्रदेश प्रभारी सहित उत्तराखंड भेजे गए अन्य केंद्रीय नेताओं पर निशाना साधा है। 73 वर्षीय रावत ने भावुक अंदाज में पार्टी को यह चेतावनी तक दे दी कि बहुत हो गया, विश्राम (राजनीति के दृष्टिकोण से संन्यास ही समझा जाएगा) का समय आ गया।
महत्वपूर्ण बात यह हैं कि अपनी पोस्ट के अंत में रावत ने श्रीमद् भगवद गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि दीन-हीन नहीं बने रहेंगे और न पलायन करेंगे। नया वर्ष ऊहापोह की इस स्थिति में शायद रास्ता दिखा दे। पोस्ट के इन पंक्तियों के भी कई निहितार्थ समझे जा रहे हैं।
आपको बता दे कि रावत ने तो अपनी बात संकेतों में कही लेकिन उनके मीडिया सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने सीधे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का नाम लेकर उन्हें भाजपा के इशारों पर काम करने वाला बता दिया। उनका कहना हैं कि कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो नहीं चाहती कि हरीश रावत को आगे किया जाए। प्रदेश प्रभारी जिस तरह काम कर रहे हैं, उससे कांग्रेस की सत्ता में वापसी में अड़ंगा लग रहा है। हाईकमान को इसका संज्ञान लेना चाहिए।