चारधाम यात्रा के साथ बढ़ेगी बिजली की खपत, यूपीसीएल ने कसी कमर, 24×7 सप्लाई की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बिजली की मांग में 8 से 10 मेगावाट तक की बढ़ोतरी संभावित है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। जैसे ही यात्रा शुरू होती है, प्रदेश के यात्रा मार्ग, होटल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के आसपास का पूरा क्षेत्र बिजली की रोशनी से जगमगा उठता है। इससे यात्रियों को न सिर्फ सुविधा मिलती है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अहम भूमिका निभाता है। UPCL ने स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बिजली कटौती से बचने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। विद्युत निगम के अधिकारी लगातार यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। बिजली विभाग ने यात्रा मार्गों पर लगे ट्रांसफॉर्मरों, लाइन नेटवर्क और उपकेंद्रों की जांच और आवश्यक मरम्मत पहले ही शुरू कर दी है। फील्ड टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी फॉल्ट या रुकावट की स्थिति में तुरंत समाधान किया जा सके।
सामान्य दिनों के मुकाबले यूपीसीएल के लिए बिजली की मांग का आंकड़ा भी बढ़ जाता है। बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद बिजली की मांग में 2.5 मेगावाट, केदारनाथ में 2 मेगावाट, गंगोत्री में 1.5 मेगावाट, यमुनोत्री में 2 मेगावाट, हेमकुंड साहिब में करीब 2 मेगावाट बढ़ जाती है। बद्रीनाथ और केदारनाथ में आपूर्ति की लाइनें 21-21 किलोमीटर लंबी है।
ये हैं तैयारियां
केदारनाथ धाम में 200 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना की मरम्मत का काम पूरा करके 25 अप्रैल तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। 33 केवी गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 33 केवी, 11 केवी लाइन की लॉपिंग चौपिंग पूरी।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक क्षतिग्रस्त 11 केवी लाइन, एलटी लाइन, स्ट्रीट लाइट लाइन की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। गुप्तकाशी-सोनप्रयाग लाइन और 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि का काम पूरा। धाम में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक विभिन्न स्थानों पर दो सहायक अभियंता, पांच अवर अभियंता तैनात किए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर 26 मजूदरों को भी तैनात किया गया है।
केदारनाथ धाम के लिए रुद्रप्रयाग में तीन अतिरिक्त स्त्रोतों से बिजली की आपूर्ति दी जाएगी। ताकि एक जगह बाधा आने पर दूसरी लाइन से आपूर्ति की जा सके।
बद्रीनाथ धाम में 1300 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना है, जिससे धाम में बिजली दी जाती है। धाम की आंतरिक प्रकाश व्यवस्था 25 केवीए के जेनरेटर से की जाती है। यहां भी लाइनों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। अत्यधिक लोड बढ़ने पर लो वोल्टेज की स्थिति से निपटने के लिए बदरीनाथ में 33 केवी का नया सब स्टेशन बनेगा, जिसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। पांडुकेश्वर सब स्टेशन की क्षमता वृद्धि का काम 25 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा।
गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यूपीसीएल ने लाइनों की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है। यमुनोत्री में दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। पहले यहां पांच किमी दूर से एलटी लाइन आती थी। अब 24 घंटे आपूर्ति के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
चारों धाम में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं चौबंद की जा रही हैं। चारों धाम में इंजीनियरों की ड्यूटी लगाने के साथ ही आकस्मिकता की स्थिति के लिए ट्रांसफार्मर, पोल व अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।