श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार, केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार हो गया है। शुरुआती 15 दिनों में ही श्रद्धालुओं ने यह रिकॉर्ड बनाया है। प्रशासन के अनुसार 10 से 24 मई तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 10.30 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 4.47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बिना पंजीकरण के यात्रा नहीं करने दी जाएगी। इस पर सख्ती बरती जा रही है। यात्रा मार्गों और धामों में भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जाएगी। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन चार दिन के भीतर बिना पंजीकरण के रोके गए तीर्थ यात्रियों का बैकलॉग खत्म हो जाएगा। शुक्रवार को मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा सीएम पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यात्रियों को यदि किसी स्थान पर ठहराया जा रहा है तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट..
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में एक सप्ताह से रुके यात्रियों का पंजीकरण कर यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में 7500 लोग रुके हैं। उन्हें भी तीन से चार दिन में भेजा जाएगा। चारों धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। धामों में साफ-सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए दो अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिए गए। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।
फर्जी पंजीकरण करने में 13 मुकदमे दर्ज..
चारधाम यात्रा के लिए फर्जी पंजीकरण करने में टूर ऑपरेटरों के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में एक और रुद्रप्रयाग में नौ एफआईआर दर्ज की गई। सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए गए कि बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जाएगी।