बड़ों की तुलना में बच्चों को कोरोना से गंभीर बीमारी होने का जोखिम कम-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री..
देश-विदेश: कोविड संक्रमण वयस्कों की तुलना में बच्चों को कम नुकसान पहुंचाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से शुक्रवार को लोकसभा में बताया, संक्रमण वयस्कों के मुकाबले बच्चों और किशोरों में कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
बच्चों में संक्रमण और टीकाकरण पर पूछे गए सवाल के जवाब में पवार का कहना हैं कि एक जनवरी, 2022 से 25 जुलाई, 2022 तक 18 वर्ष तक के बच्चों के 7,362 नमूनों में ओमिक्रॉन और 118 नमूनों में इसके सब-वैरिएंट का पता चला है। इसके साथ ही उनका कहना हैं कि 12 से 18 वर्ष के बच्चों को 26 जुलाई तक देश में 9.96 करोड़ पहली खुराक (82.2 फीसदी कवरेज) और 7.79 करोड़ दूसरी खुराक (64.3 फीसदी कवरेज) दी जा चुकी हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी दी, अभी 12 साल से कम के बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं किया गया है।
आपको बता दे कि देश में कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट नहीं मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में कहा कि इस वक्त अधिकांश राज्यों में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का असर ही सबसे अधिक देखा जा रहा है। वैरिएंट के हल्के असर से संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है।
राज्यमंत्री पवार ने कहा, कोरोना के खिलाफ राज्यों को सहयोग किया जा रहा है। स्वास्थ्य राज्यमंत्री पवार ने सदन को बताया कि देश में मंकीपॉक्स से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि कुल चार मामलों की पुष्टि हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों में मई से कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।