उत्तराखंड सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर को देखते हुए बहनों के लिए विशेष प्राविधान किए हैं। सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर पर यात्रा करने वाली महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दिये जाने की घोषणा की। इससे लगभग 50 हजार आंगनबाङी और आशा कार्यकत्री लाभान्वित होंगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए ये घोषणाएं की। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ त्यौहार है। हम प्रतिवर्ष इस त्यौहार को बड़ी खुशी व आत्मीयता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी को अपनी बहनों का इंतजार रहता है।
मगर कोरोना महामारी के कारण हम इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक रूप से अपने त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं। ऐसे में भी, हमारी हजारों आंगनवाड़ी व आशा बहनें फ्रंट लाइन में रह कर हमें कोरोना से बचने व बचाने के लिए अपने आप को जोखिम में डालकर काम में जुटी हुई हैं। हमें सतर्क करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरी उन सभी बहनों के लिए बहुत ही शुभकामनाएं हैं। वो सब स्वंय भी स्वस्थ रहें तभी वे औरों के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकती हैं। मुख्यमंत्री ने आज आंगनवाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को 1-1 हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की। इससे पूर्व भी प्रदेश सरकार द्वारा कोविड -19 में उनकी भूमिका देखते हुए 1-1 हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर विगत वर्षों तक बड़ी संख्या में बहनें रक्षासूत्र बांधने आती थीं और अपना आशीर्वाद व अपनी शुभकामनाएं मुझे प्रदान करती थीं। मगर इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण परिस्थितियां बदली हैं। सैकड़ों बहनों की राखियां मुझे पहुंची हैं। निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद राखियों के साथ मुझे प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी बहनों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और इस अवसर पर उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी बहनों की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अनेक बहनें बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मन्दिर, चंडी देवी मंदिर के साथ ही अन्य तमाम मंदिरों में प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। सरकार ने उन्हें मौका दिया है कि हमारे स्थानीय उत्पादों से तैयार प्रसाद का श्रद्धालु भगवान को भोग चढ़ाएं। सरकार उन्हें हर संभव मदद कर रही है। इसके साथ ही राज्य की महिलाओं और महिला समूहों के लिए 05 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है, ताकि बहनें अपने पैरों में खड़ी हो सकें और छोटी-मोटी मदद के लिए उनको किसी की आवश्यकता ना पड़े।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि जब हम महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो बहुत जरूरी है, कि हमारी बहनें व बेटियां शिक्षित हों और वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि सरकार की नीतियों में इसकी छाप दिखे।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने कोरोना के दृष्टिगत सभी से आवश्यक सावधानियाँ बरतते हुए रक्षाबंधन त्यौहार मनाने की अपील की है।