महाकुंभ के लिए तैयार हो रही धर्मनगरी हरिद्वार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। हरिद्वार में दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक संस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा।
प्रदेश सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।”
प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है।
कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है।
इसके पीछे मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था का भाव तो जागृत हो ही, साथ ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सके।
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो, कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं।
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे।
हरिद्वार कुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य हो।