विधानसभा चुनाव मतदान खत्म होने के बाद भी खत्म नहीं हुआ हरीश रावत के घोषणाओं का सिलसिला..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पिटारे से नित्य नई घोषणाओं के निकलने का क्रम जारी है। आपको बता दे कि अब उन्होंने तीन और प्रमुख घोषणाएं की हैं। साथ ही भरोसा भी दिलाया है कि सरकार बनने पर इस घोषणाओं को पूरा किया जाएगा।
1- मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को 18 सौ रुपये पेंशन देंगे
आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले महिलाओं के लिए कांग्रेस की सरकार बनने पर 18 सौ रुपये की पेंशन दी जाएगी। अपने फेसबुक पेज पर इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि कई लोग उनसे पूछ रहे हैं कि आप 10 मार्च तक कैसे अपना दिन बिताएंगे। इस पर उनका कहना है कि वह उत्तराखंड और उन लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं, रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले अधिकांश बुजुर्ग हैं। यह परंपरा कहीं टूट न जाए। इसलिए वह चाहते हैं कि इनको भी सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर वह तुरंत शगुन पेंशन प्रारंभ करेंगे। शगुन अक्षर मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को बुजुर्ग आदि के बराबर ही 18 सौ रुपये पेंशन के रूप में दी जाएगी।
2- घसियारी सम्मान पेंशन के रूप में देंगे पांच सौ रुपये
14 फरवरी को मतदान के अगले दिन घसियारी महिलाओं के लिए अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर शेयर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घसियारी सम्मान पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है। कांग्रेस की सरकार बनने पर इस घोषणा के तहत घसियारी महिलाओं को पांच सौ रुपये की सम्मान राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में दी जाएगी।
3- पुलिस कर्मियों से किए सभी वादें प्राथमिकता के आधार पर होंगे पूरे
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने एक विशेष वादा अपने पुलिस के जवानों से किया है, वह वादा उनके ग्रेड पे से जुड़ा है। सरकार में आने पर वह पुलिस कर्मियों की इस मांग और अन्य मांगों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे। उनका कहना हैं कि कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने पुलिस विभाग के रिक्त पदों को भरने में हमेशा वरीयता दी है।
पुलिस भर्ती के रिकॉर्ड से और उनकी प्रमोशन की संख्या के रिकॉर्ड से भी इस बात को देखा व समझा जा सकता है। क्योंकि पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति में 24 घंटे सातों दिन काम करना होता है। इसलिये वह स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर सामान्य तौर पर अन्य कर्मचारी संगठनों की मांगों से इतर पुलिस कर्मियों की मांगों को प्राथमिकता के तौर पर हल किया जाएगा।