जिला अस्पताल की शिफ्टिंग के विरोध में रुद्रप्रयाग में धरना..
रुद्रप्रयाग। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग की शिफ्टिंग का विरोध और इसे पूर्व की भांति संचालन व माधवाश्रम अस्पताल को बेस अस्पताल के रूप में विकसित करने की मांग को लेकर अस्पताल बचाओ समिति का क्रमिक अनशन मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान विधायक भरत सिंह चौधरी के व्यवहार के प्रति भी आंदोलनकारियों ने रोष जताया। उन्होंने मांगपूर्ति तक आंदोलनरत रहने का निर्णय लिया है।
बीते आठ दिसंबर से जारी धरना में समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला चिकित्सालय से अनुभागों को माधवाश्रम अस्पताल में शिफ्ट करने के बजाय पूर्व की भांति संचालन किया जाए। जिलेवासियों के साथ ही चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले जरूरतमंद लोगों को जिला चिकित्सालय पहुंचने में आसानी होती है। लेकिन जिस तरह से अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन द्वारा यहां से हड्डी रोग, दंत, नेत्र, ईएनटी सहित अन्य अनुभागों को माधवाश्रम अस्पताल शिफ्ट किया गया है, वह स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से सही नहीं है।
मुख्य बाजार से कोटेश्वर पहुंचने के लिए मरीज व तीमारदारों को खासी दिक्कतें होंगी। लेकिन इस दिशा में कोई विचार नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस के राय सिंह बिष्ट, आप पार्टी के केपी ढौडियाल व जोत सिंह बिष्ट और सामाजिक कार्यकर्ता जयपाल भारती आदि ने कहा कि अगर शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करनी हैं, तो जिला चिकित्सालय को शिफ्ट करने के बजाय कोटेश्वर अस्पताल को बेस अस्पताल की तर्ज पर विकसित किया जाए।
उन्होंने विधायक भरत चौधरीके प्रति भी नाराजगी जताई। कहा कि विधायक जिला चिकित्सालय में आए। लेकिन उन्होंने धरना स्थल की तरफ देखना भी जरूरी नहीं समझा। इस मौके पर भूपाल सिंह, महेश्वर प्रसाद पुरोहित, बलवीर सिंह रावत, शशि देवी, रूपलाल, सुशीला देवी, शमशेर सिंह मल्ल, मोनिका कोटली
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला..
उत्तराखंड: भाजपा सरकार पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने एक बार फिर से जमकर हमला बोला। भाजपा की डबल इंजन की सरकार में तेजी से महंगाई बढ़ रही है। अब लोग बदलाव चाहते हैं। उनका कहना है कि पार्टी ने बड़े-बड़े वायदे किए, जो आजतक पूरे नहीं हो पाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र चकराता विधानसभा के जौनसार स्थित क्वांसी क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। मिनी स्टेडियम पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा को आड़े हाथ लिया। नेता प्रतिपक्ष का कहना हैं कि उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन की लहर चल रही है। लोग बदलाव चाहते हैं।
उनका कहना हैं कि जुमलेबाज भाजपा सरकार ने प्रदेशवासियों से कई बड़े वादे किए, जो आज तक पूरे नहीं हुए। उनका कहना है कि अगर भाजपा सरकार बनने से जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का विकास पूरी तरह ठप पड़ गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन में जौनसार बावर में शुरू हुए तमाम बड़े विकास कार्य भाजपा सरकार आने से रुक गए हैं।
वेतन और प्रमोशन न मिलने के कारण रोडवेज कर्मी कल से काला फीता बांधकर करेंगे काम..
उत्तराखंड: उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन 22 दिसंबर से वेतन और प्रमोशन समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की शुरु करने जा रही हैं। पहले चरण में काले फीते बांध काम किया जाएगा। यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि बेहतर इनकम के बावजूद रोडवेज कर्मचारियों का वेतन रोकना निगम प्रबंधन की तानाशाही को दर्शाता है।
आपको बता दे कि सोमवार को हल्द्वानी स्टेशन पर आयोजित मंडल बैठक में काशीपुर, रुद्रपुर, रामनगर, हल्द्वानी, काठगोदाम, भवाली, रानीखेत व अल्मोड़ा डिपो के पदाधिकारी शामिल हुए। उनका कहना हैं कि कहा कि ईएसआइ का लाभ देने के साथ पहाड़ पर बंद मार्गों पर दोबारा बसों का संचालन होना चाहिए। प्रोत्साहन योजना के बंद होने पर नाराजगी भी जताई गई। मंडल अध्यक्ष गुरमेल सिंहका कहना हैं कि स्पेयर पाट्र्स और ई-टिकट मशीनों की कमी के कारण अक्सर दिक्कत आ रही है।
उसके बावजूद भी संसाधन मुहैया नहीं हुए। वहीं, बैठक में स्थायी आरएम संचालन की नियुक्ति के साथ डग्गामारों पर निर्णायक कार्रवाई की मांग भी उठी। यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि बेहतर इनकम के बावजूद रोडवेज कर्मचारियों का वेतन रोकना निगम प्रबंधन की तानाशाही को दर्शाता है।
बिजली घर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत का विरोध..
उत्तराखंड: नवनिर्मित बिजली घर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को क्षेत्रवासियों ने काले झंडे दिखाए। इस दौरान उन्होंने हल्दु खाता में टचिंग ग्राउंड का विरोध किया। यह बिजली घर मालन नदी के तट पर बना है। वहीं पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने रविवार को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात की। वन मंत्री के आवास पर करीब एक घंटे तक बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
आपको बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध पातन और अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई करते हुए वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक समेत चार आईएफएस अधिकारियों से अहम जिम्मेदारियां हटा दी थीं। इनके अलावा 30 अन्य आईएफएस अधिकारियों का तबादला किया गया था।
वन मंत्री व पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी की मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर वन मंत्री को सफाई दी। इसके साथ ही पूरे मामले से अवगत भी कराया। हालांकि इस पूरे मामले में वन मंत्री और पूर्व हॉफ दोनों ने ही कुछ भी कहने से मना कर दिया।
पूर्व हॉफ राजीव भरतरी ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। आपको बता दें कि हॉफ पद से हटाए जाने के बाद राजीव भरतरी को उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अमेरिका विशेषज्ञों की चेतावनी- फिर दिख सकते हैं पुराने वाले हालात, सावधान रहें लोग..
देश-विदेश: कई देशों में ओमिक्रॉन का प्रसार तेजी से हो रहा है। ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में ओमिक्रॉन ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। इस बीच अमेरिकी विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि डेल्टा वैरिएंट ने भी अमेरिका में तबाही मचाई थी और ओमिक्रॉन भी इसी रास्ते में है, यह वैरिएंट भी कई बड़े देशों के लिए खतरा बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इससे संक्रमण फैलने की रफ्तार अन्य वैरिएंट से कई गुना ज्यादा है। यही एकमात्र कारण है जो इसे ज्यादा खतरनाक बनाता है।
लोग अभी पुराने हालात से संभल नहीं पाए हैं: विशेषज्ञ..
ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए बूस्टर शॉट्स की वकालत करते हुए, एक कार्डियोलॉजिस्ट और स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक, डॉ एरिक टोपोल का कहना हैं कि अमेरिकी नागरिक अभी भी पुराने हालात से संभल नहीं पाए हैं, और अगर इसी बीच ओमिक्रॉन तेजी से फैलने लगा तो ये बहुत बड़ी तबाही मचा सकता है। जिससे कई लोगों की जिंदगी खत्म हो जाएगी।
डॉ एरिक टोपोल का कहना हैं कि पूरी तरह से टीकाकरण का मतलब दो के बजाय तीन शॉट होना चाहिए। लोगों को बूस्टर डोज की बहुत जरूरत है। इसको जल्द से जल्द अमल में लाना चाहिए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फाउसी का कहना है कि ओमिक्रॉन की गंभीरता पर बहुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल यहां अस्पताल में भर्ती होने का अनुपात डेल्टा की तुलना में कम है। यह व्यापक पिछले संक्रमणों से अंतर्निहित प्रतिरक्षा के कारण हो सकता है।
उत्तराखंड बोर्ड मेधावी छात्र-छात्राओं के खाते में लैपटॉप के लिए 40 हजार रुपये देगी सरकार..
उत्तराखंड: प्रदेश में उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से इस सप्ताह तक सरकार लैपटॉप के लिए 40 हजार रुपये देगी। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी का कहना हैं कि विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द मेधावी छात्रों को डीबीटी के माध्यम से लैपटॉप की रकम दे दी जाए।
उत्तराखंड बोर्ड के वर्ष 2019-20 के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए तय किया गया था कि विभाग की ओर से लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन अब तक मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए लैपटॉप नहीं खरीदे जा सके हैं। विभाग ने इसके लिए अब तक टैंडर भी नहीं निकाले हैं। अब जब विधानसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं तो मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीदकर देने के बजाए डीबीटी के माध्यम से इसकी रकम देने का निर्णय लिया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं की मेरिट सूची में टॉप 25 में आए छात्र-छात्राओं के खातों में यह रकम दी जाएगी। इसके लिए विभाग ने विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर से ऐसे छात्र-छात्राओं की सूची मंगा ली है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के टॉप 25 छात्र-छात्राओं में करीब 125 छात्र-छात्राएं इस दायरे में आ रहे हैं। जिन्हें लैपटॉप के लिए धनराशि दी जाएगी। जिसके लिए 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। शासन से आदेश मिलते ही छात्रों को इसके लिए धनराशि दे दी जाएगी।
आचार संहिता लगने से योजना शुरू करने पर जोर
आपको बता दे कि चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार का मेधावियों को लैपटॉप दे देने पर जोर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा के मेधावियों को लैपटाप देने की घोषणा की थी। सरकार इस कोशिश में है कि आचार संहिता लगने से पहले मेधावियों को लैपटाप मिल ही जाए। सरकार लैपटॉप खरीद कर देने के बजाय सीधे डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के खाते में 40 हजार रुपये की राशि जमा करेगी।
2.59 लाख छात्रों को इसी मह मिलेगा टैबलेट का पैसा
प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों और उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के 2.59 लाख छात्र-छात्राओं को इसी महीने टैबलेट के लिए पैसे मिल जाएंगे। विभाग की इसके लिए 25 दिसंबर को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में समारोह आयोजित करने की तैयारी कर ली है। फिलहाल कुछ विधानसभा क्षेत्रों के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बना दिया गया है।
हर विधान सभा क्षेत्र में होंगे कार्यक्रम..
टैबलेट के पैसे देने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित होंगे। हर विधान सभा क्षेत्र के कार्यक्रम में 100-100 बच्चों को बुलाने की तैयारी की गई है।
बच्चों के लिए वैक्सीन को योगी सरकार की मंजूरी..
देश-विदेश: 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों व किशोरों को कोरोनारोधी टीका लगाया जाएगा। बीमार, दिव्यांग बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर पहले टीका लगाया जाएगा। योगी सरकार ने 12 से 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को जायकोव-डी टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। यह टीका प्रदेश के गोरखपुर समेत 11 जिलों में लगाया जाएगा।
आपको बता दे कि देश में तीसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। महाराष्ट्र समेत कुछ प्रांतों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। जिले में शून्य से लेकर 18 वर्ष से कम आयु के करीब 19 लाख से अधिक बच्चे व किशोर हैं। सबसे ज्यादा खतरा दो साल से लेकर 18 साल से कम आयु के उन किशोर व बच्चों को है, जो घर से बाहर खेलते हैं।
वयस्कों के लिए तीसरा चरण 31 तक..
जिले में वयस्कों का टीकाकरण 16 जनवरी 2021 से चल रहा है। इस टीकाकरण का तीसरा चरण 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख लोगों को टीके की पहली डोज लगाने का लक्ष्य मिला है। अब तक करीब 25 लाख 52 हजार लोगों को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 15 लाख लोगों को दोनों डोज लगी है। स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जायडस और कैडिला द्वारा बनाए गए कोरोना से बचाव के इंजेक्शन जायकोव-डी को मंजूरी दी है। यह टीका 12 वर्ष से लेकर 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को लगाया जा सकता है। एक बच्चे को इस टीके की तीन डोज लगेगी। इसके लिए बीमार, दिव्यांग व लाचार बच्चों की पहचान शुरू की जाएगी।
टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. एनके पांडेय का कहना हैं कि प्रदेश सरकार टीका खरीद रही है। इस टीके को लगाने में दर्द नहीं होगा। इसे लगाने को लेकर अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है। एक कार्यशाला शासन की तरफ से हुई थी, जिसमें वयस्कों को जायकोव-डी लगाने की ट्रेनिंग मिली। टीके से पहले उसे लगाने की गाइडलाइन आ जाएगी।
विधानसभा चुनाव के लिए cds रावत के नाम का सहारा ले रही है ये दो पार्टिया..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है। आपको बता दे कि राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है।
जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी। उन्होंने अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी। रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे।
धामी का कहना हैं कि ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है। हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थेरविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी।
वही पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा।
वही कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें।
जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी- हरीश रावत
पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला। वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
भूटान सरकार ने की पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उन्हें जल्द ही एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा।आपको बता दे कि भूटान सरकार ने पीएम मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान Ngadag pel gi khorlo से सम्मानित करने की घोषणा की है। भूटान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
जानकारी देते हुए भूटान पीएम कार्यालय ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिना किसी शर्त के दोस्ती, भूटान के लिए उनके समर्थन और विशेष तौर पर कोरोना महामारी के दौरान की गई मदद के लिए भूटान ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने का फैसला लिया है। उनका कहना हैं कि भूटान का हर नागरिक उन्हें इसके लिए बधाई दे रहा है। इस उपलब्धि पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पीएम मोदी को बधाई दी है।
उत्तराखंड विधान सभा चुनावों में पूर्व सैनिकों के वोटों पर सेंध लगाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किये गए कर्नल अजय कोठियाल विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो के कारण कर्नल कोठियाल समेत आप को बड़ा धक्का लगा है।
समय-समय पर प्रदेश में विभिन्न मुद्दों को उठाकर सुर्ख़ियों में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता अजेंद्र अजय ने विगत दिवस अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में एक व्यक्ति शराब के नशे में चूर दिखाई पड़ रहा है और उसे कुछ अन्य लोग पकड़ कर ले जा रहे हैं। तभी वह व्यक्ति वहां मौजूद कुछ महिलाओं के करीब जाता है और उन महिलाओं से कुछ कहता दिखाई पड़ रहा है। उक्त व्यक्ति द्वारा महिलाओं को कुछ कहते ही वे सभी अंदर की तरफ भागती दिखाई देती हैं।
दारू के नशे में धुत्त हो कर महिलाओं से बदसलूकी करने वाला ये महानुभाव कौन है @ArvindKejriwal जी? @DineshMohaniya आपको मालूम है ये? @msisodia आप तो पक्का जानते होंगे इनको? क्यों @AamAadmiParty वालों pic.twitter.com/05mVSs8OY8
— Ajendra Ajay (@AjendraAjay) December 11, 2021
वीडियो देखने से यह लग रहा है कि यह सीसीटीवी की फुटेज हैं। वीडियो में 5 नवंबर, 2017 की तिथि और रात 12:49 बजे का समय अंकित है। यह वीडियो आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार कर्नल कोठियाल का बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में राजधानी देहरादून में ”रैबार” नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष स्तर पर कार्य कर रहे उत्तराखंड मूल की हस्तियों को आमंत्रित किया गया था।
Is this the culture of @AamAadmiParty? What did the man do to the women to make them move away like that in a hurry? Is this the guy @ArvindKejriwal wants to make the CM of Uttarakhand? pic.twitter.com/rXixpfGBKq
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) December 11, 2021
बताया जाता है कि तब नेहरू पर्वतारोहण संसथान (निम) के प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत कर्नल कोठियाल को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के ठीक दिन घठित हुई इस घटना से सरकार भी सकते में आ गयी थी। सूत्रों के मुताबिक वीडियो में दिख रही महिलाएं देहरादून के कुछ वरिष्ठ वकीलों के परिवार की थीं, जो अपने पतियों के साथ डिनर पर मधुबन होटल में गई थीं। बताया जाता है कि खाना खाने के बाद महिलाएं होटल के पोर्च में खड़ी थीं। उनके पति होटल के भीतर बिल इत्यादि चुकता कर रहे थे। इस दौरान कर्नल कोठियाल भी अपने कुछ मित्रों के साथ होटल से बहार निकले घटना हो गयी। सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद वकीलों ने काफी हंगामा किया और पुलिस को लिखित तहरीर दी थी। मगर बड़े नाटकीय ढंग से तब इस घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया था।
वाह! बिल्कुल भगवंत मान के लेवल का सीएम कैंडिडेट ढूंढा है @ArvindKejriwal जी ने उत्तराखंड के लिए!
कर्नल साहब को सलाम रहेगा!pic.twitter.com/hQodENRNSd
— Rahul Kaushik (@kaushkrahul) December 11, 2021
विगत दिवस भाजपा नेता अजेंद्र अजय द्वारा सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो शेयर करने के बाद यह मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। अजेंद्र ने वीडियो को शेयर करते हुए दो ट्वीट किये हैं। अजेंद्र के ट्वीट के बाद ट्वीटर की कई बड़ी सेलिब्रिटीज ने भी इस वीडियो को लेकर ट्वीट और रीट्वीट किये हैं। ट्वीटर पर अब तक अजेंद्र द्वारा शेयर वीडियो को 1.37 लाख लोगो द्वारा देखा गया है।
पहचानो तो जानें…@ArvindKejriwal जी आप तो दिव्य पुरुष हैं। आपकी दिव्य दृष्टि ने तो पहचान ही लिया होगा….
जय बाबा केदार@AamAadmiParty@AAPUttarakhand pic.twitter.com/05mVSs8OY8
— Ajendra Ajay (@AjendraAjay) December 11, 2021
बहरहाल, ठीक विधान सभा चुनाव से पूर्व कर्नल कोठियाल के इस वीडियो के वायरल होने से आम आदमी पार्टी भी सकते में है। इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में आम आदमी पार्टी और कर्नल कोठियाल की बड़ी छीछालेदर हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कर्नल कोठियाल को मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित करते समय उन्हें ”भोले का फौजी” और कई अन्य विशेषणों से नवाज कर तारीफ की थी। मगर इस वीडियो के जारी होने के बाद पार्टी को इसका कोई जवाब नहीं सूझ रहा है। पार्टी ने मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली है।