उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को उधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर में पं0 राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामूदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गों का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुर्ननिर्माण कार्यों के शिलान्यास किये। नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोड़ा, दर्जा मंत्री सुरेश परिहार, सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने आज PMHS संवर्ग के साधारण ग्रेड के 20 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी। ये डाक्टर अपनी नियुक्ति अथवा योगदान तिथि के बाद प्रोबेशनरी पीरियड से ही अनुपस्थित चल रहे थे।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए इन चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त की हैं। शासन ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जिन डाक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें उप जिला चिकित्सालय, अल्मोड़ा के डॉ रितेश चौहान, जिला चिकित्सालय, बागेश्वर के डा हेमचंद्र भट्ट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग (चमोली) के डॉ संदीप सिंह व डॉ दीपक सेमवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, घाट (चमोली) के डॉ अमित कुमार पांडे, जिला चिकित्सालय, चंपावत की डॉ रजनी शर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसूरी के डॉ शुभंककर प्रतीक लाल, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिरान कलियर (हरिद्वार) के डॉ सचिन सैनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लक्सर (हरिद्वार) के डॉ रमेश कुमार, संयुक्त चिकित्सालय, रुड़की के डॉ उत्कर्ष तेवतिया, संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर (नैनीताल) के डॉ विकास कुमार झा, संयुक्त चिकित्सालय, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) के डॉ सुरेंद्र कुमार, जिला चिकित्सालय, रुद्रप्रयाग के डॉ गौरव आर्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थत्यूड़ (टेहरी गढ़वाल) के डॉ सरफराज हुसैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लंबगांव (टिहरी) के डॉ योगेश आहूजा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुर (उधमसिंह नगर) की डॉ अंजलि चौहान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खटीमा (उधमसिंह नगर) के डॉ मयंक कश्मीरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गदरपुर (उधमसिंह नगर) के डॉ बच्चा बाबू, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाजपुर (उधमसिंह नगर) की डा ईशा गुप्ता व जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी के डॉ अखिल अग्रवाल शामिल हैं।


तमाम आरोपों से घिरे रहने वाले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक (MD) भजन सिंह के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव पेयजल जी.बी.औली की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भजन सिंह के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों से कतिपय शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑनलाइन ग्रिवेंसेंस में दर्ज शिकायत और मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत भी प्राप्त हुई है। शिकायतों के मद्देनजर शासन स्तर पर इन आरोपों की प्रारम्भिक जांच हेतु उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि जांच अधिकारी को वित्तीय व तकनीकी मामलों में सहयोग की आवश्यकता चाहिए तो वे राज्य वित्त सेवा और नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारियों की शासन से अनुरोध कर मदद ले सकते हैं। जांच अधिकारी को MD पर लगे सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट किसी भी दशा में एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चोली-दामन का साथ है आरोपों और भजन सिंह का
पेयजल निगम के MD भजन सिंह पर लगातार तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। उनके विरुद्ध नियमों के विपरीत जाकर MD की कुर्सी हथियाने का भी आरोप है। विभाग में में मनमानी चलाना और अपने अनुकूल काम ना करने वाले अधिकारियों के उत्पीड़न के आरोप उन पर लगे हैं। मगर विभाग में उनका रुतबा बरकरार रहा है। भजन सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल हुई है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि भजन सिंह द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए और भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए है, जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई है। याचिकाकर्ता ने MD द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अयोग्य लोगों और ठेकों की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।


केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राफेल लड़ाकू विमानों की भारत में लैंडिंग को गेम चेंजर बताया है। शाह ने ट्वीट कर कहा कि राफेल विमानों की लैंडिंग हमारी सशक्त भारतीय वायु सेना के लिए एक ऐतिहासिक दिन और भारत के लिये गौरवशाली क्षण है। राफेल दुनिया के सबसे शक्तिशाली विमान हैं और ये विमान आकाश में किसी भी चुनौती को नाकाम करने में सक्षम हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि राफेल विमान हमारे वायु शूरवीरों को अपने उत्कृष्ट पराक्रम के साथ हमारे आकाश की सुरक्षा करने में मदद करेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा नई पीढ़ी के राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को एक शक्तिशाली और सुरक्षित राष्ट्र बनाने की कटिबद्धता का सच्चा साक्ष्य है। मोदी सरकार भारत की सुरक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं प्रधानमंत्री का हमारी वायुसेना को यह अभूतपूर्व मजबूती देने के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
शाह ने कहा कि गति से लेकर हथियार क्षमता तक, राफेल बहुत आगे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि ये विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान गेम चेंजर साबित होंगे। इस महत्वपूर्ण दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय वायु सेना और सम्पूर्ण देश को बधाई।
केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) उड़ान योजना के अन्तर्गत बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हैली सेवा का शुरू हो गई। यह सेवा पवन हंस लि. द्वारा दी जा रही है।
राजधानी देहरादून से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व नई दिल्ली से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत जो हेली सेवाएं चलाई जा रही हैं, स्थानीय लोगों द्वारा इसे काफी पंसद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात कि पवन हंस लि. की यह सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को चालू रहेगी।
उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत देहरादून को देश के तमाम शहरों से एयर कनेक्टिविटी का मौका मिला है। हिण्डन (गाजियाबाद) से पिथौरागढ़ के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू की गई है। प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित किये गये है। क्षेत्रीय सम्पर्क योजना में देहरादून को पंतनगर, पिथौरागढ़, चिन्यालीसौड़ और गौचर से जोड़ा गया है। पंतनगर हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि हल्द्वानी-अल्मोड़ा-धारचूला हेतु भी मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को सेवा प्रारम्भ की जाए। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा के दृष्टिगत गुप्तकाशी व बड़कोट में भी हेली सेवाएं प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर्षिल के लिए भी हेली सेवा शुरू होगी तो इससे न केवल गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधा होगी। अपितु, हर्षिल का प्राकृतिक सौन्दर्य भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानक जटिल हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की परिस्थितियों के मद्देनजर मानकों में परिवर्तन का भी अनुरोध किया।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादून-नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई सेवा शुरू होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने उड़ान सेवा के अन्तर्गत नये यात्रा मार्गों के लिए हेली सेवा शुरू करने के लिए सुझाव दिया है। उस पर जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानकों के बारे अधिकारियों के साथ चर्चा कर नियमानुसार उचित समाधान निकाला जाएगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, केंद्रीय नागरिक उड्यन सचिव प्रदीप सिंह खरोला, सीएमडी पवन हंस लि. संजीव राजदान, प्रदेश के नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार दीप श्रीवास्तव, यूकाडा की सीईओ सोनिका, पवनहंस लि. के राजीव अग्निहोत्री, रमेश के. आदि उपस्थित थे।
हेली सेवा के बारे में ऐसे लें जानकारी
RCS के तहत शुरू हुई देहरादून- नई टिहरी – श्रीनगर – गौचर हेली सेवा सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को जॉली ग्रांट एयर पोर्ट से उड़ान भरेगी। बुकिंग इत्यादि की जानकारी के लिए इन फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है –
8368557785, 7827509985
मेल द्वारा संपर्क करने के लिए यह मेल आईडी –
rcs@pawanhans.co.in
ऑन लाइन बुकिंग के लिए यहां क्लिक करें –
देश में कोरोना महामारी के चलते 24 मार्च से सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। लॉकडाउन के दौरान किसी को भी भूखे नहीं सोने देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की घोषणा की थी।
योजना के तहत परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चने की दाल मुफ्त देने की घोषणा की गई थी। अब तक इसके तहत अप्रैल में 93% , मई में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को अनाज दिया जा चुका है। इसके लिए राज्यों ने अब तक 116 लाख मीट्रिक टन अनाज केंद्र सरकार से लिया है।
अप्रैल से जून तक PMGKAY के सफल कार्यान्वयन के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को जुलाई से नवम्बर तक 5 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA )और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) में शामिल लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जा रहा है।
जुलाई से नवंबर तक PMGKAY के दूसरे चरण के लिए 200.19 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन निर्धारित किया गया है, जिसमें 91.33 एलएमटी गेहूं व 109.96 एलएमटी चावल है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार इस योजना की लाभार्थियों के साथ-साथ राज्य सरकारों से भी बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। दूसरे चरण में यह योजना को 8 जुलाई को शुरू कर दी गई थी और 27 जुलाई तक 33.40 एलएमटी खाद्यान्न लाभार्थियों के वितरण के लिए राज्य सरकारों को जारी कर दिया गया है, जिसमें 13.42 एलएमटी गेहूं और 19.98 एलएमटी चावल है। यह आवंटन जुलाई माह के लिए होने वाले पूरे आवंटन का लगभग 83 प्रतिशत है।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक NFSA व AAY के तहत प्रत्येक लाभार्थी को सब्सिडी मूल्य पर मिलने वाला राशन कोटा पूर्व की भांति मिलता रहेगा और साथ ही गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी खाद्यान्न मुफ्त मिलेगा।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इन 5 महीनों में आवंटन के अनुसार खाद्यान्न स्टॉक देश के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए व्यापक लॉजिस्टिक प्लानिंग की है। केंद्र सरकार इसे एक चुनौती के रूप में देख रही है, क्योंकि इतनी बढ़ी मात्रा में खाद्यान्न की ढुलाई आसान काम नहीं है। यह मात्रा सामान्य आवंटन से दोगुनी है। इसके साथ ही भंडारण क्षमता भी बढ़ाई गई है। FCI के पास मौजूदा भंडारण क्षमता और परिवहन की व्यवस्था नियमित आवंटन के अनुसार ही है।
एफसीआई इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान की सबसे कठिन परिस्थितियों में FCI खाद्यान्न वितरित करने की अपनी क्षमताओं पर खरा उतरा है। लॉकडाउन में FCI ने कुशल लॉजिस्टिक संचालन के नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं।
खाद्य मंत्रालय का प्रयास है कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप खाद्यान्न निर्धारित आवंटन के अनुसार देश के हर कोने तक पहुंचे। खाद्य मंत्रालय के अनुसार FCI ने चालू सत्र के लिए खरीद का काम पहले ही पूरा कर लिया है और गेहूं तथा चावल दोनों की खरीद में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हाल ही में समाप्त फसल सीजन में FCI ने कुल 389.76 एलएमटी गेहूं और 504.91 एलएमटी चावल की खरीद की है। खाद्य मंत्रालय मॉनसून के वर्तमान रुझान को देखते हुए, 2020-21 के आगामी खरीफ सीजन को भी अच्छा होने की उम्मीद लगाए हुए है।
कोरोना महामारी के दौरान लगातार जरूरतमंदों की मदद में जुटे रहे हंस फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज के जन्मोत्सव पर फाउंडेशन ने उत्तराखंड को 100 करोड़ रूपये की योजनाओं की सौगात दी। आज मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बेहद सादगी पूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज, माता मंगला व प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इन योजनाओं का लोकार्पण किया।
गौरतलब है कि हंस फाउंडेशन देश भर में सामाजिक गतिविधियों में अपना बढ़-चढ़ कर योगदान देता है। ख़ास कर शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में फाउंडेशन जरूरतमंदों की हर संभव मदद करता है। आर्थिक रूप से कमज़ोर गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए फाउंडेशन देवदूत के रूप में कार्य करता है। फाउंडेशन गरीब व मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इसके अलावा फाउंडेशन देश के विभिन्न राज्यों में वहां की सरकारों को विभिन्न परियोजनाओं में सहायता करती है।
फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज का जन्मोत्सव हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। उनके जन्मोत्सव में बढ़ी संख्या में उनके अनुयायियों समेत सभी दलों के वरिष्ठ राजनेता व तमाम गणमान्य लोग शामिल होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते भोले जी महाराज का जन्मोत्सव बेहद सादगी के साथ मनाया गया। भोले जी महाराज के जन्मोत्सव के मौक पर आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री( स्वंत्रत प्रभार ) डा. धन सिंह रावत के अलावा खुद भोले जी महाराज व माता मंगला उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फॉउंडेशन द्वारा सहायतित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया और भोले जी महाराज को उनके जन्म दिवस पर उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि भोले जी महाराज का व्यक्तित्व हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही आत्मनिर्भरता के लिये अनेक गांवों को कृषि व बागवानी के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रभावी मदद दी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहा है।
उत्तराखंड में निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहने वाले संगठन नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स (NAPSR) ने कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र को जीरो घोषित किए जाने की मांग की है। NAPSR के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राजधानी देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
NAPSR की प्रदेश अध्यक्ष राज गीता शर्मा के नेतृत्व में CEO आशारानी पैन्यूली से भेंट के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लास को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में छात्रों व अभिभावकों को आ रही कठिनाइयों की विस्तार से चर्चा की और वर्तमान शैक्षणिक सत्र को शून्य घोषित करने की मांग। इस पर CEO ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगी।
सीईओ को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष रवि त्यागी, महानगर अध्यक्ष किरण बिष्ट नेगी, महासचिव श्वेता बंसल, सचिव ज्योति नौटियाल, कोषाध्यक्ष पूजा गर्ग, आशीष भंडारी, नवदीप गर्ग, रोहित नौटियाल आदि शामिल थे।
इधर, NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि निजी विद्यालयों द्वारा ली जा फीस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अपील करने को कहा है। इसके लिए उनकी तरफ से तैयारियां की जा चुकी हैं। NAPSR हाई कोर्ट जाने से पहले सरकार व विभाग को अभिभावकों की परेशानियों से अवगत कराएगा। सरकार व विभाग के स्तर से राहत न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन छात्रों व अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा और निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।
उत्तराखंड सरकार ने आज वैयक्तिक सहायक/ आशुलिपिक और लेखा लिपिक के 300 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होने वाली इन नियुक्तियों में 158 पद वैयक्तिक सहायक / आशुलिपिक के हैं। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में होगी। जबकि लेखा लिपिक के 142 पद शहरी विकास विभाग (स्थानीय निकाय) में भरे जाने हैं।
आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने बताया कि उक्त दोनों पदों के लिए विस्तृत विज्ञापन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवेदन शुल्क ₹ 150 निर्धारित किया गया है।
विस्तृत विज्ञापन को आयोग की वेबसाइट पर देखने के लिए यह लिंक क्लिक करें –
अभ्यर्थी आवेदन पत्र भरने में किसी प्रकार की कठिनाई आने पर आयोग के इन टोल फ्री नम्बर पर संपर्क कर सकते हैं –
6399990138/ 139/ 140/ 141
इसके अलावा आयोग के इस ई- मेल पर भी संपर्क कर सकते हैं –
chayanayog@gmail.com


भारतीय वायु सेना के इतिहास में 27 जुलाई की तिथि एक नए अध्याय के रूप में जुड़ गयी है, जब आज अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस पांच राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुए। राफेल लड़ाकू विमानों ने आज सुबह फ्रांस के मेरिग्नैक स्थित दसॉल्ट एविएशन फैसिलिटी से भारत के लिए उड़ान भरी है। इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर विमान और दो ट्विन सीटर विमान शामिल हैं। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। ये पांच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुई 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है।
भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय कर इन विमानों को बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचाएंगे। राफेल भारतीय वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का हिस्सा बनेगा, जो राफेल विमान से सुसज्जित पहला स्क्वाड्रन है। राफेल को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में अगस्त में शामिल किया जाएगा।
इन विमानों का आगमन दो चरणों में करने की योजना बनाई गई है। विमानों को वहां से लाने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना के पायलटों को दी गई है जिन्होंने इन विमानों को उड़ाने का व्यापक प्रशिक्षण लिया है। वहां से आगमन के पहले चरण के दौरान हवा से हवा में ईंधन भरने का काम भी यही पायलट करेंगे। फ्रांसीसी वायु सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष टैंकर की सहायता से यह काम सफलतापूर्वक किया जाएगा।
भारत को ये विमान पहले मई में मिलने वाले थे, लेकिन कोरोना के कारण इनके मिलने में दो महीने की देरी हो गई। राफेल विमानों की पहली खेप में छह जेट भारत को मिलने हैं। पहले राफेल विमान को अक्टुबर 2019 में भारत को सौंपा गया था। इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले 5 वीं जेनरेशन के इन राफेल फाइटर जेट्स में दुनिया की सबसे आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटिआर मिसाइल भी लगी होंगी।