सीएम धामी ने की उत्तराखंड की कानून व्यवस्था की समीक्षा, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पुलिस अधिकारियों पर नाराजगी जताई। उनका कहना हैं कि कई बार देखने को मिलता है कि सरेआम किसी की पिटाई हो जाती है। लोग सड़कों पर हुडदंग करते हैं। इस तरह की घटनाएं अब दिखनी नहीं चाहिए। अपराधियों और गैर कानूनी काम करने वालों में पुलिस का डर और आमजन में भरोसा दिखना बेहद जरूरी है। उनका कहना हैं कि पहले शुक्रवार को पुलिस लाइन में परेड होती थी, आजकल नहीं हो रही है। फोर्स में अनुशासन होना चाहिए।
सीएम ने शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उप पुलिस महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने सभी अधिकारियों को रात्रि में रोस्टर बनाकर क्षेत्र में भ्रमण करने, वाहनों की चेकिंग करने, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिसिंग बढ़ाने, निजी संस्थान में काम करने वाली महिला कामगारों व सामान्य महिलाओं और बेटियों को गौरा शक्ति ऐप से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां लापरवाही हो रही है, वहा जिम्मेदारी तय की जाए।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर सघन चेकिंग अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। कहा कि उत्तराखंड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बने। उन्होंने किरायेदारों तथा बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। मदरसों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाए जा रहे हैं, इस पर भी ध्यान देने को कहा।
साथ ही प्रदेश में धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी घटनाओं पर रोक के लिए कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में ज्वैलरी की दुकान में डकैती पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने पुलिस अधीक्षक सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने को कहा। उन्होंने अधिकारियों का आपसी समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंस व्यवस्था को प्रभावी बनाने, रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान देने को कहा। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना को समय पर ब्रीफिंग करने और इसकी सूचना सूचना महानिदेशक को भी तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डेमोग्राफिक चेंज पर सभी एजेंसियां रखे नजर..
उन्होंने प्रदेश में अपराध कहां बढ रहे हैं और क्यों बढ रहे हैं इस पर भी चिंतन की जरूरत बताई। उन्होंने डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिए भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर नजर रखने के निर्देश दिए। सीएम ने शिकायतों के तेजी से निपटारे व अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी बल दिया। कहा कि साइबर क्राइम पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जाए।
आयोग ने जारी किया पीसीएस मुख्य परीक्षा नोटिफिकेशन, सात सितंबर से जमा कराएं शुल्क..
उत्तराखंड: पीसीएस-2024 मुख्य परीक्षा के लिए शुल्क जमा कराने की प्रक्रिया सात सितंबर से शुरू होगी। आयोग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आयोग सचिव गिरधारी सिंह रावत का कहना हैं कि 182 पदों के सापेक्षक 14 जुलाई को पीसीएस प्री परीक्षा हुई थी, जिसका परिणाम 28 अगस्त को जारी किया गया था। प्री परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिए अब सात सितंबर से 21 सितंबर तक शुल्क जमा करने का मौका है। मुख्य परीक्षा हरिद्वार और हल्द्वानी में कराई जाएगी। केंद्र का विकल्प ऑनलाइन भरना होगा।
एक बार केंद्र निर्धारण होने के बाद इसमें बदलाव नहीं हो सकेगा। मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित तिथि तक शुल्क जमा न कराने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। बताया कि मुख्य परीक्षा के लिए प्री के सफल अभ्यर्थियों को आवेदनपत्र की प्रिंटआउट के साथ अपने प्रमाणपत्र आयोग कार्यालय में जमा कराने की जरूरत नहीं है। मुख्य परीक्षा के बाद इंटरव्यू के लिए सफल अभ्यर्थियों की सूचना अलग से जारी की जाएगी। इसके बाद ही अभिलेख सत्यापन किया जाएगा।
सीआरपी और बीआरपी के 955 पदों पर भर्ती का रास्ता खुला, जल्द शिक्षा विभाग शुरू करेगा प्रक्रिया..
उत्तराखंड: शिक्षा विभाग में सीआरपी और बीआरपी के 955 पदों पर रुकी भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू होगी। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के अनुसार हाईकोर्ट से भर्ती पर लगी रोक हट गई है। भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाएगा। प्रदेश में बीआरपी के 285 और सीआरपी के 670 पदों पर विभिन्न वजहों से भर्ती पिछले आठ साल से भी अधिक समय से नहीं हो पाई है। आउटसोर्स से होने वाली भर्ती के लिए सेवायोजन विभाग के रोजगार प्रयाग पोर्टल पर इस साल 29 जून से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।
बताया गया था कि दो सप्ताह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, लेकिन चयनित एजेंसी के खिलाफ कोर्ट में याचिका पर भर्ती पर रोक लग गई थी। उधर, बीआरपी और सीआरपी के पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थी के पास बीएड की उपाधि के साथ ही सीटीईटी या यूटीईटी का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। सीआरपी के लिए स्नातकोत्तर में किसी भी विषय में 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। जबकि बीआरपी के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। भर्ती के 10 प्रतिशत पद सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं।
हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की अर्जी पर सुनवाई करेगा हाई कोर्ट..
उत्तराखंड: नैनीताल हाईकोर्ट में बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने निर्णय को इस विधिक प्रश्न पर सुरक्षित रख लिया था कि क्या इस मामले को एकलपीठ सुनवाई करेगी या खंडपीठ। कोर्ट ने कहा था कि अभी जमानत दिए जाने या नहीं दिए जाने का प्रश्न नहीं है। प्रश्न यह है कि जिस केस में यूएपीए लग जाता है उसकी जमानत उच्च न्यायलय की खंडपीठ सुनेगी या एकलपीठ इस पर कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने सोमवार को निर्णय देते हुए कहा कि इस प्रकरण पर सुनवाई खंडपीठ करेगी इस आधार पर कोर्ट ने जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर करने की छूट दी है। पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि इस केस में यूएपीए लगा है इसलिए मामले को खंडपीठ सुनेगी। इससे संबंधित केसों में खंडपीठ सुनवाई कर रही है और कई मामले को सुन चुकी है। जबकि आरोपी की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच रेगुलर पुलिस कर रही है इसलिए मामले को एकलपीठ सुन सकती है।
इससे संबंधित उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय को पेश किए गए थे और कहा था कि खंडपीठ उन मामलों को सुन सकती है जिसमें एनआईए ने जांच की हो और स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया हो। यहां सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है और रेगुलर पुलिस ने मामले की जांच की है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपी के खिलाफ यूएपीए जैसे गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हैं और यह दंगे का मुख्य आरोपियों में से एक है। इसलिए सिंगल बेंच सुनवाई नहीं कर सकती है।
बिजली धारकों के लिए राहत की खबर- उत्तराखंड में महंगी नहीं होगी बिजली..
विद्युत नियामक आयोग ने खारिज की याचिका..
उत्तराखंड: प्रदेश में बिजली महंगी नहीं होगी। यूपीसीएल की बिजली दरों में बढ़ोतरी की पुनर्विचार याचिका उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दी है। इस याचिका पर आयोग ने प्रदेशभर से सुझाव लेने के साथ ही 12 अगस्त को जनसुनवाई भी की थी। यूपीसीएल ने अप्रैल में लागू हुई विद्युत दरों पर पुनर्विचार करते हुए 919 करोड़ 71 लाख रुपये की वसूली को आधार बनाते हुए बिजली दरों में 8.54 प्रतिशत (63 पैसे प्रति यूनिट) बढ़ोतरी की याचिका दायर की थी। आयोग ने इसकी स्वीकार्यता पर सीधे कोई निर्णय लेने के बजाए उपभोक्ताओं, हितधारकों से सुझाव मांगे थे। आठ अगस्त तक प्रदेशभर से तमाम लोगों ने इस बढ़ोतरी का विरोध जताया। वहीं, 12 अगस्त को जनसुनवाई के दौरान भी उपभोक्ताओं ने कहा था कि उन्हें हर हाल में महंगी बिजली से आजादी की जरूरत है।
आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने याचिका की स्वीकार्यता पर सुनवाई करने के बाद पाया कि यूपीसीएल की याचिका पुनर्विचार लायक नहीं है। इसमें कोई भी आधार नहीं पाया गया। लिहाजा आयोग ने इसे खारिज कर दिया है। फिलहाल बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। अब यूपीसीएल के पास इस निर्णय के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण विद्युत दिल्ली जाने का विकल्प खुला है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि आयोग के निर्णय का अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। ये देखा जाएगा कि आयोग ने किस आधार पर याचिका खारिज की है।
अप्रैल में 6.92 प्रतिशत बढ़े थे दाम..
अप्रैल में प्रदेश में बिजली की दरों में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली 49 पैसे, अघरेलू के लिए 69 पैसे, गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी के लिए 66 पैसे, प्राइवेट ट्यूबवेल के लिए 27 पैसे, एलटी इंडस्ट्री के लिए 64 पैसे, एचटी इंडस्ट्री के लिए 64 पैसे, मिक्स लोड के लिए 52 पैसे, रेलवे के लिए 54 पैसे और ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हुई थी। अब नई बढ़ोतरी पर नियामक आयोग को फैसला लेना है।
पिटकुल की याचिका भी खारिज.
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) की याचिका भी नियामक आयोग ने खारिज कर दी है। अप्रैल में जारी हुए आयोग के आदेश पर पुनर्विचार के लिए पिटकुल प्रबंधन ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि आयोग का निर्णय एरोनियस यानी गलती से किया हुआ है। आयोग ने अपने अप्रैल के आदेश के हिसाब से पिटकुल की याचिका का अध्ययन करने के बाद इसे खारिज कर दिया।
आज दून आएंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कल RIMC और AIIMS ऋषिकेश का करेंगे भ्रमण..
उत्तराखंड: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर देहरादून आएंगे। पहले दिन वह भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में वैज्ञानिकों से रूबरू होंगे। दूसरे दिन राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज और एम्स ऋषिकेश का भ्रमण करेंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार उपराष्ट्रपति धनखड़ शनिवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से करीब चार बजे आईआईपी मोहकमपुर पहुंचेंगे। संस्थान में भ्रमण के दौरान उपराष्ट्रपति यहां के वैज्ञानिकों, शिक्षकों और छात्रों से रूबरू होंगे। शाम करीब पांच बजे वह राजभवन के लिए प्रस्थान करेंगे और रात्रि विश्राम भी राजभवन में ही करेंगे। यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। वह एम्स परिसर में मां के नाम एक पौधा अभियान के तहत पौधरोपण भी करेंगे। इस दौरान वह चिकित्सकों व छात्रों से भी संवाद करेंगे। एक बजे तक तक एम्स में कार्यक्रम होगा। इसके बाद यहीं से उपराष्ट्रपति सेना के हेलिकॉप्टर से दिल्ली लौट जाएंगे।
हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर गदेरा उफान पर आने से फंसे 250 यात्री, SDRF ने रेस्क्यू कर निकाला..
उत्तराखंड: हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर बरसाती गदेरा उफान पर आने से करीब 250 यात्री फंस गए। उन्हें एसडीआरएफ व पुलिस के जवानों ने सुरक्षित निकाला।हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी ग्लेशियर के पास दोपहर को तेज बारिश होने से बरसाती गदेरा उफान पर आ गया। इससे हेमकुंड साहिब की यात्रा से लौट रहे करीब 250 श्रद्धालु फंस गए। घांघरिया पुलिस चौकी से एसडीआरएफ व पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
सीएम धामी का बड़ा एलान, उत्तराखंड को बनाएंगे खिलाड़ियों की हब..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार प्रदेश में खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को आउट आफ टर्न सरकारी नौकरियों में प्रमोशन दिया जा रहा है और अब तक 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ खेल अवस्थापनाओं को मजबूत किया जा रहा है, ताकि उत्तराखंड खिलाड़ियों की फैक्ट्री बन सके। यह बातें खेल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहीं।
38वें राष्ट्रीय खेल की वेबसाइट का लोकार्पण..
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस और राष्ट्रीय खेल दिवस पर खेल निदेशालय की ओर से परेड ग्राउंड स्थित बहुउद्देशीय हाल में कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि सीएम पुष्कर सिंह धामी, विशिष्ट अतिथि खेल मंत्री रेखा आर्या और राजपुर रोड विधायक खजानदास ने शिरकत की। सभी अतिथियों ने हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने 38वें राष्ट्रीय खेल की वेबसाइट का लोकार्पण किया। राज्य के खिलाड़ियों को एक ही स्थान पर अपना पंजीकरण कराने और उपलब्धियां दर्ज करने के लिए उत्तराखंड स्पोर्ट्स रिपोजिट्री सिस्टम पोर्टल (यूकेएसआरएस) की लांचिंग की।
उन्होंने उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के 3,900 खिलाड़ियों को डीबीटी के माध्यम से 58.50 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की। सीएम ने 269 राष्ट्रीय, 58 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और 65 प्रशिक्षकों सहित कुल 392 लोगों को डीबीटी के माध्यम से सात करोड़ 37 लाख 397 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की।
इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के चारों खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत किया। खेल मंत्री रेखा आर्या का कहना हैं कि उनका इरादा प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों की नर्सरी तैयार करना है। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हैं सिर्फ तिथि की घोषणा करना बाकी है, जिसे जल्द ही घोषित किया जाएगा। विधायक ने सरकारी नौकरी में खिलाड़ियों को आरक्षण मिलने पर सीएम धामी को धन्यवाद किया।
उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में ED का छापा, भूमाफिया में मचा हड़कंप..
उत्तराखंड: प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में ED ने भूमाफिया और बिल्डरों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। देहरादून में भी ED की छापे मारी जारी है। कई ठिकानों पर ईडी की टीमें दस्तावेजों को खंगाल रहीं हैं। मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में ED की टीम ने बिल्डरों और भूमाफिया के ठिकानों पर छापे मारे हैं। ईडी की टीमें दस्तावेजों को खंगाल रही है। देहरादून के साथ ही राज्य के कुछ और इलाकों में भी छापेमारी की खबरें हैं। हालांकि इस बारे में अभी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है।
वहीं न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी ईडी की छापेमारी जारी है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश में भी ईडी की छापेमारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस छापेमारी के तार देहरादून में हुए रजिस्ट्री घोटाले से जुड़े हुए हैं। राज्य के सबसे बड़े रजिस्ट्री घोटाले में कई बड़े भूमाफिया शामिल हैं। कई अन्य राज्यों के भूमाफिया की भी इस केस में मिलीभगत की आशंका है। ऐसे में ईडी ने इस मामले में पुख्ता इनपुट के बाद कार्रवाई की है। देहरादून की कई बेशकीमती जमीन को रजिस्ट्री बदल कर महंगे दामों पर बेचा गया है।
उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए DDRS की शुरुआत, सीएम धामी ने किया शुभारंभ..
उत्तराखंड: बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया। सीएम धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने एवं अधिक से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल कर, उसे इस्तेमाल में लाने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से कार्य किये जाएं। यह पहल चार धाम यात्रा एवं अन्य पर्यटन स्थलो में भी कूड़े की खपत को कम करते हुए स्वच्छता का वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
सीएम धामी का कहना हैं कि प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है. धार्मिक और पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की बड़ी समस्या के तौर पर सामने आती है। इसके समाधान हेतु राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है. राज्य में स्वच्छता का वातावरण बनाते हुए क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। राज्य की प्राकृतिक संपदा हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, इसको सुरक्षित रखना भी हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। डिजिटल डिपोजिट रिफन्ड सिस्टम को 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तराखंड में लाया गया था. जिसके सफल संचालन के लिए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने कहा नदियां, जंगल, पहाड़ राज्य की धरोहर और पहचान है। प्लास्टिक हमारी इन धरोहरों को खतरे में डाल रही हैं। जिसके निस्तारण के लिए राज्य सरकार विज्ञान एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। जिससे भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हुआ था। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता के लिए अनेक कार्य हो रहे हैं।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। डी.डी.आर.एस के तहत प्लास्टिक बोतल/प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाईयों द्वारा ’क्यूआर कोड सिस्टम’ जनित किया जायेगा, जिससे उपभोगताओं द्वारा प्लास्टिक पैकेजिंग में भण्डारित पदार्थों का प्रयोग करने के पश्चात् प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डी.डी.आर.एस सेंटर को वापस किया जायेगा व बार कोड स्कैन करने के पश्चात् उपभोगता को प्रत्येक प्लास्टिक अपशिष्ट पर एक निश्चित धनराशि वापस की जायेगी। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सर्कुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, आलोक कुमार पाण्डेय, एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।