गुरमीत सिंह बने उत्तराखंड के राज्यपाल..
उत्तराखंड: लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। आपको बता दे कि उत्तराखंड के राज्यपाल का पद बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हो गया था। गुरमीत सिंह सेना के उप प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कई पदकों से सम्मानिक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह अपने कार्यकाल में सैन्य अभियानों के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में सैन्य रणनीतिक मुद्दों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सेना में अपने कार्यकाल के दौरान वह एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण सैन्य राजनयिक और वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर आयोजित होने वाली बैठकों के लिए सात बार चीन का दौरा भी कर चुके हैं। लगभग चार दशकों की सेवा के बाद लेफ्टिनेंट जनरल सिंह फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया है।
बता दे कि उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बेबी रानी मौर्य का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार बेबी रानी मौर्य ने व्यक्तिगत कारणों के चलते अपना इस्तीफा दिया था।
बिग ब्रेकिंग- युवक ने मैठाणा पुल से अलकनंदा नदी में लगाई छलांग..
उत्तराखंड: चमोली जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ मैठाणा झूला पुल से एक युवक ने अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत ही इस बात की खबर पुलिस को दी। इसके बाद सूचना पाकर मौके पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची और युवक की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है युवक सैकोट गांव गांव का रहने वाला था, जिसने अज्ञात कारणों के चलते बुधवार को मैठाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी। ये नजारा देखकर वहां पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत ही सारी घटना की जानकारी पुलिस को दी घटना की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मौके पर सर्च एवं रेसक्यू अभियान शुरू कर दिया। अभी तक युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया हैं।
सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद को आमजन को किया जाएगा प्रेरित..
उत्तराखंड: प्रदेश में हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हर रोज कही न कहीं से सड़क हादसे की खबर सामने आ रही हैं। जिसमे लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कभी तेज रफ्तार तो कभी खराब सड़कें लोगों के लिए मौत का सबब बानी हुई हैं। सड़क दुर्घटनाओं और इसमें होने वाली मौत की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब आमजन को दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए प्रेरित करने की तैयारी है।
इस कड़ी में शासन ने पुलिस को किसी भी सड़क दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित को मदद देने वालों को पुरस्कृत करने को कहा है। इसके लिए पुलिस को सड़क सुरक्षा राहत कोष से एक लाख रुपये भी जारी किए जाएंगे।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में इस वर्ष जुलाई अंत तक 773 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 468 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। दुर्घटनाओं में हुई मौत में यह जानकारी सामने आई कि इनमें से तकरीबन 70 फीसद व्यक्तियों की मृत्यु अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। यह बताया गया कि समय से अस्पताल पहुंचाने पर मौत का यह आंकड़ा थोड़ा कम हो सकता था।
यह बात भी सामने आई कि दुर्घटना के दौरान घायलों की मदद के लिए आमजन के हाथ जल्दी आगे नहीं आए। पुलिस के आने के बाद ही अधिकांश दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया गया। दुर्घटना में घायलों की मदद करने से आमजन के पीछे हटने का कारण कानूनी झमेलों में फंसने की आशंका भी रहा, जबकि यह नियम बन चुका है कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने वाले से पुलिस अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी। राज्य सड़क सुरक्षा समिति ने इन सब मामलों को देखते हुए आमजन को इसके प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया है।
इसी कडी में घायलों की मदद करने वालों को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के दौरान घायलों की मदद करने वालों को पुलिस के जरिये पुरस्कृत कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को सार्वजनिक समारोह में पुरस्कृत व सम्मानित किया जाए ताकि अन्य भी दुर्घटना में घायलों के सहयोग को आगे आएं। उन्होंने इसके लिए सड़क सुरक्षा कोष से पुलिस को एक लाख रुपये जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले BJP के लिए रेड सिग्नल, शुरू हुई गुटबाज़ी..
उत्तराखंड: देहरादून जिले में रायपुर के भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के मामले के बहाने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में मंत्री और विधायक बने नेताओं ने ठीक विधानसभा चुनाव के वक्त एकजुटता का सूत्र तलाश लिया है। काऊ के समर्थन में खड़े होने वाले नेताओं में अब एक नाम कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का भी जुड़ गया है।
सियासी जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर पार्टी कार्यकर्ताओं की घेराबंदी बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए अब ये मंत्री और विधायक कड़ियों की तरह जुड़ रहे हैं ताकि पार्टी में अपने प्रभाव को बनाए रख सकें। पिछले करीब साढ़े चार साल में महाराज पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ भाजपा में आए विधायकों से फासला बनाकर चलते रहे हैं। लेकिन बुधवार को विधायक काऊ के समर्थन में खुलकर बयान दिया।
काऊ प्रकरण पर महाराज ने बेशक यह कहा कि ये कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं काऊ के साथ हूं और उनकी बात पार्टी फोरम पर रखूंगा।उन्होंने कहा कि हम सब में समन्वय की भावना है। बातचीत से हर समस्या का हल है। पिछले दिनों ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी काऊ के समर्थन में खुलकर बयान दागे थे।
भाजपा में अब गुटबाजी सतह पर दिखने लगी है। रायपुर में भाजपा विधायक काऊ के साथ पार्टी के नेता की तकरार के बाद दोनों ओर से केंद्रीय नेतृत्व को एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें की गईं। दिल्ली से लौटकर काऊ ने यह कहकर हलचल पैदा कर दी कि उनकी समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह पार्टी से बाहर बने संगठन में ये बात रखेंगे।
आपको बता दे कि काऊ का इशारा उनके साथ भाजपा में आए सभी विधायकों व पूर्व विधायकों की ओर है जो अब पार्टी नेतृत्व को भी यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अच्छे व बुरे वक्त में वे एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हैं। उनकी यह एकजुटता पार्टी नेताओं को असहज कर रही है।
उत्तराखंड के इस डीएम ने राजकीय कर्मचारियों के जींस, टी-शर्ट पहनने पर लगाया प्रतिबंध..
उत्तराखंड: बागेश्वर के जिला मजिस्ट्रेट विनीत कुमार ने राजकीय कर्मचारियों के जींस, टी-शर्ट पहनकर कार्यालय आने पर सख्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों को उचित ड्रेस कोड में कार्यालय आने के निर्देश दिए हैं। जींस, टी-शर्ट पहनकर कार्यालय आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जिला मजिस्ट्रेट विनीत कुमार का कहना है कि जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी ड्रेस कोड का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। अधिकतर लोग जींस, टी-शर्ट में अपने उच्च अधिकारियों के समक्ष बैठकों में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजकीय कर्मचारी होने के नाते यह शोभा नहीं देता है।
कार्यालय प्रबंधन की छवि हो रही खराब..
इससे कार्यालय प्रबंधन की छवि खराब हो रही है। समाज में इसका गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने जिले के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय अवधि के दौरान पूर्ण गणवेश में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश का पालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
BJP ने पांच राज्यों में नियुक्त किए प्रभारी..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। बुधवार को बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। पार्टी ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को आगामी चुनाव के लिए उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त किया है वहीं, लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और सरदार आरपी सिंह को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। उत्तराखंड के अलावा भाजपा ने अन्य चार चुनावी राज्यों के लिए भी अपने प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है।
देश की राजनीति में सबसे अहम रोल निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है जबकि सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर होंगे। बीजेपी ने पंजाब विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ-साथ हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा के हाथों सौंपी है। पार्टी ने इस सभी को पंजाब चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है।
इसके अलावा गोवा में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कंधों पर पार्टी के जीत की जिम्मेदारी रखी है। वहीं, मणिपुर के विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाया गया है।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पांचों राज्यों में अपने प्रभारी नियुक्त कर चुनावी बिगुल बजा दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगल साल मार्च से अप्रैल के बीच में इन राज्यों में मतदान की तारीख का ऐलान हो सकता है।
चुनाव के मद्देनजर बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने भी कमर कस ली है, दिलचस्प बात ये है कि इनमें से चार राज्यों में भाजपा की सरकार है। ऐसे में बीजेपी के लिए यह चुनाव मिशन 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार भाजपा में शामिल..
उत्तराखंड: धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह ने भाजपा का हाथ थाम लिया है। आपको बता दें पहले यूकेडी औऱ इस बार निर्दलीय चुनाव जीते विधायक प्रीतम सिंह को राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी भाजपा में इंट्री करवा रहे हैं। प्रीतम सिंह पूर्व में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं ।चुनाव शुरू होने से ऐन वक्त पहले लगातार सियासी हलचले तेज हैं । क़ई पार्टीयो के नेता इधर से उधर हो रहे हैं।
आपको बता दें कि प्रीतम पंवार धनोल्टी के निर्दलीय विधायक रहे हैं। उन्होंने साल 2002 में उत्तराखंड क्रांति दल के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2012 में वो चुनाव जीते। इसके अलावा प्रतीम पंवार विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। प्रीतम पंवार को अपने खेमे में लाने की कांग्रेस भी कोशिश कर रही थी। इस खेल में बीजेपी बाज़ी मार गई। प्रीतम के बीजेपी में शामिल होनी की जानकारी खुद राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी पहले ही साझा कर चुके हैं। अनिल बलूनी ने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय में किसी वरिष्ठ नेता के बीजेपी में शामिल होने की सूचना दी थी।
चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर आज यमुनोत्री कूच करेंगे कई संगठन..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग के समर्थन में घाटी के विभिन्न संगठन बुधवार को यमुनोत्री कूच करेंगे। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन राणा का कहना हैं कि प्रदेश भर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटक बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। लेकिन चारधाम यात्रा को बंद किया गया है। इससे क्षेत्र के कारोबारियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। राणा ने कहा कि बुधवार को होटल एसोसिएशन, टैक्सी-मैक्सी महासंघ सहित यात्रा से जुड़े अन्य लोगों का जत्था यमनोत्री कूच करेगा। यमुनोत्री कूच बुधवार सुबह जानकी चट्टी से शुरू होगा।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वनाधिकार आंदोलन के संयोजक किशोर उपाध्याय ने चारधाम यात्रा अविलंब शुरू कराने की मांग की है। किशोर उपाध्याय ने सभी राजनीतिक दलों से चारधाम यात्रा शुरू कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने और ‘बद्रीनाथ कूच’ को समर्थन देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू नहीं की तो एकादशी को वह बद्रीनाथ धाम कूच कर सरकार की सद्बुद्धि के लिए भगवान बद्री विशाल से विनती करेंगे।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का कहना हैं कि नोटबंदी और कोविड-19 ने राज्य की आर्थिक रीढ़ को तोड़ दिया है। केंद्र और राज्य सरकार घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन धरातल पर कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। चारधाम यात्रा लाखों लोगों के रोजगार से जुड़ी है। गरीब से लेकर अमीर वर्ग इससे जुड़ा है। चारधाम यात्रा के तीन महीनों में लोग मेहनत से कमाकर बाकी नौ महीनों में परिवार का पोषण करते हैं।
कोविड एसओपी के चलते यात्रा बंद है। चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायी यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। लोग भुखमरी और आत्महत्या के कगार पर हैं। किशोर उपाध्याय ने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि जब सब कुछ सामान्य हो गया तो चारधाम यात्रा शुरू क्यों नहीं की जा रही है।
चारधाम यात्रा शुरू कराने की मांग को लेकर हरिद्वार में पर्यटन व्यवसायियों ने संयुक्त मोर्चा पर्यटन उद्योग के बैनर तले पर्यटन विभाग के कार्यालय पर धरना दिया। व्यवसायियों ने एक सप्ताह में यात्रा शुरू नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी।
अभिषेक अहलूवालिया का कहना हैं कि उत्तराखंड पूरी तरह धार्मिक पर्यटन पर आश्रित है, लेकिन लगातार दो साल से चारधाम यात्रा पर रोक लगने से पर्यटन व्यवसायी गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। हजारों वाहन स्वामी, चालक, होटल मालिक यात्रा पर रोक के चलते खाली बैठे हैं। सरकार चारधाम यात्रा संचालित नहीं कर रही है। अगले वर्ष होने वाले चुनाव को देखते हुए प्रदेश में चुनावी सभाएं हो रही हैं और चारधाम यात्रा पर रोक लगा लगी है। उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह में सरकार चारधाम यात्रा शुरू नहीं करती है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया इस्तीफा..
उत्तराखंड: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।
तीन साल पहले उत्तराखंड में राज्यपाल की कमान संभालने वालीं बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। उनसे पहले मारग्रेट आल्वा प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी थीं।
मौर्या का सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन..
1- वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
2- वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद जी के साथ कोषाध्यक्ष बतौर कार्य।
3- वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
4- वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य।
सम्मान..
1- वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।
2- 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।
3- 1998 नारी रत्न।
आउटसोर्स कंपनी द्वारा अजय कोठियाल को मिली चौकीदार की नौकरी..
उत्तराखंड: आउटसोर्स कंपनी द्वारा बेरोजगारों के साथ किस तरह से छलावा किया जा रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण आप देख लीजिये। आपको बता दे कि आज सचिवालय में अजय कोठियाल नियुक्ति लेने पहुंच गए। उत्तराखण्ड में आउटसोर्सिंग एजेंसियों से धड़ल्ले से अवैध नियुक्ति चल रही हैं। इसका खुलासा करने के लिए कर्नल अजय कोठियाल ने गजब का तरीका अपनाया।
उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग में ए स्क़वायर कम्पनी के जरिये नौकरी के लिए एप्लाई किया, तो उनको भी कम्पनी ने चौकीदार की नौकरी दे दी। इसके लिए उन्होंने कम्पनी को 25 हजार रुपये चुकाए। ये पैसे निर्मल सेवा समिति के खाते में जमा किये गए। करनल कोठियाल बेरोजगारों के साथ उत्तराखंड सचिवालय पहुंचे। कर्नल कोठियाल का कहना हैं कि बेरोजगारों के साथ मजाक किया जा रहा है और उनसे उनका हक छीना जा रहा है।
आउटसोर्स कंपनी ने कर्नल कोठियाल को चंपावत में गार्ड की नौकरी का अपॉइंटमेंट लेटर भेजा है। उन्होंने कहा कि मुझे चौकीदार की नौकरी दी है, अब में युवाओं के हक के लिए चौकीदार बनूंगा। कर्नल ने कहा कि बेरोजगारों के साथ नौकरी के नाम पर कमीशन खोरी और अवैध पैसा वसूला जा रहा है। उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी स्कैम के बाद आप ने बीजेपी सरकार में आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा अवैध वसूली का खुलासा किया है।