पंचायत चुनाव के लिए आयोग तय करेगा ओबीसी आरक्षण..
उत्तराखंड: बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायतीराज विभाग की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर प्रस्ताव आया। प्रस्ताव के तहत आरक्षण के निर्धारण के लिए न्यायमूर्ति बीएस वर्मा की अध्यक्षता में एकल आयोग का गठन को मंजूरी दी गई। तय हुआ कि यदि आयोग निर्धारित समय पर अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाएगा तो मुख्यमंत्री हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में निर्णय लेने को अधिकृत होंगे। कैबिनेट ने तय किया है कि 16 अगस्त को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथियां तय हो जाएंगी।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के निर्धारण के लिए कैबिनेट ने एकल सदस्यीय आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार न्यायमूर्ति बीएस वर्मा की अध्यक्षता में आयोग बनाने का फैसला किया है। कैबिनेट ने यह फैसला सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट के सभी राज्यों के लिए जारी निर्देशों के आलोक में किया है।
कैबिनेट ने एकल सदस्यीय आयोग से यह आशा की है कि वह हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर देगा। हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 29 मार्च 2021 को समाप्त हो चुका है। सरकार ने छह महीने के लिए प्रशासक की व्यवस्था की थी। इसके बाद छह महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया। चुनाव में देरी का मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से चुनाव न कराए जाने को लेकर जवाबतलब किया था।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जताते हुए जताया विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का आभार..
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के विधायक भरत सिंह चौधरी को संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति का सभापति नियुक्त होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।
बीते दिन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने समितियों का गठन करते हुए प्रदेश में अनेक विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। इसमें रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी को भी जिम्मेदारी दी गई है। बताते चलें कि रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी की हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ संस्कृत भाषा पर अच्छी पकड़ है, जिससे उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई। भरत सिंह चौधरी पूर्व के कार्यकाल में विधानसभा निर्वाचन के बाद शपथ ग्रहण में संस्कृत भाषा में शपथ लेने वाले अकेले विधायक थे।
चौधरी को संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति का सभापति बनाए जाने पर संस्कृत भाषा से जुड़े अनेक लोगों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी व्यक्त की है। साथ ही उम्मीद जताई कि उनको यह दायित्व मिलने से संस्कृत भाषा के संरक्षण और उत्थान की दिशा में नए कार्य होंगे। खुशी व्यक्त करने वालों में भाजपा नेता विजय कप्रवाण, राजेश कुंवर, अजय सेमवाल, चन्द्रमोहन सेमवाल, अमित प्रदाली, हरि सिंह चौधरी , सुरेंद्र रावत, सुनील नौटियाल, सुरेंद्र बिष्ट, सुरेंद्र जोशी, महावीर चौधरी, गौरव चौधरी , नरेंद्र पंवार आदि शामिल हैं।
उत्तराखंड में 55 लाख लोगों ने नहीं लगवाई फ्री प्रीकॉशन बूस्टर डोज..
उत्तराखंड : बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद भी उत्तराखंड में लोग प्रीकॉशन डोज (बूस्टर डोज) को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। केंद्र की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बावजूद अभी महज 2.4 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। 57 लाख पात्र लोगों में से अभी तक सिर्फ दो लाख लोगों ने ही प्रीकॉशन डोज लगाई है जबकि 55 लाख से अधिक लोगों को अभी यह डोज लगानी बाकी है।
केंद्र सरकार की ओर से प्रीकॉशन डोज निशुल्क किए जाने के बाद टीकाकरण की रफ्तार कुछ बढ़ी है लेकिन अभी राज्य में एक दिन में महज 35 हजार के करीब लोगों को ही डोज लग पा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि लोग टीकाकरण केंद्रों पर कम पहुंच रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किल बढ़ गई है। बता दे कि राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है और लोगों के प्रीकॉशन डोज न लगाने से परेशानी बढ़ सकती है। कई लोग अभी भी लापरवाही रख रहे हैं। लोग टीका लगाने के लिए कम ही आ रहे हैं।
शिवालयों में जलाभिषेक के पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा विपक्ष-रेखा आर्य..
उत्तराखंड: शिवालयों में जलाभिषेक से संबंधित पत्र को लेकर विवादों में आई कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सोमवार को सफाई दी। उनका कहना हैं विपक्ष पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा है जबकि पत्र में कहीं पर भी यह नहीं कहा गया कि यदि कोई शिवालयों में जलाभिषेक नहीं करेगा तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी लोगों की स्वेच्छा है कि वे अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक करें या न करें। इस विवाद के लिए उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री ने अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ भ्रांति फैलाना है। जिसे अच्छाई में भी बुराई नजर आ रही है। विपक्ष का काम अच्छाई में भी बुराई ढूंढने का है। रेखा आर्य का कहना हैं कि उनकी ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर लिया गया संकल्प पवित्र है। जिसमें कहीं न कहीं लैंगिक असमानता को समानता की ओर लाने पर कार्य किया जा रहा है। उनकी यह कोशिश है कि जब उत्तराखंड अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब देवभूमि में लिंगानुपात हजार बालकों पर हजार बालिकाओं का हो।
आज अपनी 25 किलोमीटर की पैदल कांवड़ यात्रा को लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से समाज के सभी लोगों को इस पुनीत कार्य मे भागीदारी बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस कांवड़ यात्रा के जरिये उनकी कोशिश है कि समाज में बेटियों के प्रति जो भेदभाव की सोच है, उसे खत्म किया जाए। उत्तराखंड जिसे की हम देवभूमि कहते हैं, वहां बेटियों को देवी के समान अधिकार मिले और वह भी समाज में लड़कों के बराबर खड़ी हो सकें।
सालियर की कांवड़ लेकर पुलिस अलर्ट, ड्रोन से लिया जायजा..
उत्तराखंड: सालियर गांव की कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ आने से पहले पुलिस ने रामपुर गांव में ड्रोन आसमान में उड़ाकर सुरक्षा का जायजा लिया। आपको बता दे कि वर्ष 2015 में सालियर गांव की कांवड़ ले जाते समय रामपुर गांव में बवाल हो गया था। बवाल में आगजनी की घटना हुई थी जिसमें पुलिस के सरकारी वाहनों से लेकर आम नागरिकों के वाहनों को फूंक दिया गया था।
कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। तभी से हर साल सालियर गांव की कांवड़ को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहता है। बता दे कि इस बार मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन हरिद्वार से कांवड़ यात्रा पैदल चलकर सालियर गांव पहुंचेगी। इसे लेकर पुलिस-प्रशासन ने सोमवार को सुरक्षा की दृष्टि से रामपुर गांव में ड्रोन से जायजा लिया।
कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल का कहना हैं कि सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन से जायजा लिया गया है। मंगलवार को भारी फोर्स के साथ ही ड्रोन से भी कांवड़ पर नजर रखी जाएगी। जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने माहौल खराब करने का प्रयास किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीएम धामी ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से विकास योजनाओं पर की चर्चा..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन कक्ष में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर राज्य की विकास योजनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किए जाने के लिए अनुरोध किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास व कनेक्टिविटी में काफी काम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। धामी ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से एनएच-09 के अंतर्गत पिथौरागढ़-अस्कोट मोटर मार्ग (किमी0 2.81 से किमी0 50.00 ) के लिए बीआरओ द्वारा प्रस्तुत डीपीआर की स्वीकृति, सितारगंज-टनकपुर मोटर मार्ग को 04 लेन में निर्मित किए जाने और एनएच-731K के अंतर्गत मझौला खटीमा ( 13 किमी0) मोटर मार्ग को 04 लेन में परिवर्तित किए जाने के संबंध में भी अनुरोध किया।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए एडवायजरी जारी की है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ राजेश कुमार ने जिला अधिकारियों को दिए कोरोना को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। आपको बता दें, प्रदेश में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 142 नए संक्रमित मिले हैं।
जबकि 38 मरीज ठीक हुए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल 1140 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रविवार को 914 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 94, हरिद्वार में छह, नैनीताल में 15, अल्मोड़ा और पौड़ी में दो-दो, चमोली व चंपावत में एक-एक, टिहरी में सात, ऊधमसिंह नगर में तीन व उत्तरकाशी में 11 संक्रमित मरीज मिले हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 94.96 प्रतिशत और संक्रमण दर 3.45 प्रतिशत दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी..
1- सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना जरूरी।
2-कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाए।
3- कोविड-19 टीकाकरण कवरेज को बढ़ाया जाए।
4-सभी जिलों को संक्रमित मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश।
5- जिलाधिकारियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा गया।
6- बुखार फैल रहा तो तुरंत कोरोना जांच कराए
7- फ्लू और सांस की शिकायत वालों के टेस्ट किए जाने की सलाह भी दी गई है।
8- आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
9- आक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिष्चित की जाए।
राष्ट्रपति चुनाव- उत्तराखंड में क्रास वोटिंग से कांग्रेस में खलबली..
उत्तराखंड: राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में खलबली मची है। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में उस काली भेड़ की तलाश शुरू हो गई है, जिसने राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। पार्टी के नेता अब एक-दूसरे को ही शक की नजर से देख रहे हैं। इस मामले को गंभीर मानते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया।
बता दे कि इस बीच मामला हाईकमान तक भी पहुंच गया है। लेकिन जब तक पार्टी लाइन से बाहर जाकर वोट करने वाले की पहचान नहीं हो जाती, कोई भी बड़ा नेता खुलकर कुछ कहने से बच रहा है। पहले से बगावत के जख्मों से छलनी कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा धक्का लगा है। उत्तराखंड से कुल 67 विधायकों ने बीती 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में मतदान किया था। कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी और तिलकराज बेहड़ अलग-अलग कारणों से मतदान में भाग नहीं लिया था।
इसी तरह से भाजपा के विधायक व परिवहन मंत्री चंदनराम दास अस्पताल में भर्ती होने के कारण वोट नहीं दे पाए थे। इस तरह 70 में से कुल 67 विधानसभा सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विधानसभा में दलीय स्थिति देखें तो वर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 47, कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इसके साथ ही बसपा के दो और दो निर्दलीय हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दो निर्दलीय और दो बसपा सदस्यों का विश्वास भी जुटा लिया था। इस तरह राजग की प्रत्याशी मुर्मू को 50 मत ही मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 51 वोट मिले हैं। साफ है कि यह वोट कांग्रेस विधायक ने दिया है। कांग्रेस के दो विधायक मतदान में शामिल नहीं हुए थे। इस हिसाब से यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 17 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 15 ही वोट मिले।
श्रद्धालुओं ने लगाए आदि कैलाश में कूड़े के ढेर..
उत्तराखंड: आदि कैलाश दर्शन के लिए हर साल बढ़ रही यात्रियों की भीड़ चिंता का सबब बन सकती है। यात्रियों के साथ भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरा 15 हजार फीट तक की ऊंचाई पर पहुंच रहा है। बीते चार महीने में ही ग्रामीणों ने 5 कुंतल से अधिक कूड़ा इस क्षेत्र से एकत्र किया है। यात्रा के लिए इनरलाइन पास जारी कर रहे प्रशासन और यात्री दलों को लेकर पहुंच रहे कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास इस कूड़े के निस्तारण के लिए फिलहाल कोई इंतजाम नहीं हैं।
साल 2020 में लिपूलेख तक सड़क बनने के बाद आदि कैलाश यात्रा पर जाने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई है। आंकड़ों के अनुसार सड़क बनने से पहले यहां 2019 में महज 1200 यात्री पहुंचे थे। इस साल अप्रैल से अब तक यहां 4656 लोग पहुंच चुके हैं। ये लोग बड़ी संख्या में पैक्ड फूड, पालीथिन और अन्य प्लास्टिक की चीजें लेकर संवेदनशील आदि कैलाश तक पहुंच रहे हैं।
आदि कैलाश क्षेत्र में साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाएं देखने के लिए गठित आदि कैलाश विकास समिति के अध्यक्ष पुनीत कुटियाल का कहना हैं कि बीते चार महीनों में उन्होंने पांच कुंतल से अधिक कूड़ा एकत्र किया है। इसमें तीन कुंतल के बराबर प्लास्टिक कचरा निकला है। प्रशासन और केएमवीएन के पास कूड़ा निस्तारण की कोई नीति नहीं है। समिति प्लास्टिक कचरे को किसी तहर जमीन में दबाकर काम चला रही है।
गंगा नदी के तेज बहाव में बहे सात कांवड़िए..
उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही हरिद्वार में गंगा नदी में बहने की खबरें भी सामने आने लगी हैं। बता दे कि हरिद्वार में गंगा नदी का बहाव तेज है। गुरुवार को तेज बहाव के चलते सात कावड़िए गंगी नदी में बह गए। इन्हें आनन-फानन में सेना और पुलिस टीम के संयुक्त अभियान में बचाया गया। जानकारी के अनुसार, सभी कांवड़िए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी भी उफान पर है।
सावन का महीना चल रहा है। लगभग दो साल बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति मिली है। ऐसे में भारी संख्या में लोग भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन भी सतर्क है। अनहोनी से बचने के लिए चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। सेना के तैराक दल ने अबतक 18 कांवड़ियों को नदी में बहने से बचाया है। जोनल मजिस्ट्रेट का कहना हैं कि हम घाटों पर लोगों से तेज प्रवाह में ना जाने की अपील करते हैं।